Friday, July 22, 2016

कबाली की दीवानगी ने पूरी रात नहीं सोने दिया केरल को

तिरुअनंतपुरम। सुपरस्टार रजनीकांत अभिनीत तमिल फिल्म ‘कबाली’ को केरल के 306 स्क्रीनों पर शुक्रवार को रिलीज किया गया। केरल के लोगों ने रात जागकर बिताई और सुबह पांच बजे से ही स्क्रीनों पर फिल्म रिलीज होने का इंतजार कर रहे थे। केरल में फिल्म को सुपरस्टार मोहनलाल और उनके करीबी सहयोगी एंटोनी पेरुं बावूर की वितरक कंपनी द्वारा रिलीज किया गया।कबाली

कबाली देखने के लिए पूरी रात जागने के बाद लोगों ने सुबह देखी फिल्म

फिल्म को देखने के बाद कई दर्शकों का कहना है कि ‘कबाली’ की रिलीज के लिए जागना सफल हुआ।  राज्य में फिल्म पर मिली प्रतिक्रियाओं में से एक में कहा गया  कि बहुत बेहतरीन फिल्म है । रजनीकांत ने हमें निराश नहीं किया। इसका निश्चित तौर पर सीक्वल बनना चाहिए, तभी यह पूरी होगी।
केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में आठ स्क्रीनों पर इस फिल्म को रिलीज किया गया और इसे देखने के लिए दर्शकों की लंबी कतार लगी देखी गई। बीते जमाने की अभिनेत्री मेनका ने रजनीकांत के साथ काम करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उनकी सादगी ही उनका परिचय है और इसी ने उन्हें एक महान अभिनेता बनाया है।
मेनका ने कहा कि उनके साथ काम करना सौभाग्य की बात थी। ‘नेत्रीकान’ की शूटिंग ऊटी में हुई थी। जब भी मैं अपने अभिनय में कमजोर पड़ने लगती, वह मेरे पास आकर कहते, घबराइए मत। जब कोई आपको ऐसा कहता है और आपको अच्छा लगता है, तो इसे आप दूसरे कान से नहीं निकालते।अभिनेत्री ने बताया कि उन्होंने रजनीकांत के साथ 30 साल से भी अधिक समय तक काम किया। लोकप्रिय मीडिया आलोचक फकरुद्दीन अली ने कहा कि हर कोई जानता है कि रजनीकांत की फिल्म समझ के परे है, लेकिन उनकी लोकप्रियता ही उन्हें ऊंचाइयों पर लेकर जा रही है।
कबाली फ़िल्म मे मुख्य भूमिकाओं में रजनीकांत, राधिका आप्टे, धनशिका, विंस्टन चाओ, जॉन विजय, दिनेश रवि नज़र आ रहे हैं।

गोरखपुर : मौसम, मिजाज और मनोबल से हिट रहा पीएम मोदी का गोरखपुर दौरा

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 

प्रकाश पाठक

गोरखपुर। पीएम मोदी का गोरखपुर दौरा तीन प्रमुख कारणों से हिट हो गया। उनकी रैली में लाखों की भीड़ जुटी और पीएम मोदी को सुनने के लिए लोग पाइप, घर की छतों और पानी की टंकियों पर तक चढ़ने से नहीं चूके। यह सब संभव न हो पाता अगर मौसम साथ न देता, संतों का विकासवादी मिजाज न होता और सुबह हुई बारिश के बावजूद जनता का मनोबल न बना रहता। गोरखपुर में पीएम मोदी को इन तीनों प्वाइंट पर भरपूर सहयोग मिला। गोरखनाथ मंदिर के कार्यक्रम में इस बात के प्रबल आसार थे कि पीएम मोदी के सामने संतगण श्रीराममंदिर जैसे मुद्दे को न रख दें। संतों ने पूरा सहयोग किया और पीएम मोदी के समूचे दौरे में कोई ऐसा मुद्दा नहीं उछला जो भाजपा के विकासवादी नारे से अलग हटकर हो। वैसे तो सिर्फ रैली स्थल पर ही नारा था-बदल रहा है देश, बदलना है उत्तर प्रदेश (265 प्लस)। लेकिन पीएम मोदी के सभी कार्यक्रम इसी नारे के इर्द-गिर्द रहे और पूरी तरह से दौरा भी सफल हुआ।
पीएम मोदी का गोरखपुर दौरा

पीएम मोदी का गोरखपुर दौरा रहा सुपरहिट

आज शुक्रवार की सुबह जब गोरखपुर में मध्यम वर्षा होने लगी तो पीएम के कार्यक्रम पर खतरे के बादल मंडराने लगे। एक बार तो यह सूचना भी आई कि पीएम सड़क मार्ग से फर्टिलाइजर पहुंचेंगे। फर्टिलाइजर स्थित रैली स्थल पर पानी जमा हो जाने के कारण भी प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। सुबह दस बजे तक महज डेढ़ हजार की भीड़ मौके पर पहुंच सकी थी। भाजपा के पदाधिकारी भी इस बात से चिंतित थे। अगर बारिश का क्रम न रुकता तो भीड़ जुटानी मुश्किल थी। एक और सूचना थी कि पीएम मोदी गोरखनाथ मंदिर में संतों के साथ गुफ्तगू करेंगे। यानी इस बात की संभावना की चर्चा धार्मिक मुद्दों पर होगी लेकिन तीनों सूचनाएं स्थगित हो गईं। थोड़ी देर बार बारिश थम गई, मोदी प्रेमियों का हुजूम सड़कों पर था और गोरखनाथ मंदिर के संत सम्मेलन की विकासवादी दिशा भी तय हो गई।
उमड़ पड़े लोग
जैसे ही बारिश बंद हुई भारी भीड़ रैली स्थल की ओर उमड़ पड़ी। एक अनुमान के मुताबिक पीएम मोदी को सुनने के लिए करीब दो लाख लोग पहुंचे हुए थे। जब तक पीएम का कार्यक्रम चला तब तक लोग जमे रहे। मौसम ने इस कदर साथ दिया कि पीएम के आने से लेकर जाने तक एक बूंद बारिश नहीं हुई। स्थिति यह थी की मुख्य कार्यक्रम स्थल से पांच किलोमीटर के दायरे तक में लोगों की भारी भीड़ देखी गई।सिर्फ भारत माता की जय
गोरखनाथ मंदिर से लेकर रैली स्थल तक के कार्यक्रम में इस बार एक और खास बात रही। पहली बार गोरखपुर में कोई कार्यक्रम हुआ जिसमें गऊ माता की जय या फिर गंगा माता की जय जैसे नारे नहीं लगी। मंच चाहे जहां का रहा हो, नारे सिर्फ भारत माता की जय के लगे। यहां तक कि ऐसे नारों के लिए शुमार गोरक्षपीठ के महंत व सांस्द योगी आदित्यनाथ ने भी सिर्फ भारत माता की जय के नारे लगाए।
केशव से गदगद हुए मोदी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने पीएम मोदी का दिल जीत लिया। अपने संबोधन में केशव ने जनता से संवाद करके नरेंद्र मोदी एप्प का प्रचार किया और पीएम मोदी के सामने मंच से ही इस एप्प का नंबर लोगों के मोबाइल से डायल कराया। यह देख मोदी खासा प्रसन्न हुए। और उन्होंने भी केशव की मार्केटिंग की। जब पीएम मोदी के संबोधन की बारी आई तो उन्होंने भी पहला नाम केशव प्रसाद मौर्य का ही लिया।

