Saturday, January 21, 2017

सियासत..मजहबी अपील पर केशव ने मायावती को चेताया


यूपी चुनाव: मजहबी अपील पर केशव मौर्य ने मायावती को चेताया


ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने बसपा सुप्रीमों पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि बहिन जी ने राजनीति को व्यापार बना लिया है और इस व्यापार में जातियों का बेसवोट बताकर मजहब की सौदेबाजी कर रही है। बहिन जी द्वारा मजहब आधारित अपील करना आदर्श आचार संहिता का उल्लघन है। वे सर्वोच्च न्यायालय के ताजे निर्देश का भी उल्लंघन कर रही हैं। 

मौर्य ने कहा कि बहिन जी चुनाव से डरी हुई है। वे संभावित पराजय से घबराई हुई है। सपा और बसपा की सरकारों ने प्रदेश लूटा है। सपा सरकार में घोर अराजकता, अपराधों में वृद्धि, महिला उत्पीड़न और भ्रष्टाचार का नंगनाच हुआ है। बसपा सरकार में भी अपराध तथा संस्थागत भ्रष्टाचार का बोल बाला रहा है।

मौर्य ने सवाल किया कि सपा सरकार के पांच वर्ष तक मायावती प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था पर खामोश क्यों रही? दलित बस्तियों पर सपा समर्थित अराजक तत्वों के आतंक के बाद भी बहिन जी यूपी नहीं आई और न कुछ बोली। जबकि भाजपा अत्याचार और उत्पीड़न के विरूद्ध लगातार आवाज उठाती रही, भाजपा सपा-बसपा सरकार के हर जोर जुल्म के खिलाफ न्याय के लिए आवाज बुलन्द की है तथा सड़कों पर उतरी है भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस की बर्बर लाठियां खाई है और जेल गये है। 

मौर्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सबकों साथ लेकर सबके विकास की राजनीति करती है और इसका प्रमाण भाजपा शासित राज्य है। बहिन जी बसपा के अस्तित्व की लड़ाई के अंतिम दौरे में है। जनता भाजपा को जिताने का मन बना चुकी है। बहिन जी को यह बात पता है इसी बौखालाहट में वे ऐसे बयान दे रही है। जनता बसपा के हर दांव को चित करने के लिए तैयार है।

यूपी : मुलायम के करीबी अम्बिका चौधरी हाथी पर हुए सवार

ब्रेक न्यूज ब्यूरो 

लखनऊ. शनिवार की सुबह बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका दिया. समाजवादी पार्टी के संस्थापको में से एक रहे और मुलायम सिंह के दाहिने हाँथ माने जाने वाले अम्बिका चौधरी ने आज बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया. एक वक्त ऐसा भी था जब अम्बिका चौधरी ने मायावती को "गुंडी' कहा था. 

मायावती के साथ प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद अम्बिका चौधरी ने कहा – "3 सितम्बर से सपा में झगड़े की जो शुरुआत हुयी है वो एक पार्टी से जुड़ा मामला नहीं है ये जनता से जुड़ा मामला है, ऐसी स्थिति में साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए मेरा बीएसपी से जुड़ना जरुरी था. मुलायम सिंह के साथ जिस तरह से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ब्यवहार किया है उससे मैं दुखी हूं.

अम्बिका चौधरी ने यह भी कहा कि सीबीआई के डर से समाजवादी पार्टी के कुछ नेता भाजपा को जिताने की कोशिश कर रहे हैं.

2012 में चुनाव हार चुके अम्बिका चौधरी अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके प्रमुख सलाहकार रहे. संसदीय मामलों में अखिलेश यादव उनकी ही सलाह लेते थे. सपा ने उन्हें विधान परिषद् में भेजा और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण महकमे का मंत्री भी बनाया. मगर बाद में उनके दामन पर भ्रष्टाचार के छींटे भी पड़े और वे अखिलेश यादव से दूर होते गए . बाद में अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्री पद से भी बर्खास्त कर दिया और पार्टी में वे अलग थलग पड़ते दिखाई दिए. 

समाजवादी पार्टी में जब संघर्ष बढ़ा तो अम्बिका चौधरी शिवपाल सिंह यादव के खेमे में रहे. बतौर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अम्बिका चौधरी को काफी तवज्जो दी. मगर अखिलेश यादव के वर्चस्व के बाद अम्बिका चौधरी फिर से अलग थलग पड गए.

जे पी आन्दोलन के समय चंद्रशेखर की प्रेरणा से नौकरी छोड़ कर राजनीति में आये अम्बिका चौधरी 40 साल तक समाजवादी रहे. बाद में वे चंद्रशेखर का साथ छोड़ कर मुलायम सिंह के साथ आ गए थे और समाजवादी पार्टी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.          

महराजगंज : जमीनी विवाद में चले लाठीया कई घायल


ब्रेक न्यूज ब्यूरो 
महराजगंज। कोठीभार थाना क्षेत्र के ग्राम गेरमा मैं जमीन कब्जा करने की नियत से भाई व भतीजे को पीटा
 नौतनवा से सपा प्रत्याशी हुए अमन मणि, क्षेत्र में जश्न का माहौल

 महाराजगंज। कोठीभार थाना क्षेत्र के ग्राम गेरमा मैं जमीन कब्जा करने की नियत से भाई व भतीजों ने अपने ही चाचा को जमकर पिटाई कर लहूलुहान कर दिया।
    घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि कोठीभार थाना क्षेत्र के ग्राम गेरमा निवासी भगवंत गुप्ता पुत्र मनिराज की कई लड़कियां हैं कोई पुत्र नहीं है ऐसे में इनके भाई गोबरी वह गया की निगाहें भगवंत गुप्ता की जमीन पर लगी हुई हैं। आज भगवंत गुप्ता की जमीन पर भाई गोबरी व उसके पुत्र अनिल,धनंजय दूसरे भाई गया उसके पुत्र कन्हैया,किशन व उनकी पत्नियां कब्जा करने की नियत से पिलर चलवाने लगी। इसकी जानकारी मिलने पर जब भगवान गुप्ता ने विरोध किया तो उधर सभी भाइयों,भतीजों व महिलाओ ने मिलकर भगवंत गुप्ता की जमकर पिटाई कर दी। इस पिटाई से भगवंत गुप्ता के सर पर गंभीर चोटें आई एक हाथ भी टूट गया
     जबकि भगवंत गुप्ता सुबह ही इस मामले को लेकर पुलिस के पास पहुंचे थे पुलिस की शिकायत को लेकर इनके भाई व भतीजे उग्र हो गए और इस घटना को अंजाम दिया।घटना की जानकारी मिलते ही कोठीभार पुलिस मौके पर पहुंची और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराई। इस मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।

बागी हुए MLA रामपाल और रामवीर ने छोड़ी सपा, लोकदल किया ज्‍वाइन

रामपाल और रामवीर ने छोड़ी सपा, लोकदल किया ज्‍वाइन

लखनऊ. समाजवादी पार्टी के विधायक रामपाल यादव ने शनिवार को लोकदाल ज्‍वाइन किया। रामपाल विसवां विधानसभा क्षेत्र से एमएलए हैं।  सपा को एक ही दिन में ये दूसरा झटका लगा है। इससे पहले अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और मुलायम सिंह यादव के बेहद खास माने जाने वाले अंबिका चौधरी ने सपा छोड़ बीएसपी ज्‍वाइन कर लिया। उन्‍हें खुब बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीएसपी की सदस्‍यता ग्रहण करवाई। 
साथ ही फिरोजाबाद जसराना विधायक रामवीर सिंह ने भी लोकदल में शामिल हो गए हैं। लोकदल ने रामपाल यादव और रामवीर सिंह को उनकी सीट से टिकट दिया है। इसके अलावा सपा के अमरोहा विधायक अशफाक अली भी लोकदल से चुनाव लडेंगे। बता दें सपा ने अशफाक को टिकट नहीं दिया है। 
वहीँ एटा से सपा विधायक आशीष यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

Friday, January 20, 2017

23 जनवरी को जारी होगा सपा का घोषणा पत्र


यूपी चुनाव: 23 जनवरी को जारी होगा सपा का घोषणा पत्र
टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक आ चुका है। अब राजनीतिक दल घोषणा पत्र तैयार करने में जुट गए हैं। ऐसे में सबसे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) का घोषणा पत्र जारी होने की उममीद है। सपा के राष्अ्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने बयान दिया है कि 23 जनवरी को अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव मिलकर सपा का घोषणा पत्र जारी करेंगे। वहीं, घोषणा पत्र जारी करने के बाद अखिलेश यादव चुनावी मैदान में उतरेंगे और ताबड़तोड़ रैलियां कर सूबे की जनता को संबोधित करेंगे। 

