Saturday, October 6, 2018

UP पुलिस के 'बगावती' रुख से CM योगी नाराज, नई सोशल मीडिया पॉलिसी जारी


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए विवेक तिवारी मर्डर केस में आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी के विरोध में 5 अक्टूबर को काला दिवस मनाए जाने से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी नाराज हैं. उन्होंने पुलिस के आला अफसरों को जमकर फटकार भी लगाई है. यही नहीं, विरोध के सुर दबाने के लिए तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और तीन थाना अध्यक्षों के तबादले कर दिए गए हैं. विरोध करने वाले दो पूर्व पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया है.

किन पुलिस वालों पर लिया गया एक्शन

सस्पेंड होने वाले पुलिसकर्मियों में लखनऊ के अलीगंज थाने में तैनात सिपाही जितेंद्र कुमार वर्मा, गुडंबा थाने के सिपाही सुमित कुमार और नाका थाने में तैनात सिपाही गौरव चौधरी शामिल हैं. इसके अलावा जिन तीन थानों के इंचार्ज का तबादला किया गया है, उनमें लखनऊ के ही नाका के थाने के एसओ परशुराम सिंह , एसओ अलीगंज अजय यादव और एसओ गुडंबा धर्मेश शाही शामिल हैं. गिरफ्तार किए गए पूर्व पुलिसकर्मियों में अविनाश पाठक और ब्रजेंद्र यादव शामिल हैं. अविनाश को मिर्जापुर और ब्रजेंद्र को वाराणसी से गिरफ्तार किया गया.

योगी आदित्यनाथ ने घटना के फौरन बाद प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, डीजीपी ओपी सिंह और मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे को बुलाकर अपनी नाराजगी जताई.

*विरोध पर लगाम नहीं लगी तो भुगतेंगे खामियाजा*

योगी आदित्यनाथ ने आला अफसरों को इस मामले को लेकर खरी खोटी सुनाते हुए कहा है यह उच्च स्तर पर की गई लापरवाही का नतीजा है, जिसकी वजह से पुलिसकर्मी इतना मुखर होकर के विरोध पर उतर आए हैं. अगर इस पर फौरन लगाम नहीं लगाई गई तो इसका खामियाजा अधिकारियों को भी भुगतना होगा.

मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद आनन-फानन में पुलिस विभाग की तरफ से पुलिस कर्मियों के लिए नई सोशल मीडिया पॉलिसी बना दी गई. साथ ही उनको व्यावहारिकता सिखाने की कवायद शुरू की गई है. इस पूरी घटना को लेकर लखनऊ में तैनात आईजी अमिताभ ठाकुर ने एक बार फिर सरकार का विरोध किया है.

अमिताभ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अपने किसी साथी के साथ कोई ज्यादती होने की दशा में सहकर्मी के साथ खड़े होना कोई अनुशासनहीनता नहीं है. इस मामले में अति नहीं की जानी चाहिए.

पुलिस के लिए पॉलिसी

पुलिस महकमे में बगावत को देखते हुए नई सोशल मीडिया पॉलिसी जारी की गई है. इससे पहले डीजीपी जावेद अहमद के समय में सोशल मीडिया की एक पॉलिसी जारी की गई थी लेकिन इस नई पॉलिसी में कई संशोधन किए गए हैं. नई पॉलिसी के मुताबिक अब पुलिस कर्मी सोशल मीडिया पर पुलिस का लोगो, पुलिस की वर्दी, उससे जुड़ी अन्य चीजें और हथियार के साथ फोटो पोस्ट नहीं शेयर कर सकते.

अगर वर्दी के साथ कोई फोटो पोस्ट भी करता है तो किसी तरीके की अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए और कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं होनी चाहिए. अब पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी करने के साथ यह भी लिखना होगा यह उनकी निजी राय है. नई पॉलिसी में जिन अहम बिंदुओं को शामिल किया गया है, उनमें शामिल है कि कोई...

- पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर अश्लील भाषा का या फोटो पोस्ट नहीं कर सकता

- पुलिस विभाग की किसी भी जानकारी को बगैर वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी के सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं कर सकता

- अपने अधिकारियों के खिलाफ कोई भी टिप्पणी सोशल मीडिया पर नहीं कर सकता

- सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों और राजनेताओं के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता

- राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता

- पुलिसकर्मी किसी भी राजनीतिक दल राजनीति व्यक्ति और विचारधारा के संबंध में टिप्पणी नहीं कर सकता

- किसी भी दूसरे पुलिसकर्मी की नियुक्ति को लेकर के कोई जानकारी सोशल मीडिया पर साझा नहीं की जा सकती

- किसी भी मामले की जांच, विवेचना, कोर्ट में लंबित केस के बारे में नहीं लिख सकते

- जाति धर्म संप्रदाय व्यवसाय सेवाओं लिंग क्षेत्र राज्य के बारे में पूर्वाग्रह और आगरा वाली चीजें सोशल मीडिया पर नहीं डाली जा सकतीं

- बलात्कार पीड़ित और नाबालिग की पहचान को जाहिर करने वाली कोई जानकारी साझा नहीं कर सकते

- जिन अपराधियों की शिनाख्त परेड होनी हैं उनकी फोटो, चेहरा सोशल मीडिया पर नहीं दिखा सकते

- सोशल मीडिया पर पूर्व में न्यायालय की ओर से दिए गए किसी भी दिशा निर्देश का उल्लंघन करती हुई चीज नहीं डाल सकते

बता दें कि पुलिस के अधिकारियों ने यह सारी गाइडलाइंस हाल ही में विवेक तिवारी की हत्या के बाद पुलिस महकमे में उठे विरोध और सोशल मीडिया पर चल रहे कैंपेन के बाद जारी की गई हैं. साथ ही सभी थानाध्यक्ष, जिले के कप्तान और वरिष्ठ अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने अपने शहर में पुलिसकर्मियों की हरकतों पर नजर रखें और कोई कमी होने पर उनके खिलाफ तत्कार कार्रवाई की जाए.

संतों का मोदी सरकार को अल्टीमेटम, 31 जनवरी तक शुरू करो मंदिर निर्माण



टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्तूबर से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से जुड़ी विवादित जमीन के मालिकाना हक को लेकर मुकद्दमे की नियमित सुनवाई शुरू होने से पहले राम मंदिर के निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वी.एच.पी.) ने तेवर कड़े कर लिए। शुक्रवार को हुई अहम बैठक में संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को 4 महीने का अल्टीमेटम दिया है। संतों ने साफ कहा है कि सरकार 31 जनवरी तक मंदिर निर्माण का रास्ता तलाशे। इसके अलावा संतों ने राम मंदिर के निर्माण पर केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने के लिए दबाव बनाने का फैसला लिया है। संतों ने कहा कि 31 जनवरी तक सरकार कोई फैसला नहीं करती है तो फिर 1 फरवरी को धर्म संसद में आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इसके अलावा नवम्बर महीने में देश के सभी सांसदों से मिलकर राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को संसद में उठाने के लिए दबाव बनाएंगे।

इसके अलावा 6 दिसम्बर से 18 दिसम्बर (गीता जयंती) तक देश भर के मंदिरों, गुरुद्वारों में राम मंदिर निर्माण के लिए कार्यक्रम करने की संतों ने योजना बनाई है। शुक्रवार को हुई संतों की बैठक में वी.एच.पी. ने राम मंदिर के निर्माण को लेकर प्रस्ताव पास किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी राज्यों में धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ देश के सभी राज्यों के राज्यपालों से मुलाकात कर राम मंदिर निर्माण को लेकर जनभावना से अवगत कराएंगे। इसके अलावा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात करने की योजना संतों ने बनाई है।

वहीं किन्नर समाज के 2 दर्जन लोगों ने अध्यक्ष गुलशन बिंदु के नेतृत्व में अयोध्या की तपस्वी छावनी में पहुंचकर वहां राम मंदिर निर्माण को लेकर अनशन कर रहे परमहंस दास से मुलाकात की। किन्नरों ने दास की आरती उतारी और भजन भी गाए। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण की मांग की।
बड़े आंदोलन की तैयारी संतों ने यह भी कहा कि अगर केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून नहीं बनाती है तो वी.एच.पी. की उच्चाधिकार समिति के नेतृत्व में बिंदू समाज मंदिर के निर्माण के लिए बड़ा आंदोलन करेगा। सूत्रों के अनुसार खबर यह भी है कि बैठक में एक प्रस्ताव पास किया जाएगा जिसमें यह मांग भी की जाएगी कि केंद्र सरकार जन भावना को देखते हुए राम मंदिर के निर्माण पर अध्यादेश लाए जिसके बाद राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया जाए।

पाँच राज्यो में बजा चुनावी बिगुल,11दिसम्बर को आएगा नतीजा


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का चुनाव आयोग ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 12 नवंबर और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। मध्यप्रदेश और मिजोरम में 28 नवबर को वोटिंग होगी। वहीं, राजस्थान और तेलंगाना में 7 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। सभी राज्यों में नतीजों का ऐलान 11 दिसंबर को किया जाएगा। अभी इन राज्यों में से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की सरकार है। मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है।
मुख्य चुनाव आयुक्त चुनाव ओपी रावत ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के हलफनामे के नियमों में भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक बदलाव किया गया है। उम्मीदवारों को उन विज्ञापनों के बारे में बताना होगा जो उन्होंने अपने के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों के संदर्भ में मीडिया में प्रकाशित कराए हैं।


छत्तीसगढ़ का पहला चरण : इसमें नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदान होगा
नोटिफिकेशन : 16 अक्टूबर
नॉमिनेशन की आखिरी तारीख : 23 अक्टूबर
नॉमिनेशन की स्क्रूटनी : 24 अक्टूबर
नॉमिनेशन वापस लेने की आखिरी तारीख : 26 अक्टूबर
वोटिंग : 12 नवंबर

कुल सीटें : 18
छत्तीसगढ़ का दूसरा चरण
कुल सीटें : 72
नोटिफिकेशन : 26 अक्टूबर
नॉमिनेशन की आखिरी तारीख : 2 नवंबर
नॉमिनेशन की स्क्रूटनी : 3 नवंबर
नॉमिनेशन वापस लेने की आखिरी तारीख : 5 नवंबर
वोटिंग : 20 नवंबर



मध्यप्रदेश और मिजोरम
नोटिफिकेशन : 2 नवंबर
नॉमिनेशन की आखिरी तारीख : 9 नवंबर
नॉमिनेशन की स्क्रूटनी : 12 नवंबर
नॉमिनेशन वापस लेने की आखिरी तारीख : 14 नवंबर
वोटिंग : 28 नवंबर



राजस्थान और तेलंगाना
नोटिफिकेशन : 12 नवंबर
नॉमिनेशन की आखिरी तारीख : 19 नवंबर
नॉमिनेशन की स्क्रूटनी : 20 नवंबर
नॉमिनेशन वापस लेने की आखिरी तारीख : 22 नवंबर
वोटिंग : 7 दिसंबर
सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को घोषित होंगे।




किस राज्य में कब खत्म हो रहा विधानसभा का कार्यकाल?
छत्तीसगढ़ : 5 जनवरी 2019
मध्यप्रदेश : 7 जनवरी 2019
राजस्थान : 20 जनवरी 2019
मिजोरम : 15 दिसंबर 2018

Friday, October 5, 2018

काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन कर रहे तीन सिपाही सस्पेंड,3 थानेदारो ने गँवाई थानेदारी


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ : काली पट्टी बांधकर विरोध करने वाले लखनऊ के तीन सिपाही सस्पेंड,तीन थानेदारों को भी चार्ज से हटाया गया,आज कतिपय स्थानों पर मुख्य रूप से लखनऊ में सिपाहियों की काली पट्टी बांधकर फोटो प्रसारित हुई, जांच के आदेश दिए गए हैं, कुछ फोटो मॉर्फ कुछ सच्ची है,गुडंबा का जितेंद्र कुमार वर्मा,अलीगंज का सुमित कुमार,नाका का गौरव चौधरी  की फोटो की पुष्टि हुई है, तीनो सिपाहियों को निलंबित किया गया है,  तीनों थानाध्यक्ष को भी पद से हटाया गया है,पुलिस के सिपाहियों द्वारा  काला दिवस मनाने को ले कर लखनऊ के तीन थानाध्यक्षों पर गिरी गाज
अलीगंज, गुडम्बा, और नाका के SHO हटाये गये
पुलिस में अनुशासन हीनता बर्दाश्त नही ---प्रवीण कुमार

ओमप्रकाश राजभर ने कहा 27 को रैली कर खोलेंगे भाजपा का कच्चा चिट्ठा


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
योगी सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री और राजग के घटक सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के वादे की समय सीमा 26 अक्टूबर को पूरी हो रही है। अगर उससे पहले आरक्षण में अति पिछड़ों और अति दलितों का कोटा निर्धारित नहीं हुआ तो वह 27 अक्टूबर की अपनी रैली में भाजपा का कच्चा चिट्ठा खोलेंगे और गठबंधन पर विचार करेंगे।
राजभर ने 27 अक्टूबर को पार्टी के 16वें स्थापना दिवस पर रमाबाई अंबेडकर मैदान में रैली आयोजित की है। गुरुवार को वह अपने लाव-लश्कर के साथ रैली स्थल का निरीक्षण करने गए थे। उनका आक्रोश फूट पड़ा। बोले, अमित शाह 20 मार्च को आरक्षण में कोटा निर्धारित करने का वादा कर गए और फिर जब 11 अप्रैल को लखनऊ आए तो भी बोले कि लोकसभा चुनाव से छह माह पहले यह मांग पूरी कर देंगे। 2017 से ही वह लालीपॉप दे रहे हैं लेकिन, हमने भी तय कर लिया है कि अब आर या पार।सपा और बसपा से समझौते के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। सब लोग अपने लिए रास्ता तलाशते हैं। यह भी कहा कि इस सरकार में मंत्री हूं लेकिन, 200 मीटर सड़क और अपनी पार्टी के लिए एक कार्यालय नहीं पा सका हूं। आरक्षण में भागीदारी करने में आखिर इन्हें क्यों दिक्कत है, क्योंकि ये लोग पिछड़ों के लिए कुछ करना नहीं चाहते हैं।राजभर भाजपा के लिए हर दिन मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। पहले प्रदेश सरकार पर वह हमलावर थे मगर अब वह केंद्रीय नेतृत्व पर भी तीर चलाने लगे हैं। फिर भी भाजपा उनको न निगल, न उगल पा रही है। उनकी बर्खास्तगी को लेकर भी भाजपा असमंजस बना है। चूंकि राजभर का मामला भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पास लंबित है इसलिए भाजपा नेता उनके बारे में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। कई प्रवक्ता और प्रमुख नेताओं से उनके बारे में पूछा गया लेकिन, सबने टालमटोल किया।  

Thursday, October 4, 2018

दिल्ली में सिक्किम की युवती को बंधक बनाकर गैंगरेप, एक गिरफ्तार


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली : शाहदरा जिले के सीमापुरी इलाके में सिक्किम की एक युवती को बंधक बनाकर उससे गैंगरेप का मामला सामने आया है। पीड़िता का आरोप है कि करीब तीन माह से बंधक बनाकर उसके साथ दो युवक दुष्कर्म कर रहे थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर एक आरोपी राहुल (26) को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरा युवक फरार है। पीड़िता ने कोर्ट में दिए बयान में एक महिला पर भी बंधक बनाने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। सीमापुरी थाना पुलिस पीड़िता की शिकायत पर मामले की छानबीन कर रही है। पुलिस के मुताबिक, मूलरूप से सिक्किम की रहने वाली 25 वर्षीय युवती 2015 में नौकरी की तलाश में दिल्ली आई थी। एक जानकार के जरिए उसे गुरुग्राम में नौकरी मिल गई। पीड़िता वहीं पर रहने लगी। मई 2018 में उसकी मुलाकात सीमापुरी निवासी राहुल व उसके दोस्त से हुई। दोनों ने पीड़िता को अच्छी नौकरी दिलवाने का झांसा दिया। वह उसे गुरुग्राम से लेकर सीमापुरी आ गए। आरोप है कि यहां राहुल व उसके दोस्त ने उसे किराये के फ्लैट में जबरन बंधक बनाकर रखा। दोनों ने कई बार उसके साथ गैंगरेप किया। इस साजिश में एक महिला भी शामिल रही।  23 सितंबर को पीड़िता ने किसी तरह मामले की सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता का बयान लेकर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। छानबीन के बाद आरोपी राहुल को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं उसका दूसरा साथी फरार है। शुरुआत में पीड़िता ने महिला का नाम नहीं लिया था। कोर्ट में दिए बयान में पीड़िता ने साजिश में महिला के भी शामिल होने के आरोप लगाया

लखनऊ के दोहरे हत्याकांड में मुख्य आरोपी गिरफ्तार, सगे भाइयों को दौड़ाकर पीटने के बाद मारी थी गोली


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ :  राजधानी लखनऊ में बुधवार देर रात हुए दोहरे हत्याकांड में मुख्य आरोपी साहिल उर्फ छोटू को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, आज सुबह ही मामले की एफआईआर दर्ज की गई। रिपोर्ट मृतक इमरान व अरमान के सगे भाई रेहान ने दर्ज करवाई है। शहर के ठाकुरगंज इलाके में बेखौफ बदमाशों ने सगे भाइयों इमरान (20) व अरमान (18) को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने के बाद गोली मार दी थी। घनी बस्ती में बदमाशों ने दोनों की जान ले ली लेकिन वहां मौजूद लोगों की हिम्मत नहीं हुई कि उनका विरोध करते। वारदात स्थल से थाने की दूरी महज 500 मीटर है। फिर भी पुलिस भी वारदात के 15 मिनट बाद पहुंची। ठाकुरगंज के मुसाहिबगंज चुंगी के पास रात करीब 11.30 बजे आधा दर्जन बदमाशों ने पुरानी रंजिश में दो सगे भाइयों इमरान और अरमान को घेर लिया। घनी आबादी में बदमाशों से घिरे दोनों भाई पहले तो उनसे बातचीत कर मामले को हल करने की कोशिश करते रहें। लेकिन इसी बीच हमलावरों ने गाली गलौज करते हुए हमला कर दिया। पहले हाथापाई की। इसके बाद पास के आरा मशीन से लकड़ी उठा ली। उससे सिर और अन्य स्थानों पर लगातार वार कर रहे थे। दोनों भाई चीखकर बदमाशों से अपनी जिंदगी की भीख मांग रहे थे। लेकिन उनको जरा भी रहम नहीं आया

Wednesday, October 3, 2018

अमरोहा : रियल्टी चेक करने के लिए रात में निकले कप्तान,मचा हड़कम्प

टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
अमरोहा के पुलिस कप्तान विपिन ताडा जिले की पुलिस व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए एक के बाद एक लगातार अहम कदम उठा रहे हैं । एसपी के तेवर देखने से साफ लगता है कि वह पुलिस महकमे में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है । यही वजह है की अमरोहा पुलिस की कार्यप्रणाली जांचने के लिए खुद एसपी साहब सड़क बुधवार देर सड़क पर उतर गए । एसपी विपिन के इस औचक निरीक्षण से सभी पुलिसकर्मियों को होश उड गये । रात के अंधेरे में आचानक अपने ज़िले के कप्तान को देखकर सभी पुलिसकर्मी हक्के बक्के रह गए । इस दौरान एसपी विपिन ताडा रजबपुर पुलिस स्टेशन की अतरासी चौकी का भी औचक निरीक्षण किया ।

एसपी ने दिए पुलिसकर्मियों को निर्देश


करीब एक घंटे से उपर चले रहे इस औचक निरीक्षण में एसपी ने इस दौरान कई कांड व अभिलेखों की भी जांच की। इस दौरान लंबित कांडों के खुलासे में एसपी ने पुलिसकर्मियों को तेजी लाने के निर्देश । साथ ही गंभीर मामलों के त्वरित निष्पादन करने की बात एसपी ने कही । इस दौरान उन्होंने थानों में तैनात पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को जरूरी-दिशा निर्देश दिए । एसपी ने निर्देश देते हुए कहा कि रात में विशेष कर संवेदनशील सड़कों पर पुलिस गश्त किया  करे साथ ही साथ जिले के मुख्य चौराहों पर भी पुलिसकर्मी मुस्तैदी से तैनात रहें ।  एसपी ताडा ने इस दौरान यूपी 100 टू व्हीलर और यूपी हंड्रेड वाहनों पर मौजूद उपकरणों की भी जांच की

पुलिस कर्मियों के बीच मचा हड़कंप


एसपी के पहुंचने की सूचना पुलिस वालों में हड़कंप मच गया। पुलिस कर्मियों को दूर दूर तक इस बात की भनक नहीं रही होगी कि पुलिस कप्तान रात के अंधेरे  में इस तरह अकेले ही निकलकर औचक निरीक्षण करेंगे । यही वजह है कि एसपी के इस औचक निरीक्षण के बाद पुलिसकर्मियों के पसीने छूट रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि न जाने कब  एसपी दुबारा सड़क पर उतर कर थानों के निरीक्षण करने निकल पड़ें। एसपी के तेवर देखकर साफ जाहिर है कि वह पुलिस महकमे में किसी तरह की भी लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में बिल्कुल भी नहीं है। 

2022 तक देश को ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ मुक्त करेंगे: नरेंद्र मोदी


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली : अपनी सरकार के मूलमंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ में प्रकृति के शामिल होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि देश ने वर्ष 2022 तक ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ से मुक्त होने का संकल्प लिया है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से ‘चैंपियन्स ऑफ द अर्थ’ अवॉर्ड ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज भारत दुनिया के उन देशों में से एक है जहां सबसे तेज़ गति से शहरीकरण हो रहा है। ऐसे में अपने शहरी जीवन को स्मार्ट और टिकाऊ बनाने पर भी बल दिया जा रहा है। आधारभूत ढांचे को पर्यावरण और समावेशी विकास के लक्ष्य के साथ टिकाऊ बनाया जा रहा हैं।’’
उन्होंने कहा कि आबादी को पर्यावरण पर, प्रकृति पर अतिरिक्त दबाव डाले बिना, विकास के अवसरों से जोड़ने के लिए सहारे की आवश्यकता है, हाथ थामने की ज़रूरत है। मोदी ने कहा, ‘‘ इसलिए मैं जलवायु न्याय की बात करता हूं। जलवायु न्याय सुनिश्चित किए बिना जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटा नहीं जा सकता।’’ उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है और हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल रहे हैं। इसके लिये सरकार पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिये नहीं हो रहा है कि किसी से प्रतिस्पर्धा है। ऐसा इसलिये हो रहा है कि आबादी के एक हिस्से को गरीबी का दंश झेलने के लिये नहीं छोड़ा जा सकता।
मोदी ने कहा, ‘‘हम भारत में सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर काम करते हैं और इसमें प्रकृति भी शामिल है।’’ मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पैरवी करने के लिए अग्रणी कार्यों तथा पर्यावरण कार्रवाई के लिये सहयोग के नए क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान दिया गया। हरित अर्थव्यवस्था के महत्व को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘भारत की अर्थव्यवस्था के लिये गांव और शहर दोनों का महत्व है। ऐसे में यह सम्मान, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भारत की सवा सौ करोड़ जनता की प्रतिबद्धता का है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार वर्ष 2005 के आंकड़ों की तुलना में साल 2030 तक उत्सर्जन प्रभाव को 30 से 35 प्रतिशत कम करने की दिशा में काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में घरों से लेकर गलियों तक, दफ्तरों से लेकर सड़कों तक, पोर्ट्स से लेकर एयरपोर्ट्स तक, जल और ऊर्जा संरक्षण की मुहिम चल रही है।उन्होंने कहा कि एलईडी बल्ब से लेकर वर्षा जल प्रबंधन तक हर स्तर पर प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। देश के राष्ट्रीय राजमार्ग, एक्सप्रेसवे को पारिस्थितकी के अनुकूल बनाया जा रहा है। उनके साथ-साथ हरित ऊर्जा का विकास किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि मेट्रो जैसे सिटी ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को भी सौर ऊर्जा से जोड़ा जा रहा है। वहीं रेलवे की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को भी हम तेज़ी से कम कर रहे हैं। ‘‘इन सारे प्रयासों के बीच, अगर सबसे बड़ी सफलता हमें मिली है, तो वह है लोगों के आचरण, लोगों की सोच प्रक्रिया में बदलाव की।’’ ।यहां आयोजित समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने प्रधानमंत्री को ‘चैंपियन्स ऑफ द अर्थ’ सम्मान प्रदान किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सोच की वजह से 17.19 रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली सौर ऊर्जा आज 2 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिल रही है। वहीं, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सम्मान भारत की उस नित्य नूतन, चिर पुरातन परंपरा का सम्मान है, जिसने प्रकृति में परमात्मा को देखा है और जिसने सृष्टि के मूल में पंचतत्व के अधिष्ठान का आह्वान किया है। यह सम्मान जंगलों में रहने वाले आदिवासियों, मछुआरों, नारी और जलवायु की चिंता करने वाले लोगों का है।

माया का ऐलान: राजस्थान-मध्य प्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन नहीं, इसके लिए दिग्विजय सिंह जिम्मेदार


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ : मध्य प्रदेश और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीएसपी के बीच होने वाले संभावित गठबंधन टूटने के लिए बसपा अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। मायावती ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी बसपा से गठबंधन चाहते थे, लेकिन दिग्विजय सिंह के चलते यह गठबंधन नहीं हो पाया। शायद दिग्विजय ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों से डर रहे हैं।
इसके अलावा मायावती ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियों से साथ मिलकर चुनाव लडे़गी। उन्होंने कहा कि बीजेपी की महिला विरोधी, पूंजीपतियों की सहयोगी और दमनकारी नीतियों के खिलाफ ही हमारी पार्टी ने गठबंधन करने का फैसला किया था।
मायावती ने कहा कि जैसा उनकी पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, वैसा ही वह अन्य राज्यों में करेंगी। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीएसपी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। हमारा कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।

मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने गुजरात चुनाव परिणाम से कोई सबक नहीं लिया है। पिछले परिणामों से साफ पता चलता है कि जहां बीजेपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से रहा वहां बीजेपी ने आसानी से जीत दर्ज की। कांग्रेस को गलतफहमी है कि वह अकेले ही बीजेपी के साम, दाम, दंड भेद और ईवीएम जैसी चालों से पार पाकर जीत हासिल कर लेगी जो काफी हास्यास्पद है।

Tuesday, October 2, 2018

बाराबंकी : प्रधान दे रहे आपत्रो को प्रधानमंत्री आवास,महिला ने की सीएम से शिकायत


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
बाराबंकी: विकास खण्ड त्रिवेदीगंज क्षेत्र के एक ग्राम पंचायत सचिव पर महिला ने प्रधान-मंत्री आवास मे झूठी रिपोर्ट लगाने का आरोप लगाया है ।मुख्यमंत्री से शिकायत कर कारवाही की माँग की है । जानकारी के अनुसार ग्रामपंचायत छन्दरौली निवासिनी सुमनदेवी पत्नी प्रेमनाथ ने दिये गये मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र मे लिखा है की मेरा घर कच्चा बना हुआ है.जिसमे रहकर अपने परिवार के साथ गुजर बसर करती हूँ और आवास के लिये पात्र हूँ परन्तु ग्राम प्रधान मुझसे चुनावी रन्जिश मानते है.
इसी ईर्ष्या के चलते प्रधान-मंत्री आवास योजना के लाभ से उपेक्षित कर दिया जा रहा है  जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री जनसुनवाई के तहत आनलाइन भेजकर आवास दिलवाये जाने का माँग किया था जिसके आदेश उपरान्त इसकी जाँच खण्ड विकास अधिकारी ने ग्राम पंचायत सचिव को सौप दिया.
महिला का आरोप है की ग्राम पंचायत सचिव स्वयं मौके पर जांच करने नही आये एक निजी मुन्शी को भेजकर जाँच कराया जिसमे सही रिपोर्ट न देकर खुन्नस खाये ग्राम प्राधान के कहने
झूठी रिपोर्ट लगा दिया गया  जिसके कारण प्रधान-मंत्री आवास के लाभ से वंचित होना पड़ रहा  है महिला ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी ,मुख्य विकास अधिकारी सहित मुख्यमंत्री को आनलाइन भेजकर कार्यवाही की माँग किया है । वही इस सम्बन्ध मे खण्ड विकास अधिकारी ने जाँच करवाने की बात कही है ।

Sunday, September 30, 2018

बाराबंकी : छत से लटकता मिला महिला कान्स्टेबल का शव,अधिकारियो पर प्रताड़ना का आरोप


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में होने वाली आत्महत्याओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है । उत्तर प्रदेश में आख़िरकार पुलिसकर्मियों क्यों आत्महत्या कर रहे हैं यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है ।  आए दिन पुलिसकार्मियों द्वारा मौत को गले लगाता देख कर हर कोई दंग है । आए दिन कोई न कोई पुलिस वाला मानसिक तनाव या घर की परेशानियों के कारण ये बड़ा कदम उठा रहा है । बाराबंकी में किराए पर कमरा लेकर हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात महिला सिपाही का शव सुबह अपने कमरे में फंदे से लटकता मिला। महिला सिपाही ने अपने सुसाइड नोट में थाना प्रभारी व अन्य पर प्रताड़ना का आरोप लगाया । स्थानीय पुलिस कई घंटे तक सुसाइट नोट को छुपाने का प्रयास करती रही । घटना की सूचना पाकर मौके पर एएसपी समेत अन्य अधिकारी पहुंचे । मामले में एसपी ने प्रभारी निरीक्षक परशुराम ओझा और मुंशी रुखसार अहमद को लाइनहाजिर कर दिया है । 

फांसी लगा कि आत्महत्या

हरदोई जनपद की रहने वाली महिला सिपाही मोनिका हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात थी । वह हैदरगढ़ कस्बे के मितईपुरवा वार्ड में अक्षय कुमार के मकान में किराए पर रहती थी। रविवार को मोनिका का फोन ना मिलने पर पड़ोस में रहने वाला दूसरा सिपाही उसे खोजते हुए घर पर आया । खटखटाने पर जब कमरा नहीं खुला तो उसने धक्का मारा तो दरवाजा खुल गया। कमरे के अंदर मोनिका का शव पंखे में रस्सी के फंदे पर लटका हुआ था। सिपाही ने इसकी सूचना कोतवाली को दी तो हड़कंप मच गया आनन-फानन में मौके पर इंस्पेक्टर समेत पुलिस बल पहुंच गया। मोनिका के शव को फंदे से उतारा गया पुलिस ने मोनिका के परिजनों को घटना की सूचना फोन से दे दी ।

कमरे से मिला सुसाइड नोट


महिला सिपाही मोनिका के कमरे में सुसाइड नोट मिला मगर हैदरगढ़ पुलिस ने उसे छुपा लिया । कई घंटे के बाद वह सुसाइड नोट व्हाट्सएप पर वायरल हो गया। सुसाइड नोट में मोनिका ने लिखा है कि वह थाने में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) मै काम करती है इसके बावजूद लगातार उसकी ड्यूटी बाहर नियम विरुद्ध लगाई जाती है। इसका जब मैंने विरोध किया तो थाने पर तैनात कांस्टेबल मोहर्रिर रुखसार अहमद व एसएचओ परशुराम ओझा द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जाने लगा। मेरी गैरहाजिरी की रपट भी लिख दी। 29 सितंबर को जब मैं छुट्टी का प्रार्थना पत्र लेकर एसएचओ परशुराम ओझा के पास गई तो उन्होंने रजिस्टर फेंक दिया और कहा कि मैं छुट्टी नहीं दूंगा, सीओ से जाकर मिलो ।

' छुट्टी मिलती तो नहीं करती सुसाइड '

मोनिका ने अपने पत्र में लिखा कि छुट्टी अधिकार होता है उसके लिए भी अगर उच्चाधिकारियों के सामने भीख मांगने पड़े तो यह ठीक नहीं है। अगर मुझे छुट्टी दे दी जाती तो यह कदम मै ना उठाती । अंत में उसने अपने मम्मी पापा को सॉरी बोलते हुए माफी मांगी है । इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक वीपी श्रीवास्तव का कहना है कि आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है. इसके अलावा एसओ हैदरगढ़ और मुंशी को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है । ये ऐसा पहला मामला नहीं है जब किसी पुलिसवाले ने आत्महत्या की हो । इसके पहले भी कई दरोगा, सिपाही और यहां तक की यूपी पुलिस के उच्च अधिकारी तक मौत को गले लगा चुके हैं । ऐसे में पुलिस विभाग को चाहिए कि वह अपने सिपाहियों से लेकर अधिकारियों के बीच तालमेल बैठाए। उनकी समस्याएं सुनी जाए और ज्यादा से ज्यादा उन्हें मोटिवेट किया जाए।

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