ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो कानपुर। पुलिस की थर्ड डिग्री से भगवान बचाये। इंसानियत और मानवता की यह दुश्मन है। इसी के चलते कानपुर देहात जनपद के बरौर थाने में थर्ड डिग्री का सामना कर रहे जीशान ने फांसी लगाकर जान देना ज्यादा आसान समझा और पुलिस को मुंह चिढ़ाता हुआ दुनिया से चला गया। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आधा दर्जन चोंट के निशान होना और फांसी से मौत की बात सामने आई है।

क्षेत्र के केशी गांव निवासी जीशान को लूट के मामले की पूछताछ के लिए तीन दिन पहले उठाया था। दूसरे ही दिन उसे अस्पताल लेकर पहुंची थी। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। कस्टडी में हुई युवक की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने थाना घेरकर पथराव किया और जमकर बवाल काटा था। जिस पर थाने पहुंची एसपी ने टीम प्रभारी व एसओ समेत 14 पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर दिया था। साथ ही हत्या का मामला भी दर्ज किया गया था। उसके अगले दिन जीशान के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों की टीम ने किया। जिसमे युवक के शरीर पर आधा दर्जन चोंटे पाई गईं। वहीं मौत की वजह फांसी बताई गई। जिससे यह बात सामने आई कि युवक को पुलिस ने इस कदर टार्चर किया कि उसे फांसी लगाकर जान देना ज्यादा आसान लगा और उसने अपना जीवन समाप्त कर लिया।
जबरन क़ुबूल कराने के लिए हद पार कर जाती है पुलिस
युवक की मौत के बाद मामले की जांच भी शुरू हो गई है। विवेचना भी भोगनीपुर कोतवाल को सौंपी गई है लेकिन पुलिस की निर्दयता से जीशान तो चला गया। आखिर पुलिस इस हद तक निरंकुश क्यों हो जाती है। उसका ऐसा कौन सा पैरामीटर है जिसके चलते वह थर्ड डिग्री देती रहती है और उसे यही लगता है कि वह गुनाह कुबूल करवा लेगी। पुलिस की इसी सोंच के चलते जीशान जैसे युवक जिंदगी तक हार जाते हैं।
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