लखनऊ : मेरी बेटी डिप्रेशन में है, साथ खड़ा हो पूरा देश : स्वाति सिंह


dc-Cover-75adh544aea9a4q1vls2hrh7e2-20160722102159.Mediब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो
लखनऊ: मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले और बीजेपी से निष्कासित दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने कहा है कि उनके परिवार को खतरा है। साथ ही स्वाति सिंह ने मायावती और सतीश मिश्रा के इशारे पर लखनऊ में उपद्रव कराने का आरोप लगाते हुए करारा निशाना साधा है। स्वाति सिंह ने कहा है कि मायावती और सतीश चंद्र मिश्रा बताएं कि मैं कहां अपनी बेटी को पेश करूं। आखिर उनके इशारे पर ही तो बसपाइयों ने चौराहे पर नारे लगाए। दोनों नेता बताएं कि महिला सम्मान की रक्षा के लिए हमारी बेटी के साथ क्या सलूक करेंगे।
नारों पर करूंगी कानूनी कार्रवाईस्वाति सिंह ने कहा कि लखनऊ में हजरतगंज चौराहे पर बेटी को लेकर लगाए गए अभद्र नारे से उनका मानसिक उत्पीड़न हुआ है। यह पूरा प्रदर्शन मायावती और सतीश मिश्रा के इशारे पर बसपाईयों ने किया है। पति के खिलाफ मायावती पर गलत कमेंट कहने पर जो कानूनी कार्रवाई होगी वह उन्हें मंजूर है। मगर हजरतगंज चौराहे पर बेटी को लेकर जो अपशब्द बोले गए हैं, उस पर बसपा के नेता कानूनी कार्रवाई झेलने के लिए तैयार रहें।  स्‍वाती आज 1 बजे हजरतगंज थाने  में जाकर एफआईआर दर्ज कराएंगी।
बेटी डिप्रेशन में है
दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह ने मायावती से पूछा है कि उनके पति ने गलती की है तो कानून उन्हें सजा देगा लेकिन जो उनके परिवार और उनकी बेटियों को लेकर जो भद्दी टिप्पणियां की जा रही हैं, उनका जवाब कौन देगा?  स्वाति ने कहा कि इस तरह की भद्दी टिप्पणियों से उनकी बेटियां बेहद डर गई हैं। उनके परिवार को भी खतरा है। स्‍वाती ने कहा कि मेरी बेटी डिप्रेशन में है। मेरी बेटी के साथ पूरा देश खड़ा़ हो। दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह ने कहा कि लखनऊ में बसपाईयों ने जिस तरह से शर्मनाक नारे लगाए। उससे स्कूल में पढ़ने वाली बेटी सदमे में है। वह दवा खाकर बार-बार सो रही है। कह रही है कि वह अब स्कूल नहीं जाएगी। आखिर बसपाई यह कैसी महिला हितों की लड़ाई लड़ रहे।
मायावती से स्वाति सिंह के कुछ सवालमायावती खुद एक महिला हैं। पति ने उन पर गलत शब्दों का इस्तेमाल किया तो कानून उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। उनकी बेटी को लेकर जो अभद्र टिप्पणियों हजरतगंज चौराहे पर की गईं, उसका जवाब कौन देगा। स्वाति ने कहा कि गलत शब्द तो उनके पति ने बोला था न कि मेरी बेटी ने। तो फिर चौराहे पर बड़े नेताओं के इशारे पर बसपाई नारे लगा रहे-दयाशंकर की बेटी को पेश करो…यह क्या है। महिला सम्मान की लड़ाई लड़ने वालीं मायावती, सतीश मिश्रा और बाकी नेता बताएं कि अपनी बेटी को कहां पेश करूं। क्या सलूक करना चाहते हैं। भला सोचिए, मायावती को जिस टिप्पणी पर तीखा एतराज है। जिसे महिला विरोधी बताती हैं और संसद में उसी टिप्पणी को कह रहीं हैं कि दयाशंकर अपनी बहू-बेटियों के लिए बोला होगा। तो यह है मायावती की नजर में महिला सम्मान।

बलिया : बेटी पर अभद्र टिप्पणी,नाराज सैंकड़ों महिलाओं ने फूंका मायावती का पुतला

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो (अन्जनी राय)
बलिया: मायावती के खिलाफ टिप्पणी को लेकर मचा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। लखनऊ में बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा दयाशंकर सिंह के परिवार की महिला सदस्यों के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी के विरोध में अधिवक्ताओं सहित कई संगठनों ने मायावती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। आधिवक्ताओं ने टीडी कॉलेज चौराहे पर विरोध प्रदर्शन करते हुए मायावती का जमकर विरोध किया।  और पुतला दहन किया।
मायावती को महिला विरोधी विचारधारा का बताते हुए शहर में सैकड़ों महिलाओं ने मायावती का पुतला फूंका। महिलाओं ने कहा कि मायावती पर जो अभद्र भाषा इस्तेमाल की गई वो गलत थी पर मायावती और उनकी पार्टी के लोगों ने जिस तरह दयाशंकर की मासूम बेटी और पत्नी के बारे में बोला वो सभ्य समाज में निंदनीय है। उन्होंने कहा कि अब बलिया की मां-बेटी और अपमान सहन नहीं करेंगी।
गौरतलब है कि मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी पर गुरूवार को बीएसपी कार्यर्ताओं ने लखनऊ में जमकर विरोध प्रर्दशन किया। इस प्रर्दशन में बीएसपी कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर सिंह की पत्नी, मां और बेटी के खिलाफ गाली का इस्तेमाल किया था। जिसके विरोध में इन लोगों द्वारा मायावती का पुतला फूंका गया है।

लखनऊ : 36 घंटों में दयाशंकर को गिरफ्तार न किया तो बसपा 25 को मंडल मुख्यालय घेरेगी

ब्रेक
न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी ने आज बसपा के प्रदेश मुख्यालय में कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने अभी हाल में, हमारी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के बारे में जिस प्रकार की अभद्र, अमर्यादित और अति आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है उसे लेकर पूरे देश में हमारी पार्टी के लोगों में जबरदस्त गुस्सा व आक्रोश व्याप्त है. जिसके तहत ही कल लखनऊ में भी इसके विरोध में हमारे लोगों ने जबरदस्त धरना प्रदर्शन किया और हमारे लोगों की लखनऊ के पुलिस प्रशासन से यह खास मांग थी कि दयाशंकर सिंह को तुरन्त ही गिरफ्तार किया जाये और उनके विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही भी की जाये
नसीमुद्दीन ने कहा कि हमें यहाँ के पुलिस प्रशासन ने इनको 36 घन्टों के अन्दर गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद फिर हमारे लोगों ने कल ही धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया था. लेकिन इसके साथ-साथ हमारे लोगों ने यह भी फैसला लिया कि यदि यहाँ के पुलिस प्रशासन द्वारा इनको 36 घन्टों के अन्दर- अन्दर गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तो फिर हमारी पार्टी चुप नहीं बैठेगी और इसके लिये फिर हमारी पार्टी इसी महीने 25 जुलाई को उ.प्र. के लखनऊ मण्डल को छोड़कर प्रदेश के सभी 17 मण्डल हेड- क्वार्टर में, इसकी गिरफ्तारी को लेकर, फिर से धरना-प्रदर्शन करेगी. इसके बाद फिर आगे की और भी रणनीति तैयार करेगी.
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का यह मानना है कि गुजरात के ‘‘ऊना दलित उत्पीड़न काण्ड’’ को दबाने के लिये बीजेपी ने जो यहाँ दयाशंकर सिंह के माध्यम से घिनौनी राजनीति की है, उसे हमारे लोग कतई भी बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसकी गिरफ्तारी को लेकर हम लोग हर सम्भव पूरा- पूरा प्रयास करेंगे. इतना ही नहीं बल्कि भाजपा ने अपना राजनैतिक नुकसान होते हुये देखकर अब इस मामले को जो आज इन्होंने नया मोड़ देने का प्रयास किया है, तो उससे भी, इस पार्टी को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है.
नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी ने कहा कि मुझे कुछ चैनलों के माध्यम से यह मालूम हुआ है कि दयाशंकर सिंह की मां ने कल लखनऊ में किये गये धरना-प्रदर्शन को लेकर आज एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने मेरे एवं मेरे कुछ अन्य साथियों के ऊपर यह आरोप लगाया है कि धरना प्रदर्शन के दौरान उनके लड़के दयाशंकर सिंह को कुत्ता कहकर अपमानित किया गया है. इस सम्बन्ध में मीडिया के माध्यम से मैं यह कहना चाहूँगा कि उनके बेटे दयाशंकर सिंह ने हमारी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में जिस प्रकार की अभद्र अमर्यादित व अति आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है, तो ऐसी भाषा का इस्तेमाल एक इन्सान नहीं बल्कि जानवर ही कर सकता है.
इसके साथ ही इसी शिकायत में यह भी कहा गया है कि धरना प्रदर्शन के दौरान यह भी नारे लगाये गये कि दयाशंकर सिंह अपनी मां को, बहन को, बेटी को पेश करो – पेश करो’’, जो कि उनके हिसाब से यह अमर्यादित नारे बताये गये हैं. इसके बारे में मेरा यह कहना है कि दयाशंकर सिंह की मां का यह आरोप बिल्कुल निराधार एवं गलत है और यह सब हमें केवल बीजेपी की एक सोची-समझी रणनीति ही लगती है. जबकि इस बारे में सही तथ्य यह है कि कल के भाषणों में यह कहा गया था कि जिन अशोभनीय व अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल दयाशंकर सिंह ने हमारी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में किया है, क्या इस भाषा को दयाशंकर सिंह की मां, बहन व बेटी सही ठहरायेंगी या फिर इसकी निन्दा व भर्त्सना करेंगी. इसलिये नारे में दयाशंकर सिंह से कहा गया कि इनको हमारे सामने पेश करो. ताकि उनसे यह पूछा जा सके कि क्या वो दयाशंकर सिंह द्वारा इस्तेमाल किये गये ऐसे घिनौने व अमर्यादित शब्दों से सहमत है या नहीं.
उन्होंने कहा कि कल के धरना-प्रदर्शन के नारों में किसी भी प्रकार के अपशब्दों का इस्तेमाल दयाशंकर सिंह की मां, बहन व बेटी के लिये नहीं किया गया है. क्योंकि हमारी पार्टी व पार्टी के सभी छोटे- बड़े नेता व कार्यकर्तागण, सभी समाज की मां, बहन- बेटी का पूरा- पूरा सम्मान व इज्ज़त करते हैं.
उन्होंने कहा कि आज की शिकायत सिर्फ बीजेपी के षड्यंत्र के तहत ही दयाशंकर सिंह के घोर अपराध के ऊपर से ध्यान हटाने के उद्देश्य से तथा इस पर पर्दा डालने के लिये ही की गई है.

अम्बेडकरनगर : विधायक ने अपने छोटे भाई के पत्नी से किया रेप

 ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 

अम्बेडकरनगर : एक कहावत है अपने तो अपने होते है लेकिन अपने ही अपनों को धोखा देने से बाज नहीं आतें हैं। आपको बता दें कि एक विधायक पर उनके ही छोटे भाई की पत्नी ने नशीली कोल्डड्रिंक पिलाकर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। महिला के पति व विधायक के भाई का निधन हो चुका है। महिला ने एसपी को शिकायती पत्र देकर केस दर्ज कराने की मांग की है।

विधायक ने नशीली कोल्डड्रिंक पिलाकर

विधायक ने नशीली कोल्डड्रिंक पिलाकर किया दुष्कर्म

वहीँ  विधायक ने इस आरोपों को मनगढ़ंत बताते हुए कहा है कि ये सारा मामला संपत्ति विवाद का है। इससे पहले भी कई विवादों में घिरे रहे जिले के एक विधायक पर अब उनके ही अनुज की पत्नी ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है।
बता दें पीड़िता ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र देकर कहा कि उनके पति का निधन हो चुका है। और 18 जुलाई की रात लगभग साढ़े 10 बजे उनके जेठ व विधायक ने उन्हें अपने कमरे में बुलाया। कहा कि मैं तुम्हारे ही हित के बारे में बात करना चाहता हूँ और मै तुम्हारा भी हमदर्द हूं।

विधायक ने कहा कोल्डड्रिंक पियो

इसके बाद उन्होंने मदद का भरोसा देते हुए कोल्डड्रिंक पीने को कहा।  पीडिता ने पहले इसके लिए मना किया, लेकिन बाद में जिद करने पर उसने कोल्डड्रिंक पी ली। इसके बाद उसे होश नहीं रहा। सुबह उसकी आंख खुली तो देखा कि बगल में विधायक सो रहे थे।
 पीड़िता का कहना है कि जब वह रोने लगी तो विधायक ने कहा कि ये सब मत करो। मेरे कहने में रहोगी तो राज करोगी। महिला ने लिखित शिकायत में कहा कि इसके पहले भी विधायक ने कई बार गलत काम के लिए दबाव बनाया, लेकिन पीडिता ने ये करने के लिए हाथ जोड़कर मना कर दिया।
एसपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि एक महिला उनके पास आई थी। उसने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है जिसमें विधायक के नाम का उल्लेख है। इसकी जांच जलालपुर सीओ को दी गई है।

लखनऊ : दयाशंकर को मिली गालियों से किसका फायदा

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ जिस वजह से बसपा सुप्रीमो मायावती त्राहि त्राहि कर रही हैं, वैसी ही स्थिति जब दयाशंकर के लिए पैदा हुई तो वो मन ही मन खुश हो रही होंगी. भाजपा के उपाध्यक्ष रहे दयाशंकर पर जवाबी हमला करते हुए जिस तरह बसपाइयों ने लखनऊ के बीच चौराहे पर उन्हें गालियां दीं, समाज दयाशंकर की करतूत की ही तरह भले ही इसे भी निन्दनीय बता रहा है लेकिन, मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं की इस करतूत को सही ठहराया है. तभी तो उन्होंने कहा कि वो कार्यकर्ताओं के लिए देवी स्वरूपा हैं और उनके अपमान पर ऐसी प्रतिक्रिया हुई है. जाहिर है मायावती ने न सिर्फ दयाशंकर को दी गयी गालियों को सही ठहराया है बल्कि अब तो ये आरोप लगने लगे हैं कि ये सब कुछ उन्हीं के निर्देशों पर हुआ है. लेकिन, महत्वपूर्ण बात ये है कि जहां मायावती एक तरफ तो अभद्र व्यवहार की निन्दा कर रही हैं लेकिन दूसरी तरफ वैसे ही व्यवहार का समर्थन क्यों कर रही हैं. असल में तल्ख भाषा बसपा की राजनीति का एक अहम हिस्सा है या यूं कहें कि सबसे महत्वपूर्ण. याद करिये वो दौर जब बसपा ने ही सवर्णों के लिए नारा दिया था “तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार “. इस नारे से ब्राह्मणों ठाकुरों और व्यापारी वर्ग पर तीखा प्रहार किया गया था.
मायावती
बसपा के राजनीति में उदित होने से पहले के दौर पर विचार करें तो ये स्पष्ट हो जाता है कि मायावती की भाषा में इतनी तल्खी क्यों हैं. हम सबको या तो एक दौर याद है या फिर पढ़ने सुनने को मिलता है कि समाज में दलितों की स्थिति क्या थी. वे समाज में अछूत तो थे ही, गालियां भी उनके लिए बेहद सामान्य सी घटना थी जो उनके जीवन में रची बसी थी. इसमें कोई दो राय नहीं कि समाज में ठाकुरों, ब्राह्मणों और व्यापारियों का दबदबा था. जाहिर तौर पर इन्हीं तीन जातियों से समाज का सबसे निचला तबका सबसे ज्यादा पीड़ित था. फिर वो दौर आया जब राजनीति ने करवट लेनी शुरु की. बहुजन समाज पार्टियों के लिए राजनीति में जगह भी समाज के इन्हीं तीन जातियों द्वारा शोषण के द्वारा पैदा हुआ. अब बसपा के नेताओं के लिए जरूरी ये था कि वे समाज में सबसे ज्यादा डरे हुए लोगों में साहस फूंक सके. इसके लिए जरूरी था कि जिससे वे डरते थे उन्हें डराया जाये. या डराया भी न जा सके तो कम से कम ये संदेश तो दिया ही जाये कि उनमें उन्हें डराने की क्षमता है. इसी मूल भावना के तहत ही मायावती हमेशा तल्ख नजर आती हैं. उनके शासनकाल में कुण्डा के रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को तरह तरह से घेरने की उनकी रणनीति भी असल में इसी भावना के तहत मानी जाती है.

Thursday, July 21, 2016

लोग मुझे देवी मानते हैं, उनका गुस्सा मैं नहीं रोक सकती: मायावती

नई दिल्ली। बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने खिलाफ भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बीच गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि समाज के कमजोर तबके के लोग उन्हें देवी के रूप में देखते हैं। यदि कोई उनकी देवी के बारे में गलत बोलेगा तो वे विरोध जरूर करेंगे।
मायावती ने कहा कि समाज के कमजोर तबके के लोग दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मेरा बहुत सम्मान करते हैं। वे मुझे देवी के रूप में देखते हैं। यदि आप उनकी देवी के बारे में कुछ गलत बोलेंगे तो उन्हें बुरा लगेगा और वे मजबूरन विरोध करेंगे।मायावती ने कहा कि बीजेपी ने दयाशंकर को पार्टी से निकालकर अच्छा काम किया, लेकिन बेहतर होता कि भाजपा दयाशंकर के खिलाफ खुद ही FIR दर्ज कराती। इस बीच पार्टी ने दयाशंकर की गिरफ्तारी के लिए 36 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।बसपा प्रमुख ने कहा कि मैंने इस मुद्दे पर प्रदर्शन के लिए नहीं कहा। भाजपा नेता की टिप्पणी इतनी खराब थी कि समाज के कमजोर तबके के लोगों, खासकर दलितों ने स्वयं ही इसका विरोध किया। मैं उन्हें नहीं रोक सकती। लेकिन मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहती हूं कि उनके अधिकारों के लिए लड़ती रहूंगी।
भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर फजीहत झेलने के बाद सिंह को छह वर्षो के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में पूर्व भाजपा नेता के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। सिंह ने मऊ में मंगलवार को कहा था कि बसपा प्रमुख धन लेकर टिकट बांटती हैं और इस मामले में उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

