Saturday, November 26, 2016

लखनऊ : कई अफेयर्स पर सवाल उठाने पर सारा को टार्चर किया था अमनमणि ने


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ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ.  मधुमिता शुक्ला हत्या के दोषी और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की बहू सारा की मौत के मामले में सीबीआई ने बेटे अमनमणि त्रिपाठी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. सारा की मौत के बाद उसके परिवार ने उसके पुराने मोबाइल से कुछ मेसेजेज जारी किए थे जिनसे साफ़ पता चलता है कि कि अमनमणि के अन्य लड़कियों से भी अफेयर थे और सारा को उसकी सच्चाई मालूम पड़ चुकी थी. इसी के चलते अमन सारा को आए दिन मारता पीटता था.  सारा के परिवार वालों का दावा है कि मौत से कुछ दिन पाहे सारा की आँख पर जो चोट लगी थी, वह अमन ने पहुंचाई थी. 
शादी के दो महीने बाद ही जिन्दगी हो गई थी नरक से बदतर
सारा की मां सीमा सिंह का दावा है कि अमनमणि से शादी के बाद ही सारा को मालूम पड़ गया था उसकी जिन्दगी में और भी लडकियाँ थीं.  इसके चलते शादी के दो महीने बाद ही उसके जिंदगी में तनाव घर करने लगा था.  सारा ने अमनमणि को शादी के दो महीने बाद ही 25-26 अगस्त 2013 की रात 1 बजकर 24 मिनट पर मेसेज भेजा था, “इतने डोमिनेटिंग हो तुम कि तुमसे कभी कभी आँख उठाके बात करने में डर लगता है. ” इस पर अमन ने बाद में कॉल करने का मेसेज भेजा था.  बाढ़ घंटे बाद तक जवाब न मिलने पर सारा ने मेसेज कर पूछा, “व्हाट हैपेंड, प्लीज टेल .  ” कोई जवाब न पाकर सारा ने मेसेज किया, “किसी और से बात कर रहे हो…  आ गया क्या किसी लड़की का फोन…आल द बेस्ट. ”
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फोटो जारी कर दिया था मारपीट का सबूत
सारा के बहन नीति मिश्रा ने सारा की कुछ फोटो जारी करते हुए बताया था कि अमन आए दिन सारा के साथ मारपीट किया करता था.  यह फोटो उन्हें सारा के पुराने मोबाइल में में मिला है.  इस फोटो में सारा की दायीं आँख पर सूजन दिखाई दे रही है जो अमन के मारने पीटने के चलते आई थी. सारा की माँ सीमा सिंह ने के अनुसार अमनमणि त्रिपाठी के साथ बेटी सारा की शादी जुलाई 2013 को अलीगंज के आर्यसमाज मंदिर में हुई थी. शादी के चार-पांच महीने के बाद सारा मानसिक रूप से परेशान रहने लगी थी. काफी पूछने पर सारा ने कहा था कि अमनमणि उससे मारपीट कर प्रताड़ित करता है और उसके मां-बाप उससे छुटकारा पाना चाहता है. तब सारा को समझाया गया कि वह अमनमणि को प्‍यार से समझाए, लेकिन इसके बाद भी अमनमणि का व्यवहार नहीं बदला.

सारा के भाई सिद्धार्थ ने बताया कि सारा ने अपनी एक दोस्त को फेसबुक मेसेंजर के जरिए मैसेज करके बताया था कि अमनमणि ने उसकी जिंदगी नरक बना रखी है, वह उसे धमकाता है और मारपीट करता है. उसने अपनी दोस्त से कहा था कि वह मेरी लाइफ से खेल रहा है. घरवालों का कहना है कि अमन जब भी घर पर सारा से मिलने आता था तो सारा के कमरे में घुसते ही गालीगलौज करता था. उसके वहां रुकने के दौरान अक्सर कमरे से गालीगलौज की आवाज आती थीं.
सारा ने 1090 पर भी की थी शिकायत
सारा ने 20 जून 2014 को 1090 पर काल कर अमन के दुर्व्यवहार के बारे में शिकायत भी की थी.  उसकी इस शिकायत का बाकायदा उसे एकनॉलेजमेंट भी एसएमएस के जरिए मिला था.  इस कॉल का रेफेरेंस नंबर था 227710.  यही नहीं 1090 से उसे वापास कॉल कर मामले की जानकारी भी ली गई थी.  यह सब तथ्य सारा के पुराने मोबाइल के कॉल लॉग और मेसेज बॉक्स खंगालने पर सामने आए हैं.  ऐसे में अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि यूपी के सीएम की इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट और नारी सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली वीमेन पॉवरलाइन ने समय रहते कोई कदम क्यों नहीं उठाया जिससे सारा की जान बचाई जा सकती 
सारा के गायब हुए दो मोबाइल छिपे हैं कई राज
सारा के भाई हर्ष का दावा है कि सारा के पुराने मोबाइल में इतने राज छिपे हैं तो नए मोबाइल में जरूर में वे सबूत भी होंगे जो सारा की हत्या का राज खोल सकते हैं.  सारा की मां सीमा सिंह ने बताया कि सारा की मौत वाले दिन अमनमणि उसी के मोबाइल से बात कर रहा था. रात में अमन को पुलिस हिरासत में लिए जाने के बाद से सारा के दोनों मोबाइल गायब हैं. सारा के भाई सिद्धार्थ ने आरोप लगाया है कि साजिशन मोबाइल गायब कराए गए हैं ताकि सबूत मिटाए जा सकें. अगर ये दोनों मोबाइल मिल जाएँ तो सारा की मौत की साजिश का पर्दाफ़ाश हो जाएगा. माँ सीमा सिंह ने जेल में अमनमणि से मुलाक़ात के दौरान जब उससे मोबाइल के बारे में पूछा तो उसने जानकारी होने से इनकार कर दिया था.  

लखनऊ : अमनमणि ने पिता को किया था फॉलो, प्रेग्नेंट होने पर किया सारा का मर्डर

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ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. आखिरकार लखनऊ की रहने वाली सारा सिंह के मर्डर के आरोप में उसके पति अमनमणि त्रिपाठी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर ही लिया. सारा के परिवार ने अमन पर उनकी बेटी सारा की हत्या का आरोप लगाया था. इस मामले में सारा के मां सीमा सिंह ने खुलसा किया था कि उनकी बेटी के दुबारा प्रेग्नेंट होने के चलते अमन ने उसकी हटी कर दी थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि इससे पहले अमन ने उसका जबरन एबॉर्शन भी कराया था. बता दें कि अमनमणि के पिता अमरमणि और मां मधुमणि इसी मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. अमरमणि ने अपने अवैध संबंधों के चलते प्रेग्नेंट हुई कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या करवाई थी.
पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए अमन ने की थी सारा की हत्या
सारा की मां  और भाई ने जो खुलासा किया है वह न सिर्फ चौंकाने वाला है बल्कि यह भी इशारा कर रहा है कि हो न हो अमनमणि ने सारा की मौत का तानाबाना अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए बुना था, जैसा कि मधुमिता की हत्या के लिए बुना गया था. सारा के मां  सीमा सिंह के मुताबिक़ मौत से पहले सारा प्रेग्नेंट थी. वहीँ सारा के भाई हर्ष का कहना है कि अमन ने इससे पहले सारा का एबॉर्शन भी कराया था, जिसके बारे में सारा ने अपने दोस्तों को बताया था. साथ ही सारा और अमन का मैरिज सर्टिफिकेट भी सामने आया है जो जला हुआ है.  
अमन ने एक नहीं किए थे दो मर्डर!
सारा की मां  सीमा सिंह ने आरोप लगाया कि अमन ने एक नहीं दो हत्याएं की हैं. एक तो सारा की और दूसरा उसके पेट में पल रहे बच्चे की. हालाँकि पोस्टमार्टम में डॉक्टरों द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण यह राज हमेशा के लिए दफ़न कर दिया गया है, लेकिन सीमा सिंह का कहना है कि मौत के कुछ दिन पहले ही सारा ने उनसे प्रेगनेंसी के बारे में कुछ सवाल किये थे. उसने सीमा सिंह से पूछा था कि आपके बच्चे कैसे हुए थे. इस पर सीमा सिंह ने उसे सलाह दी थी कि जब तक वह और अमन सेटल नहीं हो जाते उन्हें दो से तीन होने की प्लानिंग नहीं करनी चाहिए. सीमा का आरोप है कि सारा प्रेग्नेंट थी और अगर बच्चा हो जाता तो अमन को सारा से पीछा छुड़ाने में मुश्किल आती, इसी के चलते उसने सोची समझी साजिश के तहत सारा की हत्या कर दी और उसे एक्सीडेंट में हुई दिखाने की कोशिश की.
अमन ने जबरन करवाया था सारा का एबॉर्शन!
सारा के भाई हर्ष ने बताया कि उन्हें सारा के दोस्तों से पता चला है कि सारा की मौत के एक साल पहले प्रेग्नेंट हुई थी और अमन ने जबरन उसका एबॉर्शन करा दिया था. हर्ष को आशंका है कि इस बार भी प्रेग्नेंट होने पर अमन ने सारा के ऊपर एबॉर्शन का दबाव डाला होगा और सारा ने इस बार मना कर दिया होगा. हर्ष का कहना है कि अपना प्लान बिगड़ते देख अमन ने सारा को साजिशन एक्सीडेंट में मरा हुआ दिखा दिया.
बच्चा होता तो बन जाता नेचुरल वारिस
हर्ष के मुताबिक़ अगर सारा इस बच्चे को जन्म दे देती तो वह अमन का बच्चा होने के चलते उसका नेचुरल वारिस हो जाता, ऐसे में सारा को प्यार के जाल में फंसाकर शादी करने का नाटक और उसके बाद सारा को छोड़ देने का उसका प्लान बिगड़ जाता. हर्ष ने कहा कि सारा तलाक लेना चाहती थी यह बात तो अमन को काफी पहले मालूम पड़ चुकी थी, लेकिन तब अमन ने कुछ नहीं किया, हो न हो इस बीच सारा के प्रेग्नेंट होने की बात सुनकर उसने उसको और उसके पेट में बच्चे से छुटकारा पाने के लिए खौफनाक साजिश रच डाली.

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अमन ने की थी मैरिज सर्टिफिकेट जलाने की कोशिश
सारा को था अपनी हत्या का अंदेशा
सारा की मां  सीमा सिंह ने बताया कि एक्सीडेंट वाले दिन के पहले सारा कई बार उनसे कह चुकी थी कि अमन उसके साथ कुछ भी कर सकता हैं. इस पर उन्होंने सारा से पूछा था कि क्या कर सकता है, सीमा सिंह के मुताबिक़ सारा ने उन्हें डायरेक्ट कभी कुछ नहीं बताया था लेकिन सार के दोस्तों से उन्हें मालूम पड़ा था कि अमन ने सारा के साथ कई बार मारपीट की थी. उन्होंने कहा सारा अमन से डाइवोर्स लेना चाहती थी। इसे पहले भी सारा शादी के लिए तैयार नहीं थी लेकिन तब अमन ने घर के बाहर गोलियां चलवाकर सारा के ऊपर दबाव डाला और धमकी दी थी कि अगर उसने शादी नहीं की तो वह परिवार के लोगों को मार डालेगा. इसी दबाव में सारा ने अमन से शादी कर ली थी.

एक्सीडेंट के बारे में अमन के बयान ने पैदा किया था शक
सारा के परिवार ने फिरोजाबाद पुलिस को बताया था कि अमन एक्सीडेंट को लेकर लगातार विरोधाभासी बयान दे रहा है. सारा की मां  ने बताया कि 9 जुलाई को एक्सीडेंट के बाद उनके बेटे सिद्धार्थ के पास एक नामालूम नंबर से कॉल आई थी कि सारा का एक्सीडेंट हो गया है और उन लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचा दिया है. जबकि पहले ने बताया था कि वह घायल हुई सारा को टेम्पो में डालकर अस्पताल ले गया था. इसके बाद जब वे जेल में जाकर उससे मिलीं तो अमन ने उन्हें बताया कि एक सवारी ढोने वाली टाटा मैजिक एक्सीडेंट स्पॉट से गुजरी थी, उसमे बैठे लोगों के मदद से वह सारा को लेकर अस्पताल गया था. अमन ने सीमा सिंह को बताया कि टाटा मैजिक में बैठे पांच लोगों में से तीन लोग बीच में ही उतर गए थे. ड्राईवर और एक नया शख्स बैठा हुआ था जो सारा और उसे लेकर अस्पताल पहुंचे थे. सीमां  सिंह का कहना है कि अमन ने अस्पताल पहुँचने के बाद उन्हें चार बार फोन किया और चौथी बार में उन्हें बताया कि सारा की साँसे थम गई हैं. जिसके बाद सीमा सिंह ने अमन को सारा को वेंटिलेटर पर रखवाने को बोला. सीमा सिंह के अनुसार जब वे फिरोजबाद पहुंची थीं तो अमन के चहरे पर पत्नी की मौत का कोई दुःख नहीं था.

Wednesday, November 23, 2016

लखनऊ : RBI खाताधारकों को शत प्रतिशत निकासी की सुविधा दें

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ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप चन्द्रा ने लखनऊ के भारतीय रिजर्व बैंक के प्रबंधक के माध्यम से गवर्नर को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि खाताधारकों को बैंक से ज़रुरत पड़ने पर शत प्रतिशत निकासी की सुविधा मिले. उन्होंने लिखा है कि देश के विभिन्न बैंकों पर डायरेक्टिव लगनें पर खाताधारकों को 6 माह में मात्र एक लाख रुपये निकासी की इजाजत थी जिसके लिए मैनें 7 जून 2014 को शत प्रतिशत निकासी करनें की इजाजत देने के सम्बन्ध में पत्र लिखा था जिसके तहत खाताधारकों को एक लाख निकासी की इजाजत 30 जुलाई 2014 को संशोधित निदेश जारी किया था.
उन्होंने लिखा है कि जब गवर्नर करेंसी नोट पर धारक को रूपया अदा करने का लिखित वचन देते हैं तो उन्हीं करेंसी नोट के वचनों को इकठ्ठा कर बैंक के खाते में डालने के बाद निकासी का वचन मात्र एक लाख पर सिमट जाना न सिर्फ अनुचित और हास्यास्पद है बल्कि आपके वचनों का टूटना भी है.
किसी बैंक ने किसी नियम का उलंघन किया है या गड़बड़ी की है तो उसे सजा दें और अगर किसी खाताधारक नें गड़बड़ी की है तो उसका खाता रोक कर उन्हें सज़ा दें, अन्य हजारों खाताधारकों के निकासी को सिमित कर मात्र एक लाख निकासी की इजाजत देना कैसे न्यायसंगत हो सकता है.  लिहाज़ा जल्द से जल्द खाताधारकों का बैंकों में जमा धनराशि की शत प्रतिशत निकासी सुनिश्चित करनें का निदेश जारी हो जिससे बेझिझक बैंकों पर यकीन किया जा सके और जमा धनराशि सुरक्षित होने का एहसास हो सके.
विदित हो कि किसी भी बैंक में गड़बड़ी पाने पर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया पहले उसे चेतावनी देता है फिर जुर्माना लगाता है और अंत में डायरेक्टिव लगा दिया जाता है जिसके बाद किसी भी खाते से 6 माह में मात्र एक लाख ही निकासी हो सकती है. ओबीसी बैंक, देना बैंक और बैंक आफ महाराष्ट्र पर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने प्रत्येक को डेढ़ करोड़ जुर्माना लगाया था अब ये तीनो बैंक डायरेक्टिव लगनें के मुहाने पर खड़े हैं और कभी भी इन पर डायरेक्टिव लग सकता है, इसे बताने के लिए 25 नवम्बर को दोपहर 2 बजे लखनऊ के हजरतगंज स्थित ओबीसी बैंक पर जनहित में जागरूकता अभियान चलाएंगे.

Monday, November 21, 2016

ट्रेन हादसा : तो इस वजह से चली गयीं 145 जिंदगियां

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
कानपुर। शनिवार रात करीब तीन बजे पटना से इंदौर जाने वाली ट्रेन इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डब्बे पटरी से उतर गये। यह घटना कानपुर देहात के पुखरायां स्टेशन के पास दलेल नगर में हुआ। ताजा ख़बरों से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक मरने वालो कि संख्या लगभग 145 हो गयी है।
इंदौर-पटना एक्सप्रेस

इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डब्बे पटरी से उतरी

जानकारी के मुताबिक अभी मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है। वहीँ जबकि इस हादसे में अभी तक सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। फ़िलहाल हादसा के कारण का पता अभी तक नहीं चल पाया है। वहीँ सूत्रों का कहना है कि ट्रेन के ट्रैक से उतरने की वजह पटरी में दरार आना हो सकता है।
सूत्र ने ये भी कहा कि इस बड़े हादसे का असल कारण जांच रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चल पायेगा कि हादसा का क्या कारण है। ऐसा भी हो सकता है कि यह रेल फ्रैक्चर (पटरी में दरार) की वजह से ही हुआ है।
उन्होंने ये भी बताया कि बताया कि हादसे में अधिक मौतें होने का कारण आधुनिक लिंक हॉल्फमैन बुश कोचों का न होना भी है। एलएचबी कोचों में सुरक्षा तकनीक ऐसी विकसित की गई है जिससे शॉक और पटरी से उतरने की स्थिति में उसके असर को कम किया जा सके। लेकिन न तो स्टेशन मास्टर ने और न ही गार्ड ने इस पर कोई ध्यान दिया। ट्रेन को झांसी से बिना जांच के रवाना कर दिया गया और नतीजा बडे़ हादसे के रूप में सामने आया।

दोपहर बाद बैंक, एटीएम पर स्थिति होगी सामान्य

Money problems

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
करेंसी की कमी के कारण बंद रहे कई एटीएम।PC: Rajesh Kumar

रविवार की छुट्टी की वजह से विभिन्न बैंकों को आरबीआई से रकम नहीं मिल सकी। अब सोमवार दोपहर बाद ही बैंकों को करेंसी मिलने की संभावना है। इस वजह से दोपहर बाद ही अधिकांश बैंकों और एटीएम पर स्थिति सामान्य होने की संभावना है। हालांकि एसबीआई और पीएनबी के अधिकारियों का दावा है कि उनके बैंकों में स्थिति सामान्य रहेगी।
रिजर्व बैंक की ओर से शहर के बैंकों को जो करेंसी उपलब्ध कराई जा रही है, वह कुल मांग का मात्र एक चौथाई ही है। इस स्थिति को देखते हुए डीएम ने गोरखपुर के लिए 900 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन इसका असर अब तक नहीं हुआ है। रिजर्व बैंक की ओर से शनिवार और रविवार को किसी भी बैंक को करेंसी उपलब्ध नहीं कराई गई। ऐसे में सोमवार को दोपहर बाद रकम मिलने पर स्थिति सामान्य होने की बात कही जा रही है। 

साप्ताहिक बंदी की वजह से रविवार को हमें रिजर्व बैंक से करेंसी नहीं मिल सकी है, लेकिन हमारे पास अभी पर्याप्त रकम है। सोमवार को बैंक में सामान्य कामकाज होंगे। साथ ही एटीएम से भी लोग रकम निकाल सकेंगे।
- अमर सिंह, एजीएम, एसबीआई

पीएनबी में जोनल मुख्यालय हुई व्यवस्था
करेंसी की लगातार कमी झेल रहे पीएनबी की शाखाओं में सोमवार को स्थिति थोड़ी सामान्य रहने की संभावना है। बैंक के एजीएम पीके गांगुली ने बताया कि लखनऊ स्थित जोनल मुख्यालय से रविवार को कुछ करेंसी उपलब्ध कराई गई है, जो सभी शाखाओं को भेज दी गई है। सोमवार को बैंकों में सामान्य कामकाज होगा। 

500 रुपये के नोट के लिए इंतजार बढ़ा
500 रुपये के नए नोट के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। सोमवार को भी किसी बैंक से इसके मिलने की संभावना नहीं है। पीएनबी के एजीएम पीके गांगुली और एसबीआई के एजीएम अमर सिंह ने बताया कि अभी तक आरबीआई से 500 रुपये के नोट नहीं मिले हैं। आरबीआई से नए नोट की उपलब्धता कराने के बाद ही इसे ग्राहकों को दिया जाएगा।

आज सभी बदल सकते हैं पुराने नोट 
1000 और 500 रुपये के पुराने नोट सोमवार को भी बदले जाएंगे। लीड बैंक मैनेजर आरके सिंह ने बताया कि बुजुर्गों के लिए नोट बदलने का नियम सिर्फ शनिवार के लिए किया गया था। सोमवार को लोग किसी भी बैंक की शाखा से अपने पुराने 1000 और 500 रुपये के नोट बदल सकते हैं।

पीएनबी से शादी वाले परिवारों को ढाई लाख मिलना मुश्किल
पीएनबी के खाताधारकों के उन परिवारों को ढाई लाख रुपये मिलने मुश्किल हैं, जिनके घर शादी है। वजह है कि नोटबंदी के बाद पीएनबी लगातार करेंसी के संकट से जूझ रहा है। बैंक के अधिकारियों का कहना है कि आरबीआई से जो रकम मिल रही है, उससे खाताधारकों की जरूरतों को भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं। पीएनबी के मंडल प्रमुख टी. बडपंडा का कहना है कि शादी वाले परिवार की ओर से यदि आवेदन आते हैं तो यथास्थिति उनकी पूरी मदद की जाएगी, लेकिन फिलहाल की स्थिति में एक परिवार को ढाई लाख रुपये दे पाना संभव नहीं है।

लखनऊ : आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे नेताजी के लिए बेहतरीन तोहफा: अखिलेश

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ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
 लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे समाजवादी सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी जिसका का वादा समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में किया था।
अब उन्होंने इस वादे को पूरा कर नेताजी (मुलायम सिंह) को एक बड़ा तोहफा दिया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उन्नाव के बांगरमऊ में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा कि सपा की सरकार में जितना विकास हुआ, उतना कभी नहीं हुआ। सड़कें जितनी अच्छी बनेंगी, अर्थव्यवस्था की रफ्तार उतनी ही तेज होगी और निवेश भी बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी ने एक्सप्रेस-वे निर्माण तय समय सीमा के भीतर पूरा करने को कहा था, जिसे उन्होंने पूरा करके दिखा दिया। इसके बाद अब लखनऊ से बलिया तक समाजवादी एक्सप्रेस-वे बनाने का काम पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सपा ने विकास के बहुत काम किए हैं। लखनऊ में जल्द ही मेट्रो रेल सेवा की शुरुआत हो जाएगी। सपा सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना लागू की। लाखों लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। छात्रों को लैपटॉप दिए गए। विकास के मामले में उप्र अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बन रहा है।
अखिलेश ने कहा कि उन्होंने ऐसा एक्सप्रेस-वे बनाया है, जहां मुसीबत के समय हवाई जहाज भी उतारे जा सकते हैं। यह सड़क हमेशा देश के काम आएगी।
समारोह के दौरान सांसद जया बच्चन और मुख्यमंत्री अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव भी मौजूद थीं।
मुख्यमंत्री ने रविवार को हुए ट्रेन हादसे के कारण इस मौके पर आयोजित होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ -आगरा के बीच छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे 302 किलोमीटर लम्बा है। लखनऊ-आगरा के बीच उन्नाव में एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी बनी है, जहां जरूरत पड़ने पर लड़ाकू विमान भी उतारे जा सकते हैं। एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी तीन किलोमीटर लंबी है।
एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए 10 जिलों के 232 गांवों में लगभग 3,500 हेक्टेयर भूमि 30,456 किसानों की सहमति से खरीदी गई। जमीन के लिए भुगतान को छोड़कर परियोजना की अनुमानित लागत 11526.73 करोड़ रुपये तय की गई थी।

यूपी : विधानसभा चुनाव का नया समीकरण तैयार

UP Assembly elections
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
विवेक सिन्हा लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को आरएलडी और जेडीयू ने नया समीकरण तैयार किया. आज लखनऊ स्थित आरएलडी मुख्यालय पर यूपी विधानसभा चुनाव के लिए अहम प्रेस कांफ्रेस हुई. अजित सिंह, शरद यादव और केसी त्यागी ने संयुक्त प्रेस वार्त्ता करके बताया कि भाजपा को हराने के लिए यूपी के चुनाव में आरएलडी और जेडीयू मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
इस मौके पर अजित सिंह ने सपा सुप्रीमो पर हमला बोलते हुए कहा कि मुलायम लोहिया और चौ.चरण सिंह के बताए रास्ते से भटके गए है. शरद यादव ने कहा कि हम विलय को तैयार लेकिन अब इसका समय नहीं बचा है.
इस गठबंधन पर सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा कि 2017 में भी सपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी,अखिलेश यादव सपा का चेहरा हैं. इस गठबंधन से सपा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा,नेताजी के पीछे हटने का आरोप बेबुनियाद.

नोटबंदी: वोट मांगने पहुंचे BJP नेता तो गांव वालों ने दौड़ाकर पीटा, देखें वीडियो

viral_videoब्रेक न्यूज डेस्क
नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने एक अहम फैसला लेते हुए 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद कर दिया। देश के तमाम लोगों ने पीएम मोदी के इस फैसले का स्वागत किया। वहीं, कुछ लोगों ने नोटबंदी का जमकर विरोध किया। इस समय सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें नोटबंदी से परेशान आम जनता बीजेपी कार्यकर्ताओं को लाठी-डंडों से पीट रही है। ये वीडियो असम का है।

मामला असम का है। जहां लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव हो रहे थे। ऐसे में चुनाव में वोट मांगने के लिए जब बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता आम जनता के बीच पहुंचे तो नोटबंदी से नाराज लोगों ने हमला कर दिया। किसी तरीके से बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भागकर अपनी जान बचाई। मामले का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है।

Sunday, November 20, 2016

लखनऊ : बसने से पहले उजड़ा सोनम गुप्ता का घर

sonam gupta

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ.  दस और दो हजार के नोटों पर लिखे ‘सोनम गुप्ता बेवफा है’ ने जहां सोशल मीडिया में हलचल मचा दी। सोशल मीडिया में ‘बीगेस्ट ट्रेंड’ बने इस एक वाक्य से किसको पता था कि यह किसी की जिंदगी में तूफान ला सकता है।
ऐसा हुआ उप्र के कौशांबी के मंझनपुर में, जहां सोनम गुप्ता की शादी होने के तीन दिन पहले फेसबुक पर वायरल हुए बेवफाई के चर्चे सुन लड़के वालों ने रिश्ता तोड़ दिया।
इसके बाद जहां कल तक खुशियों के डोल बज रहे थे। वहां अब मातमी सन्नाटा पसरा पड़ा है। सबसे बड़ी बात सोनम व उसके परिवार को उस गुनाह की सजा मिली, जो उसने कभी किया ही नहीं।
जनपद कौशांबी के मंझनपुर क्षेत्र के करारी स्थित एक गांव की रहने वाली सोनम गुप्ता नाम की युवती की शादी फतेहपुर जिले के धाता क्षेत्र के किराना व्यापारी के बेटे से तय थी। 21 नवंबर को बारात आनी थी। इससे पहले 15 नवंबर को तिलकोत्सव था।
दोनों पक्षों ने धूमधाम के साथ तिलक की रस्म अदायगी की। सबकुछ ठीकठाक चल रहा था। दोनों तरफ हंसी-खुशी के बीच शादी की तैयारियां चल रही थीं। शादी के कार्ड बंट गए थे। हलवाई, टेंट दूध, सब्जी आदि जरूरी सामानों की बुकिंग पहले ही हो चुकी थी। इसी बीच सोशल मीडिया में वायरल हुई एक नोट सारी खुशियां काफूर कर दीं।
‘सोनम गुप्ता बेवफा है’ लिखी इस नोट को देखने के बाद लड़के वाले भड़क गए। उन लोगों ने बगैर किसी देरी के बारात से तीन दिन पहले शादी करने से इनकार कर दिया। लड़के वालों का कहना है कि संभव है कि सोनम गुप्ता नाम की लड़की यही हो सकती है। ऐन वक्त लड़के वालों की तरफ से रिश्ता ठुकराए जाने की खबर सुनते ही कन्या पक्ष स्तब्ध रह गया।
कन्या पक्ष के लोगों ने रिश्तेदारों की मदद से लड़के वालों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन लड़के वाले नहीं माने। इस घटना ने कन्या पक्ष को इस कदर तोड़ दिया कि वह न कुछ कर पा रहे और न कुछ कह पा रहे हैं, लेकिन आंखों से उनका दर्द बार-बार झलक रहा है।

लखनऊ : माया पर 100 करोड़ का आरोप लगा चुके BSP के पूर्व सांसद BJP में होंगे शामिल

akhilesh_dasब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. स्वामी प्रसाद मौर्या, ब्रजेश पाठक के बाद अब एक और बसपा सांसद बीजेपी का दामन थामने वाला है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने हाल ही में इसके लिए बीजेपी के एक कद्दावर नेता के जरिये पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की है।
मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने अमित शाह को उनकी सदस्यता को लेकर विचार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। अगर अमित शाह की तरफ से हरी झंडी मिल जाती है तो अखिलेश दास बीजेपी के पाले में आ जायेंगे। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश दास, अमित शाह को खुश करने के लिए एक बड़े मीडियामैन से पैरवी करा रहे हैं।
अखिलेश दास पहले कांग्रेस के साथ थे और बाद में वह बसपा में शामिल हो गए थे। अब बीजेपी का बढ़ता रुतबा देख कर वह भाजपा खेमे में आने की जद्दोजहद में लगे हैं। अखिलेश इंटरनेशल लेवल के बैडमिंटन खिलाड़ी भी रह चुके हैं और फ़िलहाल वह बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।
कौन हैं अखिलेश दास गुप्ता
अखिलेश वर्ष 1979 से 1980 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे बनारसी दास गुप्ता के बेटे हैं। 2014 के अंत तक उन्होंने यह कहकर बसपा छोड़ दी थी कि मायावती ने दोबारा राज्यसभा सांसद बनाने के लिए उनसे 100 करोड़ रुपये मांग की थी। अब अगर विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश दास बीजेपी से जुड़े तो बनिया वर्ग के लिए एक चेहरा होंगे।
2008 में बने राज्यसभा सांसद
1996 अखिलेश दास कांग्रेस से पहली बार राज्यसभा सांसद बने। 2004 में मनमोहन सरकार में वह स्टील मिनिस्ट्री में केंद्रीय राज्यमंत्री बनें। राहुल गांधी से मतभेद के कारण बाद में उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया। 2008 में मायावती से डील कर के वह राज्यसभा सांसद बनें।

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