सत्‍तारूढ़ पार्टी सपा से सूबे की जनता को काफी उम्‍मीदें हैं। अखिलेश यादव के विकास कार्यों पर लोगों को भरोसा है। शायद यही सोचकर सपा का घोषणा पत्र भी तैयार किया गया है। बता दें, जब वर्ष 2012 में सपा की सरकार आई तो सूबे की जनता को लैपटॉप, बेरोजगारी भत्‍ता, कन्‍या विद्या धन, समाजवादी एंबुलेंस और एक्सप्रेस-वे देने का वादा किया था। वहीं, यूपी चुनाव 2017 से पहले सीएम अखिलेश यादव सूबे की जनता को स्मार्टफोन देने का वादा पहले ही कर चुके हैं। 

कुछ ऐसा हो सकता है सपा का घोषणा पत्र

1. मुफ्त स्‍मार्टफोन

2. गांवों में 24 घंटे बिजली

3. अति पिछड़ी जातियों को विशेष पैकेज

4. गरीबों को सस्‍ते घर 

'आरक्षण' खत्‍म कर देना चाहिए: मनमोहन वैद्य



ब्रेक न्‍यूज ब्यूरो
जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने आरक्षण पर बयान दिया है। मनमोहन ने कहा है कि देश में आरक्षण व्यवस्था को खत्म किया जाना चाहिए। मनमोहन वैद्य ने कहा 'आरक्षण के नाम पर सैकड़ों साल तक लोगों को अलग करके रखा गया, जिसे खत्म करने की जिम्मेदारी हमारी है। इन्हें साथ लाने के लिए आरक्षण को खत्म करना होगा। आरक्षण देने से अलगाववाद को बढ़ावा मिलता है। आरक्षण के बजाय अवसर को बढ़ावा देना चाहिए।'

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में मनमोहन वैद्य का दिया ये बयान एक बार फिर से बवाल खड़ा कर सकता है। उन्होंने कहा है 'आरक्षण का विषय भारत में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिहाज से अलग संदर्भ में आया है। भीम राव अंबेडकर ने भी कहा है कि किसी भी राष्ट्र में ऐसे आरक्षण का प्रावधान हमेशा नहीं रह सकता। इसे जल्द से जल्द से खत्म करके अवसर देना चाहिए। इसके बजाय शिक्षा और समान अवसर का मौका देना चाहिए। इससे समाज में भेद निर्माण हो रहा है।'

यूपी चुनाव से पहले संघ की ओर से आरक्षण पर आया ये बयान एक बार फिर से बवाल खड़ा कर सकता है। इसके पहले बिहार चुनाव से ठीक पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ऐसा ही बयान दिया था। बिहार चुनाव से पहले मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की जानी चाहिए। मोहन भागवत के इस बयान का बिहार चुनावों पर खासा असर पड़ा था। विपक्ष ने इस बयान को ऐसी धार दी थी, जिसने बिहार की चुनावी राजनीति की पूरी दिशा बदल दी थी।

यूपी चुनाव: चुनाव आयोग ने लखनऊ के डीएम समेत 13 जिलों के डीएम-एसएसपी हटाए, गौरीशंकर प्रियदर्शी लखनऊ के नए डीएम होंगे

चुनाव आयोग ने बदले कई डीएम और पुलिस कप्तान, गौरी शंकर प्रियदर्शी को लखनऊ की कमान

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. चुनाव आयोग ने आज लखनऊ के ज़िलाधिकारी समेत कई जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तानों को बदल दिया है. चुनाव आयोग ने सत्येन्द्र सिंह को हटाकर गौरी शंकर प्रियदर्शी को लखनऊ का जिलाधिकारी बनाया है. विजय किरण आनंद को एटा का डीएम बनाया गया है.

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र जिला और पुलिस प्रशासन में व्यापक फेरबदल का फैसला किया है. इस फेरबदल में सिल्वा कुमारी को जिला मजिस्ट्रेट फतेहपुर, शुभ्रा सक्सेना को जिला मजिस्ट्रेट अमरोहा और ऋषिकेश भास्कर को जिला मजिस्ट्रेट अलीगढ़ के पद पर ट्रांसफर किया गया है.

चुनाव आयोग ने आज कई जिलों के पुलिस कप्तान भी बदले हैं. मनोज तिवारी मुरादाबाद के एसएसपी बनाये गये हैं. लव कुमार को एसएसपी सहारनपुर, आनंद कुलकर्णी को आजमगढ़ का एसएसपी, वैभव कृष्ण को बाराबंकी का एसपी और अब्दुल हमीद को रायबरेली का एसपी नियुक्त किया गया है.

Thursday, January 19, 2017

CBI चीफ बने दिल्ली पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार वर्मा


CBI चीफ बने दिल्ली पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार वर्मा न्यूज़ ब्यूरो

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति पर संशय दूर करते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा को सीबीआई का नया निदेशक नियुक्त किया है. सीबीआई प्रमुख के रूप में वर्मा का कार्यकाल दो साल का होगा. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने उनके नाम को मंजूरी दी है. 

इस समिति में प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी हैं. 2 दिसंबर को अनिल सिन्हा के रिटायर होने के बाद से यह पद खाली चल रहा था. वहीं गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना सीबीआई के अंतरिम निदेशक थे. हालांकि उनकी नियुक्ति का विपक्षी दलों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा था. 

अस्थाना पर अमित शाह के करीबी होने के आरोप लग रहे थे. आलोक कुमार वर्मा के बारे में आपको बता दें कि वर्मा अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी वर्मा ने फरवरी, 2016 को दिल्ली पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी संभाली थी. 

59 वर्षीय वर्मा दिल्ली पुलिस, अंडमान निकोबार, पुडुचेरी, मिजोरम और आईबी में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं. दिल्ली पुलिस आयुक्त बनने से पहले वह तिहाड़ जेल के महानिदेशक थे. बता दें कि 16 जनवरी को हुई चयन समिति की बैठक के बाद से ही वर्मा की नियुक्ति के दावे किए जा रहे थे. हालांकि सरकार ने कोई भी खुलासा नहीं किया था.

मेरठ : DM चंद्रकला सपा कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं: BJP


ब्रेक
न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी ने मेरठ जिलाधिकारी की शिकायत चुनाव आयोग में दर्ज कराई और कानपुर-उन्नाव स्नातक क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी के नाम के अनुरूप ही गलत नामांकन करने की शिकायत भी चुनाव आयोग में की है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चन्द्रमोहन ने बताया कि मेरठ की जिलाधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी बी. चन्द्रकला आत्ममुग्धता से ग्रसित हैं। सोशल मीडिया और मीडिया में सुर्खी बटोरने की आदी हो चुकीं चन्द्रकला सपा कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं और भाजपा के कार्यकर्ताओं और कार्यक्रमों को प्रभावित कर रही हैं।

प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि मेरठ के भाजपा जिलाध्यक्ष करूणेश नंदन गर्ग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजे शिकायती पत्र में लिखा कि जिलाधिकारी मेरठ चुनाव आचार संहिता का गलत हवाला देकर भाजपा के कार्यक्रमों को अनुमति नहीं दे रही हैं और कार्यकर्ताओं को भी प्रभावित कर रही हैं। इसके साथ ही सपा को खुले मन से पूरी सहूलियतें दे रही हैं। भाजपा ने मांग की कि निष्पक्ष चुनाव के लिए जिलाधिकारी मेरठ का स्थानांतरण जरूरी है।

प्रदेश प्रवक्ता ने यह भी बताया कि कानुपर-उन्नाव स्नातक क्षेत्र से अरुण पाठक भाजपा के प्रत्याशी हैं। चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को प्रभावित करने के उद्देश्य से अरूण कुमार ने गलत तरीके से अपना नाम अरुण कुमार पाठक के नाम से नामांकन कर दिया है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भेजे पत्र में अरूण कुमार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुए नामांकन निरस्त करने की मांग की है।

गठबंधन की दौड़ में इसलिये पिछड़ गया रालोद

गठबंधन की दौड़ में इसलिये पिछड़ गया रालोद
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 

लखनऊ. समाजवादी पार्टी की गठबंधन के मुद्दे पर आज छह घंटे तक चली मैराथन बैठक में रालोद के साथ सीटों का गणित नहीं बैठ पाया और समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने यह एलान भी कर दिया कि हम यूपी की 300 सीटों पर लड़ेंगे. बाकी सीटें कांग्रेस के हवाले कर दी जायेंगी.

कल तक यह बात सामने आ रही थी कि कांग्रेस को 85 और रालोद को 25 सीटें दी जायेंगी. बाकी सीटों पर समाजवादी पार्टी लड़ेगी. आज अचानक रालोद का नाम गठबंधन से गायब हो गया. रालोद का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अच्छा जनाधार है. रालोद से गठबंधन टूटने की दशा में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा का फायदा हो सकता है.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खां का भी आज यह बयान सामने आया कि भाजपा को रोकने के लिये समाजवादी पार्टी ने गठबंधन का फैसला किया है. समाजवादी पार्टी जब भाजपा को रोकने की बात दिमाग में रखे है तब रालोद से गठबंधन टूटने की वजह पर मंथन ज़रूरी लगता है. सूत्रों का कहना है कि रालोद से गठबंधन करने पर सबसे ज्यादा आपत्ति कांग्रेस को है और समाजवादी पार्टी गठबंधन के मुद्दे पर कांग्रेस को प्राथमिकता में लेकर चल रही है क्योंकि कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी ने जो गठबंधन किया है वह सिर्फ विधानसभा चुनाव तक ही सीमित नहीं है. यह गठबंधन 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर भी किया जा रहा है.

कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के सामने यह दलील रखी है कि रालोद की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अब वह स्थिति नहीं रह गई है. मुज़फ्फरनगर दंगे के बाद हालात बदल गये हैं. रालोद के पास पश्चिम में जाट और मुस्लिम वोट बैंक है लेकिन मुजफ्फरनगर दंगों के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संगीत सोम फैक्टर भी प्रभावी हुआ है और जाट और मुसलमान अलग-अलग पाले में खड़े हो गये हैं. कांग्रेस के खेमे में यह दोनों साथ आ सकते हैं लेकिन रालोद के पक्ष में मुसलमान आने वाले नहीं हैं और सिर्फ जाटों के सहारे पश्चिम को नहीं जीता जा सकता.

कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को यह दलील दी है कि रालोद अगर अकेले लड़ जाए तो समाजवादी पार्टी का ही फायदा है क्योंकि तब जाट वोट बैंक रालोद और भाजपा के बीच बंट जाएगा, और दोनों को ही कुछ हासिल नहीं होगा. हालांकि समाजवादी पार्टी चाहती है कि अजित सिंह कुछ सीटें लेकर गठबंधन का हिस्सा बन जाएँ. जहाँ पर उन्हें जीत की गारंटी लगे वहां से अपने उम्मीदवार लड़ा लें. वहां पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों उनका समर्थन भी कर देंगे लेकिन अजित सिंह 35 से कम सीटों पर समझौता करने को तैयार नहीं हैं.

दीपिका की ड्रेस ने छोड़ा साथ , देखने वालों ने देखा जो न देखना था


ब्रेक न्यूज़ वेब टीम
वार्डरॉब मैलफंक्शन सेलिब्रिटीज के लिए आम बात हो चली है. लेकिन इसके चलते कभी-कभी ऐसा नजारा सामने होता है कि देखने वालों की आँखें बाहर निकल आती हैं. ऐसा ही पिछले दिनों हुआ बॉलीवुड स्टार एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के साथ.
मौका था दीपिका की पहली हॉलीवुड फिल्म 'ट्रिपल एक्स : रिटर्न ऑफ द जेंडर केजके प्रीमियर फंक्शन का. इस फंक्शन में बॉलीवुड के कई नामचीन स्टार सहित इस फिल्‍म में लीड रोल करने वाले हॉलीवुड एक्‍टर विन डीजल भी मौजूद थे. 
इस प्रीमियर फंक्शन के लिए दीपिका पादुकोण ने एक गोल्डेन गाउन पहना थाइस आउटफिट में दीपिका का नेकलाइन साफ नजर आ रहा था. लेकिन इस गाउन के सरकने से जो कुछ नजर आया उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. यहां तक कि नजारा वहां मौजूद कैमरों में कैद हो गया. अब यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.जहां दीपिका इस ड्रेस की बेवफाई से शर्मिंदा हो रहीं थीं तो देखने वालों के लिए यह नजारा ट्रीट था. शरारती लोग चोरी छिपे नजरों से दीपिका की तरफ देखते रहे और इन्तजार करे कि दीपिका की ड्रेस बार बार बेवफा हो.


3 महीने में बसपा के खाते में जमा 104 करोड़ रुपये पर फैसला करे चुनाव आयोग : HC

मायावती के खिलाफ अर्जी दाखिल, बसपा की मान्‍यता रद्द करने की मांग
लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी ने नोटबंदी के बाद दिल्ली के करोल बाग़ स्थित यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के अपने पार्टी अकाउंट में 2 दिसम्बर से 9 दिसम्बर 2016 के बीच 104  करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा कराये जाने के सम्बन्ध में दायर जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच ने निर्वाचन आयोग को तीन माह में निर्णय लेने के आदेश दिए हैं.

यह आदेश जस्टिस अमरेश्वर प्रताप साही और जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने याचिकाकर्ता प्रताप चन्द्र की अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर तथा निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता मनीष माथुर को सुनने के बाद दिया.

नूतन ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि निर्वाचन आयोग ने 29 अगस्त 2014 द्वारा वित्तीय पारदर्शिता सम्बन्धी कई निर्देश पारित किये जिन्हें आयोग ने अपने आदेश दिनांक 19 नवम्बर 2014 द्वारा और अधिक स्पष्ट किया.  इन निर्देशों में कहा गया है कि कोई भी राजनैतिक दल उन्हें चंदे में प्राप्त नकद धनराशि को प्राप्ति के 10 कार्यकारी दिवस के अन्दर पार्टी के बैंक अकाउंट में अवश्य ही जमा करा देगा. इन निर्देशों में कहा गया है कि यदि किसी पार्टी ने इन निर्देशों का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ निर्वाचन चिन्ह (आरक्षण एवं बटाई) आर्डर 1968 के प्रस्तर 16ए में पार्टी की मान्यता रद्द करने सहित तमाम कार्यवाही की जा सकती है.

चूँकि नोटबंदी का आदेश 8 नवम्बर को आया था, अतः इन निर्देशों के अनुसार अधिकतम 20 नवम्बर तक नकद धनराशि बैंक खाते में जमा कर देना चाहिए था पर बसपा ने 2 दिसम्बर के बाद 104 करोड़ रुपये जमा कराये, जो सीधे-सीधे इन निर्देशों का उल्लंघन है.

निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता मनीष माथुर ने कहा कि आयोग को प्रताप चन्द्र की शिकायत मिल गयी है पर वर्तमान में विधान सभा चुनाव कराने की व्यवस्तता के कारण उसे इस पर निर्णय के लिये कुछ समय की आवश्यकता है.

कोर्ट ने इन तथ्यों को सुनने के बाद इस शिकायत पर तीन महीने में कार्यवाही करने के आदेश देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया.

एटा हादसा:घायल बच्‍चों को मिले बेहतर इलाज : मायावती

एटा सड़क हादसा: मायावती ने कहा- घायल बच्‍चों को मिले बेहतर इलाज

ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. एटा सड़क हादसे मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने घायल बच्चों के सही इलाज की मांग की है। मायावती ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि शासन-प्रशासन को स्‍कूली छात्रों की सुरक्षा के मामले में विशेष ध्यान देना चाहिए। बता दें, गुरुवार को हुए इस सड़क हादसे में 25 बच्चों की मौत हो गई। 

वहीं, सीएम अखिलेश यादव ने भी इस सउ़क हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए आदेश दिया है कि सभी घायलों को बेहतर से बेहतर सुविधा मुहैया कराई जाए। हादसे में 30 से अधिक बच्चे घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह हादसा अलीगंज थाना क्षेत्र के असदपुर गांव के समीप हुआ, जब जेएस पब्लिक स्कूल बस की आमने-सामने ट्रक से टक्कर हो गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए। हादसे की वजह घने कोहरे को बताया गया है।

इस बीच एटा के डीएम शम्भुनाथ सिंह ने जेएस पब्लिक स्कूल की मान्यता रद्द करने के आदेश देते हुए मामले में एफआईआर दर्ज कराने को कहा है।

नई दिल्‍ली: माया के खिलाफ अर्जी दाखिल, बसपा की मान्‍यता रद्द करने की मांग

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ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो
नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर धर्म और जाति के आधार पर वोट मांगने पर बैन संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्‍लंघन का आरोप लगाया गया है। याचिका में बसपा की मान्‍यता रद्द करने की मांग की गई है। 

इस मामले में नीरज सक्‍सेना नामक शख्‍स की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। और कहा गया है कि 3 जनवरी को मायावती ने एक प्रेस वार्ता की और चुनाव के लिए कैंडिडेट की लिस्‍ट जारी की जो धर्म और जाति के आधार पर तैयार की गई थी। याचिकाकर्ता ने इससे पहले चुनाव आयोग और इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 

हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था कि चुनाव आयोग नियम के तहत इसका निपटारा करेगा। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है।

महिला के अंग-अंग में भरी है शराब

इस महिला के अंग-अंग में भरी है  शराब
ब्रेक न्यूज डेस्क 
दुनिया अजीबोगरीब चमत्कारों और किस्सों से भरी हुई है. एक ऐसा ही वाकया सामने आया है, जिसे जानकार आप चौंक जाएंगे. आज तक आपने मुहावरा ही सुना होगा. लेकिन हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताते हैं जिसका पूरा शरीर चलता फिरता मयखाना है.

अभी तक माना जाता है शराब अंगूरों और गन्ने से बनाई जाती है या फिर फैक्ट्री में बनती है. लेकिन हाल ही में एक महिला सामने आई  है, जिसके अंग-अंग में शराब भरी हुई है. यह खुलासा इस महिला के मेडिकल रिपोर्ट से हुआ है. 

अमेरिका की इस महिला की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद से उसके परिवार वाले भी हैरान है. हुआ यह कि इस महिला को कार चलते समय रोककर चेकिंग की गई और अल्कोहल टेस्ट में महिला के शरीर में सामान्य से चार गुना अधिक शराब की मात्रा पाई गई. यह खबर सुनकर महिला चौंकी क्योंकि उसने जीवन में कभी शराब छुई तक नहीं थी. उसका चालन कर पुलिस ने मामल कोर्ट में भेज दिया
कोर्ट में महिला ने अपनी दलील रखी तो उसका मेडिकल एक बार फिर हुआ. जांच में जो रिपोर्ट आई वह चौंकाने वाली थी. महिला के शरीर में मौजूद शराब एक बीमारी के करंद मौजूद थी. इस बीमारी का नाम गट फरमेंटेशन सिंड्रोम या ऑटो ब्रूयरी सिंड्रोम है. इसके बाद महिला की जांच 18 रातों तक की गई और इसके बाद उसे बाइज्जत रिहा कर दिया गया. 

भविष्य का इशारा है सपा कांग्रेस का गठबंधन

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ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की औपचारिक घोषणा भले ही बाद में हो मगर सपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने गुरुवार को साफ़ कर दिया है कि यूपी के विधानसभा चुनावो के लिए दोनों पार्टियाँ एक साथ लड़ेंगी और राष्ट्रीय लोकदल अब इस गठबंधन का हिस्सा नहीं होगा. समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने यह साफ़ कर दिया कि पहले भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की ही बात थी और कांग्रेस अगर चाहे तो अपने हिस्से की सीटों में जिसे भी जितना चाहे दे दे. 

सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बाद अब यह लगभग साफ़ है कि सपा करीब 285 सीटो पर लड़ेगी और बाकी सीटों पर कांग्रेस और उसके साथ आने वाली अन्य छोटी पार्टियाँ लड़ेंगी.उम्मीद है कि पीस पार्टी, महानता दल और राष्ट्रीय निषाद पार्टी के साथ जनता दल युनाईटेड भी इस गठबंधन का हिस्सा बनेगी. सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के भी इस गठबंधन में शामिल होने की चर्चा है. 

गठबंधन का स्वरुप लगभग तय है और यह वैसी ही हुआ है जैसा कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर चाहते थे. राहुल गाँधी और अखिलेश यादव के एक साथ आने से निश्चित रूप से भारतीय राजनीति में एक ऐसा नया युवा गठजोड़ उभरेगा जिसकी परख भले ही 2017 में हो मगर यदि यह सफल हुआ तो 2019 की भारतीय राजनीति पर बड़ा असर डालेगा.   

इस गठबंधन की तैयारी तो बीते 2 महीनो से ही चल रही थी और उसके संकेत भी मिले जब अखिलेश यादव ने प्रशांत किशोर से मुलाकात का खुलासा किया और उन्हें एक अच्छा रणनीतिकार बनाते हुए प्रशांत किशोर की तारीफ की थी. बीते तीन दिनों में राष्ट्रीय लोकदल के हठवादी  रवैये से गठबंधन के कुछ अनिश्चितता का माहौल जरूर बन गया था, मगर गुरुवार की सुबह कांग्रेस नेतृत्व ने अजीत सिंह को शाम चार बजे तक अपना फैसला बताने की मोहलत दी थी. अजीत सिंह को 25 सीते देने के लिए कांग्रेस तैयार थी मगर अजीत 35 सीटो की अपनी मांग पर अड़े थे. साथ ही अजीत सिंह का कहना था कि उनके गढ़ बागपत और मथुरा की सारी सीटे भी उनके खाते में आनी चाहिए. जाहिर बात थी कि न तो सपा और न ही कांग्रेस इस मांग को स्वीकार करती.नतीजतन 4 बजते बजते राष्ट्रीय लोक दल के बिना गठबंधन की घोषणा सपा के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कर दी. 

अजीत सिंह की ताकत पश्चिमी यूपी का जाट वोट बैंक है, बीते लोकसभा चुनावो में यह वोट बैंक सांप्रदायिक आधार पर विभाजित हुआ था और अजीत सिंह लोकसभा में अपना खाता भी नहीं खोल सके थे. ध्रुवीकरण इतना जबरदस्त था कि अजीत सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी अपनी अपनी सीटे भी हार गए थे. मगर बीते 2 सालों में जाटो के बीच भाजपा को ले कर नाराजगी भी बढ़ी है. इसका बड़ा कारण हरियाणा में जाट आदोलन को कुचलने के लिए हरियाणा की भाजपा सरकार का बर्बर रवैया रहा. गठबंधन के रणनीतिकारो का मानना था कि यदि अजीत सिंह साथ आते हैं तो निश्चित रूप से वोट प्रातिशत बढेगा मगर यदि वह नहीं भी आते हैं तो वे लोकसभा चुनावो में बढे हुए भाजपा का ही वोट काटेंगे. 
गठबंधन की ओर से अब पश्चिम यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ही लड़ेंगी क्यूंकि बाकी संभावित साझीदारो का इस इलाके में कोई प्रभाव नहीं है. साथ ही पूर्वांचल में कमजोर दिख रही कांग्रेस को मजबूती मिलेगी तो वही अवध में कमजोर मानी जाने वाली समाजवादी पार्टी को इस इलाके में मजबूत रही कांग्रेस का सहारा भी मिलेगा. पीस पार्टी के साथ आने से पूर्वांचल के मुस्लिम मतों का विभाजन भी काफी हद तक रूकेगा और पूरे प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं का भरोसा भी बसपा की जगह इसी गठबंधन पर ज्यादा होगा.

हालाकि पश्चिमी यूपी के अब त्रिकोणीय हो चुके मुकाबले में मायावती ने बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं . मायावती की रणनीति में इस इलाके में मौजूद बड़ी संख्या में जाटव वोटरों के साथ मुस्लिम मतों का जोड़ बनाना है. यह देखना बहुत ही दिलचस्प होगा कि कांग्रेस और सपा गठबंधन बनाम मायावती की लडाई में मुस्लिम वोटर का रुझान किस तरह होता है. वहीँ भाजपा की रणनीति फिर से मोदी मैजिक के साथ वोटो के ध्रुवीकरण पर ही आधारित है. मुजफ्फरनगर दंगो के बाद हुयी राजनीति में मुख्य किरदार के रूप में उभरे संगीत सोम फिर से इस ध्रिविकरण को हवा देने में लगे हुए हैं. भाजपा इस बार के चुनावो में भी कैरान के पलायन और अख़लाक़ बीफ काण्ड को मुद्दा बनाने की तैयारी में है. भाजपा के ये दोनों कार्ड कितने प्रभावी होंगे यह भी देखना दिलचस्प होगा. 

बहरहाल, अगर अखिलेश और राहुल का यह गठबंधन यूपी में कामयाब रहा तो निश्चित रूप से यह आगे भी असर करेगा और 2019 के चुनावो में मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के लिए एक ऐसे ध्रुव का आधार बनेगा जिसमे तेजस्वी यादव के साथ राष्ट्रीय जनता दल और ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस जैसी युवा शक्तिया भी शामिल होंगी. 

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