Sunday, February 14, 2016

फंस गयी हरियाणा पुलिस संदीप इनकाउन्टर पर खड़े हुए सवाल

गुड़गांव के बदमाश संदीप गाड़ोली के कथित तौर पर मुम्बई के अँधेरी स्थित एक होटल में गुड़गांव पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मार गिराने के मामले गुड़गांव पुलिस की मुश्किलें बढ़ सकती है
sandeep encoसूत्रो की माने तो अभी तक इस मामले की जांच की दिशा जहा संदीप की गर्ल फ्रेंड दिव्या पाहुजा की तरफ थी क्योंकि ये कयास लगाया जा रहा था की दिव्या ने जिस तरह से अपने फेस बुक पेज पर अपनी हर एक लोकेशन की जानकारी शेयर की थी वो एक मकसद के तहत की गयी हो और उसी केतहत पुलिस उनका पीछा करते हुए हरियाणा राजस्थान गुजरात के साथ महाराष्ट्र के मुम्बई तक पहुची थी घरवालो ने भी दिव्या पर ही आरोप लगाये थेलेकिन सूत्रो की माने तो अब इस सस्पेस थ्रिलर से भरे केस में एक नया किरदार जुड़ गया है.
गुड़गांव पुलिस की भूमिका इस एनकाउंटर को लेकर उस लिए भी शक के दायरे में है क्योंकि संदीप को होटल के 107 नंबर कमरे में मारा गया जबकि वो वो कमरा उसके साथ आये दोस्त के नाम पर बुक किया किया गया था और सवाल ये है की संदीप ने अपने लिए दुसरा कमरा बुक कराया था ऐसे में संदीप ने ऐन मौके पर क्यों अपने कमरे में जाने के बजाय दूसरे कमरे में सोने गया जो की उसके दोस्त के नाम पर बुक था.
कैसे फंसी पुलिस
संदीप और दिव्या एक ही कमरे में थे सुबह के 9 बजकर कुछ मिनट ही हुये थे उसी वक़्त हॉटल में कुछ लोग आये उन्होंने खुद को पुलिस वाले के तौर पर बताया और कहा की इस होटल में संदीप नाम के बदमाश है लेकिन वहां मौजूद कर्मचारी ने इस बात से इनकार किया जिसके बाद इंस्पेक्टर प्रद्युमन और उनकी टीम ने जबरन कमरे की मास्टर की को ले लिया और सीधे 107 नंबर कमरे तक पहुचे और कमरे को मास्टर की से खोला, अंदर संदीप बिस्तर पर सोया था और उन्होंने एक के बाद एक तीन गोलिया संदीप पर उतार दी .
सीसी टीवी बना गले की हड्डी
गुडगाव पुलिस के कमरे के अंदर जब पहुची तो वहा पहले से ही सीसीटीवी लगा हुआ था दरवाजे के पास लगे सीसीटीवी में बतया जा रहा है की जब इन्स्पेक्टर ने संदीप को3 गोली मारी तो वो भी उसके हार्ड डिस्क में सेव हो गया लेकिन उस दौरान पुलिस टीम को इस बात का ज़रा भी अहसास नहीं था की दरवाजे के पास लगे सी सीटीवी से कमरा खोलने के बाद अंदर तक चीजे कवर होती है चूँकि दरवाजा खोलने के साथ ही अधिकारियों ने संदीप के ऊपर तबाद तोड़ फायरिंग कर दी ऐसे में किसी को दरवाजा बंद करने का मौक़ा नहीं मिला और कैमरे में फायरिंग की ये तस्वीरे कैद हो गयी जब की कमरे से खीचकर जब दिव्या को पुलिस कर्मचारी बाहर ले जा रहे थे तब उनकी नजर उस सीसीटीवी पर पडी जो किड दरवाजे के पास लगी थी उन्होंने उस सी सीटीवी के वायर ही नहीं तोड़े बल्कि उस सीसीटीवी को भी तोड़ दिया
ये पुलिस की बदनसीबी कहे या संदीप इस मामले में संदीप की मौत के बाद भी उससे जुड़े केस के सुराग के लिहाज से खुशकिस्मती क्युकी कमरे से निकलने के बाद उसके दुसरे छोर पर लगे दुसरे एक सीसीटीवी में इस तस्वीर को कैद कर लिया की किस तरह से दिव्या को घसीटकर ले जाया जा रहा है साथ ही सबुत मिटाने के लिए एक सी सीसी वी को तोड़ा जा रहा है. सूत्र बता रहे है की इस सीसीटीवी को क्राइम ब्रांच ने तत्काल अपनी कस्टडी में ले लिया.
लेकिन मामले के पीछे की असली कहनी अभी समझ नहीं आयी है की आखिर संदीप को सिर्फ एक बदमाश के नाते पुलिस इतनी प्लानिंग करके क्यों मौत के घात उतारना चाहती थी इसलिए क्राइम ब्रांच अभी उस पहलु तक नहीं पहुची है क्राइम ब्रांच के सूत्रों की माने तो फायरिंग के बाद पुलिस अधिकारी खुद अपने बैग से एक रिवाल्वर निकालकर संदीप के पास फेक रहे है ये बात भी पहले सी सीटीवी में कैद हुयी है वैसे भी संदीप की बहने पहले भी इस बात का दावा कर चुकी है की संदीप के पास कोई रिवाल्वर थी ही नहीं ऐसे में पुलिस का क्रोस फायरिंग का दावा पुरी तरह से खोखला है
कहाँ हुयी मुंबई पुलिस से गलती
मुंबई पुलिस को उस वक़्त ही होटल के काउंटर पर बैठे कर्मचारी ने फोन करके जानकारी दी की कुछ लोग हरियाणा के गुडगाव क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर होटल में घुसे है और किसी की तलाश कर रहे है जिसे होटल के फोन से पुलिस स्टेशन के लैंड लाईन नमबर पर काल किया गया था लेकिन वहा मौजूद पुलिस कर्मचारी ने उस बात को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया लेकिन कुछ ही मिनट में जब होटल के कर्मचारियों ने फायरिंग की आवाज सुनी तो वो डर गए उन्होंने दुबारा पुलिस को इस बात की जानकारी दी की होटल में ऐसे घटना घटी है उसके बाद मुंबई पुलिस के भी होश उड़ गए अगर पुलिस ने पह्सेले ही इस बात को गंभीरता से लिया होता तो शायद मामला इतना पेचीदा नहीं होता.
शक के दायरे में एसीपी राजेश
एसीपी राजेश कुमार गुडगाव के तेज तर्रार अधिकारिओ में से जाने जाते है उनके कहने पर ही क्राइम ब्रांच की टीम इन्स्पेक्टर प्रद्युमन की अगुवाई में संदीप का पीछा कर रही थी लेकिन सवाल ये है की संदीप को सिर्फ उसके आतंक के चलते पुलिस मारना चाहती थी ऐसा नहीं लगता है क्युकी राजेश कुमार उस सख्स के करीबी बतायी जा रहे है और दूर के रिश्ते में भी बताये जा रहे है जो की संदीप का राईवल था और इस वक़्त जेल में बंद है. परिवार ने भी उसी पर सुपारी देकर संदीप की ह्त्या करवाने का आरोप लगाया था कि इस काम के लिए 5 करोड़ की सुपारी दी गयी है.
क्या कहना है परिवार का
परिवार ने साफ़ तौर पर कहा है की इस मामले में न्यायिक जांच की जानी चाहिए एस आय टी की मांग को पुलिस पहले ही मान चुकी है लेकिन उस एस आयी टी को न्यायिक तौर पर गठित करने की मांग परिवार ने किया था. संदीप के शव को अस्पताल से लेने से पहले उसकी आखिरी बार और दुबारा फोरेस्निक जांच की मांग की गयी है परिवार ने कहा है संदीप को फोरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक़ ढाई फीट दूर से गोली मारी गयी जो की किसी तरह के मुठभेड़ में संभव नहीं है साथ ही जो रिवाल्वर से संदीप द्वारा फायरिंग की बात कही गयी गयी वो बुलेट अभी तक मिसिंग क्यों है उसके निशाँन कमरे में कही क्यों नहीं मिले
ये हैं गुड गाँव पुलिस के 8 पुलिस वाले
पीएसआई प्रुद्युमन यादव, इन्स्पेकटर अमित हवालदार, परमजीत, सिपाही राजवीर सिपाही जीतेन्द्र सिपाही विक्रम सिपाही अनिल और सिपाही दीपक

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