प्रियंका चोपड़ा को अमेरिका में झेलनी पड़ी थी ये जिल्लत

शिखा त्रिपाठी
नई दिल्ली. साल 2000 में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की विजेता रहीं अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा एक सफल अभिनेत्री और गायिका हैं। वह बॉलीवुड के साथ-साथ हॉलीवुड में भी अपने अभिनय की छाप छोड़ रही हैं। उन्होंने अपनी खूबसूरती और अपने बेहतरीन अभिनय से सभी को अपना कायल बना दिया है।
बॉलीवुड की सबसे अधिक वेतन पाने वाली अभिनेत्रियों की गिनती में शुमार प्रियंका का जन्म 18 जुलाई, 1982 को झारखंड के जमशेदपुर में हुआ था। उनके पिता पंजाब के अंबाला से थे, जबकि उनकी मां झारखंड से थीं। उनके माता-पिता भारतीय सेना में चिकित्सक थे, जिसके चलते उन्हें देश के अलग-अलग राज्यों का रुख करना पड़ा। इसी वजह से प्रियंका को कई स्कूल भी बदलने पड़े।
13 साल की उम्र में वह अमेरिका में अपनी चाची के साथ रहीं, जहां उन्होंने लगभग तीन वर्ष बिताए और इस दौरान वहीं के स्कूल में दाखिला लिया, अमेरिका में उन्हें नस्लीय भेदभाव का सामना भी करना पड़ा।
अमेरिका से तीन साल बाद भारत वापस आईं प्रियंका ने बरेली के आर्मी पब्लिक स्कूल में उच्च विद्यालय की शिक्षा प्राप्त की। प्रियंका अमेरिका में मिस इंडिया प्रतियोगिता की दूसरी विजेता रहीं और उन्होंने मिस इंडिया वल्र्ड के खिताब के लिए प्रवेश किया, जिसमें उन्होंने मिस वल्र्ड का ताज जीता। इस सम्मान को प्राप्त करने वाली वह पांचवीं भारतीय थीं।
प्रियंका अपने पारिवारिक रिश्तों को काफी महत्व देती हैं। वह अपने पिता के बेहद करीब थीं, जिनका निधन 2013 में हुआ। वह एक समय में इंजीनियरिंग या मनोरोग का अध्ययन करने की आकांक्षी थीं।
मिस इंडिया वल्र्ड का खिताब जीतने के बाद प्रियंका ने फिल्म-उद्योग का रुख किया। उन्होंने वर्ष 2002 में तमिल फिल्म ‘थमिजहन’ के साथ अभिनय की शुरुआत की। इसके बाद 2003 में उन्होंने ‘द हीरो’ के साथ बॉलीवुड में अपने अभिनय की छाप छोड़ी।
इस फिल्म में उनके साथ सनी देओल और प्रीति जिंटा नजर आए। इसके बाद उन्होंने एक-के बाद एक हिंदी फिल्मों में काम किया।
प्रियंका ‘थमिजान'(2002), ‘अंदाज'(2003), ‘द हीरो'(2003), ‘मिस इंडिया : द मिस्टरी'(2003), ‘प्लान'(2004), ‘असंभव'(2004), ‘एतराज'(2004), ‘मुझसे शादी करोगी’ (2004), ‘किस्मत'(2004), ‘प्लैकमेल'(2005), ‘ब्लफ मास्टर'(2005), ‘बरसात'(2005), ‘यकीन’ (2005), ‘वक्त'(2005), ‘आप की खातिर'(2006), ‘डॉन’ (2006), ‘कृष'(2006), ’36 चाइना टाउन'(2006), ‘सलाम-ए-इश्क'(2007), ‘किस्मत टॉकीज’ (2007), ‘बिग ब्रदर’, (2007), ‘कुबार्नी'(2007), ‘लंदन ड्रीम्स'(2007), ‘लव स्टोरी 20500′(2007), ‘गॉड तुस्सी ग्रेट हो'(2008), ‘फैशन'(2008), ‘वॉट्स यॉर राशी?'(2008), ‘सात खून माफ’ (2011), ‘बर्फी’ (2012), ‘मेरी कॉम’ (2014), ‘दिल धड़कने दो’ (2015), ‘बाजीराव मस्तानी’ (2015) जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं।उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और चार श्रेणियों में फिल्मफेयर पुरस्कार के सहित कई पुरस्कार और नामांकन प्राप्त किए हैं।
फिल्मों में अभिनय के अलावा, वह स्टेज शो में बढ-चढ़ कर भाग लेती रही हैं। वह टेलीविजन रियलिटी शो की भी मेजबानी कर चुकी हैं। भारत के राष्ट्रीय अखबारों के लिए कॉलम भी लिख चुकी हैं। चोपड़ा परोपकारी गतिविधियों के लिए भी जानी जाती हैं। 10 अगस्त, 2010 को उन्हें बाल अधिकार के लिए एक यूनिसेफ के सद्भावना राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था।priyanka_chopra_bikini
बॉलीवुड अभिनेत्री को जल्द ही आगामी हॉलीवुड फिल्म ‘बेवॉच’ में विक्टोरिया लीड्स नाम की खलनायिका के किरदार में देखा जाएगा। इस फिल्म में प्रियंका जैक एफ्रॉन और ड्वेन जॉनसन जैसे कलाकारों के साथ नजर आएंगी।
इससे पहले वह टेलीविजन श्रृंखला ‘क्वांटिको’ का हिस्सा रहीं, जिसके लिए उन्हें सबसे पसंदीदा अभिनेत्री के खिताब से नवाजा गया।
अमेरिका में जहां 13 साल की उम्र में प्रियंका चोपड़ा को नस्लीय टिप्णियों का सामना करना पड़ा था। वहीं हाल ही में अमेरिका में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वाइट हाउस में उनका स्वागत किया, जहां प्रियंका ने वार्षिक वाइट हाउस कॉरेस्पोंडेंट्स डिनर में भाग लिया।
प्रियंका चोपड़ा का प्रेम प्रसंग कभी खुलकर सामने नहीं आया। हाल ही में उन्होंने बताया कि वह कभी किसी के साथ डेट पर नहीं गईं। खैर, उनके जन्मदिन पर हम यही कामना करेंगे कि जल्द ही उन्हें उनके सपनों का राजकुमार मिल जाए।

लखनऊ : बुआ के अपमान पर भतीजे के तेवर सख्त, FIR दर्ज

ब्रेक न्यूज़  ब्यूरो
लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती पर आपत्तिजनक और बेहद अमर्यादित टिप्पड़ी करने वाले भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर एफआईआर दर्ज हो गई है. दयाशंकर ने मऊ में बसपा सुप्रीमो पर टिकट बेचने का इल्जाम लगाते हुए उनके खिलाफ अमर्यादित टिप्पड़ी की थी.
दयाशंकर सिंह की इस अमर्यादित टिप्पड़ी से भाजपा बैकफुट पर आ गई. संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ. अरुण जेटली ने इस मुद्दे पर व्यक्तिगत स्तर पर खेद जताया. वरिष्ठ बसपा नेता और सांसद सतीश चन्द्र मिश्र ने इस मुद्दे पर दयाशंकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की घोषणा की. यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर खुद आगे बढ़कर दयाशंकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया. अखिलेश ने कहा कि महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है. किसी को भी इस तरह की अभद्र टिप्पड़ी की छूट नहीं दे जा सकती.
आज दिन में ही मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव मौर्य ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए दयाशंकर सिंह को प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष पद से हटा दिया था. बहुजन समाज पार्टी के नेता मेवालाल गौतम ने भी हजरतगंज थाने में दयाशंकर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. दयाशंकर के खिलाफ धारा  153 ए, 504 और एससी एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है..दयाशंकर सिंह के आपत्तिजनक बयान के बाद सियासत में उफान आ गया है. बसपा ने कल भाजपा के खिलाफ लखनऊ में प्रदर्शन का एलान कर दिया है. पूरे प्रदेश से लखनऊ आ रहे बसपा कार्यकर्ता प्रदेश भाजपा मुख्यालय का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे. फतेहपुर के पटेल चौक पर आज बसपा कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर सिंह का पुतला फूंककर अपना विरोध दर्ज कराया. खुद मायावती ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में कहा कि अगर दयाशंकर सिंह के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो उनकी पार्टी देश भर में आन्दोलन छेड़ेगी. उन्होंने इस मुद्दे को खुद का नहीं बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान करार दिया.akhilesh gusse men
उधर दयाशंकर सिंह को उपाध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद इलाहाबाद में भाजपा कार्यकर्ताओं ने काफी हंगामा किया. इलाहाबाद भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी दिनेश तिवारी ने दयाशंकर सिंह की पैरवी करते हुए कहा कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. दयाशंकर की वापसी के लिए वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखेंगे.

Wednesday, July 20, 2016

लखनऊ : मायावती को अपशब्द कहने पर हटाये गए दयाशंकर, बसपा कराएगी FIR

मायावती को वेश्या कहने पर हटाये गए दयाशंकर, बसपा कराएगी FIR
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती पर भाजपा के यूपी उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की टिप्पणी ने तूफ़ान मचा दिया है. दयाशंकर के इस बयान की हर तरफ निंदा हो रही है. यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केषम मौर्या ने दयाशंकर सिंह को उनके पद से हटा दिया है.
दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो की तुलना वेश्या से करने के बाद हालाकि माफ़ी  मांग ली है मगर खुद उनकी पार्टी के नेता उनके खिलाफ हो गए हैं. सोशल मीडिया पर भी यह मामला खूब उछला है और इसे भाजपा की दलित और महिला विरोधी मानसिकता कहते हुए आलोचना हो रही है.
इस बीच बसपा महासचिव सतीश मिश्र ने दयाशंकर सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने की बात कही है.
दयाशंकर सिंह को अब पार्टी से बर्खास्त करने की मांग भी जोर पकड़ने लगी है. कुछ ही दिनों पहले विधान परिषद् का चुनाव हारने वाले दयाशंकर सिंह को पार्टी ने प्रदेश में उपाध्यक्ष बनाया था.
दयाशंकर की टिप्पणी की आलोचना करते हुए भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि इस मामले पर पार्टी फैसला लेगी मगर जो गलत है वह गलत ही है.राज्यसभा में अरूण जेटली व मुख़तार अब्बास नकवी ने मायावती पर हुई टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया और कहा ऐसा कहना ग़लत है पार्टी निर्णय करेगी. मैं भी इस बयान कि कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ ।

लखनऊ : यूपी में में 12 % ब्राह्मण वोटों पर सियासी निगाहें

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 12 प्रतिशत ब्राह्मण वोटों पर सियासी निगाहें टिक चुकी हैं। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद के लिए ब्राह्मण उम्मीदवार शीला दीक्षित को आगे करके ब्राह्मणों की महत्ता को बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय कभी भी एक पार्टी के साथ टिक कर नहीं रहा। मायावती ने अपने जातीय समीकरणों में ब्राह्मणों, मुस्लिम व दलित वोटरों को साथ जोड़े रखा।
अब कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेतृत्व को ब्राह्मण उम्मीदवार आगे करने के लिए कहा क्योंकि ब्राह्मण मतदाता परम्परागत रूप से कांग्रेस का वोट बैंक रहा है। ब्राह्मण वोट बैंक का मामला गर्माने के बाद अब कांग्रेस के अलावा बसपा तथा भाजपा की निगाहें भी ब्राह्मणों की तरफ टिक गई हैं। ब्राह्मण समुदाय के हाथों में किसी भी पार्टी की जीत की कुंजी रहेगी।
राजनीतिक विशेषज्ञ ज्ञानेन्द्र शर्मा का मानना है कि ब्राह्मण वोटों को अपनी ओर आकॢषत करने के लिए सियासी पार्टियों में होड़ मच चुकी है क्योंकि वह कभी भी एक राजनीतिक पार्टी के साथ जुड़ कर नहीं रहे। कांग्रेस द्वारा ब्राह्मण चेहरा आगे करने से इस समुदाय को सियासी तौर पर महत्व मिल गया है। कांग्रेस के इस कदम से भाजपा भी मुख्यमंत्री पद के लिए ब्राह्मण चेहरे की तलाश में जुट गई है। यू.पी. में ओ.बी.सी. वर्ग समाजवादी पार्टी तथा भाजपा में विभाजित हो जाएगा, जबकि दलित वोट बैंक की तरफ बसपा की निगाहें टिकी हैं। ऐसी स्थिति में 12 प्रतिशत ब्राह्मण वोटें तथा 18 प्रतिशत मुस्लिम वोटें किसी भी पार्टी को सत्ता के निकट पहुंचा सकती हैं।
कांग्रेस ने ब्राह्मण वोटों के साथ-साथ मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए गुलाब नबी आजाद को भी यू.पी. में आगे किया हुआ है। प्रो. विश्वनाथ पांडे का मानना है कि ब्राह्मण समुदाय नाराज है क्योंकि पिछले कई वर्षों में इस समुदाय को नजरअंदाज किया जाता रहा है। अपनी महत्ता बनाने के लिए ब्राह्मण समुदाय को अब मुस्लिम व दलित लोगों की भांति एकजुट होकर एक पार्टी के पक्ष में वोट डालना होगा। ब्राह्मणों में एकता न होने के कारण ही उन्हें नजरअंदाज किया जाता रहा है।

Tuesday, July 19, 2016

लखनऊ : रामपुर ट्रान्सफर हुआ है, बोरिया बिस्तर बांधे रहना

IAS
– खां साहब के नाराज होते ही IAS -IPS पैक कर लेते हैं अपना सूटकेस
– ट्रान्सफर पर कोई नहीं ले जाता अपना सामान, सरकारी बंदोबस्त पर होती है गुजर-बसर  
– आजम खान के गढ़ रामपुर में कोई अफसर ज्यादा दिन टिक नहीं पाया

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो ( विवेक सिन्हा )
लखनऊ. सियासत में अपने जुदा अंदाज़ के लिए मशहूर मुहम्मद आजम खान का जिला रामपुर सूबे के अफसरों के लिए ऐसा टापू बन गया है, जहाँ जाने के बाद ठहरने के दिन गिनना मज़बूरी हो जाती है. सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि रामपुर में तैनाती पाने वाले डीएम् और एसपी आम तौर पर वहां अपना बोरिया बिस्तर लेकर ही नहीं जाते बल्कि सरकारी सामानों का इस्तेमाल करते है. कारण, पता नहीं कब खां साहब गुस्सा कर जाएँ और सामान समेट कर लौटना पड़े और गुस्सा तो खां की नाक पर रहता है.
रौतेला डेढ़ महीने में चलते कर दिए गए
सोमवार को रामपुर के डीएम राजीव रौतेला को हटाकर प्रदेश शासन में भेज दिया गया. अखिलेश यादव की सरकार बनने के बाद आजम खान के गढ़ रामपुर से हटने वाले रौतेला आठवे डीएम है. रौतेला रामपुर में डेढ़ महीने भी नहीं टिक पाए.
अखिलेश सरकार आते ही शुरू हो गई थी परम्परा
मार्च 2012 में जब अखिलेश यादव ने सूबे में सत्ता संभाली तो बलकार सिंह रामपुर में डीएम थे. उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मायावती तैनात किया था.  20 मार्च को उन्हें हटा दिया गया लेकिन एक पखवारे तक कोई नया अफसर वह नहीं भेजा जा सका क्यूंकि किसी नाम पर आजम साहब ने मोहर नहीं लगाई ।
चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी का रहा सबसे लम्बा कार्यकाल  
6 अप्रेल 2012 को अनिल धींगरा को रामपुर का डीएम बनाया गया जो वह पूरे ग्यारह महीने तैनात रहे. 8 मार्च 2013 को धींगरा की जगह पहुंची शुभ्रा सक्सेना बतौर डीएम  सवा दो महीने ही तैनात रहीं, जो कि इस सरकार में. रामपुर के किसी डीएम का सबसे लम्बा कार्यकाल रहा है तो वह था चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी का, जो कि पौने चौदह महीने तक रामपुर में डीएम रहे. एनकेएस चौहान सवा दस महीने, एस प्रियदर्शी सिर्फ पौने दो महीने और कर्ण सिंह चौहान कुल तेईस दिन यहाँ डीएम रहे. जबकि राकेश कुमार सिंह का कार्यकाल करीब नौ महीने का रहा.

लखनऊ : सपा को जहरीली शराब का मुद्दा चुनाव पड़ सकता है भारी

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा के आसन्न चुनाव की चल रही तैयारियों के बीच सूबे में जहरीली शराब से हो रहीं मौतें सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) को मंहगी पड़ सकती हैं। जहरीली शराब की बिक्री पर अब सिर्फ राजनेता ही नहीं आमजन भी खफा हैं। आम लोगों का मानना है कि यदि पुलिस और आबकारी विभाग को सरकार ‘टाइट’ कर दे तो इस पर पाबन्दी लग जाएगी।
 कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और स्वयंसेवी संगठनों ने जहरीली शराब से हो रही मौतों पर दु:ख व्यक्त करते हुए इसकी बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की।  शरद यादव ने कहा कि जहरीली शराब से हो रही मृत्यु तत्काल रुक सकती है, यदि इसकी बिक्री पर पाबन्दी लगा दी जाए। इसका खामियाजा सपा को आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
यादव ने कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति से कच्ची शराब बिकना बन्द करवाया जा सकता है। अखिलेश यादव सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता दल (यू) शराबबन्दी को चुनाव में मुद्दा बनायेगी। भाजपा का कहना है कि जहरीली शराब से अमीर नहीं मरता। अमीर व्यक्तियों की जिस दिन मृत्यु हो जाएगी उस दिन इसकी बिक्री तत्काल प्रभाव से रुक जायेगी। भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने कहा कि जहरीली शराब पीने से गरीब का परिवार ही परेशान होता है। गरीब ही मारा जाता है।
उन्होंने व्यंग्य किया कि जिस दिन जहरीली शराब से किसी बडे व्यक्ति की मृत्यु हो जाएगी उस दिन इसकी बिक्री पर रोक लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जायेगा। उन्होंने बताया कि एटा मेें जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच के लिए पार्टी का एक दल जा रहा है। यह दल वहां जाकर पीड़ित परिवार से मिलेगा और उन्हें ढांढस बंधाएगा। चुनाव में इस मुद्दे को उठाकर शराब माफियाओं से सरकार की गठजोड़ का खुलासा किया जाएगा। दूसरी ओर, राजनीतिक दलों के साथ ही अब आमजन भी इसके खिलाफ उठ खडे हुए हैं। शराब की बिक्री को लेकर गरमायी राजनीति के बीच फैजाबाद की महिलाओं ने शराब के कारोबारियों और पियक्कडों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जहरीली शराब की बिक्री से त्रस्त फैजाबाद के रेतिया इलाके की लडकियों ने लामबन्द होकर इसे बेचने और पीने वालों के खिलाफ मुहिम चला दी है।
 सरयू तट पर स्थित निषाद बाहुल्य रेतिया इलाके की आबादी करीब छह हजार है। कच्ची शराब की वजह से अब तो रेतिया में लडके- लडकियों के विवाह में भी दुश्वारियां आने लगी हैं। बाहरी इलाके वाले रेतिया में विवाह करने से कतराने लगे हैं। रेतिया के लोगो का आरोप है कि आबकारी विभाग और पुलिस की मिलीभगत से इस क्षेत्र में कच्ची शराब बिकने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इस शराब के यहां पड रहे कुप्रभाव का आलम यह है कि रेतिया की औसत आयु अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कम हो गयी है। वहां के कई नौजवानों की शराब पीने से कम उम्र में ही मृत्यु हो चुकी है। रेतिया के दिनेश निषाद ने बताया कि इलाके में दो सौ से अधिक विधवाएं ऐसी हैं जिनके पतियों की मृत्यु 30 -35 साल की उम्र में ही हो गयी।
 दिनेश ने बताया कि इलाके में बिकने वाली कच्ची शराब में यूरिया, दुधारु पशुओं को लगने वाली पिट््यूटरी इन्जेक्शन, यीस्ट तक मिला दिया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए इतने खतरनाक हैं कि पीने वाले का गुर्दा, लीवर और अन्य अंगों को इस कदर क्षतिग्रस्त कर देते हैं कि उसकी मृत्यु हो जाती है। उनका आरोप था कि यहां से स्थानीय पुलिस को तीन-चार लाख रुपये महीने में मिलते हैं। इसलिए पुलिस को इसकी बिक्री रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं है। आबकारी विभाग के लोग भी यहां से पैसे ले जाते हैं।उन्होने बताया कि हाल ही में कैन्ट थाने का घेराव किया गया था। फिर भी ठोस नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है।
गौरतलब है कि 15 जुलाई की रात कुछ लोगों ने अलीगंज इलाके से कच्ची शराब खरीदी थी। शराब पीने के बाद लोगों की मृत्यु का सिलसिला शुरु हुआ जो अभी जारी है। राज्य सरकार इस मामले में पुलिस और आबकारी विभाग के 12 अधिकारी और कर्मचारियों को निलंबित कर चुकी है। जहरीली शराब मामले में पुलिस मुख्य आरोपी श्रीपाल लोध को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। इसके अलावा पिछले डेढ़ दो वर्षों में आजमगढ़, हरदोई, गोरखपुर और उन्नाव समेत कुछ अन्य जिलों में इससे 60 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

Monday, July 18, 2016

लखनऊ : मौर्या ने बनाया लोकतांत्रिक बहुजन मंच

swami mauryaब्रेक  न्यज़ ब्यूरो
लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी से त्यागपत्र देकर अलग हुए वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज गोमतीनगर के विपुलखंड स्थित आई.एम.आर.टी. में मंडल स्तरीय कार्यकर्ता सम्मलेन को संबोधित किया. बसपा छोड़ने के बाद अपनी खुद की स्थिति की समीक्षा करने के उद्देश्य से कार्यकर्ताओं से संपर्क कर रहे स्वामी प्रसाद मौर्या 22 सितम्बर 2016 को रमाबाई अंबेडकर मैदान लखनऊ में रैली का आयोजन कर भविष्य में अपने क़दम की घोषणा करेंगे.
आज कार्यकर्ताओं की बैठक में स्वामी प्रसाद मौर्या ने ” लोकतांत्रिक बहुजन मंच ” के गठन का एलान करते हुए मंडल व जिला स्तर के पदाधिकारी घोषित कर दिए. साथ ही मौर्य ने अपना अगले एक महीने के कार्यक्रम का एलान भी कर दिया.
31 जुलाई 2016 से स्वामी प्रसाद मौर्य का मंडलीय दौरा शुरू होगा. 31 जुलाई को वह देवीपाटन मंडल के श्रावस्ती में, पहली अगस्त को बस्ती में, 2 अगस्त को गोरखपुर में, 3 अगस्त को फैजाबाद में, 8 अगस्त को इलाहाबाद में, 9 अगस्त को मिर्जापुर में, 10 अगस्त को वाराणसी में और 11 अगस्त को आजमगढ़ में आयोजित कार्यकर्त्ता सम्मलेन में शिरकत करेंगे.

अखलाक के परिवार को सुरक्षा दे सरकार : वृंदा करात

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
नोएडा-गौतमबुद्धनगर. मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता वृंदा करात ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से फोन पर बात कर दादरी हत्याकांड में मारे गए अखलाक के परिवार को सुरक्षा देने की मांग उठाई है। पार्टी ने अखलाक के परिवार व उनके वकील को जान का खतरा बताया है। माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने मोबाइल पर अखिलेश से बात कर अखलाक के परिवार और उनके वकील को सुरक्षा व न्याय दिलाने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की।
akhlaq
इससे पहले कमेटी की हुई बैठक में दादरी कांड पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही अखलाक एवं उसके परिवार को न्याय दिलाने एवं सांप्रदायिक गतिविधियों के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाने का निर्णय लिया गया।
दादरी क्षेत्र के बिहसहड़ा गांव में पिछले साल बकरीद के दिन बहुसंख्यक समदाय के लोगों ने गोमांस खाने का आरोप लगाते हुए अखलाक को उसके घर से खींचकर पहले पिटाई की और फिर उसी की सिलाई मशीन उठाकर उसके सिर पर दे मारा, जिससे उसकी मौत हो गई। क्रूर लोगों ने उसके बेटे दानिश को भी पीटकर अधमरा कर दिया था। अब फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट आने पर हत्या के आरोपियों की तरफ से दायर याचिका पर जिला अदालत ने मृत अखलाक और उसके पूरे परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
माकपा ने जिला अदालत के इस आदेश को ‘न्याय की विडंबना’ करार दिया है। अखिलाक के वकील ने इस आदेश को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है।

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SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौ...