Saturday, March 26, 2016

महाराजगंज : प्रत्याशी घोषणा पर सपा में विरोध

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
महाराजगंज बांकी रेंज के धवई डाक बंगले पर शनिवार को सपा विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष अमरनाथ उर्फ लल्ला यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। सपा से घोषित प्रत्याशी कृष्णभान सिंह सैंथवार का विरोध जताते हुए सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से प्रत्याशी बदलने की मांग की गई है।

सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष भाई रामलाल ने कहा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह ने ऐसे नेता को टिकट दिया है जो बाहरी है। टिकट मिलने से बूथ से लेकर जिले तक के सभी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। अंकित यादव ने कहा कि अगर पनियरा क्षेत्र का प्रत्याशी नहीं बदला गया तो यह सीट समाजवादी पार्टी के पक्ष में नहीं जाएगी। 

कहा कि जिले की चार और सीटों का नुकसान हो सकता है। जिससे 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा। हम लोगों की मांग है कि समय रहते ही प्रत्याशी कृष्णभान सिंह सैंथवार को बदल दिया जाए तो पार्टी का हित होगा। रामगोपाल यादव ने कहा कि ने ऐसे नेता को प्रत्याशी बना दिया है। जिसे पनियरा के लोग जानते ही नहीं हैं। रहमतुल्लाह, अमीर खां, डॉ. एहसान अहमद फारुखी सहित तमाम नेताओं ने एक स्वर से विरोध किया। चेतावनी दी है कि तीन दिन के भीतर अगर प्रत्याशी नहीं बदला गया तो हम लोग लखनऊ में धरना देंगे।

बाराबंकी : मारपीट में पांच महिलाओं समेत नौ लोग घायल

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
बाराबंकी सुबेहा के सड़वा गांव में पट्टीदारी के चलते आपसी कहासुनी में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। इस घटना में दोनों पक्षों से पांच महिलाओं समेत नौ लोग घायल हो गए। शिकायत पर पुलिस ने सभी घायलों को सीएचसी भेजा जहां से सभी को गंभीर अवस्था में जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है। पुुलिस दोनों पक्षों से मिली तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
शनिवार की सुबह सुबेहा थाने के संड़वा गांव में घर के बाहर बैठी माताफेर की पत्नी सोनापति व पड़ोसी कांशीराम के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई तथा दोनों ने एक-दूसरे को अपशब्द कहे। शोर सुन कर मौके पर पहुंचे दोनाें के परिवारीजनों ने एक-दूसरे पर जम कर लाठियां भांजी।

माताफेर व कांशीराम के परिवार में वर्षों से पट्टीदारी का विवाद चला आ रहा है। मारपीट में सोनापति पत्नी माताफेर, सियाराम की पत्नी शिवरती व पुत्री तारावती, भवानी प्रसाद तथा दूसरे पक्ष से कांशीराम इनकी पत्नी व पुत्री रिंका, ब्याहता पुत्री राजकुमारी व दामाद संजय घायल हो गए।

दोनों पक्षों के घायलों के थाना पहुंचने पर पुलिस ने सभी को सुबेहा पीएचसी भेजा लेकिन कोई चिकित्साकर्मी मौजूद नहीं रहने से सभी को सीएचसी हैदरगढ़ लाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद सभी को गंभीर अवस्था में जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया है।

थानाध्यक्ष विश्वनाथ यादव ने कहा दोनों पक्षों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है चिकित्सीय रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। कहा कि सुबेहा पीएचसी पर डॉक्टर के न रहने पर मारपीट में घायलों के इलाज के लिए पुलिस को परेशानी होती है।

लखनऊ में भीषण आग, दमकल कर्मी आग पर काबू के प्रयास में

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भीषण आग लगी है। शनिवार को गोमतीनगर के पत्रकार पुरम इलाके की सब्जी मंडी में आग लग गई और देखते देखते आग बड़े दायरे में फैल गई। खबर लिखे जाने तक दमकलकर्मी आग बुझाने की कोशिश में लगे थे। जहां आग लगी है उसके अगल बगल में अस्पताल और बैंक भी हैं। इसलिए चार दमकल आग बुझाने में लगी हुई हैं।

लखनऊ में भीषण आग

लखनऊ में भीषण आग, दमकल कर्मी आग पर काबू के प्रयास में

लखनऊ में भीषण आग लगी है। आग एक पुरानी सब्जी मंडी में लगी जिसमे सब्जियों के साथ साथ कपडे और जूतों की भी दुकाने हैं। इस स्थान के अगल बगल दो बड़े अस्पताल और होटल के साथ साथ एक पेट्रोल पम्प भी है। आग ने एक्सिस बैंक की गोमती नगर शाखा को भी अपनी चपेट में ले लिया। आग बुझने के लिए 4 दमकले लगी हुयी हैं .मौके पर भारी तदद में दमकल की गाड़िया और दमकलकर्मी आग पर काबू पाने के प्रयास में जुटे हुए है।

‘कैबरे’ मेरे लिए चुनौतीपूर्ण : ऋचा

आगामी फिल्म ‘कैबरे’ के लिए तैयार अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने कहा कि फिल्म का किरदार न केवल उनके लिए ही चुनौतीपूर्ण रहा, बल्कि अभिनेता गुल्शन देवैया और क्रिकेटर से अभिनेता बने एस.श्रीसंत के लिए भी कठिन रहा। श्रीसंत इस फिल्म के साथ अभिनय की दुनिया में कदम रख रहे हैं। फिल्म के बारे में ऋचा ने कहा, “यह मेरे, गुलशन और श्रीसंत सहित फिल्म के सभी कलाकारों के लिए चुनौतीपूर्ण भूमिका है। हमें उम्मीद है कि लोग इस फिल्म को पसंद करेंगे।”फिल्म ‘मसान’ के लिए प्रशंसा हासिल कर चुकीं ऋचा इसमें छोटे शहर की डांसर का किरदार निभा रही हैं, जिसके सपने बड़े हैं।
ऋचा ने कौस्तव नारायण नियोगी द्वारा निर्देशित फिल्म का फर्स्ट लुक साझा किया। उन्होंने बताया कि इस आगामी फिल्म का टीजर पोस्टर निर्माता पूजा भट्ट ने डिजाइन किया है।
उन्होंने कहा, “मैं टीजर पोस्टर को मिली प्रतिक्रिया से खुश हूं। कुछ ही लोग जानते हैं कि इसे हमारी निर्माता खुद पूजा भट्ट ने डिजाइन किया है।”
पूजा भट्ट ने भी ‘कैबरे’ का फर्स्ट लुक साझा किया, जिसमें ऋचा अलग अंदाज में नजर आ रही हैं। (बीएनएस)

घोटाला खुला तो अफसर ने सीडीओ को धमकाया

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
बुलंदशहर में कृषि विभाग के बदनाम उप-निदेशक एलबी यादव ने शनिवार को सरेआम सीडीओ को अपनी दबंगई दिखाई है. अपने घोटाले की पोल खुलने से भड़के एलबी यादव ने सीडीओ पर धौंस जमाते हुए उनसे अभद्रता की और मुख्यमंत्री से उनकी शिकायत करने की धमकी दे डाली.
दरअसल, कृषि उप-निदेशक एलबी यादव और उनके मातहत अधिकारी पिछले कई महीनों से किसानों को कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी डकार रहे है. सीडीओ ने अपने छापे में सरकारी गोदामों में बिक रही प्राइवेट कंपनियों की स्प्रे मशीनें पकड़ी है.
खुद को मुख्यमंत्री का रिश्तेदार बताने वाले एलबी यादव पर आरोप है कि उन्होने सैकड़ो किसानों को स्प्रे मशीन की खरीद में मिलने वाली पचास फीसदी सब्सिडी डकार ली और प्राइवेट कंपनी की घटिया मशीनें अपने सरकारी गोदाम से किसानों को सप्लाई कर दी.
किसानों की तमाम शिकायतों के बाद जब आज बुलंदशहर के सीडीओ सीआर पटेल कृषि रक्षा इकाई के गोदाम का मुआयना करने पहुंचे तो वहां सीडीओ के छापे की सूचना पर पहुंचे उप निदेशक कृषि एलबी यादव उन्हें देखकर भड़क गये. उन्होने सीडीओ की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए उनसे अभद्रता की और उन्हें यादव होने की धौंस दिखाकर उनकी शिकायत मुख्यमंत्री और डीएम से करने की धमकी दे डाली.
उप निदेशक ने आक्रोशित होते हुए गोदाम नही खुलने दिया. जबकि उस गोदाम में किसानों को अवैध रूप से बेची जा रही सैकड़ो स्प्रे मशीनें रखी थी. गोदाम की चौकीदार ने बताया कि प्राइवेट कंपनी कि स्प्रे मशीनें गोदाम के अंदर रखी गई है जो शासनादेश के मुताबिक गलत है. सीडीओ ने कृषि विभाग की एक और इकाई में छापा मारा तो वहां ऐसी ही 30 मशीनें रखी हुई मिली. कृषि रक्षा इकाई के प्रभारी राकेश कुमार ने तो स्वीकार किया कि गलत तरीके से प्राइवेट कंपनियों की मशीनें गोदामों से बेची जा रही है.
बता दें एलबी यादव की गिनती कृषि विभाग के बदनाम अफसरों में होती है. बुलंदशहर में तैनाती से पहले वह रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जा चुके हैं और उन्होने जेल भी काटी है. इसके अलावा कृषि यंत्रों की सब्सिडी में किसानों का हक डकारने का एक घोटाला भी पहले से उनके नाम दर्ज है.

यूपी : के स्कूलों में मिड-डे मील में दूध के साथ फल भी

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों के बच्चों को अगले वित्तीय वर्ष से प्रत्येक सोमवार को मिड-डे मील के साथ ताजे व मौसमी फल बांटने का इरादा है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने इस बारे में शासन को प्रस्ताव भेजा है। बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव और फल वितरण की गाइडलाइंस को मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेजा है।
अखिलेश सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष का बजट पेश करते हुए परिषदीय स्कूलों, अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से संबद्ध प्राइमरी स्कूलों, अनुदानित जूनियर हाईस्कूलों और मदरसों के छात्रों को मिड-डे मील के साथ हफ्ते में एक दिन ताजे मौसमी फल उपलब्ध कराने के लिए समाजवादी पौष्टिक आहार योजना का एलान किया था। योजना के लिए बजट में 200 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने स्कूलों में बच्चों को हर सोमवार को फल बांटने का प्रस्ताव शासन को भेजते हुए यह तर्क दिया है कि ऐसा करने से इतवार की छुट्टी के बाद सोमवार को जब स्कूल खुलें तो अधिक संख्या में बच्चे विद्यालय आएं.

भाजपा नेता ने महिला कार्यकर्ता के साथ की अश्लील हरकत, पार्टी ने निकाला

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
भाजपा नेता गणेश पांडेय पर महिला कार्यकर्ता के साथ छेड़खानी और अश्‍लील हरकत करने के गंभीर आरोप लगे हैं. महिला कार्यकर्ता की शिकायत के बाद पार्टी ने आरोपी नेता से इस्‍तीफा ले लिया है. आरोपी नेता भाजपा मुंबई युवा मोर्चा का अध्यक्ष था.
अंग्रेजी वेबसाइट डीएनए के मुताबिक चार मार्च को उत्‍तर प्रदेश के मथुरा में हुई भाजपा कार्यकारिणी की बैठक के दौरान महिला कार्यकर्ता के साथ अश्‍लील हरकत हुई थी. आरोप है कि महिला कार्यकर्ता कार्यकारिणी में परफॉर्मेंस के लिए रिहर्सल कर रही थी, तभी भाजपा नेता गणेश पांडेय ने उसे अपने कमरे में बुलाया.
कमरे में पांडेय कुछ लोगों के साथ बैठकर शराब पी रहा था. यहीं पर पांडेय ने महिला कार्यकर्ता से अभद्र सवाल पूछे. पांडेय ने कथित रूप से महिला पर गंदी फब्तियां भी कसीं और जब वह जाने की कोशिश करने लगीं तो उनका हाथ पकड़कर रोकने की कोशिश की.’
महिला कार्यकर्ता ने जब इसकी शिकायत पार्टी में की तो आरोपी गणेश पांडेय से इस्‍तीफा मांग लिया गया. साथ ही शहर की युवा मोर्चा यूनिट को भंग कर दिया गया है.
आरोपी पांडे ने खुद पर लगे आरोपों को राजनीतिक साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा सौंपकर एक विस्तृत जांच की मांग की है. अगर मैं दोषी नहीं पाया गया तो संबंधित महिला पर कड़ी कार्रवाई की जाए.
पीड़ित के पत्र के मुताबिक, रिपोर्ट कहती है कि पांडेय और उनके दोस्तों ने महिला का कथित रूप से उनके कमरे तक पीछा किया और जब वह कमरे में नहीं घुस पाए तो दरवाजे पर जोर जोर से दस्तक भी दी.
पांडेय ने अपने साथियों के साथ कथित रूप से दरवाजे पर पॉर्न वीडियो भी चलाया वह भी तेज आवाज में. पत्र में महिला ने लिखा है कि पांडेय ने उन्हें धमकाया कि वह उन्हें छुएंगे. वह परवाह नहीं करते अगर बाद में उनपर केस भी कर दिया जाए.

सीतापुर: दो सीटों पर प्रत्याशियों के नाम नहीं आने पर चर्चाओं का बाजार गरम

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
सीतापुर जिले की दो सीटों पर प्रत्याशियों के नाम नहीं आने पर चर्चाओं का बाजार गरम है। वहीं, इस लिस्ट में सीतापुर के किसी भी सिटिंग एमएलए का नाम ना होना अचम्भित करने जैसा लग रहा है।
समाजवादी पार्टी की प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में लहरपुर से पूर्व विधायक अनिल वर्मा और हरगांव सीट से सपा से मनोज राजवंशी को चुना गया है। वहीं, इस लिस्ट में बिसवां, महोली, सीतापुर, सिधौली, महमूदाबाद, मिश्रित और सेउता सीट से सिटिंग सपा विधायक का नाम ना फ़ाइनल होने से पार्टी कार्यकर्त्ता सहित हर कोई चर्चा कर रहा है कि लिस्ट में विधायकों का नाम न आना कहीं पूर्व में सपा विधायकों द्वारा बगावत करना भारी तो नहीं साबित होगा ?
क्यों कट सकता है सपा विधायकों का टिकट ?
पार्टी कार्यालय द्वारा जो लिस्ट जारी की गई उसमें किसी भी सिटिंग एमएलए का नाम न होना, हैरान कर देने वाली है। विदित हो की पंचायत चुनाव में सपा प्रत्याशी सीमा गुप्ता के विरोध में बिसवां विधायक रामपाल यादव के पुत्र जीतेन्द्र यादव ने चुनाव के लिए नामांकन कर पार्टी के अन्य विधायकों और जिलाध्यक्ष की मदद से उक्त चुनाव में निर्दलीय जीत दर्ज की थी। उस वक़्त जिले के 5 सपा विधायकों ने और जिलाध्यक्ष ने पार्टी फैसले के खिलाफ बगावत का झंडा फहराया था। जिसके बाद विधायक रामपाल यादव के लखनऊ से लेकर उनकी विधानसभा में फैले कारोबार पर जिला प्रशासन ने छापेमारी भी की थी। पार्टी मुखिया द्वारा पार्टी के 5 विधायकों रामपाल यादव, राधेश्याम जायसवाल, महेंद्र सिंह झीन, मनीष रावत और अनूप गुप्ता और जिलाध्यक्ष शमीम कौसर सिद्दीकी को पार्टी से निलंबित कर पार्टी इकाई को भंग कर दिया था।
वहीं, कुछ दिनों बाद पार्टी ने एमएलसी पद के प्रत्याशी आनंद भदौरिया और जिलाध्यक्ष छत्रपाल यादव को बनाया गया था और एमएलसी चुनाव में आनंद भदौरिया द्वारा 5 कालिदास मार्ग लखनऊ में इन सभी निलंबित विधायकों की वापसी करायी गयी थी। वहीं, मौजूदा वक़्त में पार्टी द्वारा जो लिस्ट जारी की गयी है उसमें सीतापुर से किसी सिटिंग एमएलए का नाम ना होना साफ इशारा कर रहा है कि पार्टी से बीते वक़्त में बगावत करने वाले इन विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं।
किसके इशारे पर तय हो रहे सपा में टिकट ?
सपा के टिकेट फ़ाइनल करने में किसका लीड रोल है यह चर्चा जोरों पर है। सूत्रों की माने तो जिले की सपाइयों में यह चर्चा है कि 2017 के चुनाव में प्रत्याशियों के टिकट में एमएलसी आनंद भदौरिया और जिलाध्यक्ष छत्रपाल यादव की अहम् भूमिका होगी। क्योंकि समाजवादी पार्टी 2017 चुनाव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कराये गए प्रदेश में विकास के मुद्दे पर चुनाव मैदान में पूरी तैयारी के साथ उतरेगी। वहीं, सर्व विदित है कि सीतापुर एमएलसी आनंद भदौरिया मुख्यमंत्री अखिलेश के सबसे करीबी लोगों में कहे जाते हैं। 

कानपुर : नशीला पदार्थ पिलाकर छात्रा से किया गैंगरेप

 ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
उत्तर प्रदेश में जहां सब लोग होली खेलने में व्यस्त थेतो वहीं कानपुर में एक छात्रा को कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिला कर उसके साथ आधा दर्जन लोगों ने गैंगरेप कर डाला। आरोपी छात्रा को सड़क से खींचकर कमरे में घसीटकर ले गए। आरोपी छात्रा को बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने तीन बलात्कारियों को दबोच लिया है।

कानपुर में गैंगरेप

कानपुर में गैंगरेप से मचा हड़कंप

काकादेव क्षेत्र के कच्ची मड़ैया में एक फल विक्रेता की बेटी कक्षा दस की छात्रा है। शुक्रवार रात वह किसी काम से घर से निकली थी। तभी उसके ठीक बगल में रहने वाले गोलू और उसके साथियों ने छात्रा का जबरन मुंह दबाकर उसे कमरे में घसीट ले गए। वहां उसके मुंह में जबरन नशीला कोल्ड ड्रिंक उड़ेल दिया। जिसके बाद छात्रा बेहोश हो गई। इसके बाद सभी ने उसके साथ रेप को अंजाम दिया। इसके बाद उसे बेहोशी की हालत में छोड़कर मौके से भाग निकले।
पुलिस ने कराया मेडिकल
काफी देर तक छात्रा के घर न लौटने पर घर वालों ने उसे ढूंढना शुरू किया। छात्रा के मोबाइल पर कॉल की तो उन्हें बगल के कमरे से घंटी सुनाई पड़ी। जब सब वहां पहुंचे तो वहां छात्रा बेहोशी की हालत में मिली। परिजनों ने इसकी सुचना पुलिस को दी। पुलिस ने पहुंचकर छात्रा का मेडिकल कराया। छात्रा ने आरोपियों समेत तीन अन्य के खिलाफ पुलिस को जानकारी दी है।

यूपी : 2017 के लिए जातीय रसायन शास्त्र की खोज में कांग्रेस

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
यूपी सूबे के दो इलाकाई दलों समाजवादी पार्टी और बसपा ने मिशन 2017 के लिए अपने पत्ते  खोलने शुरू कर दिए हैं तो वहीँ दोनों राष्ट्रीय दल कांग्रेस congress logoऔर भाजपा अभी भी अपनी रणनीतियों और चेहरे को ले कर उलझी हुयी है.
सपा ने प्रत्याशियों की पहली सूची शुक्रवार को जारी कर दी और बसपा भी इस मामले में हमेशा ही आगे रहती है. मगर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अभी अपने नई प्रदेश कार्यकारिणी का फैसला नहीं कर पाया है. इन सबके बीच लम्बे समय से सूबे की सियासत में पड़ी कांग्रेस अभी जमीनी जानकारियाँ इकठ्ठा करने में ही लगी है.
आम तौर पर जाति और सांप्रदायिक राजनीती न करने का दावा करने वाली कांग्रेस इस बार जाति समीकरणों को साधने की कवायद में है. कांग्रेस इसके लिए जातिवार आंकड़े इकठ्ठा कर रही है.प्रदेश नेतृत्व ने सभी जिलाध्यक्षों को एक प्रेफर्मा भेज कर ये आंकड़े मंगवाए हैं.
लोकसभा चुनावों में बुरी तरह शिकस्त खा चुकी कांग्रेस फिलवक्त यूपी में चौथे नंबर की पार्टी है. 2017 के चुनावों में वह अपनी वापसी के लिए कोशिशे कर रही है. कांग्रेस के पास उसके सबसे बुरे समय में भी लगभग साढ़े आठ प्रतिशत वोट रहा है. मगर यूपी की सियासत में गंभीर दिखाई देने के लिए भी उसे कम से कम 15 प्रतिशत वोट चाहिए, ऐसे में कांग्रेस के रणनीतिकार जाति समीकरणों को सुलझाने में लगे हैं .
यूपी की सियासत बीते 25 सालों से जाति गणित में उलझी हुयी है. बसपा दलित ब्राह्मण मुस्लिम वोटो के रसायन शास्त्र को बनाने में लगी है तो वहीँ सपा की पहली सूची ने बता दिया है कि उसका पुराना समीकरण मुस्लिम,यादव,राजपूत ही भरोसेमंद रहेगा. भाजपा भी संघ के जरिये दलितों में घुसपैठ बनाने का प्रयास कर रही है और साथ ही उसकी निगाह पिछड़े जाति कुर्मी और लोध पर लगी हुयी है. ऐसे में कांग्रेस के पास बहुत विकल्प नहीं बचते हैं. लुंज पुंज पड़े संगठन को चुस्त बनाना भी कांग्रेस नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती है.
बीते दिनों कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने संकेत दिए थे कि कांग्रेस को अपने पारंपरिक ब्राह्मण वोटो को जोड़ने के लिए प्रयास करने चाहिए. मगर कांग्रेस की मजबूरी यही है कि ब्राह्मण, दलित,मुस्लिम, का कम्बीनेशन अब मायावती ने अपने कब्जे में रख लिया है और इन वोटो पर उसकी पकड़ ढीली होती नहीं दिखाई दे रही है.
हालाकि कांग्रेस के रणनीतिकार इस बार उत्तर प्रदेश के चुनाव को बड़ी गंभीरता से ले रहे हैं. इस सिलसिले में मुद्दे तलाशने का काम प्रशांत किशोर की टीम को दे दिया गया है. प्रशांत की टीम सोशल मीडिया पर भी काम करना शुरू करेगी और इसके जरिये वह केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना लगाएगी.
कांग्रेस जिलाध्यक्षों को 31 मार्च तक जो प्रपत्र भर के भेजना है उसमें सबसे महत्वपूर्ण है विधानसभा वार जातीय आंकड़ों की जानकारी. इसलिए यह माना जा रहा है कि कांग्रेस इस बार टिकट वितरण में जातीय गणित को ध्यान  में रखेगी.
इसके अलावा कार्यकर्ताओं से यह भी जानकारी मांगी गयी है कि किस नेता का प्रभाव उनके क्षेत्र में ज्यादा है और चुनावों के दौरान कौन कौन चेहरे प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहनेवाले उम्मीदवारों के नाम भी मांगे गए हैं

यूपी : सीएम को लग सकता है झटका, नवंबर में होंगे इलेक्शन

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ । मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जल्द ही बड़ा झटका मिलने जा रहा है। वह लखनऊ में मेट्रो ट्रेन को दिसंबर में हरी झंडी दिखाने वाले थे, लेकिन भाजपा की माने तो अक्टूबर में ही चुनाव होंगे इसकी वजह से मुख्यमंत्री का यह सपना पूरा नहीं होगा। यही नहीं जल्द चुनाव करवाए जाने से छह महीने पहले ही योजनाओं को उद्घाटन नहीं किया जा सकेगा। भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी की माने, तो चुनाव इसी साल और अक्टूबर-नवंबर के आसपास ही होंगे।
मेरठ में बाजपेयी ने कहा कि नए साल में प्रदेश में नई सरकार होगी और सरकार के गठन के लिए मुख्य मुकाबला भाजपा और बसपा के बीच होगा, जबकि सपा मुख्य लड़ाई में भी नहीं आ सकेगी।
अपने आवास पर आयोजित होली मिलन समारोह में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर यह बड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चुनावी गतिविधियां और तैयारियां प्रारम्भ हो चुकी हैं और यह चुनाव अब शीघ्र होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि संभवत: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अक्तूबर-नवंबर माह में हो जाएंगे और इस चुनाव में प्रदेश की जनता बड़ा फैसला सुनाएगी।
प्रदेश में अगली सरकार किस की होगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार किसकी बनेगी यह कहना अभी जल्दबाजी है, लेकिन यह तय है कि मुख्य मुकाबला भाजपा और बसपा के बीच ही होना है और सबसे अधिक सीटों पर इन्हीं दोनों दलों के प्रत्याशी जीतेंगे। प्रदेश में वर्तमान में सत्ता पर काबिज सपा को जनता नकार देगी और सपा के तमाम प्रयासों के बावजूद भी वह 80 से अधिक सीटों पर जीत हासिल नहीं कर सकेंगे।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग अंतिम छह महीनों में कभी भी चुनाव की घोषणा कर सकता है। यदि अक्टूबर और दिसंबर के बीच यूपी में चुनाव होते हैं, तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीब चार दर्जन परियोजनाओं पर गंभीर असर पड़ेगा। इससे न केवल लखनऊ में मेट्रो रेल दौड़ाने को लेकर रोक लग जाएगी, बल्कि ट्रांसगंगा और चेक गंजरिया समेत कई प्रोजेक्ट खटाई में पड़ जाएंगे।

भाजपा-बसपा को मिल सकता है सरकार को घेरने का मौका
यदि चुनाव पहले होते हैं और मुख्यमंत्री के कई प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो पाएंगे, तो भारतीय जनता पार्टी को मौका मिलेगा कि वह सरकार को घेरे और मुख्यमंत्री की कार्यों को लेकर सवाल खड़ा करे। यूपी सरकार के लिए ऐसे समय में बचाव करना काफी मुश्किल होगा। बसपा भी यूपी सरकार को इन आरोपों के साथ घेरेगी कि सरकार के सैकड़ों प्रोजेक्ट घोटाले की भेंट चढ़ गए।

Thursday, March 24, 2016

आजमगढ़ : एसओ निलंबित डीएम ने संभाली कमान

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
आजमगढ. फरीदाबाद दंगे के नियंत्रण की कमान डीएम ने संभाली तो बात बन गयी। दोनों पक्ष कुछ शर्तों के साथ मामला शांत करने पर राजी हो गये। अब इस मामले की मजिस्ट्रेटियल जांच होगी साथ ही एसओ को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही अगली बार होली के पर्व पर यहां पहले से ही फोर्स की तैनाती की जायेगी ताकि फिर किसी तरह का विवाद न हो। वैसे मौके पर अब भी तनाव दिख रहा है फोर्स के साथ ही आलाधिकारी डटे हुए है।
बता दें कि निजामाबाद थाना क्षेत्र के फरीदाबाद में नकाबपोश महिलाओं पर रंग डालने को लेकर विवाद शुरू हुआ था जो बाद में हिंसक रूप ले लिया। करीब तीन घंटे तक हुए पथराव में दो दर्जन लोग घायल हुए। दंगे की आग फरिहा कस्बे तक पहुंच गयी थी। यहां भी लोगों ने सड़क जाम कर एक पुलिस वाहन का शीशा तोड़ दिया। सब मिलाकर हालात पूरी तरह बेकाबू था। पुलिस अधिक्षक से लगायत जिले के सारे आलाधिकारी मौके पर थे आधा दर्जन थानों की फोर्स के साथ ही पीएसी स्थिति को संभालने में लगी थी लेकिन पथराव बंद होने का नाम नहीं ले रहा था।
अपराह्न करीब 1.30 बजे जिलाधिकारी सुहास एलवाई मौके पर पहुंचे इसके बाद डीएम और एसपी ने किसी तरह दोनों पक्षों के कुछ लोगों को बातचीत के लिए राजी किया। इसके बाद आधे घंटे तक बातचीत चली। एसपी ने थानाध्यक्ष निजामाबाद सुरेश चंद यादव को लाइन हाजिर करने का आश्वासन दिया लेकिन लोग नहीं माने इसके बाद डीएम ने एसओ को निलंबित करने के साथ ही फरिहां चौकी इंचार्ज बृजेश कुमार मौर्य और सिपाही अशोक यादव के खिलाफ कार्रवाई तथा मामले की मजिस्ट्रटियल जांच का आश्वासन देकर मामला शांत कराया।
साथ ही लोगों को यह भी आश्वस्त किया कि अगली बार से होली पर्व पर फरीदाबाद में पहले से फोर्स तैनात कर दी जायेगी। वैसे इतने के बाद भी दोनों पक्षों से कुछ लोग नारेबाजी करते रहे लेकिन अपराह्न 1.45 बजे मामला पूरी तरह शांत हो गया। दोनों पक्ष के लोग लौट गये। यातायात व्यवस्था भी सामान्य हो गयी। डीएम, एसपी, एडीएम आदि मौके पर डटे है। क्षेत्र में पीएसी तैनात कर दी गयी है। पुलिस अधीक्षक दयानंद मिश्र ने बताया कि थानाध्यक्ष को निलम्बित कर दिया गया है। अन्य किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी है। रहा सवाल कार्रवाई का तो दोनों पक्षों के अलावा पुलिस के कुछ लोग घायल हुए हैं। मेडिकल के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की जायेगी।चार सेक्टर में बांटा गया क्षेत्र
आजमगढ़। तनाव को देखते हुए दंगा क्षेत्र को चार सेक्टर फरिहां, खोदादादपुर, फरीदाबाद व छाऊं मोड़ में बांटा गया है। इन स्थानों पर डेढ़ सेक्शन पीएसी, चार एसओ व दो सीओ तैनात किये गये हैं। फरिहां एक सेक्शन पीएसी को रिजर्व रखा गया है।
आयुक्त व डीआईजी ने लिया जायजा
आजमगढ़। घटना की जानकारी मिलने पर दोपहर बाद मंडलायुक्त व डीआईजी फरीदाबाद पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने स्थलीय निरीक्षण कर घटना की जानकारी ली। लोगों से शांति व्यवस्था कायम करने की अपील की।
पुलिस पर उठ रही उंगली
आजमगढ़। स्थानीय लोग दंगे के लिए चौकी के एक सिपाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। एक पक्ष का आरोप है कि उक्त सिपाही ने लोगों को उकसाया था। उक्त सिपाही की शिकायत एसपी से भी की गयी थी।
बाल-बाल बचे विधायक
आजमगढ़। घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे निजामाबाद विधायक आलमबदी को विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने विधायक वापस जाओ के नारे लगाये। एक व्यक्ति ने हमले का प्रयास भी किया। 

इलाहाबाद : होली पर कई गुटों में झड़प, चले ईंट-पत्थर

 ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
इलाहाबाद में उल्लास और एकता के परिचायक होली पर्व पर भी इलाहाबाद मंडल में हिंसात्मक घटनाएं घट गईं। इलाहाबाद चौक स्थित लोकनाथ इलाके में बुधवार को होली में नृत्य के दौरान युवकों में मारपीट हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और डीजे को बंद कराया। साथ ही हंगामा कर रहे लोगों को भगाया। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए चौक इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वहीं झूंसी के बंधवा ताहिरपुर में नशे की झोंक में बुधवार को दो गुट भिड़ गए। इस दौरान जमकर ईंट-पत्थर चले। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। वहीं गुरुवार को कौशाम्बी जिले के पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के मलाक मोइद्दीनुपर गांव में होली खेलने के बहाने लड़के एक घर में घुस गए और लड़की के साथ छेडख़ानी की। इस दौरान जमकर मारपीट हुई और घंटों पथराव हुआ। जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को किसी तरह काबू में किया। चार लोगों को हिरासत में लिया गया है।

बाराबंकी-देवा शरीफ में खेली गई भव्य होली

बाराबंकी. आज काशी में होली थी, मथुरा में और ब्रज में भी और आपके गांव और शहर में भी, लेकिन मालूम नहीं आपको जानकारी है या नहीं कि यूपी के बाराबंकी ज़िले में सूफी फ़क़ीर हाजी वारिस अली शाह की दरगाह इकलौती ऐसी दरगाह है जहाँ हर साल होली के दिन ही होली खेली जाती है और इस होली के रंग में साराबोर होने के लिए देश भर से हाजी बाबा के मुरीद देवा शरीफ आते हैं। ये होली यहां कब से होती आई है ये सही.सही किसी को नहीं मालूम, लेकिन इसमें शिरकत करने मुल्क के तमाम हिस्सों से तमाम मज़हबों के लोग आते हैं। आपको बता दें कि हाजी वारिस अली शाह का रिश्ता पैगम्बर मोहम्मद साहब के खानदान से माना जाता हैगंगा जमुनी तहज़ीब की ज़िंदा तस्वीर है ये दरगाह
होली के मौके पर सफ़ेद रंग की दरगाह के आंगन में हर तरफ रंग उड़ रहे थे, लाल, पीले, हरे, गुलाबी और सूफी फ़क़ीर उन रंगों में रंगे हुए थे। यह सूखे रंगों से होली खेलते हैं। दरगाह के चारों तरफ रक़्स करते हुए गुलाल उड़ाते हैं। दरगाह पर रहने वाले सूफी फ़क़ीर गनी शाह वारसी कहते हैं, सरकार ने फरमान था कि मोहब्बत में हर धर्म एक है। उन्हीं सरकार ने ही यहां होली खेलने की रवायत शुरू की थी। सरकार खुद होली खेलते थे और उनके सैकड़ों मुरीद जिनके मज़हब अलग थे, जिनकी जुबानें जुदा थीं वे उनके साथ यहां होली खेलने आते थे।
रंगो का नही है कोई मज़हब ये तो खुशियों की पहचान है
रंगों का तो कोई मज़हब नहीं होता है। सदियों से रंगों की कशिश हर किसी को अपनी तरफ खींचती रही है। तारीख में वाजिद अली शाह, ज़िल्लेइलाही अकबर और जहांगीर के होली खेलने के तमाम ज़िक्र मिलते हैं। नवाब आसफ़ुद्दौला दसवीं मुहर्रम को ताज़िया दफन कर लखनऊ में तालकटोरा की कर्बला से वापस आ रहे थे, इत्तेफ़ाक़ से उसी दिन होली थी और चौक में रियाया रंग खेल रही थी। लोग बादशाह की तरफ रंग लेकर बढ़े तो उन्होंने मुहर्रम के दिन भी रंग खेल लिया ताकि रियाया को यह ग़लतफ़हमी न हो जाए कि नवाब का मज़हब दूसरा है इसलिए वह रंग नहीं खेल रहे हैं। वाजिद अली शाह खुद होली खेलते थे और होली के दिन महल सजाया जाता था।
मुगलों के दौर से मनाई जाती रही है होली
मुग़लों के दौर की तमाम पेंटिंग्स अभी भी मौजूद हैं, जिनमें मुग़ल बादशाह होली खेलते दिखाए गए हैं। अकबर के जोधाबाई के साथ होली खेलने का ज़िक्र मिलता है। कहते हैं कि जहांगीर नूरजहां के साथ होली खेलते थे, जिसे ईद.ए.गुलाबी कहा जाता था। यह होली गुलाल और गुलाब से खेली जाती थी और बहादुर शाह ज़फर का कलाम तो आज भी गाया जाता है, क्यों मोपे रंग की मारी पिचकारी, देखो कुंवर जी दूंगी मैं गारी।
देश के कोने-कोने से आये हैं लोगहाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर आज हमें कई जायरीन मिले जिनमें महाराष्ट्र, दिल्ली और देश के कई अन्य जगहों से हाजी वारिस पाक के दरबार में होली खेलने आए हैं। यहाँ कई किन्नर भी होली खेलने दिल्ली से आए थे। वह बताते हैं कि वह पहले कभी होली नहीं खेलते थे, लेकिन जब से बाबा की मज़ार की होली देखी, हर साल यहां होली खेलने आते हैं। दरअसल सूफियों का दिल इतना बड़ा था कि उसमें सारा जहां समा जाए। होली की एक समृद्ध परंपरा उनके कलमों में मिलती है। बुल्ले शाह लिखते हैं, होरी खेलूंगी कह.कह बिस्मिल्लाह, बूंद पड़ी इनल्लाह।इसे तमाम शास्त्रीय गायकों ने गाया है। सूफी शाह नियाज़ का कलम आबिदा परवीन ने गया है जिनकी होली में पैग़म्बर मोहम्मद साहब के दामाद अली और उनके नातियों हसन और हुसैन का ज़िक्र है। वह लिखते हैं, होली होय रही है अहमद जियो के द्वार, हज़रात अली का रंग बनो है, हसन.हुसैन खिलद। और खुसरो अभी भी गाए जाते हैं, खेलूंगी होली ख्वाजा घर आये, या फिर तोरा रंग मन भायो मोइउद्दीन।इनमें से एक रंग हाजी वारिस अली शाह का भी है, जिसमें उनके मुरीद दूर.दूर से यहाँ रंगने आते हैं।

लखनऊ : 100 करोड़ की होली

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
जधानी लखनऊ के बाजार होली की बयार से सराबोर हुए। होली पर्व के एक दिन पूर्व सोमवार से ग्राहक उमड़े जो मंगलवार रात तक बाजारों में जमें रहे। अमीनाबाद, चौक, हजरतगंज, गोमतीनगर, आलमबाग, भूतनाथ इंदिरानगर सहित छोटी एवं बड़ी बाजारों में जमकर खरीदारी हुई।

सौ करोड़ की होली

सौ करोड़ की होली में तीस करोड़ के कपड़े  

सौ करोड़ की होली में कोई खोया, गुझिया और गुझिया बनाने की सामग्री ले रहा। कारोबारियों का अनुमान कि लोग डेढ़ अरब खर्च करके होली खेलेंगे। होली के लिए लोग 40 करोड़ रुपये के कपड़े खरीद कर ले गए जिसमें 30 करोड़ रुपये की सिर्फ साड़ियां एवं चिकन शामिल हैं।
महिलाओं ने की खूब शॉपिंग
इंदिरानगर स्थित भूतनाथ के कारोबारियों ने बताया कि एक पखवारे से साड़ियों का कारोबार खूब चल रहा है। महिलाएं 2000-15,000 की साड़ियां खरीद कर ले गईं। यानी एक-एक परिवार ने 50 हजार से 1.50 लाख रुपये तक की साड़ियां खरीदीं।
रंगों की हुई खूब बिक्री
रंग, गुलाल, पिचकारी, कास्मेटिक में परफ्यूम और फेसवॉश की खूब बिक्री हुई। महिलाएं शृंगार के उत्पाद खरीदकर ले गईं। कारोबारियों का आकलन कि इस होली पर 10 करोड़ रुपये से अधिक का तो कास्मेटिक बेचा। वहीं होली पर सात करोड़ रुपये के रंगीन पर्दे एवं बेड कवर की बिक्री हुई।
करोड़ों रुपये के खरीदे रेडीमेड कपड़े
ग्राहकों का रेडीमेड कपड़े की तरफ काफी रुझान रहा। अमीनाबाद की स्वदेशी मार्केट रेडीमेड के बड़े कारोबारी बताते हैं कि होली पर 30 करोड़ रुपये के रेडीमेड कपड़े बिके। इनमें बच्चों एवं महिलाओं के सूट तक शामिल हैं।

Tuesday, March 22, 2016

32 पीसीएस अफसरों का ट्रांसफर

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
यूपी में होली से एक दिन पहले 32 पीसीएस अफसरों को नई तैनाती दे दी गई। राजेश कुमार को एसडीएम बरेली, राहुल यादव एसडीएम बुलंदशहर, पूजा मिश्रा एसडीएम गोरखपुर, श्रद्धा शाण्डिल्यायन एसडीएम पीलीभीत, अभिषेक कुमार सिंह एसडीएम हाथरस, अभिनव रंजन एसडीएम संतकबीरनगर, आयुष चौधरी एसडीएम लखनऊ, गौरव श्रीवास्तव एसडीएम मैनपुरी, दीपाली कौशिक एसडीएम बागपत, अमित कुमार एसडीएम औरैय्या, ज्योत्सना यादव को एसडीएम लखनऊ में नई तैनाती दी गई है।
इसी क्रम में पूर्णिमा सिंह को एसडीएम कानपुर देहात, वंदिता श्रीवास्तव एसडीएम आगरा, शिशिर कुमार एसडीएम बिजनौर, विकास कुमार एसडीएम कन्नौज, राजेश कुमार यादव एसडीएम प्रतापगढ़, पंकज कुमार एसडीएम आजमगढ़, सुनन्दू सुधाकरन एसडीएम रायबरेली प्रदीप कुमार एसडीएम इलाहाबाद, प्रदीप वर्मा एसडीएम ललितपुर दिनेश एसडीएम गोरखपुर, संजीव कुमार एसडीएम एटा विनय कुमार सिंह एसडीएम इलाहाबाद, अभय कुमार एसडीएम अमेठी, विवेक चतुर्वेदी एसडीएम कौशाम्बी, सुनील कुमार यादव एसडीएम कासगंज, प्रतिपाल सिंह एसडीएम उन्नाव, सत्येंन्द्र सिंह एसडीएम चंदौली, महेन्द्र पाल-शामली, ललित कुमार एसडीएम अलीगढ़, सदानंद गुप्ता एसडीएम मथुरा और मीनू राणा को एसडीएम हापुड़ में नई तैनाती मिली है।
सात पुलिस उपाधीक्षकों के तबादले
श्यामाकांत त्रिपाठी को सीओ हरदोई, तारकेश्वर प्रसाद सीओ बहराइच, शमशेर सिंह सीओ मैनपुरी, विजय प्रताप सीओ मुरादाबाद, अरूण कुमार सीओ मैनपुरी, भूपेंद्र पाल सिंह पीएसी मुरादाबाद और जगतराम जोशी को सीओ पीलीभीत
में तैनात किया गया है।

Monday, March 21, 2016

बाराबंकी : प्रेम सम्बन्ध में रोड़ा बने युवक की हत्या

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
बाराबंकी देवा कोतवाली क्षेत्र के माती गांव में हुए इश्तियाक हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया है। इस वारदात को अंजाम देने वाले एक आरोपी सीएस(कंपनी सेक्रेटरी) के छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने बताया है कि आरोपी छात्र का एक युवती के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था जिसमें मृतक इश्तियाक बाधा बन गया था इसी के चलते छात्र ने उसकी हत्या की है। पुलिस ने छात्र के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया जहां से वह जेल भेजा गया है।

एएसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने सोमवार को पुलिस लाइन में बताया कि 16 मार्च को देवा कोतवाली के माती गांव निवासी इश्तियाक की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इसका खुलासा करते हुए क्षेत्र के ही जमुवासी निवासी सतेन्दर कुमार रावत को रविवार की रात माती कस्बे से गिरफ्तार कर उसके पास से हत्या में प्रयोग किया गया लोहे का रॉड बरामद किया है।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। हत्या आरोपी सतेन्दर कुमार पास के ही एक महाविद्यालय में सीएस का छात्र है। सीओ सिटी तौकीर अहमद खान ने बताया कि मृतक इश्तियाक की खेती बटाई पर लेने वाले गांव के ही एक किसान की पुत्री व आरोपी छात्र के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था।

कुछ दिनों पहले इश्तियाक ने छात्र व उसकी प्रेमिका को खेत में एक साथ पकड़ा था उसके बाद इश्तियाक युवती के साथ भी आए दिन जोर जबरदस्ती करने लगा था। छात्र ने इस बारे में इश्तियाक से कहा था कि वह उसकी प्रेमिका को परेशान न करे लेकिन इश्तियाक के न मानने पर ही उसकी हत्या करने की बात छात्र ने बताई है।

बाराबंकी : प्रेमी के साथ मिल पत्नी ने कराई नंदलाल की हत्या

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
बाराबंकी
सुबेहा थाना क्षेत्र के किस्तीनगर गांव में 19 मार्च को हुए नंदलाल हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा करने का दावा किया है। पुलिस का कहना है कि नंदलाल की पत्नी ने अपने प्रेमी व एक अन्य महिला के साथ मिलकर उसकी हत्या करवाई थी।

पुलिस की माने तो मृत नंदलाल की पत्नी ने अपने व पुत्री के सोने चांदी के जेवरात प्रेमी को दे दिए थे और अब उसकी पुत्री का गौना होना था जिसमेें उसे जेवरात देने पड़ते। इसी से बचने व प्रेम संबंध का खुलासा होने के डर से पत्नी ने नंदलाल की हत्या की साजिश रची थी।

पुलिस ने मामले में दो महिलाओं समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर सोमवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जहां से वह जेल भेजे गए हैं। एएसपी उत्तरी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने सोमवार को पुलिस लाइन में बताया कि सुबेहा थाना क्षेत्र के किस्तीनगर गांव में 19 मार्च को मारे गए नंदलाल पासी के हत्या आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

एएसपी ने कहा कि इस मामले में मृतक की पत्नी फूलकला, अमेठी जिले के दीवानपुरवा मजरे दक्षिण गांव निवासी हिस्ट्रीशीटर रामहेत पुत्र जगरूप व सुबेहा थाना के सिधिंयावा गांव निवासी दुलारा देवी पत्नी बनवारी को पकड़ा गया है। पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है।

Sunday, March 20, 2016

इलाहाबाद: मामूली विवाद में मां-बेटे को मारी गोली, पूर्व सांसद नामजद...

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
इलाहाबाद के धूमनगंज क्षेत्र के झलवा में सुबह वृद्धा और उसके बेटे को गोली मार दी गई। दोनों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। मामला जमीन संबंधी रंजिश से जुड़ा बताया जा रहा है। पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए शहर पश्चिमी की बसपा विधायक पूजा पाल ने थाने का घेराव भी किया।
मिली जानकारी के अनुसार, जयश्री उर्फ सूरजकली कुशवाहा (58) के पति बृजमोहन वर्ष 1990 में अपनी 12 बीघा भूमि शिवकोटी सहकारी समिति के नाम बैनामा करने के बाद गायब हैं। जयश्री के तीन बेटे सुरेंद्र, नरेंद्र व महेंद्र इंडियन आयल में संविदा पर काम करते हैं। जयश्री ने समिति को बैनामा हुई भूमि मुकदमा लड़कर वापस ले ली थी।
मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद के करीबी अधिवक्ता कपिल देव त्रिपाठी आदि से उसका विवाद चल रहा था। सुबह जयश्री घर के बाहर बैठी थी। इसी दौरान बिना नंबर की सफेद रंग की स्विफ्ट कार से पांच और बाइक से आए युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। दो गोली जयश्री की पीठ में लगी। बेटा नरेंद्र कुशवाहा (30) बाहर आया तो हमलावरों ने उसे भी गोली मारी। नरेंद्र की जांघ में गोली लगी। शोर मचा तो मोहल्ले के लोग हमलावरों पर पथराव करने लगे। भागते समय बाइक सवार एक हमलावर की पिस्टल छूट गई।
वहीं, नरेंद्र की पत्नी कल्पना की सूचना पर पहुंची तो घायलों को अस्पताल भेजा गया। जयश्री के बेटे महेंद्र ने तहरीर देकर पूर्व सांसद अतीक अहमद व उनके करीबी अधिवक्ता कपिल देव त्रिपाठी पर षडयंत्र कर कातिलाना हमला कराने और सात अज्ञात लोगों पर हमला करने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी। यह जानकारी पाकर बसपा विधायक पूजा पाल सर्मथकों के साथ थाने पहुंच गई।

फ़ैजाबाद : 5 आतंकियों को कल सुनाई जा सकती है कड़ी सजा

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
यूपी फ़ैजाबाद आतंक पर फिर बड़े फैसले की घड़ी आ गई है। अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि परिसर में 11 साल पहले हुए आतंकी हमले में 21 मार्च को फैसला सुनाया जा सकता है। इस हमले के पांच आरोपी आतंकी इलाहाबाद के केंद्रीय कारागार नैनी में हैं। अभियोजन को बड़े फैसले की उम्मीद है। पांच जुलाई 2005 की सुबह सवा नौ बजे के आसपास आतंकियों ने रामजन्म भूमि परिसर में धमाका किया था। करीब डेढ़ घंटे तक चली मुठभेड़ में पांच आंतकवादी मार गिराए गए थे। मारे गए आतंकियों की शिनाख्त नहीं हो सकी थी।
हमले में रमेश कुमार पांडेय व शांती देवी दो निर्दोष को जान गंवानी पड़ी थी। दारोगा नंद किशोर, हेड कांस्टेबल सुल्तान सिंह, धर्मवीर सिंह पीएसी सिपाही हिमांशु यादव, किशन स्वरूप उर्फ कृष्ण स्वरूप, प्रेम चंद्र गर्ग व सहायक कमांडेंट संतो देवी घायल हुए थे। पुलिस की तफ्तीश में असलहों की सप्लाई करने और आतंकियों के मददगार के रूप में आसिफ इकबाल, मो.नसीम, मो.अजीज, शकील अहमद और डॉ. इरफान का नाम सामने आया। सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। वर्ष 2006 में हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें फैजाबाद जेल से इलाहाबाद में नैनी स्थित सेंट्रल जेल भेज दिया गया। सुरक्षा कारणों से जेल में ही विशेष न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई की। कुल 51 गवाहों ने गवाही दी। अब 21 मार्च को फैसले की तारीख है।
विध्वंस का बदला था मकसदअयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस का बदला लेना हमले का मकसद था। थाना रामजन्मभूमि परिसर में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार हमलावर दो सम्प्रदायों के बीच शत्रुता बढ़ाकर देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। हैंड ग्रेनेड, एके 47, राकेट लांचर से लैस होकर उन्होंने हमला बोला था। पहले हमलावरों ने वह मार्शल जीप ब्लास्ट कर उड़ा दी थी, जिससे वह आए थे।
जम्मू में षडयंत्र, दिल्ली में पनाह
हमले से पहले आतंकियों ने जम्मू में आसिफ इकबाल के घर पर साजिश रची था। मार्शल जीप में बक्सा बनवाकर हथियार रखे गए। मार्शल चलाकर आसिफ दिल्ली के संगम बिहार में डॉ. इरफान के क्लीनिक पर पहुंचा। अरशद नाम का आतंकी और उसका छोटा भाई अमीन उर्फ इमीन भी यहां आया-जाया करता था। यहीं पर इरफान आतंकियों को रामजन्म भूमि के बारे में लोकेशन देता था। अलीगढ़ में भी हथियार छिपाया था।
इन आतंकियों को होनी सजा
आसिफ इकबाल उर्फ फारुख निवासी सखी मैदान थाना मेंडर जिला पुंछ, जम्मू।
मो.नसीम निवासी डेरा मेंडर थाना मेंडर जिला पुंछ, जम्मू।
मो.अजीज निवासी पाटीदार, थाना मेंडर जिला पुंछ, जम्मू।
शकील अहमद निवासी सखी मैदान थाना मेंडर जिला पुंछ, जम्मू।
डॉ. इरफान निवासी शेख जादगानान कस्बा थाना तीतरो, सहारनपुर, यूपी।

यूपी : बीजेपी सीएम कैंडिडेट, योगी सबसे आगे

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
 यूपी चुनाव में भाजपा अपना दम दिखाने के लिए बेताब है, ऐसे में पार्टी के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि सीएम के लिए किसे प्रोजेक्ट किया जाए। सीएम कैंडिडेट की रेस में चार नाम तेजी से उभरे, योगी आदित्यनाथ, वरुण गांधी, स्मृति ईरानी और रामचंद्र कठेरिया। इन्हीं चार नामों में से पार्टी अपना सीएम कैंडिडेट घोषित करेगी।
दरअसल, यूपी चुनाव को लेकर बीजेपी काफी उत्साहित है। पार्टी की कोशिश है कि यूपी में सीएम के लिए चेहरा प्रोजक्ट कर दिया जाए। ऐसे में पार्टी ने यूपी में संगठन स्तर से लेकर वरिष्ठ नेताओं की राय सीएम कैंडिडेट के चयन के लिए ली है। हालांकि पार्टी अपनी मुहर उसी नाम पर लगाएगी, जिसे संघ का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
स्मृति का विरोध
दरअसल, सीएम कैंडिडेट के रूप में पहले स्मृति को लाने की तैयारी थी, लेकिन बीजेपी में ही उनके नाम का विरोध है। राष्ट्रवाद बनाम गैर राष्ट्रवाद के मामले में स्मृति काफी पीछे छूट रही हैं। उनसे आगे योगी आदित्यनाथ हैं। भाजपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो योगी आदित्यनाथ को पार्टी के अधिकतर नेता सीएम कैंडिडेट के रूप में देखना चाहते हैं। इसका कारण उनकी फायर ब्रांड छवि है। दूसरा नाम रामचंद्र कठेरिया का चल रहा है, लेकिन पार्टी के कुछ नेता उन्हें सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में देखना चाहते हैं और सीएम के रूप में किसी और को प्रोजेक्ट करना चाहते हैं।
इसलिए स्मृति का विरोध
दरअसल, स्मृति को लेकर यूपी बीजेपी फ्रंट फूट पर नहीं आ पाएगी। साथ ही कई वरिष्ठ नेताओं के विरोध के कारण उन्हें कार्यकर्ताओं का भी ग्राउंड लेवल पर समर्थन नहीं मिल पाएगा, इसलिए पार्टी के वरिष्ठ नेता नहीं चाहते कि स्मृति पर दाव लगाया जाए, बहरहाल इस पर अंतिम मुहर पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लगाएंगे।
योगी का इसलिए समर्थन
योगी आदित्यनाथ फायर ब्रांड हिंदू नेता माने जाते हैं। उनका हिंदुओं में काफी सम्मान भी है। खासकर पूर्वांचल में उनकी अच्छी पकड़ है। अपनी कट्टर छवि के कारण वे राष्ट्रवाद के पैमाने पर बिल्कुल फिट बैठते हैं। इसलिए पार्टी के अधिकांश जमीनी नेता चाहते हैं कि योगी को ही बीजेपी का चेहरा बनाया जाए। योगी को संघ का भी बरदहस्त है। हालांकि बीजेपी का एक खेमा नहीं चाहता कि योगी को प्रोजेक्ट किया जाए, ताकि यह खेमा यूपी में अपनी जमीन बचाए रखे।
वरुण और कठेरिया पर भी चर्चा
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि वरुण गांधी के नाम पर भी विचार हो रहा है। वरुण के आने से एक तो युवा उनसे जुड़ेंगे, दूसरे फायर ब्रांड छवि होने के कारण वे वोटों का ध्रुवीकरण कर पाएंगे। 

कानपुर : पुलिस की थर्ड डिग्री ने ले ली ‘जीशान’ की जिंदगी

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो कानपुर। पुलिस की थर्ड डिग्री से भगवान बचाये। इंसानियत और मानवता की यह दुश्मन है। इसी के चलते कानपुर देहात जनपद के बरौर थाने में थर्ड डिग्री का सामना कर रहे जीशान ने फांसी लगाकर जान देना ज्यादा आसान समझा और पुलिस को मुंह चिढ़ाता हुआ दुनिया से चला गया। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आधा दर्जन चोंट के निशान होना और फांसी से मौत की बात सामने आई है।

पुलिस
क्षेत्र के केशी गांव निवासी जीशान को लूट के मामले की पूछताछ के लिए तीन दिन पहले उठाया था। दूसरे ही दिन उसे अस्पताल लेकर पहुंची थी। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। कस्टडी में हुई युवक की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने थाना घेरकर पथराव किया और जमकर बवाल काटा था। जिस पर थाने पहुंची एसपी ने टीम प्रभारी व एसओ समेत 14 पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर दिया था। साथ ही हत्या का मामला भी दर्ज किया गया था। उसके अगले दिन जीशान के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों की टीम ने किया। जिसमे युवक के शरीर पर आधा दर्जन चोंटे पाई गईं। वहीं मौत की वजह फांसी बताई गई। जिससे यह बात सामने आई कि युवक को पुलिस ने इस कदर टार्चर किया कि उसे फांसी लगाकर जान देना ज्यादा आसान लगा और उसने अपना जीवन समाप्त कर लिया।

जबरन क़ुबूल कराने के लिए हद पार कर जाती है पुलिस

युवक की मौत के बाद मामले की जांच भी शुरू हो गई है। विवेचना भी भोगनीपुर कोतवाल को सौंपी गई है लेकिन पुलिस की निर्दयता से जीशान तो चला गया। आखिर पुलिस इस हद तक निरंकुश क्यों हो जाती है। उसका ऐसा कौन सा पैरामीटर है जिसके चलते वह थर्ड डिग्री देती रहती है और उसे यही लगता है कि वह गुनाह कुबूल करवा लेगी। पुलिस की इसी सोंच के चलते जीशान जैसे युवक जिंदगी तक हार जाते हैं।

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SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौ...