Saturday, March 16, 2019

संवदेनशील,बाहुबलियों के गढ़ गोंडा में 30 कंपनी पैरामिलेट्री फोर्स चुनावों में मोर्चा संभालेगी


टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो गोंडा व कैसरगंज से जिले के बाहुबलियों का दबदबा रहेगा। बूथ स्तर पर भी दबंगो की हनक होने की आशंका है। ऐसे में लोस चुनाव निष्पक्ष और निर्भीक तरीके से कराने की चुनौती से निपटने की कसरत तेज हो गई है।

30 कंपनी पैरामिलेट्री फोर्स चुनावों में मोर्चा संभालेगी। इसका खाका पुलिस ने खींच लिया है और हर चुनौती से सख्ती से निपटने की तैयारी पूरी कर ली है।
 जिले के दोनो संसदीय सीटों पर मतदान भले ही 6 मई को हो, लेकिन चुनावी सरगर्मियां अभी से तेज हो गई हैं।
नामांकन प्रक्रिया 10 अप्रैल से शुरू होना है, इससे पहले जिले की सीमाओं के साथ ही आंतरिक सुरक्षा की तैयारी प्रशासन ने तेज कर दी है। चुनावी घोषणा के पहले दिन ही जिलाधिकारी डॉ. नितिन बसंल व पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह ने जिले की सियासी स्थिति पर मंथन करने के साथ ही भौगोलिक स्थिति का आकलन किया।इसके बाद जिले की सीमाओं पर बैरियर लगाकर लोगों के प्रवेश की निगरानी बढ़ा दी है। जनपद की गोंडा व कैसरगंज संसदीय सीटों पर अभी सभी दलों के प्रत्याशी तय नही हुए हैं और पार्टियों की ओर से पत्ते भी नहीं खोले गए हैं। सिर्फ सपा ने गोंडा से पूर्व मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह को ही प्रत्याशी घोषित किया है।इसके अलावा गोंडा से भाजपा से सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैय्या और कैसरगंज से भाजपा से बृजभूषण शरण सिंह सांसद हैं। इसके अलावा कई और बड़े विभिन्न दलों से टिकट के जुगाड़ में हैं। वैसे बाहुबलियों के गढ़ में धन और बल के इस्तेमाल की आशंका पहले भी जताई जा रही है।
बीते लोकसभा चुनाव में भी जिला संवदेनशील माना गया था और धन बल के इस्तेमाल पर रोक लगाने के कड़े इंतजाम हुए थे। इस बार भी प्रशासन बाहुबलियों पर निगाहें जमाने की तैयारी में है। 30 कम्पनी पैरामिलेट्री फोर्स के साथ ही पीएसी को चुनावी मोर्चों पर जुटाने की कवायद अभी से शुरु कर दी गई है।एक कंपनी पैरामिलेट्री फोर्स पहुंच गई है और जवानों को लोकसभा क्षेत्र के सभी 17 थानों पर भेज दिया गया है। पैरामिलेट्री फोर्स के जवान चुनावी क्षेत्रों का भ्रमण करके रूट मैप तैयार करने में लगे हैं जिससे हर सूचना पर तत्काल फोर्स पहुंच सके।प्रशासन ने जिले के थानाध्यक्षों और चौकी प्रभारियों को भी चुनावी मोर्चे पर निष्पक्ष रहने की हिदायत दी गई है। पैरामिलेट्री फोर्स के साथ समन्वय करने और हर जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।पूरे जिले में आम मतदाताओं के बीच भयमुक्त माहौल बनाने के लिए पुलिस को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है। रूट मार्च के जरिए आम वोटरों के बीच विश्वास कायम करने और सुरक्षा के मौहाल बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए अभियान भी शुरु हो गया है।हर गांव के सियासी दबंगों की सूची तैयार करने की कवायद शुरु हो गई है। दबंगों को पाबंद करने के साथ ही गुंडा एक्ट समेत प्रभावी कार्रवाई करने की तैयारी हो रही है। हर थाने से सूची मांगी गई है। बूथों से जुड़े गांवों में वोटरों को बेहतर माहौल देने और माहौल खराब करने वालों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं। अभी से ही प्रशासन ने कवायद तेज कर दिया है जिससे की चुनावी मुहिम के समय बाहुबलियों की हर गतिविधियों की निगरानी का अवसर मिला रहे।

बाराबंकी : वन विभाग हुआ वन माफ़ियाओं पर मेहरबान, खुलेआम हो रही कटान


टीम ब्रेक न्यूज़ डेस्क
बाराबंकी : आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे वन माफिया वन विभाग की मिली भगत से वन माफियाओं को पुलिस भी देती है संरक्षण असद्र्र्रा थाना क्षेत्र के पश्चिम बेलाव  के पास में हरी-भरी बाग लकड़ कट्टों ने काट डाला जिसमे काई पेड़ महुआ के कांटे गए जब  बाग के पास वन माफिया द्वारा दिनदहाड़े लगभग 12:15 बजे दिन में पेड़ काटे जा रहे थे जब इस संबंध में वन माफिया कुंवर चंद से पूछा गया कि क्या परमिट वन विभाग के द्वारा बनाया गया है तब वही पर मौजूद वन माफिया कुंवर चंद
ने अपनी गरम जोशी से तेज आवाज में कहा कि मैंने काफी पेड़ों का परमिट बनवाया है इतना ही नहीं वन माफियाओं ने कहा कि चाहे आचार संहिता हो चाहे कुछ भी हो मुझे वन विभाग ने परमिशन बनाकर दे दिया है जब परमिशन रिपोर्ट देखी गई तब उसमें चार ही पेड़ों का परमिट बना था जबकि वन माफिया ने बाग के अंदर जाने  से बार-बार मना करता रहा जब इस संबंध में थाना असंदरा  से बात की गई तब उन्होंने बताया कि यह बात मेरी संज्ञान में नहीं है ।


 जबकि यह बात वन माफियाओं ने बताया कि पुलिस के संज्ञान में पेड़ काटे जा रहे हैं ना की चोरी से नहीं जबकि परमिट का डेट =13=3= 2019 से लेकर  15=3=2019 तक ही था और 16=3=2019 के दिन में पेड काटे जा रहे थे अब बात यह है कि वन विभाग ने आचार संहिता का उल्लंघन  करते हुए वन विभाग ने परमिट बना दिया और हरे पेड़ों पर दिनदहाड़े आरा चलवा दिया इतना ही नहीं यह बात गांव से लेकर गली चक्की चौराहों पर गूंज रहीैं है जबकि महुआ के काफी पुराने पेड़ कूच आने वाला था जिससे महुआ में लगने वाले  फल का भारी नुकसान पहुंचा  जबकि  योगी सरकार का जरा भी डर नहीं आया चुनाव आते ही वन माफियाओं ने अपनी बुलंदी सितारा  जड़ने में सबसे आगे नजर आ रहे हैं अब बात यह आती है कि आखिर वन विभाग ने आचार संहिता का उल्लंघन वन माफियां द्वारा कैसे करवाया गया और किस कानून को देखते हुए परमिट बनाया गया

इलाहाबाद से वाराणसी तक नौका से ‘गंगा-जमुनी तहजीब यात्रा’ निकालेंगी प्रियंका


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के आधार को मजबूत करने और लोकसभा चुनाव में अच्छे नतीजे की कोशिश में जुटीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 18 मार्च से इलाहाबाद से नौका के जरिए ‘गंगा-जमुनी तहजीब यात्रा’ की शुरुआत करेंगी। इसका समापन अगले दिन (19 मार्च को) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला के मुताबिक प्रियंका अपनी दो दिवसीय यात्रा में करीब 140 किलोमीटर का सफर तय करेंगी और इस दौरान विभिन्न स्थानों पर वह कार्यकर्ताओं और समाज के अलग-अलग वर्गों के लोगों से मुलाकात करेंगी।प्रियंका के लिए 19 मार्च की शाम को वाराणसी के मशहूर अस्सी घाट पर एक स्वागत समारोह भी रखा गया है और वह 20 मार्च को दिल्ली रवाना होने से पहले काशी विश्वनाथ के दर्शन भी करेंगी। शुक्ला ने ‘ बताया कि कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी 17 मार्च को लखनऊ पहुंचेंगी और रात में इलाहाबाद जाएंगी।
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में छटनाग से 18 मार्च की सुबह वह ‘गंगा-जमुनी तहजीब यात्रा’ शुरू करेंगी और करीब 40 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर वाराणसी के निकट दमदमा पहुंचेंगी जहां वह एक स्वागत कार्यक्रम में भाग लेने के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाकात करेंगी।
शुक्ला ने बताया कि इसके बाद नौका से ही वह लाक्षागृह जाएंगी जहां 18 मार्च की रात में वह विश्राम करेंगी। अगले दिन यानी 19 मार्च को वह माढहा नामक स्थान पर स्वागत समारोह में शामिल होंगी।उन्होंने बताया कि प्रियंका सीतामढ़ी और रामपुर होते हुए विंध्याचल मंदिर में दर्शन करेंगी। फिर वह चुनार जाएंगी और शीतला माता मंदिर में दर्शन करेंगी। इसके बाद उनका वाराणसी के अस्सी घाट पहुंचने का कार्यक्रम है जहां उनका स्वागत होगा और इसके साथ ही उनकी इस यात्रा का समापन होगा।
प्रियंका 20 मार्च को काशी विश्वनाथ के दर्शन करेंगी और फिर दिल्ली रवाना होंगी।
गौरतलब है कि 23 जनवरी को कांग्रेस की महासचिव-प्रभारी नियुक्त होने के बाद से प्रियंका पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से लगातार मुलाकात कर रही हैं।

लखनऊ : चर्चित फिल्म राम की जन्मभूमि' 29 मार्च को होगी रिलीज


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ : राम जन्मभूमि—बाबरी मस्जिद मामले के समाधान के लिये उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर जारी मध्यस्थता के बीच उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की फिल्म 'राम की जन्मभूमि' 29 मार्च को रिलीज हो रही है।चुनावी मौसम में रिलीज हो रही इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से प्रमाणन मिल चुका है। यह फिल्म राम मंदिर आंदोलन और उससे जुड़ी घटनाओं पर आधारित है। इसके अलावा फिल्म में तीन तलाक और हलाला जैसे विषयों को भी शामिल किया गया है।अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पुरजोर पैरोकारी कर चुके शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने इस फिल्म की कहानी खुद लिखी है और इसका निर्माण भी किया है।रिजवी ने शुक्रवार को  बताया कि उनकी फिल्म 'राम की जन्मभूमि' को सेंसर बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। यह 29 मार्च को सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाएगी।उन्होंने कहा कि यह फिल्म राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले इस्लाम धर्म के ठेकेदारों पर करारा प्रहार करेगी। हम इस फिल्म में वह सब कुछ दिखा रहे हैं, जो एक सभ्य मुस्लिम समाज में नहीं होना चाहिये।रिजवी ने दावा किया कि फिल्म का पहला पोस्टर और टीज़र जारी होने के बाद उन्हें कई धार्मिक संगठनों से कानूनी नोटिस के साथ ही अण्डरवर्ल्ड से फिल्म को प्रदर्शित नहीं करने की धमकियां मिल चुकी हैं। हालांकि तमाम विवादों के बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म को प्रमाणित कर दिया है।इस फिल्म में राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को शामिल किया गया है। फिल्म को अयोध्या के कई महत्वपूर्ण स्थलों पर भी फिल्माया गया है।
यह फिल्म ऐसे समय रिलीज हो रही है, जब उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर नियुक्त मध्यस्थता समिति अयोध्या विवाद के विभिन्न पक्षकारों के साथ बातचीत कर सुलह—समझौते से मामला हल करने की कोशिश कर रही है।
सनोज मिश्रा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मनोज जोशी, गोविंद नामदेव, नाजनीज पाटनी और राजवीर सिंह मुख्य किरदारों में होंगे।

दिल्ली : ईवीएम के निरीक्षण की मांग पर 21 विपक्षी दलों के नेता पहुंचे कोर्ट,याचिका


   
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली : 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल होने वाले ईवीएम और वीवीपीएटी में से 50 फीसदी का औचक निरीक्षण करने की मांग की है। इन दलों का कहना है कि फ्री एंड फेयर चुनाव केलिए ऐसा किया जाना जरूरी है। आंध्र देश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सहित 21 विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा दायर इस याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता नेताओं का कहना है कि ईवीएम और वीवीपीएटी की विश्वसनीयता पर पहले ही सवाल है, लिहाजा फ्री व फेयर चुनाव केलिए कम से कम 50 फीसदी ईवीएम और वीवीपीएटी का औचक निरीक्षण होना चाहिए। याचिका में कहा गया कि लोकसभा चुनाव केपरिणाम घोषित करने से पहले यह औचक निरीक्षण होना चाहिए। याचिकाकर्ता नेताओं का कहना है कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए और इसकेलिए पुख्ता इंतजाम होना चाहिए।

याचिका दायर करने वालों में शरद पवार, केसी वेणुगोपाल, डेरेक ओब्र्र्रान, शरद यादव, अखिलेश यादव, सतीश चंद्र मिश्रा, एमकेस्टालिन, टीके रंगराजन, मनोज कुमार झा, फारुख अब्दुल्ला, एए रेड्डी, कुमार दानिश अली, अजीत सिंह, मोहम्मद बदरूद्दीन अजमल, जीतन राम मांझी, प्रो. अशोक कुमार मिश्र आदि शामिल हैं।

मालूम हो कि गत जनवरी में तमिलनाडु निवासी एमजी देवाश्याम सहित दो अन्य लोगों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर लोकसभा चुनाव से ईवीएम के जरिए होने वाले मतदान के कम से कम 30 फीसदी वोटों का मिलान वोटर वेरिफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल(वीवीपीएटी) से करने की गुहार की गई थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अयोग को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने केलिए कहा था।

वर्चस्व की जंग ने कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन में दूरियां बढ़ाईं


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली ; चुनावी सफर में मजबूत हमसफर मिल जाए तो मंजिल आसान हो जाती है, पर सफर शुरू होने से पहले ही अगर विश्वसनीयता का संकट खड़ा हो जाए तो आगे की राह में कांटे आ सकते हैं। फिलवक्त ऐसा ही हाल गैरभाजपा दलों में बड़े खिलाड़ी बसपा-सपा-रालोद गठबंधन व कांग्रेस के बीच है।

वर्चस्व की जंग में खासकर सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ती नजर आ रही हैं। कांग्रेस की पश्चिमी यूपी के उभरते हुए दलित नेता चंद्रशेखर से बढ़ती नजदीकी ने बसपा को और नाराज कर दिया है। यहीं नहीं, कुछ समय पहले तक कांग्रेस के प्रति नर्मी रखने वाली सपा भी नाराज है। कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में सपा की सिटिंग व परिवार की सीट बदायूं से प्रत्याशी उतार दिया है। बदायूं से मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव सपा से प्रत्याशी हैं। पिछली बार मोदी लहर के बावजूद वह जीत गए थे। कांग्रेस से सपा की नाराजगी की यह भी अहम वजह मानी जा रही है। दरकते रिश्तों से नौबत यहां तक आ गई है कि सपा-बसपा गठबंधन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी सीट, सोनिया गांधी की रायबरेली सीट से प्रत्याशी देने पर विचार कर रहा है।

सपा तो कई चुनावों से रायबरेली, अमेठी सीट छोड़ती रही है तो कांग्रेस ने भी डिंपल यादव के लिए कन्नौज सीट छोड़ी थी। इस पूरे हालात से भाजपा का खुश होना लाजिमी है। वैसे बसपा सुप्रीमो मायावती काफी पहले से ही कांग्रेस से दूरी बनाए हुए थीं और उनकी कांग्रेस के प्रति तमाम मुद्दों पर तल्खी छिपी नहीं थी, पर सपा चाहती थी कि कांग्रेस को भी इसमें शामिल कर भाजपा विरोधी गठजोड़ का दायरा बढ़ाकर और मजबूत किया जाए। ऐसा इसलिए भी जरूरी था क्योंकि विधानसभा चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाथ मिला कर गठजोड़ किया था। .
सपा के साथ फायदा कांग्रेस के साथ नुकसान
बसपा के संस्थापक कांशीराम ने पहला चुनावी गठजोड़ सपा के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव से किया और राम लहर के बावजूद भाजपा को सत्ता में आने से रोक दिया। दो क्षेत्रीय दलों के दलित, पिछड़ा व मुस्लिम वोट बैंक ने भाजपा व कांग्रेस दोनों को कमजोर करना शुरू किया। हालांकि, सपा और बसपा की राहें बाद में जुदा हो गईं, पर दोनों की ताकत बढ़ती गई और कांग्रेस तो लगातार कमजोर होती गई। वर्ष 1993 के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने नर्म रवैया दिखाते हुए सपा के साथ समझौता करने का निर्णय लिया और गठबंधन में रालोद को भी लिया। साथ ही सपा को समझाया कि वह कांग्रेस से दूर ही रहे। .
2017:सपा-कांग्रेस गठबंधन
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी सरकार दोबारा बनाने की गरज से बड़ा कदम उठाते हुए कांग्रेस से दोस्ती का हाथ बढ़ाया। सपा ने कांग्रेस के लिए सौ से कुछ ज्यादा सीटें छोड़ीं, पर दोनों का मिला-जुला वोट बैंक भी कुछ खास नहीं कर पाया। सपा को 47 तो कांग्रेस को सात सीटें ही मिलीं। .
1996: बसपा-कांग्रेस गठबंधन
इस चुनाव में बसपा ने 296 सीटों पर और कांग्रेस ने 126 सीटों पर चुनाव लड़ा और बसपा 67 सीटें जीती तो कांग्रेस 33 सीटें जीत पाई। बसपा ने कहा कि कांग्रेस का वोट उसे ट्रांसफर नहीं हो पाया, जबकि उसका वोट पूरी ईमानदारी से कांग्रेस को चला गया। बहरहाल कुछ समय बाद भाजपा ने बसपा को सहयोग कर उसकी सरकार बनवा दी। इसके बाद बसपा ने कभी कांग्रेस से गठजोड़ नहीं किया।.
1993: सपा-बसपा गठबंधन
425 सीटों में सपा ने 260 व बसपा 164 सीटों पर मिल कर चुनाव लड़ा। गठबंधन से सपा को 109 तो बसपा को 67 सीटें मिलीं, जबकि अकेली लड़ी भाजपा को 177 सीटें मिलीं। सपा-बसपा ने मिलकर सरकार बनाई। इसमें कांग्रेस ने भी बाद में सहयोग दिया। .

चेयरमैन के आवास पर सभासद पुत्र की दबंगई, ईओ को पीटा केस दर्ज


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
बाराबंकी : फतेहपुर चेयरमैन के आवास पर सभासद पुत्र ने ईओ की पिटाई कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने ईओ की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी सभासद पुत्र को गिरफ्तार कर लिया।

मामला नगर पंचायत फतेहपुर का है। यहां पर अधिशाषी अधिकारी (ईओ) के पद पर योगेश प्रताप मिश्र तैनात हैं। गुरुवार को ईओ चेयरमैन रेशमा मशकूर के प्रतिनिधि मोहम्मद मशकूर से मिलने उनके आवास पर गए थे। इसी दौरान ब्राह्मणी टोला वार्ड-दो की सभासद मनोरमा मिश्रा के पुत्र संतोष मिश्र भी पहुंचे। सभासद पुत्र ने ईओ द्वारा दिए गए अनापत्ति प्रमाण-पत्र के वापस लेने का दबाव बनाया गया। इससे ईओ ने इन्कार कर दिया।...


Wednesday, March 13, 2019

प्रेमिका की शादी में अचानक पहुंचा प्रेमी, दुल्हन को मारी गोली, खुद को भी किया शूट


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
रायबरेली। जिले में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। एक प्रेमी अपनी प्रेमिका की शादी में अचानक पहुंच गया। दो साल प्रेम प्रेसंग के बाद प्रेमिका को किसी और युवक की दुल्हन बनी देख आग बबुला हो उठा। मौके पर ही दुल्हन को गोली मार दी। इसके बाद खुद को भी शूट कर लिया। आननफानन में दोनों को जिला अस्पताल रायबरेली ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घाषित कर दिया।
मामला बछरावां थाना क्षेत्र के बछरावा मौरावा मार्ग पर स्थित गजियापुर गांव का है। यहां मंगलवार को पुत्तीलाल के बेटी 22 वर्षीय पुत्री आशा की शादी कुशहरी नवाबगंज उन्नाव से हो रहा थी। इसी बीच प्रेमी बृजेंद्र (25 वर्ष) पुत्र जागेश्वर मौके पर पहुंच गया। प्रेमिका को किसी और की दुल्हन बनी देख आग बबुला हो गया।
जयमाल के बाद ग्रुप फोटो का कार्यक्रम चल रहा था। तभी प्रेमी ने डबल बैरल बंदूक से प्रेमी को गोली मार दी। इसके बाद लोगों को आगाह कराते हुए बंदूक की नाल अपने गले पर रखकर खुद को भी गोली मार ली। आननफानन में दोनों को जिला अस्पताल रायबरेली ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घाषित कर दिया।

Monday, March 11, 2019

बस्ती : एम-3 मशीन की डेमो में बताई गई खूबियां


टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
बस्ती। लोकसभा चुनाव-2019 के मतदान में ऐसी ईवीएम इस्तेमाल की जाएगी, सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारी/डीएम डॉ. राजशेखर ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके ईवीएम और वीवीपीएटी के काम करने के तरीके बताने के साथ ही लाइव डेमो भी कराके दिखाया। जिले में इसके लिए पहले ही 2885 नई कंट्रोल यूनिट (सीयू) और 3900 बैलट यूनिट (बीयू) आ चुकी थी। एम-3 मॉडल की ये मशीनें बंगलूरू के इलेक्ट्रॉनिक कॉरर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड संयंत्र में तैयार हुई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें सेल्फ डायग्नोसिस युक्त सॉफ्टवेयर हैं जो सिस्टम में आई किसी भी गड़बड़ी की पहचान कर तुरंत डिस्प्ले पर मैसेज देने लगेंगे। कंट्रोल और बैलेट यूनिट एक-दूसरे से जुड़े होंगे। अगर बाहर से मशीन में कंट्रोल या बैलेट यूनिट लगाने की कोशिश की गई तो डिजिटल सिग्नेचर का मिलान करेगी। यदि मिस मैच हुआ तो सिस्टम काम करना बंद कर देगा। 

Sunday, March 10, 2019

पांच दिन से गायब अधेड़ की गेहूं के खेत में मिली लाश, हत्या की आशंका


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
गोंडा : विगत 5 मार्च से गायब अधेड़ की लाश गांव से लगभग 500 मीटर की दूरी पर गेहूं के खेत में पड़ी मिली। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा कराकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 
तरबगंज थाना क्षेत्र के कटहा गांव निवासी बंशीधर ने स्थानीय थाने पर दर्ज कराए गए प्राथमिकी में कहा है कि उनके पिता राम वकील तिवारी बीते 5 मार्च को शाम लगभग 5 बजे संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गए थे। 
तभी से परिवारीजन उनकी तलाश कर रहे थे। छह मार्च को राम वकील तिवारी के गुमशुदगी रिपोर्ट भी दर्ज करायी गई। रविवार को गांव से लगभग 500 मीटर की दूरी पर घास काटने गए गांव के कुछ बच्चों ने लाश देखकर शोर मचाया। जिसके बाद ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर जमा हो गई।
परिजनों ने लाश की पहचान राम वकील तिवारी के रूप में की। लाश बुरी तरह सड़ चुकी थी। राम वकील तिवारी के गायब होने की गुमशुदगी भी स्थानीय थाने पर दर्ज थी। 
घटना की सूचना पर क्षेत्राधिकारी कृष्ण चंद्र सिंह और थाना अध्यक्ष संजय कुमार दूबे मौके पर पहुंचे तथा शव को पंचनामा कराकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। क्षेत्राधिकारी कृष्ण चंद्र सिंह ने बताया कि मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। एक महिला पुलिस के रडार पर है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। वंशी धर तिवारी का कहना है कि उनके पिता की हत्या कर शव को गेहूं के खेत में फेंक दिया गया है।

लोकसभा चुनाव का एलानः 7 चरणाों में होगा चुनाव पहला चरण 11 अप्रेल से



टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
देश में लोकसभा चुनाव 7 चरण में होगा। पहले चरण का मतदान 11 अप्रेल, दूसरे का 18 अप्रेल, 23 अप्रेल को तीसरे चरण का, चौथा 29 अप्रेल, 6 मई पांचवां, 12 मई को छठा, 19 मई सातवें चरण का मतदान होगा। मतगणना 23 मई को होगी। लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा रविवार शाम को दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने दी।

चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार 90 करोड मतदाता, 10 लाख मतदान केन्द्रों पर मतदान करेंगे। इस बार 18-19 साल के युवा वोटरों की संख्या करीब डेढ़ करोड़ बढ़ी है। इसके साथ ही सभी मतदान केन्द्रों पर वीवीपीएटी मशीन लगेगी। वीवीपीएटी बंडल की निगरानी जीपीएस से होगी। मतदान करने के बाद सभी को पर्ची मिलेगी। ईवीएम में उम्मीदवारों की तस्वीरें भी होगी। मतदान के 48 घंटे पहले प्रचार बंद हो जाएगा।

इसके साथ ही चुनाव आयुक्त ने बताया कि संवेदनशील बूथ की खास सुरक्षा व्यवस्था होगी। मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी होगी। आचार संहित उल्लंघन के लिए ऐप लॉन्च की है। इस पर शिकायत मिलने के 100 मिनट में कार्रवाई होगी।

बस्ती : चुनावी हलचल तेज विभागों में देर रात तक होता रहा काम


टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
बस्ती : प्रशासनिक अमला चुनावी तैयारियों में जुट गया है। सभी विभागों में देर रात तक कार्य निपटाए जा रहे हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में जिलाधिकारी डा. राजशेखर खुद चुनावी तैयारियों का अनुश्रवण कर रहे हैं। आए दिन मातहत अधिकारियों के साथ उनकी बैठक हो रही है।
निर्वाचन कार्यालय में फार्म 6 की डाटा फीडिग का कार्य देर शाम तक जारी है। वहीं चुनाव ड्यूटी में लगने वाले कर्मचारी भी सूचीबद्ध कर लिए गए है। सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट तैनात किए जा चुके है। कुछ अधिकारियों को कार्मिकों को प्रशिक्षित करने के लिए गोरखपुर में ट्रेनिग भी दिलाया गया है। इस बार सबसे अहम यह है कि दिव्यांग मतदाता सूचीबद्ध किए जा रहे हैं। निर्वाचन कार्यालय में ब्लाकों से प्राप्त दिव्यांगों की सूची को मतदाता सूची से मिलान कर उनकी अलग से फीडिग हो रही है। संभावना जताई जा रही है कि मतदान के दौरान दिव्यांगों को सहूलियत देने के लिए यह कवायद शुरू हुई है। दूसरी ओर विभिन्न विभागों के कंप्यूटर आपरेटर भी चुनाव कार्य के लिए लगाए गए है।

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SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौ...