Saturday, March 24, 2018
सपा—बसपा गठबंधन से मायावती का राजनीति भविष्य खतरे में-केशव मौर्या
टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने बसपा प्रमुख मायावती पर ताबड़तोड़ हमला किया है. श्री मौया ने कहा कि अखिलेश के साथ आने से मायावती की बची—खुची राजनीति भी खत्म होने वाली है. उन्हे सोचना चाहिए कि जो अपने पिता और चाचा का नहीं हुआ, बुआ का क्या होगा. अब मायावती का बेड़ा गर्त में जाने वला है. मौर्य ने पत्रकारों से कहा कि मायावती ने राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि मायावती बोल रही हैं कि सपा—बसपा का गठबंधन मजबूत होगा, जबकि सच्चाई है कि इस गठबंधन से मायावती की बसपा खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि मायावती को सोचना चाहिए कि जब सपा प्रमुख जब अपने पिता और चाचा के नहीं हुए तो बुआ के क्या होंगे पिता से पार्टी छीन ली और चाचा से मंत्रीपद. मायावती यदि नहीं चेतीं तो उनकी बची खुची राजनीतिक जमीन भी चली जाएगी. उन्होंने दावा किया कि सत्ता के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डा. भीमराव अम्बेडकर को भू-माफिया तक कह डाला था. बसपा संस्थापक कांशीराम के नाम से सहारनपुर में बने कालेज का नाम बदल दिया था. मायावती कहती हैं कि गेस्ट हाउस कांड के समय अखिलेश यादव राजनीति में नहीं थे लेकिन उन्हें यह कहने से पहले गेस्ट हाउस कांड में शामिल रहे लोगों के बारे में अपने विचार बताने चाहिए. उस कांड के बहुत से लोग अखिलेश यादव के साथ हैं. उन्होंने कहा कि बसपा की पराजय से मायावती बौखलाहट में है इसलिए भाजपा पर राज्यसभा चुनाव में खरीद फरोख्त का आरोप लगा रही हैं. सच्चाई तो यह है कि भाजपा गठबंधन के विधायकों को तोड़ने की कोशिश की गई.
नाबालिग से चलती कार में गैंगरेप, पुलिस ने किया मामला दर्ज
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
अमेठी में एक किशोरी से तीन युवकों ने चलती कार में गैंगरेप किया और गाड़ी से उतार कर फरार हो गए. पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने दो नामजद और एक अज्ञात पर बलात्कार सहित पास्को एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
ये पूरा मामला प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट इलाके का है. जहां की रहने वाले एक किशोरी नौकरी के सिलसिले में किसी के बुलाने पर इसी इलाके में स्थित कृष्णा लाज पहुंची. कृष्णा लाज में पहले से मौजूद तीन युवकों ने किशोरी का अपहरण कर कार में बैठा लिया. तीनों युवक, किशोरी को लेकर रायबरेली के रास्ते अमेठी पहुंचे और कार में ही उसका बलात्कार किया. बलात्कार के बाद युवक किशोरी को फुरसतगंज थानाक्षेत्र के पास गाड़ी से उतारकर फरार हो गए.
किशोरी किसी तरह अपने घर पहुंची और अपने परिजनों को आपबीती बताई. जिसके बाद वो एक एनजीओ की मदद से फुरसतगंज कोतवाली पहुंची. किशोरी की तहरीर पर पुलिस ने अनिल, सत्यनारायण उर्फ पप्पू समेत एक अज्ञात पर गैंगरेप और पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.वहीं इस पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि चिनहट की रहने वाली एक किशोरी की तहरीर पर दो नामजद और एक अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है. फिलहाल किशोरी का बयान दर्ज करवाने की तैयारी की जा रही है.
Friday, March 23, 2018
डंपर से टकराई बस, चार की मौके पर मौत
टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
बाराबंकी. बाराबंकी में शुक्रवार को एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. बस दिल्ली से बिहार जा रही थी. बताया जा रहा है कि बस खड़े डंपर से टकरा गई. जिसके बाद बस पूरी तरह से ध्वस्त हो गई. इस दौरान मौके पर ही चार लोगों की मौत हो गई साथ ही आठ लोग गंभीर रुप से घायल हो गए. इनमें गंभीर रूप से घायल महिला को लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है. बताया गया कि बिहार जा रही बस सफेदाबाद चौराहे पर दुर्घटना का शिकार हो गई. बस हादसे में चार की दर्दनाक मौत हुई है. मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल हैं. बस को जेसीबी की मद्द से निकाला गया. मृतकों में बिहार मेपल गंज के रहने वाले बस मालिक मुकेश के अलावा कुमारी मंजिल और दो छोटे बच्चे भी शामिल हैं. इस हादसे में घायलों की कुल संख्या आठ बताई जा रही है. घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया है. बताया जा रहा है कि तेज रफ्तार बस में चालक को झपकी आने के बाद बस की सड़क के किनारे खड़े डंपर से टक्कर हो गई. हादसे के घायलों में गोपालगंज विहार के सुदामा यादव मुजफ्फरपुर ग्राम पानापुर के सूरज- अजीमल कटेहरी के अनूप कुमार व संजय तिवारी हैं. इनके साथ मोतिहारी बिहार के बसारुद्दीन व उनकी पत्नी नजरा खातून और बेटी शाइस्ता खातून के अलावा अब्दुल कलाम घायल हैं.
Thursday, March 22, 2018
यूपी राज्यसभा चुनाव: मायावती ने अखिलेश यादव से मांगा 'रिटर्न गिफ्ट'
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
यूपी गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बसपा ने सपा का साथ दिया था
बीएसपी अपने राज्यसभा उम्मीदवार के लिए पक्का समर्थन चाहती हैं
मायावती ने अखिलेश से सपा के 10 समर्पित विधायकों को अलॉट करने को कहा है
नई दिल्ली: लोकसभा उपचुनाव में सपा उम्मीदवार को समर्थन देकर बड़ी जीत दिलाने वाली बीएसपी चीफ मायावती ने अब अखिलेश से 'रिटर्न गिफ्ट' सुनिश्चित करने को कहा है. आपको बता दें कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बसपा ने सपा का साथ दिया था. अब बीएसपी ने अपने राज्यसभा उम्मीदवार के लिए पक्का समर्थन चाहती हैं. अखिलेश से सपा के 10 समर्पित विधायकों को अलॉट करने को कहा है.
राजनीतिक लिहाज से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में सपा को छोड़कर कोई भी विपक्षी दल अपने बलबूते एक भी राज्यसभा सीट जीतने की स्थिति में नहीं है. बसपा ने हाल में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में सहयोग देकर सपा की जीत में अहम भूमिका निभायी है. अब कर्ज चुकाने की बारी सपा की है. राजनीतिक प्रेक्षकों के मुताबिक करीब 25 साल के बाद ऐसा पहला मौका है जब बसपा प्रमुख मायावती ने सपा के प्रति नरम रुख अपनाया है. यह आगे भी जारी रहेगा, इसका सारा दारोमदार राज्यसभा चुनाव के परिणाम पर है. यह चुनाव आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सपा और बसपा के गठबंधन की सम्भावनाओं पर निर्णायक असर डालेगा.
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जिताने के लिये 37 विधायकों का समर्थन जरूरत है. प्रदेश की 403 सदस्यीय सपा के पास 47 सदस्य हैं. उसके पास अपनी उम्मीदवार जया बच्चन को चुनाव जिताने के बाद भी तकनीकी रूप से 10 वोट बच जाएंगे. बसपा के पास 19 वोट हैं जबकि कांग्रेस के पास सात और राष्ट्रीय लोकदल के पास एक वोट है. ऐसे में इन दलों का गठबंधन ही दसवें सदस्य को राज्यसभा भेज सकता है, मगर जरा सी भी गड़बड़ी सारा गणित बिगाड़ सकती है.
बहरहाल, 324 विधायकों के संख्याबल के आधार पर आठ सीटें आराम से जीत सकने वाली भाजपा ने 10 सीटों के लिये नौ प्रत्याशी उतारे हैं, जो विपक्ष के लिये चिंता का सबब है, क्योंकि अगर ‘क्रास वोटिंग‘ हुई तो विपक्ष के लिये मुसीबत होगी. अपने-अपने मतों को एकजुट रखने के लिये सपा और बसपा ने ‘डिनर डिप्लोमेसी‘ का सहारा लिया है. सपा ने बुधवार रात अपने विधायकों को रात्रि भोज पर बुलाया था और बसपा मुखिया मायावती ने भी आज अपने विधायकों को रात के खाने पर आमंत्रित किया है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल के भाजपा में जाने के बाद उनके सपा विधायक पुत्र नितिन अग्रवाल के भी भाजपा के पक्ष में वोट करने की प्रबल सम्भावना है लेकिन सपा के लिये राहत की बात रही कि कल हुए विधायकों के रात्रि भोज में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और कभी उनके प्रतिद्वंद्वी रहे शिवपाल यादव तथा निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने शिरकत की. दोनों ने सपा का साथ देने की बात भी कही है.
राज्यसभा की 59 सीटों के लिए चुनाव कल, यूपी, झारखंड और कर्नाटक में BJP-Cong के बीच होगा दिलचस्प मुकाबला
कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी को समर्थन देने का एलान किया है. मालूम हो कि सपा के राज्यसभा सदस्यों नरेश अग्रवाल, दर्शन सिंह यादव, नरेश चन्द्र अग्रवाल, जया बच्चन, चैधरी मुनव्वर सलीम और आलोक तिवारी, भाजपा के विनय कटियार और कांग्रेस के प्रमोद तिवारी का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इसके अलावा मनोहर पर्रिकर और मायावती की सीट रिक्त है.
भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिये वित्त मंत्री अरुण जेटली, डाॅक्टर अशोक बाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, डॉ. अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव, अनिल कुमार अग्रवाल और हरनाथ सिंह यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. सपा ने जया बच्चन, जबकि बसपा ने भीमराव अम्बेडकर को प्रत्याशी बनाया है.
राज्यसभा चुनाव के लिये मतदान कल 23 मार्च को होगा और परिणाम भी शुक्रवार को ही घोषित होंगे.
राज्यसभा चुनाव : राजा भैया ने बिगाड़ा अमित शाह का खेल, एक रात में ही पलट गई पूरी बाजी!
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. राज्यसभा चुनाव की लड़ाई रोमांचक मोड़ पर पहुंच गई है। अखिलेश यादव की डिनर पार्टी में समर्थकों संग शामिल होकर राजा भैया ने जहां भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, वहीं सपा विधायक नितिन अग्रवाल और नौतनवां से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने भाजपा के रात्रिभोज में शामिल होकर सपाइयों के चेहरे की शिकन बढ़ा दी है।
निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने राज्यसभा की लड़ाई को और दिलचस्प बना दिया है। सियासी गलियारों में चर्चा थी कि राज्यसभा चुनाव में राजा भैया भाजपा प्रत्याशी के लिये वोट करेंगे। वजह भी बताई जा रही थी कि मायावती के विरोध के चलते राजा भैया किसी भी कीमत पर बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर का समर्थन नहीं करेंगे। लेकिन कहते हैं कि राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता है। उसी फार्मूले पर अमल लाते हुए राजा भैया अखिलेश यादव की डिनर पार्टी में पहुंचे।
बुधवार को राजा भैया और विनोद सरोज ने अखिलेश यादव की डिनर पार्टी में शामिल होकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस एक रात में बदले सियासी समीकरण के बीच जहां बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर के जीत की राह थोड़ी आसान हो गई है, वहीं भाजपा के नौवें प्रत्याशी अनिल अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। गौरतलब है कि डिनर डिप्लोमेसी के पहले माना जा रहा था कि राजा भैया और उनके सहयोगी विधायक विनोद सरोज सहित चार निर्दलीय विधायक भाजपा को वोट करेंगे, लेकिन अखिलेश के डिनर पार्टी में पहुंचे राजा भैया ने बीजेपी के समीकरण बिगाड़ दिये हैं।
क्यों नाराज हैं राजा भैया
डिनर पार्टी के ठीक पहले तक माना जा रहा था कि राजा भैया राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी का समर्थन करेंगे, लेकिन उन्होंने अखिलेश की डिनर पार्टी में पहुंचकर भाजपा खेमे की बेचैनी और बढ़ा दी है। युपी के सियासी गलियारों में चर्चा है कि राजा भैया के कहने पर ही सपा एमएलसी यशवंत सिंह ने विधान परिषद से इस्तीफा दिया था। यशवंत सिंह की सीट से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानपरिषद पहुंचे। माना जा रहा कि राज्यसभा के लिए यशवंत सिंह को भाजपा प्रत्याशी न बनाये जाने से राजा भैया नाराज हैं, इसलिये वह सीएम योगी की बजाय अखिलेश यादव की डिनर पार्टी में शामिल हुये।
बसपा प्रत्याशी की राह आसान
राज्यसभा चुनाव में सपा, बसपा, रालोद और कांग्रेस के विधायकों की संख्या मिलाकर कुल 74 होती है। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिये 37 वोटों की दरकार है। इनमें से नितिन अग्रवाल भाजपा में चले गये हैं। ऐसे में बसपा प्रत्याशी को राज्यसभा भेजने के लिये सपा को महज एक वोट की दरकार है। जिसे राजा भैया और उनके समर्थक विधायकों ने काफी हद तक आसान कर दिया है। सपा के समर्थन से राज्यसभा की 10वीं सीट के लिए बसपा प्रत्याशी का जाना लगभग तय हो गया है, बशर्ते सपा और सहयोगी दलों के 73 विधायकों में से कोई क्रॉस वोटिंग न करे। हालांकि, अब इसकी गुंजाइश कम ही दिखती है। लेकिन राजनीति में कुछ भी होना असंभव नहीं है।
भाजपा की बढ़ीं मुश्किलें
विधानसभा में भाजपा और सहयोगी दलों के विधायकों की संख्या 324 है। आठ प्रत्याशियों को राज्यसभा में भेजने के बाद भी भाजपा के पास 28 वोट ही बचेंगे। नौवें उम्मीदवार अनिल अग्रवाल को जिताने के लिए भाजपा को नौ वोटों की दरकार है। सपा के नितिन अग्रवाल, निर्दलीय अमनमणि त्रिपाणी और विधायक विजय मिश्रा ने भाजपा प्रत्याशी को वोट देने की घोषणा की है। ऐसे में भाजपा को छह वोटों की व्यवस्था करनी होगी, जो मौजूदा हालात में आसान नहीं दिख रहा। फिर भी भाजपाइयों का दावा है कि वह अपना नौवां प्रत्य़ाशी जितवा ही लेंगे। ऐसे में भाजपा के पास एकमात्र सेंधमारी का ही विकल्प बचता है। इसे अखिलेश यादव भी जानते हैं, इसलिये लगातार अपने विधायकों के संपर्क में हैं। मीडिया में पॉजिटिव मैसेज देते हुए अखिलेश यादव एक विधायकों संग डिनर पार्टी की तस्वीरें ट्वीट की हैं।
यूपी राज्यसभा चुनाव: सपा - बसपा को झटका, हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के वोट देने पर लगाई रोक
टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
यूपी राज्यसभा चुनाव से पहले एसपी-बीएसपी को तगड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसके बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के राज्यसभा चुनाव में वोट देने पर रोक लगा दी है। मुख्तार अंसारी हत्या के आरोप में बांदा जेल में बंद हैं। स्पेशल जज एससी एसटी गाजीपुर ने बीस मार्च को उन्हें वोट देने की छूट दी थी। राज्य सरकार ने स्पेशल जज के आदेश को हाईकोर्ट में दी चुनौती थी। यूपी में राज्यसभा का चुनाव बेहद दिलचस्प हो चुका है। बीजेपी के आठ उम्मीदवारों और सपा की जया बच्चन की जीत तो तय है। मामला बीजेपी के नौवें प्रत्याशी अनिल अग्रवाल और बीएसपी के प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर के बीच फंसा है। इन हालातों में क्रास वोटिंग को लेकर बीएसपी और कांग्रेस कैंप में बेचैनी है। गौरतलब है कि एसपी के 47 विधायक हैं। जया बच्चन के खाते के 37 विधायकों के बाद उसके पास नौ वोट ही बचते हैं, क्योंकि नितिन अग्रवाल पहले बीजेपी के पाले में जा चुके हैं। इसके अलावा बीएसपी के 19, कांग्रेस के सात और आरएलडी का एक विधायक है। इस तरह कुल 35 वोट होते हैं। इसमें अगर राजा भैया और विनोद सरोज का वोट जोड़ दें तो आंकड़ा 37 तक पहुंच जाता है। लेकिन मुख्तार अंसारी के वोट देने पर रोक के बाद एसपी-बीएसपी का खेल बिगड़ता नजर आ रहा है।
भाजपा सरकार की मुजफ्फरनगर दंगों में दर्ज केस वापसी की शुरू हुई कवायद
टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपियों के खिलाफ दर्ज 131 मामलों को वापस लेने की कवायद योगी सरकार ने शुरू कर दी है. बीजेपी नेताओं की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ को हिंदुओं के खिलाफ दर्ज 179 मामलों की लिस्ट सौंपे जाने के बाद यह कवायद की जा रही है. वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर और शामली में हुए दंगों में दर्ज इन मामलों में हत्या और हत्या की कोशिश जैसे जघन्य अपराध शामिल हैं. पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और शामली में दो समुदाय के बीच टकराव हुआ था. एक युवती से छेड़छाड़ की पृष्ठभूमि पर भड़के दंगे की आग में 62 लोग मारे गए थे. वहीं दंगों की वजह से हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर दूसरे राज्यों की ओर पलायन करने को मजबूर होना पड़ा था. दंगों को लेकर 1455 लोगों के खिलाफ 503 मामले दर्ज किए गए थे. इसमें बीजेपी के भी तमाम नेता शामिल थे. बीजेपी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की अगुवाई में खाप पंचायत के प्रतिनिधि फरवरी में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले थे. उन्होंने दंगों के दौरान दर्ज 179 मामलों की लिस्ट भी सीएम को सौंपी थी. बीजेपी नेता और खाप पंचायत के प्रतिनिधियों ने समाजवादी सरकार के दौरान दर्ज हुए इन मामलों को वापस लिए जाने की मांग भी की थी. एक अंग्रेजी दैनिक के साथ बातचीत में बीजेपी नेता ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि सीएम को दर्ज मामलों की जो सूची सौंपी गई थी उसमें सभी हिंदू थे. संजीव बालियान ने अंग्रेजी दैनिक को यह भी जानकारी दी कि 850 आरोपी हिंदुओं पर दर्ज 179 केस वापस लेने के लिए वे सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले थे. ये केस मुजफ्फरनगर और शामली में दर्ज हैं. इसमें हत्या की कोशिश और आगजनी के हैं. सीएम ने इस मामले में कानून विभाग की ओर से कार्रवाई किए जाने का भी आश्वासन दिया था. यह भी बता दें कि पांच जनवरी को शासन ने विधायक उमेश मलिक के खिलाफ दर्ज नौ मुकदमे वापस लेने को लेेकर मुजफ्फरनगर प्रशासन से रिपोर्ट भी मांगी थी. उनके खिलाफ दर्ज मामलों में दो मुकदमे दंगा भड़काने के थे. सीएम को सौंपी गई सूची में उमेश मलिक का भी नाम शामिल है. मामले वापस लिए जाने की सूची सौंपे जाने के बाद योगी सरकार ने मुकदमों की वापसी की प्रक्रिया शुरू की. सूबे के कानून विभाग के विशेष सचिव राजेश सिंह की ओर से 131 मामलों के 13 प्वाइंट्स पर जानकारी भी तलब की. साथ ही इन केसों को वापस लेने के लिए डीएम से संस्तुति भी मांगी गई. डीएम ने शासन के पत्र के आधार पर इन मामलों में विस्तृत रिपोर्ट पुलिस अधिकारियों से तलब की. हालांकि प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार इस प्रक्रिया से खुद को अनजान होने की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य का कानून विभाग इस तरह के मामलों में कार्रवाई करता है. कानून विभाग इस पर कुछ कहने से इंकार कर रहा है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि मामलों की वापसी की संस्तुति को लेकर प्रक्रिया जारी है. बता दें कि बीजेपी नेता और खाप पंचायतों की मांग के बाद जिन 131 मामलों को वापस लेने की कवायद की जा रही है, उसमें कई जघन्य अपराध की श्रेणी में हैं. इनमें हत्या के 13 और हत्या की कोशिश के 11 मामले हैं. इन मामलों में सात साल या इससे अधिक सजा का प्रावधान है. वहीं 16 केस धार्मिक आधार पर वैमनस्यता फैलाने के और दो मामले किसी धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला भाषण देने के हैं.
Tuesday, March 20, 2018
SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग
टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों में पब्लिक सर्वेंट को तत्काल गिरफ्तार न किए जाने का निर्देश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा है कि ऐसे मामलों में गिरफ्तारी से पहले आरोपों की जांच को जरूरी बताते हुए जमानत भी दी सकती है. एससी-एसटी एक्ट 1989 के दुरुपयोग को लेकर दाखिल की गई महाराष्ट्र की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आदर्श गोयल और यूयू ललित की बेंच ने एक नई गाइडलाइंस जारी की हैं. बेंच ने कहा कि कानून के सख्त प्रावधानों के तहत दर्ज हुए मामलों में सरकारी कर्मचारियों को अग्रिम जमानत देने में कोई अड़चन नहीं आएगी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने माना कि एससी-एसटी एक्ट का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. इसे देखते हुए पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ मामला दर्ज करने से पहले आरोपों की जांच डीएसपी रैंक के पुलिस अधिकारी द्वारा किए जाने की बात कही. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों में पब्लिक सर्वेंट की गिरफ्तारी से पहले विभाग के उच्चाधिकारी से इजाजत जरूरी होगी. महाराष्ट्र की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम फैसला सुनाने से पहले कई महत्वपूर्ण सवाल भी उठाए. बता दें कि एससी-एसटी एक्ट के कई मामले फर्जी होने की बात सामने आ चुकी है. कुछ लोगों पर अपने फायदे और दूसरों को नुकसान पहुंचाने के मकसद से इस कानून का दुरुपयोग किए जाने के आरोप लगाए जाते रहे हैं. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. यह भी बता दें कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम, 2015 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अत्याचार की रोकने के लिए वजूद में लाया गया. इसके तहत कठोर प्रावधानों को सुनिश्चित किया गया. इस एक्ट में एक संशोधन भी किया जा चुका है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) (पीओए) अधिनियम,1989 के साथ संशोधन प्रभावों के साथ लागू किया गया. इस एक्ट में अनुसूचित जातियों व अनुसूचित जनजातियों के प्रति किए जाने वाले नए अपराधों में वर्ग विशेष के लोगों को जूते की माला पहनाना, सिंचाई सुविधाओं तक जाने से रोकने, वन अधिकारों से वंचित रखना शामिल है. इसके साथ ही मानव और पशु नरकंकाल को निपटाने और लाने-ले जाने, कब्र खोदने के लिए मजबूर करना और सिर पर मैला ढोने की प्रथा का उपयोग और अनुमति देना भी इसमें शामिल किया गया है. जाति सूचक गाली देना, जादू-टोना व अत्याचार को बढ़ावा देना, सामाजिक व आर्थिक बहिष्कार करना, चुनाव लड़ने में ऐसे तबकों के उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करने से रोकना अपराध की श्रेणी में है. एक्ट में अनुसूचित जातियों की महिलाओं को वस्त्र हरण कर आहत करने, इस वर्ग के किसी सदस्य को घर—गांव या आवास छोड़ने के लिए बाध्य करना, उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, इस वर्ग के सदस्यों के विरुद्ध यौन अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की महिलाओं को वस्त्र हरण कर आहत करना, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के किसी सदस्य को घर, गांव और आवास छोड़ने के लिए बाध्य करना, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के धार्मिक भावनाअों को ठेस पहुंचाना, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्य के विरुद्ध दुर्व्यवहार करना, यौन दुर्व्यवहार भाव से उन्हें छूना और भाषा का इस्तेमाल करना भी अपराध है. इस एक्ट के तहत बगैर जांच के गिरफ्तारी होने से लोग मामूली विवादों और आपसी झगड़ों में भी इसका गलत इस्तेमाल करने लगे. आरोपों में उलझे व्यक्ति को अपने को बेगुनाह साबित करने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. लोग दूसरों को परेशान करने के लिए इस एक्ट का इस्तेमाल करते आ रहे थे.
Monday, March 19, 2018
खनन माफिया ने किया लेखपाल को ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास गोंडा से सुभाष सिंह की रिपोर्ट
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
गोंडा उमरी बेगमगंज। क्षेत्र में अवैध खनन का सिलसिला जारी है। रविवार रात ग्रामसभा गढ़ी में कर्ज माफी योजना का सत्यापन करने गए लेखपाल रामपूजन यादव को पता चला कि गांव में अवैध खनन किया जा रहा है।इसके बाद लेखपाल ने गुपचुप तरीके से तहकीकात शुरू की और खनन स्थल पर पहुंचे तो खनन माफिया ने लेखपाल को जान से मारने की नियत से ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास किया। अपनी जान बचाने के लिए लेखपाल ने भागने का प्रयास किया तो वह मोटरसाइकिल लेकर गड्ढे में गिर गए। लेखपाल रामपूजन यादव ने थाना उमरी बेगमगंज में आरोपी ननकू पुत्र वंशी सिंह निवासी सिधौटी व एक अज्ञात मजदूर के खिलाफ जानलेवा हमले व खनन अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है।
दूसरी तरफ चरोठा में अवैध रूप से बालू खनन कर ले जा रहे ट्रैक्टर ट्राली को बहादुरपुर के लेखपाल अशोक कुमार श्रीवास्तव ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
लेखपाल की तहरीर पर बहादुरपुर निवासी संतोष सिंह पुत्र राधेश्याम के खिलाफ चोरी से अवैध बालू खनन की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। थानाध्यक्ष उमरी बेगमगंज आरपी सिंह ने बताया दो अलग-अलग मामलों में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जांच कर कारवाई की जाएगी।
इलाहाबाद में लगी होर्डिंग, डिप्टी सीएम से इस्तीफे की मांग
टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
फूलपुर लोकसभा के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली करारी हार के बाद पार्टी के भीतर मचा घमासान अब सड़क पर आ गया है। इलाहाबाद में झूंसी पुल के पास सोमवार को एक बड़ी होर्डिंग लगाकर इस हार के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफे की मांग की गई है। यह होर्डिंग फूलपुर में बीजेपी की करारी हार का दर्द बयां कर रही है। हार का ठीकरा केशव मौर्य पर फोड़ा गया है। केशव मौर्य से नाराज बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद में एक होर्डिंग गंगा पुल पर लगाया है। होर्डिंग में फूलपुर सीट पर पैसे लेकर प्रत्याशी उतारने के साथ ही बाहुबली अतीक अहमद के नजदीकी और मौजूदा सांसद विधायकों से द्वंद की बातें भी कही गई है। इसमें केशव मौर्य के नजदीकी नेताओं को ऊपर उठाने और ब्राम्हण विरोधी लोगों को टिकट देने का भी आरोप लगाया गया है। पोस्टर में नगर पंचायत के दौरान केशव के नजदीकियों की हार का भी जिक्र किया गया है। होर्डिंग में एक कोने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगी गई है और नीचे बिल्कुल बीच में कमल का चिन्ह बना हुआ है। होर्डिंग को जारी करने की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी बीजेपी नेता या कार्यकर्ता ने नहीं ली है। खुद को उपेक्षित कार्यकर्ता बताकर होर्डिंग लगाने वाले बीजपी कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए केशव मौर्य से इस्तीफा लेने की मांग की है। होर्डिंग पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। हालांकि बीजेपी की ओर से अभी तक इस होर्डिंग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। फूलपुर लोकसभा सीट डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। इस सीट पर केशव मौर्य ने कौशलेंद्र पटेल का नाम प्रस्तावित किया था। कौशलेंद्र को यहां पर हार का सामना करना पड़ा।
Sunday, March 18, 2018
बाराबंकी : मुस्लिम कैदियों ने पेश की अनोखी मिसाल, जेल में रखा नवरात्रि का व्रत
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी के जिला कारागार में नवरात्रि के मौके पर हिंदुओं के साथ ही मुस्लिम बंदी भी व्रत रहकर देवी की पूजा में तल्लीन हैं.वह समाज में मिल-जुल कर रहने का संदेश दे रहे हैं. जेल में सभी कैदियों के लिए फलाहार की पूरी व्यवस्था जेल प्रसासन ने की है. जिला जेल अधीक्षक आरके जायसवाल ने बताया कि नवरात्रि पर नवदुर्गा का व्रत जेल के लगभग 376 कैदियों शुरू किया है. व्रत रखने वालों में 20 मुस्लिम बंदी भी शीमिल हैं.
इनमें फजल, आमिर, आमीन, जावेद, सिराज, रईस, मोहम्मद फैज के साथ ही कफील, फिरोज, मुन्ना, अस्मार, हसमत अली, सलीम, वसीक, भोन्दी, अनवर अली, जमाल, मोबीन, राशिद और रिजवान शामिल हैं. ये सभी कैदी पूरे नवरात्रि भर व्रत रखेंगे. उन्होंने कहा कि कारागार प्रशासन की हमेशा से यह पहल रही है कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई जो भी हो सभी भाईचारे की भावना के साथ जेल में रहें. इन सभी लोगों को व्रत रखने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है.
आरके जायसवाल ने कहा कि यहां रहने वाले सभी कैदी आपस में मिलजुलकर रहते हैं और आपस में किसी तरह की कोई समस्या नहीं हौती है. उन्होंने बताया कि व्रत रखने वाले कैदियों के लिए फलाहार की पूरी व्यवस्था की गई है. जिसमें उन्हें दूध और सीजनल फल दिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सभी मां दुर्गा की तस्वीर लगाकर पूजा पाठ करते हैं. जिसमें मुस्लिम कैदी भी माता के भक्ति गीत गाते हैं. नवरात्रि भर जेल के अंदर का भक्तिमय नजारा दिखता है.
आरके जायसवाल ने कहा कि यहां रहने वाले सभी कैदी आपस में मिलजुलकर रहते हैं और आपस में किसी तरह की कोई समस्या नहीं हौती है. उन्होंने बताया कि व्रत रखने वाले कैदियों के लिए फलाहार की पूरी व्यवस्था की गई है. जिसमें उन्हें दूध और सीजनल फल दिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सभी मां दुर्गा की तस्वीर लगाकर पूजा पाठ करते हैं. जिसमें मुस्लिम कैदी भी माता के भक्ति गीत गाते हैं. नवरात्रि भर जेल के अंदर का भक्तिमय नजारा दिखता है.
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