Wednesday, July 19, 2017

हैवानियत....हाथ जोड़ गिडगिडाई वो पर नहीं माने दरिन्दे

Maharajganj
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
महराजगंज : लड़की का कसूर सिर्फ इतना था कि वह अपनी रजामंदी से ननिहाल के एक लड़के के साथ जंगल में गई थी। यह सोच कर गई थी कि घर लौटते समय जंगल से लकड़ियां बटोर कर लाएगी। पर, तीन मनबढ़ों ने उसके साथ ऐसी हैवानियत की कि मानवता शर्मसार हो गई। दरिंदों के चंगुल में फंसने के बाद लड़की हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाती रही। अपनी अस्मत की दुहाई देती रही, लेकिन हैवान उसके बेबसी का मजाक उड़ाते रहे। उसे बेरहमी से पीटते हुए उन्होंने लड़के साथ अश्लील पोज देने के लिए मजबूर किया और फिर उसका वीडियो बना डाला।
कोल्हुई क्षेत्र का यह मामला मंगलवार को प्रकाश में आने और आईजी की फटकार के बाद मुकामी पुलिस सकते में आ गई। एसपी के सख्त तेवर दिखाने पर पुलिस ने दोनों आरोपितों को हड़बड़ी में गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया लेकिन इस सवाल का जवाब आना बाकी है कि इतनी बड़ी घटना में पुलिस ने समझौता कैसे करा दिया। जिन पुलिस वालों ने वर्दी को कलंकित करते हुए समझौता कराया, उन पर अभी तक कोई कार्रवाई न होना बताता है कि पुलिस की कार्यप्रणाली कैसी है।
अपने साथ हुई हैवानियत और वीडियो वायरल होने से आहत लड़की चाहती है कि दरिंदों को कड़ी सजा दी जाए ताकि फिर कोई मनबढ़ किसी लड़की से ऐसा करने की हिम्मत न कर सके। मंगलवार को कोल्हुई थाने में मीडिया से बातचीत में रोते हुए उसने पूछा कि उसके साथ ऐसा क्यों किया गया? उसका कसूर क्या था? उसने यह भी पूछा कि क्या उसकी भावनओं का कोई मूल्य नहीं है।
लड़की ने बताया कि वह लकड़ी बटोरने के लिए जंगल में गई थी। साथ में ननिहाल का ही एक लड़का सहयोग में गया था। वहां तीन मनबढ़ों ने उसके साथ ऐसी हैवानियत की कि इसे वह ताजिंदगी भूल नहीं पाएगी। उसने पुलिसवालों की भूमिका पर भी सवाल उठाया।
तीनों हैवानों ने जंगल में करीब आधे घंटे तक लड़की को असहनीय यातना दी। उसे पीटते हुए आतंकित किया और अश्लील पोज देने के लिए मजबूर कर दिया। फिर इस घटना का दो वीडियो तैयार किया। बाद में दोनों वीडियो वायरल कर दिया। हैरत की बात है कि सोशल मीडिया पर दस दिन से वायरल इस वीडियो की पुलिस के सोशल मीडिया सेल को भनक भी न लगी। यह तब है जब एसपी हर क्राइम मीटिंग में इस बात की सख्त हिदायत देते हैं कि सोशल मीडिया पर पैनी निगाह रहनी चाहिए। कहीं कोई आपत्तिजनक सामग्री मिले तो उस पर कड़ी कारवाई करें।
जंगल की घटना से आहत लड़की ने खुद को घर में कैद कर लिया था। उसे विश्वास था कि भले ही दरिंदों ने उसका अश्लील वीडियो बनाया है पर वह उसे वायरल नहीं करेंगे। वह घटना को बुरा हादसा मान कर भूलने की कोशिश कर रही थी। घर से बाहर नहीं निकल रही थी। जब वीडियो वायरल हुआ तो उसे फिर गहरा धक्का लगा।
मंगलवार को जब घटना की सूचना मिली, एसपी आरपी सिंह तहसील दिवस में फरियादियों की शिकायतों का निस्तारण कर रहे थे। उन्होंने मनबढ़ों को फौरन गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। देखते ही देखते पुलिस टीम गठित कर दी गई। क्राइम ब्रांच व एसपी की स्पेशल टीम भी सक्रिय हो गई। दोपहर बाद जब अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ला कोल्हुई थाने पर पहुंचे तब तक दोनों दरिंदे गिरफ्तार किए जा चुके थे। लड़की अपनी मां के साथ थाने पहुंच कर आपबीती बता चुकी थी। परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज किया गया।
चार बजे के बाद एसपी आरपी सिंह भी थाने पहुंचे। सिलसिलेवार पुलिस की सभी कार्रवाई की समीक्षा की। मामले की जांच सीओ नौतनवा को सौंप आरोपितों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिए पुख्ता साक्ष्य एकत्र करने का निर्देश दिया। लड़की को महिला पुलिस की अभिरक्षा में ले लिया गया। पुलिस ने लड़की का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद बयान दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस घटना को लेकर लोगों में बढ़ते जनाक्रोश को देखते हुए कोल्हुई पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया गया है।

लापरवाह अफसरों पर सख्त हुआ शासन, 26 जिलों के DM को भेजा नोटिस



टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे में कानून का राज स्थापित करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. इसी क्रम में शासन द्वारा सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को आदेश दिया गया था कि वो जनता की समस्याओं को सुनने के लिए हर रोज सुबह 9 बजे से 11 बजे तक अपने कार्यालय में मौजूद रहेंगे. लेकिन जब शासन द्वारा आकस्मिक कॉल करके जांच की गई तो 26 जिलों के डीएम इस दौरान अनुपस्थित मिले. इसी संबंध में अब शासन द्वारा इन अधिकारियों को नोटिस भेजा गया है और उनसे अनुपस्थिति का कारण बताने को कहा गया है.  शासन द्वारा 17 जुलाई को की गई आकस्मिक कॉल में जो जिलाधिकारी अनुपस्थित मिले थे. उनमें आजमगढ़, बलिया, महाराजगंज, कुशीनगर, मऊ और बलिया के डीएम शामिल हैं. इसके आलावा शाहजहांपुर, लखीमपुर, रायबरेली, कासगंज और मेरठ के डीएम भी शासन द्वारा कॉल किए जाने पर अनुपस्थित मिले थे. वहीँ बिजनौर, मैनपुरी, बुलंदशहर, अलीगढ़ और बुलंदशहर के डीएम को भी नोटिस भेजा गया है. साथ ही शसन ने बाँदा, महोबा, चित्रकूट, हमीरपुर, झांसी, जालौन, बाराबंकी, बदायूं, गोंडा और फतेहपुर के जिलाधिकारी से भी जन सुनवाई के दौरान अनुपस्थित होने का कारण पुछा है.

All

SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौ...