डिजटल टीम ब्रेक न्यूज़
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की कसरत में कोई भी राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के मामले में ऐसा नहीं है जिसका दामन पूरी तरह से पाक-साफ़ हो. सभी राजनीतिक दल अपराधियों को चुनाव लड़वा रहे हैं. किसी का प्रतिशत कम और किसी का ज्यादा हो सकता है लेकिन अपराधियों से मुक्त कोई भी नहीं है. अपराधियों से गलबहियां करने वाले दलों में भारतीय जनता पार्टी पहले नम्बर पर है. उसके प्रत्याशियों में 40 फीसदी अपराधी हैं.
माननीय बनने के लिये जनता की अदालत में हाथ जोड़कर खड़े हुए इन प्रत्याशियों ने बगैर शरमाये हुए अपने अपराधों का खुलासा किया है. हत्या से लेकर बलात्कार तक के मुक़दमो का सामना कर रहे यह प्रत्याशी माननीय बनने को बेकरार हैं. सियासत की मंडी में गज़ब का द्रश्य नज़र आ रहा है. एक पार्टी अगर किसी अपराधी को चुनाव लड़ाने को तैयार नहीं होती तो दूसरी पार्टी उसे गले लगाने के लिये आगे बढ़ जाती है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने माफिया सरगना मुख्तार अंसारी को समाजवादी पार्टी में शामिल करने से इनकार कर दिया तो बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने न सिर्फ मुख्तार अंसारी को बसपा में शामिल किया बल्कि मुख्तार के साथ-साथ उनके भाई और बेटे को टिकट भी दे दिया. मायावती ने तो मुख्तार को अपराधी मानने तक से इनकार कर दिया. मुख्तार की बसपा में इंट्री होते ही भाजपा ने नारा दिया कि गुंडे चढ़ गये हाथी पर, गोली मारेंगे छाती पर. भाजपा के इस नारे को सुनकर लगता है कि भाजपा अपराधियों से दूरी बनाकर रखेगी और उन्हें टिकट नहीं देगी लेकिन भाजपा की सूची में 40 फीसदी अपराधियों को टिकट दिया गया है. यूपी चुनाव में यह प्रतिशत सभी राजनीतिक दलों से ज्यादा है.
विभिन्न राजनीतिक दलों से यूपी चुनाव में मैदान में उतरे 836 उम्मीदवारों में 168 ने खुद पर अपराधिक मामले घोषित किये हैं. यानी यूपी में 20 फीसदी अपराधी चुनाव लड़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रहे 15 उम्मीदवारों पर हत्या और 42 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास के मुक़दमे चल रहे हैं. 5 उम्मीदवारों पर बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के मुक़दमे चल रहे हैं और दो उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर फिरौती वसूलने के लिए अपहरण करने के इलज़ाम हैं.
एसोसियेशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच की रिपोर्ट से यह पता चलता है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के 73 उम्मीदवारों में से 29 अपराधी हैं. बहुजन समाज पार्टी के 73 उम्मीदवारों में से 28 अपराधी हैं. राष्ट्रीय लोकदल के 57 उम्मीदवारों में 19 अपराधी हैं. समाजवादी पार्टी के 51 उम्मीदवारों में से 15 अपराधी हैं. कांग्रेस के 24 उम्मीदवारों में से 6 अपराधी हैं. इनके अलावा 293 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 38 उम्मीदवारों ने खुद पर आपराधिक मुक़दमों की बात स्वीकार की है. यूपी के तीन निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ पर कम से कम तीन ऐसे उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनके ऊपर आपराधिक मामले चल रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के 12 जिले ऐसे हैं जहाँ पर कम से कम 3 ऐसे प्रत्याशी ऐसे हैं जिन पर अपराधिक मुक़दमे चल रहे हैं. आगरा में आपराधिक प्रष्ठभूमि के 22 प्रत्याशी मैदान में हैं. एटा और बागपत में 9 – 9 प्रत्याशियों पर विभिन्न अपराधों के मुक़दमे लंबित हैं.
फिरोजाबाद में 13 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके खिलाफ विभिन्न अपराधों में मुक़दमे चल रहे हैं. गाज़ियाबाद और मुज़फ्फरनगर में चुनाव लड़ रहे 12 – 12 प्रत्याशियों के खिलाफ विभिन्न अपराधों के मुक़दमे चल रहे हैं. बुलंदशहर में विभिन्न राजनीतिक दलों के पांच प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. मेरठ में आपराधिक प्रष्ठभूमि के 11, अलीगढ़ से 7, हापुड़ और कासगंज से 4 – 4 और गौतमबुद्धनगर से आपराधिक प्रष्ठभूमि के 3 प्रत्याशी मैदान में हैं.
एटा की अलीगंज सीट से बसपा के टिकट पर माननीय बनने की राह पर अग्रसर अवध पाल ने अपने नामांकन के समय अपना जो आपराधिक ब्यौरा उपलब्ध कराया है उसके मुताबिक़ उनके खिलाफ विभिन्न अदालतों में 36 मुक़दमे चल रहे हैं. इनके खिलाफ आईपीसी की गंभीर किस्म की 56 धाराएं लगी हैं. अवध पाल के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास से लेकर बलात्कार तक की धाराएँ लगाईं गई हैं. यह धाराएं इनके खिलाफ बार-बार लगी हैं. धोखाधड़ी और साक्ष्य मिटाने के मुक़दमे भी इनके खिलाफ दर्ज हैं.
एटा की अलीगंज सीट से ही महान दल ने राम किशोर को मैदान में उतारा है. राम किशोर भी योग्यता में किसी भी मायने में अवध पाल से कम नहीं हैं. इनके खिलाफ भी विभिन्न अदालतों में 21 मुक़दमे चल रहे हैं. इनके खिलाफ 35 गंभीर धाराएं लगाई गई हैं. राम किशोर के खिलाफ हत्या का प्रयास, मारपीट, जान से मारने की धमकी देना, दंगा भड़काने, असलहों का खुलेआम प्रदर्शन करने और धोखाधड़ी के मुक़दमे चल रहे हैं.
हापुड़ की ढोलना सीट से बहुजन समाज पार्टी के बैनर पर अपनी किस्मत आजमाने उतरे असलम अली के खिलाफ 10 मुक़दमे लंबित हैं. इनके खिलाफ 20 गंभीर धाराएं लगाई गई हैं.
समाजवादी पार्टी ने फिरोजाबाद सीट से अज़ीम भाई को मैदान में उतारा है. इनके खिलाफ 14 मुक़दमे हैं. इन मुक़दमों में 19 गंभीर अपराधों की धाराएं लगाई गई हैं. मेरठ की सरधना सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर अपनी किस्मत आजमाने उतरे अतुल की बात करें तो इनके खिलाफ 20 मुक़दमे दर्ज हैं. हत्या का प्रयास, मारपीट, जान से मारने की धमकी, सरकारी कर्मचारी को उसकी ड्यूटी के दौरान चोट पहुंचाने जैसे तमाम मुक़दमे दर्ज हैं. इनके खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई है.
आगरा से आईएनडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रवीन्द्र सिंह के खिलाफ 11 मुक़दमे दर्ज हैं. मुज़फ्फरनगर की खतौली सीट से राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर किस्मत आज़मा रहे शाहनवाज़ राना के खिलाफ 13 मुक़दमे चल रहे हैं. फिरोजाबाद की टूंडला सीट से बीजेपी से मैदान में उतरे सत्यपाल सिंह बघेल के खिलाफ 7 मुक़दमे दर्ज हैं. फिरोजाबाद सीट से बीजे पी से ही किस्मत आजमा रहे मनीष असीजा के खिलाफ छह मुक़दमे दर्ज हैं.
मुज़फ्फरनगर की खतौली सीट से बीजेपी उम्मीदवार विक्रम सिंह के खिलाफ 6, मेरठ से बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार हाजी मोहम्मद याकूब के खिलाफ 4, कासगंज से राष्ट्रवादी प्रताप सेना के उम्मीदवार कुलदीप कुमार के खिलाफ 7 मुक़दमे, अलीगढ़ से बीजेपी उम्मीदवार संजीव राजा के खिलाफ 5 मुक़दमे, मथुरा की मांट सीट से बीजेपी उम्मीदवार सतीश कुमार शर्मा के खिलाफ 4 मुक़दमे, फिरोजाबाद की सिरसागंज सीट से जन अधिकार मंच के उम्मीदवार पंकज के खिलाफ 3 मुक़दमे, आगरा साउथ से बीजेपी उम्मीदवार योगेन्द्र उपाध्याय के खिलाफ 7 मुक़दमे, एटा से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जुगेन्द्र सिंह यादव के खिलाफ 7 मुक़दमे और आगरा की फतेहपुर सीकरी सीट से राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार बृजेश कुमार के खिलाफ 7 मुक़दमे दर्ज हैं.
गाज़ियाबाद की लोनी सीट से बीजेपी उम्मीदवार नन्द किशोर के खिलाफ 5 मुक़दमे, मुज़फ्फरनगर की चरथावल सीट से अखिल भारतीय विकास कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अरशद मंसूरी के खिलाफ 4 मुक़दमे, एटा की अलीगंज सीट से आईएनडी के टिकट पर मैदान में उतरे राम बृजेश के खिलाफ 4 मुक़दमे, गाज़ियाबाद की मुरादनगर सीट से राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी अजय पाल सिंह के खिलाफ 3 मुक़दमे, मुज़फ्फरनगर की बुढाना सीट से बीजेपी उम्मीदवार उमेश मालिक के खिलाफ 6 मुक़दमे, शामली की थाना भवन सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुरेश कुमार के खिलाफ 4 मुक़दमे, मेरठ कैंट से आईएनडी प्रत्याशी डॉ. नरेश चन्द्र के खिलाफ 4 मुक़दमे, गाज़ियाबाद की मोदीनगर सीट से राष्ट्रीय लोक दल उम्मीदवार सुदेश शर्मा के खिलाफ 3 मुक़दमे और बुलंदशहर से आईएनडी उम्मीदवार मोहम्मद मुस्तकीम के खिलाफ 2 मुक़दमे चल रहे हैं.
मेरठ की सिवालखास सीट से बी एसपी उम्मीदवार नदीम अहमद के खिलाफ मुक़दमा तो एक ही है लेकिन यह मुक़दमा हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट, जान से मारने की धमकी का है. मुज़फ्फरनगर की चरथावल से निर्दलीय प्रत्याशी विशाल कुमार के खिलाफ 6 मुक़दमे, एटा की अलीगंज सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रामेश्वर सिंह के खिलाफ 4 मुक़दमे, आगरा नार्थ से आईएनडी उम्मीदवार कुंदनिका शर्मा के खिलाफ 4 मुक़दमे, फिरोजाबाद की जसराना सीट से बीजेपी उम्मीदवार रामगोपाल के खिलाफ 4 मुक़दमे, अलीगढ़ की अतरौली सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार वीरेश यादव के खिलाफ 3 मुक़दमे, अलीगढ की बरौली सीट से बीजेपी उम्मीदवार दलवीर सिंह के खिलाफ 3 मुक़दमे और फिरोजाबाद सीट से असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम उम्मीदवार एहतेशाम अली बाबर के खिलाफ 2 मुक़दमे दर्ज हैं.






