Saturday, March 25, 2017
CM योगी की हनक, DM योगेश्वर राम मिश्र ने काटा 107 अधिकारियों का वेतन
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
वाराणसी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ बड़ी तेजी से उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में जुटे हुए हैं, जिसके लिए उन्होंने कई अहम फैसले तो लिए ही है वहीँ यूपी के अधिकारियों और कार्मचारियों को सख्त निर्देश दिए है कि सभी लोग समय पर अपने-अपने दफ्त्तर में पहुंचे, लेकिन इसके बावजूद पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के सरकारी कर्मचारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. ऐसे अधिकारियों के विषय में संज्ञान लेते हुए काशी के जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने सीएम के संदेश के बावजूद काम से गायब रहने वाले वाराणसी जिले के 107 अधिकारियों का वेतन काटा है और इन अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए है कि अगर आगे इस तरह की गलती हुई तो और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे.
Friday, March 24, 2017
बाराबंकी : अवैध शराब कारोबार में पांच तस्करों पर गैंगस्टर, भेजा जेल
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
बाराबंकी : हैदरगढ़ शराब के अवैध करोबार में आरोपी नवीन जायसवाल गैंग के पांच तस्करों को गैंगेस्टर एक्ट के तहत जेल भेजा गया है। अवैध देशी शराब बनाने व बेचने के दो मामलों में वांछित नवीन अपने दो अन्य साथियों के साथ फरार हैं। कोतवाली पुलिस ने सभी के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई कर पकड़े गए पांचों तस्करों को जेल भेज दिया।
कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को गैंगेस्टर एक्ट में निरुद्ध किए गए बरांवा गांव के सत्यनाम, रवींद्र प्रताप सिंह उर्फ सोनू सिंह व राघवेंद्र सिंह उर्फ मोनू, कस्बे के मोहल्ला ब्रम्हनान निवासी हाफिज उर्फ पांडेय तथा सतीश जायसवाल को जेल भेजा है।
कोतवाली के एसएसआई विवेक कुमार सिंह ने कहा सभी शराब के अवैध कारोबार में लिप्त नवीन जायसवाल गैंग के सक्रिय सदस्य हैं तथा वर्ष 2014 में देशी शराब को अवैध ढंग से बनाने व बिक्री करने के मामलों में आरोपित होने पर पहले जेल की हवा खा चुके हैं।
इनके अलावा गैंग सरगना कस्बे के नवीन जायसवाल, प्रवीन जायसवाल व अनिल जायसवाल के विरुद्ध भी गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। बताया कि तीनों के ठिकाने पर अवैध शराब बनाने व बिक्री के लिए भेजने के दौरान भारी मात्रा में बारामदगी होने के दो मामलों में वांछित होने पर काफी दिनो से फरार चल रहे है।
एसएसआई ने कहा तीनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर लगातार दबिश दी जा रही है। इसके अतिरिक्त पुलिस ने न्यायालय से वारंट जारी होने के बावजूद हाजिर नहीं होने पर राजा का पुरवा निवासी रामप्रताप को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
Thursday, March 23, 2017
योगी ने किसानों की सुविधा के लिए जिलाधिकारियों को दिए ये निर्देश
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने पूरे प्रदेश में गेहूं खरीद के लिए व्यापक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई कठिनाई न हो। यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक गेहूं खरीद केन्द्र पर किसानों की सुविधा के लिए पेयजल व्यवस्था अन्य जनसुविधाएं इत्यादि सुनिश्चित की जाएं, ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने मुख्य सचिव को सभी जिलाधिकारियों को इस आशय के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने के लिए निर्देशित किया है। प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलवाकर उनकी आर्थिक सम्पन्नता सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए सारे प्रयास करेगी।
Wednesday, March 22, 2017
महोली SDM ने छीना मीडिया कर्मी का कैमरा और फोन
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
महोली. उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में पड़ने वाली महोली तहसील के उपजिलाधिकारी इन दिनों फिर चर्चा में आ गए हैं। इन दिनों महोली में खाद्यान्न घोटाला और अवैध खनन आदि मीडिया की सुर्खियाँ बनती रहीं लेकिन इन सभी प्रकरणों पर उपजिलाधिकारी महोली की नैतिक जिम्मेदारी कभी भी कोई अधिकारी तय नहीं कर सका। इसके चलते महोली में भृष्टाचार में दिनोदिन इजाफा होता चला गया। उपजिलाधिकारी अतुल अपनी दबंग कार्यशैली के चलते भी आये दिन चर्चा में बने ही रहते हैं। इस बार अतुल कुमार श्रीवास्तव की वजह से महोली का तहसील दिवस इस बार चर्चा का विषय बन गया है। उन पर एक मीडिया कर्मी ने कैमरा और फोन छीनने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इतना ही नहीं मंगलवार को हुए तहसील दिवस में दबंगई के लिए अपनी अलग पहचान बना चुके उपजिलाधिकारी महोली द्वारा एक मीडिया कर्मी से अभद्रता करने का वीडियो सामने आ रहा है। ब्रम्हावली गाँव के निवासी रामजी मिश्र समाचार संकलन संबंधी कार्यों हेतु तहसील गए थे। उन्होंने यह भी बताया कि वह एक निजी पत्रिका के सम्बन्ध में भी एस डी एम सहित अन्य अधिकारियों से उनकी अपेक्षाओं के बारे में जानना चाह रहे थे। इस सम्बन्ध में एस डी एम से सुबह ही उनकी बात हुई जिसके बाद एस डी एम ने कार्यालय पर मिलने की बात कही थी। इसके बाद जब वह कार्यालय पहुँचा तो एक फरियादी को धक्के देकर बाहर निकाला जा रहा था। इसके बाद जो हुआ वह सुन कर किसी के भी होश उड़ जाएंगे। अगर कहा जाए तहसील दिवस इस बार कारनामा दिवस बन गया तो यह कतई गलत न होगा। मंगलवार को महोली में तहसील दिवस चलना शुरू ही हुआ कि इसी समय एक मीडिया कर्मी रामजी भी वहाँ पहुँचा। कुछ ही समय में एसडीएम ने तहसील दिवस में आये पहले फरियादी को धक्के देकर बाहर निकलवाने लगे। वह व्यक्ति फिर से अंदर घुसा तो उक्त मीडिया कर्मी एसडीएम से यह पूछने पहुँच गया कि आखिर एसडीएम के सामने ही एक फरियादी को धक्के देकर कैसे बाहर किया जा सकता है। इस बात के पूछने पर महोली के उपजिलाधिकारी अतुल कुमार भड़क गए और मीडिया कर्मी से तुरन्त बाहर चले जाने का फरमान जारी कर दिया। वायरल हुए एक वीडियो में उपजिलाधिकारी उल्टा फरियादी पर गाली देने के कारण ऐसा करने के आरोप मढ़ने लगे। उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में हो रही सुनवाई में इस तरह के कारनामे पर मीडिया कर्मी का कैमरा लगातार अपना काम कर रहा था। वायरल वीडियो में भड़के अतुल कुमार बार बार बाहर निकलने की बात कहने के साथ प्रेस के हो तो कहते हुए भी नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में अतुल मीडिया कर्मी पर सख्त तेवरों के साथ नौटंकी करने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं। इधर उपजिलाधिकारी कैमरा देख कर और भड़क गए इसके बाद उन्होंने मीडिया कर्मी से तुरन्त उसका फ़ोन और कैमरा छिनवा लिया। यहीं नहीं उन्होंने मीडिया कर्मी के आरोपों के अनुसार उससे अभद्रता करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मीडिया कर्मी ने बातों ही बातों में एसडीएम की मेज से अपना फोन उठाकर जेब में रख लिया और वह अपना कैमरा उठाने में असफल रहा। इसके बाद वह पीछे बैठने के लिए वहाँ से चला और गेट के पास पहुँचते ही भाग खड़ा हुआ यह देख कर एसडीएम ने फिर से पकड़ो कह कर पीछे दो सिपाही दौड़ा दिए लेकिन मीडिया कर्मी की माने तो वह जैसे तैसे बाइक की सहायता से भागने में सफल रहा। मीडिया कर्मी के साथ हुए इस दुर्व्यवहार पर वहाँ पर मौजूद महोली टाउन एरिया के इओ ने बताया कि जो भी हुआ वह एक मिस्टेक थी जो जानकारी के अभाव में हुआ। इओ ने सिपाहियों द्वारा मीडिया कर्मी को दौड़ाने की बात पर कहा कि वह तो वहीँ करेंगे जो एसडीएम कहेंगे इस लिए दौड़ाने वाले दोषी नहीं हैं। उक्त घटना को एडीएम राम केवल तिवारी ने गलत माना है और मामला मिलने पर कार्यवाही की बात कही है। उक्त वीडियो को जिलाधिकारी ने व्हाट्स एप्प के माध्यम से मीडिया कर्मी से ले लिया है। प्रकरण पर मीडिया हेल्प लाइन पर शिकायत संख्या 20170322001 के साथ दर्ज कर आगे की कार्यवाही के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल इस वीडियो के वायरल होने के बाद भी खबर लिखे जाने तक किसी जाँच या कार्यवाही की बात सामने नहीं आ सकी है। वहीँ सोसल मीडिया पर मुद्दा न सिर्फ जोरदार चर्चा का विषय बना हुआ है बल्कि तहसील दिवस के कामकाज पर भी सवाल खड़े कर रहा है। आपको यह भी बताते चलें कि उक्त एसडीएम पर पूर्व में भी कई आरोप लगते रहे हैं। यह मामला एसडीएम के कारनामों में सबसे अनोखा और हैरान करने वाला है। मीडिया कर्मी ने जिलाधिकारी से रिकार्डिंग सहित जब्त किया गया कैमरा उपजिलाधिकारी से दिलाने की मांग की है। पूरे प्रकरण के बाद महोली का तहसील दिवस सवालों के घेरे में आ गया है। सवाल यह उठता है कि क्या फरियादी एस डी को गाली देने जाते हैं? बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर एस डी एम मीडिया कर्मी पर क्यों भड़क गए और उन्हें उसके कैमरा और फोन को छीने जाने की जरुरत क्यों महसूस होने लगी। कुछ भी हो वायरल वीडियो देखकर एसडीएम अतुल के तेवर और बात करने का तरीका हर कोई गलत कहता नजर आ रहा है।
मंत्रियों के विभाग का हुआ बंटवारा, CM योगी के पास 38 विभाग जाने किसको क्या मिला
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ.उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी के प्रस्ताव दोनों उप मुख्यमंत्रियों सहित सभी 22 मंत्री, 9 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा 13 राज्यमंत्रियों को विभाग आवंटित करने पर अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया है। मुख्यमंत्री ने गृह, आवास एवं शहरी नियोजन, राजस्व, खाद्य एवं रसद, नागरिक आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, अर्थ एवं संख्या, भूतत्व एवं खनिकर्म, बाढ़ नियंत्रण, कर निबंधन, कारागार, सामान्य प्रशासन, सचिवालय प्रशासन, गोपन, सर्तकता, नियुक्ति, कार्मिक, सूचना, निर्वाचन, संस्थागत वित्त, नियोजन, राज्य सम्पत्ति, नगर भूमि, उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय, प्रशासनिक सुधार, कार्यक्रम कार्यान्वयन, राष्ट्रीय एकीकरण, अवस्थापना, समन्वय, भाषा, वाह्य सहायतित परियोजना, अभाव, सहायता एवं पुनर्वास, लोक सेवा प्रबंधन, किराया नियंत्रण, उपभोक्ता संरक्षण, बाट माप आदि विभाग अपने पास रखे हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को लोक निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर, सार्वजनिक उद्यम विभाग का कार्यभार आवंटित किया गया है। इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का कार्यभार आवंटित किया गया है।
(1) सूर्य प्रताप शाही को कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान
(2) सुरेश खन्ना को संसदीय कार्य, नगर विकास, शहरी समग्र विकास
(3) स्वामी प्रसाद मौर्य को श्रम एवं सेवा योजना, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन
(4) सतीश महाना को औद्योगिक विकास
(5) राजेश अग्रवाल को वित्त
(6) मती रीता बहुगुणा जोशी को महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण, पर्यटन
(7) दारा सिंह चैहान को वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान, उद्यान
(8) धरमपाल सिंह को सिंचाई, सिंचाई (यांत्रिक),
(9) एस0पी0 सिंह बघेल को पशुधन, लघु सिंचाई, मत्स्य
(10) सत्यदेव पचैरी को खादी, ग्रामोद्योग, रेशम, वस्त्रोद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निर्यात प्रोत्साहन
(11) रमापति शास्त्री को समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण,
(12) जय प्रकाश सिंह को आबकारी, मद्यनिषेध
(13) ओम प्रकाश राजभर को पिछड़ा वर्ग कल्याण, विकलांग जन विकास
(14) ब्रजेश पाठक को विधि एवं न्याय, अतिरिक्त उर्जा स्रोत, राजनैतिक पेंशन
(15) लक्ष्मी नारायण चैधरी को दुग्ध विकास, धमार्थ कार्य, संस्कृति, अल्प संख्यक कल्याण
(16) चेतन चैहान को खेल एवं युवा कल्याण, व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विकास
(17) श्रीकांत शर्मा को ऊर्जा
(18) राजेन्द्र प्रताप सिंह को ग्रामीण अभियंत्रण सेवा
(19) सिद्धार्थ नाथ सिंह को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
(20) मुकुट बिहरी वर्मा को सहकारिता,
(21) आशुतोष टण्डन को प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा,
(22) नंद कुमार नंदी को स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क, पंजीयन नागरिक उड्डयन विभाग आवंटित किया गया है।
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राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
(1) अनुपमा जैसवाल को बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार, राजस्व (एम0ओ0एस0), वित्त (एम0ओ0एस0),
(2) सुरेश राणा को गन्ना विकास एवं चीनी मिलें, औद्योगिक विकास (एम0ओ0एस0),
(3) उपेन्द्र तिवारी को जल सम्पूर्ति, भूमि विकास एवं जल संसाधन, परती भूमि विकास, वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान, उद्यान, सहकारिता (एम0ओ0एस0)
(4) डॉ. महेन्द्र सिंह को ग्रामीण विकास, समग्र ग्राम विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य (एम0ओ0एस0),
(5) स्वतंत्रदेव सिंह को परिवहन, प्रोटोकला, ऊर्जा (एम0ओ0एस0),
(6) भूपेन्द्र सिंह चैधरी को पंचायती राज, लोक निर्माण (एम0ओ0एस0),
(7) धरम सिंह सैनी को आयुष, अभाव सहायता एवं पुनर्वास,
(8) अनिल राजभर को सैनिक कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण, होमगार्डस, प्रांतीय रक्षक दल, नागरिक सुरक्षा एवं
(9) स्वाति सिंह को एन0आर0आई0, बाढ़ नियंत्रण कृषि निर्यात, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार, महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण (एम0ओ0एस0) विभाग का कार्य आवंटित किया गया है।
राज्यमंत्री
(1) गुलाबो देवी को समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण,
(2) जय प्रकाश निषाद को पशुधन एवं मत्स्य, राज्य सम्पत्ति, नगर भूमि,
(3) अर्चना पाण्डेय को खनन, आबकारी, मद्यनिषेध,
(4) जय कुमार सिंह जैकी को कारागार, लोक सेवा प्रबंधन,
(5) अतुल गर्ग को खाद्य-रसद, नागरिक आपूर्ति, किराया नियंत्रण, उपभोक्ता संरक्षण, बाट माप, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन,
(6) रणवेन्द्र प्रताप सिंह को कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान,
(7) नीलकंठ तिवारी को विधि-न्याय, सूचना, खेल एवं युवा कल्याण,
(8) मोहसिन रज़ा को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, मुस्लिम वक्फ, हज,
(9) गिरीश यादव को नगर विकास, अभाव सहायता एवं पुनर्वास,
(10) बलदेव ओलाख को अल्पसंख्यक कल्याण, सिंचाई, सिंचाई (यांत्रिक),
(11) मन्नु कोरी को श्रम सेवा योजना,
(12) संदीप सिंह को बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक, चिकित्सा शिक्षा तथा
(13) सुरेश पासी को आवास, व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विभाग का कार्यभार आवंटित किया गया है।
Monday, March 20, 2017
मोदी को किसानों की चेतावनी, अगर कर्जमाफी चुनावी जुमला निकली तो कभी मांफ नहीं करेंगे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नई सरकार अभी बनी नहीं, लेकिन राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा करने की मांग उठा दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपना भाजपा सरकार के गठन के बाद होने वाली पहली बैठक में ही पूरा कराएं।
किसानों की कर्जमाफी पहली बैठक में ही पूरा करें पीएम मोदी

शुक्रवार को राष्ट्रीय किसान मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दीक्षित ने कहा, “मुझे अंदेशा है, कहीं पीएम की कही कर्जमाफी की बात जुमला न साबित हो जाए, अगर ऐसा हुआ तो किसान उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि गन्ना किसानों के बकाए भुगतान व उनकी भुगतान प्रक्रिया को बदलने का वादा भी नई सरकार की पहली बैठक में पूरा किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह के निकट जयशंकर सभागार में किया गया। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने एवं संचालन राष्ट्रीय किसान मंच के संगठन मंत्री संजय द्विवेद्वी ने किया।
बैठक में पूरे देश के किसान मंच के प्रमुख पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे एवं देश के हर प्रांत में किसानों की दुर्दशा को उजागर करते हुए आक्रोश व्यक्त किया कि जब तक किसानों को उनके मूलभूत अधिकार एवं उनका सम्मान नहीं मिल जाता, तब तक मंच अपना संघर्ष जारी रखेगा।
वहीं एक महत्वपूर्ण निर्णय किया गया कि किसानों को जागरूक करने के लिए उन्हें एकजुट कर संगठित करने और जाति-पाति से ऊपर उठकर कार्य करने के लिए प्रदेश में महापंचायतों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही स्थानीय किसानों की समस्याओं को सरकारों तक पहुंचा कर उनका सावधान कराया जाएगा।
बैठक में प्रमुख रूप से स्वामी विद्या चैतन्य, जय पांडेय (लखनऊ), के.डी. पांडेय (रायबरेली), अमरनाथ मिश्रा (हाजीपुर, बिहार), कर्नल द्विवेद्वी, राजीव द्विवेद्वी (मुंबई) उमाकांत पाठक (मध्यप्रदेश) के अलावा लखनऊ के वसीम खान, अनिल चतुर्वेदी, अखिलेश शुक्ला राजन आदि लोग उपस्थित थे।
किसानों की कर्जमाफी पर बैंकों की नजरें टेढ़ी
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ उत्तर प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी से बैंकों को 27420 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इस संबंध में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यदि यूपी सरकार कर्जमाफी के फैसले पर आगे बढ़ती है तो बैंकों को नुकसान होगा।
किसानों की कर्जमाफी से बैंक को होगा भारी नुकसान
किसानों की कर्जमाफी के साथ ही साथ ही अन्य राज्यों का वित्तीय गणित भी गड़बड़ा जाएगा। चुनाव से पहले प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने सरकार बनने की अवस्था में लघु और सीमांत किसानों के कर्जमाफी की बात की थी।
रिपोर्ट में क्या है
एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट सोमवार को सामने आई है। इसमें बताया गया है कि किसानों के ऊपर 86,241.20 करोड़ का यूपी में बकाया है। 2016 के आंकड़े के मुताबिक, औसतन देनदारी 1.34 लाख रुपए है।
यूपी की क्या है हालत?
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी की बात करें तो 27,419.70 करोड़ कर्जमाफी करना होगा। ये लोन सभी बैंकों ने लघु और सीमांत किसानों को दिए हैं। आर्थिक सामाजिक और जातिगत जनगणना के मुताबिक यूपी में 40 फीसदी लोग कृषि में लगे हुए हैं। जमीन की बात की जाए तो 92 फीसदी होल्डिंग लघु और सीमांत किसानों के पास है।
रेवन्यू में आएगी कमी
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी सरकार का कुल रेवन्यू 2016-17 में 3,40,255.24 करोड़ रहा है और अगर 27,419.70 करोड़ इससे निकाल दिया जाएगा तो यह कुल रेवन्यू का 8 फीसदी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जन धन स्कीम के चलते यूपी में ज्यादातर लोगों के बैंक अकाउंट खुल गए हैं। लेकिन इसमें से कुछ ही हैं जो किसानी करते हैं या फिर किसानी में बैंकिंग का फायदा लेते हैं।
यूपी : CM बनने के बाद इस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते है योगी
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरों
लखनऊ. यूपी में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि योगी किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. आप को बता दें कि योगी आदित्यनाथ अभी गोरखपुर से सांसद है. योगी आदित्यनाथ के सामने दो विधानसभा ऐसी है जो योगी का गढ़ माना जाता है. ये सीटें अभी योगी के करीबियों के पास है. कैम्पियरगंज विधानसभा इस सीट पर बीजेपी के फतेह बहादुर सिंह ने चुनाव जीता है, जहां योगी के नाम पर वोट मिलता है. सूत्रों की माने तो हो सकता है कि मौजूदा विधायक फतेह बहादुर सिंह को गोरखपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ाकर दिल्ली भेजा जा सकता है. फतेह बहादुर सिंह इस पहले भी कई बार विधायक और मंत्री रह चुके हैं. पूर्वांचल में फायरब्रांड चेहरे के रूप में योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर की नौ विधानसभा सीटों में एक चिल्लूपार को छोड़कर सभी सीटों पर बीजेपी ने परचम लहराया है. इस ऐतिहासिक जीत के पीछे योगी का दबदबा माना जाता है.
Sunday, March 19, 2017
जाने ..किन-किन दलबदलू नेताओं की चमकी किस्मत

टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बन गई है। गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ ने यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले भी ली है। योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में कुल 47 मंत्री हैं। इसमें 13 को राज्यमंत्री बनाया गया है। इसमें से कई ऐसे नेता भी शामिल हैं जो किसी और दल से आकर चुनाव से पहले या उसके आसपस के वक्त में भाजपा में शामिल हुए। ऐसे ही कुछ नेताओं की लिस्ट ये रही –
1. रीता बहुगुणा जोशी: लखनऊ कैंट से विधायक चुनी गई हैं। चुनाव से पहले ये कांग्रेस के साथ थीं। लंबे समय तक कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं। इनके पिता हेमवती नंदन बहुगुणा भी यूपी के सीएम रह चुके हैं।
2. स्वामी प्रसाद मौर्य: चुनाव के पहले बसपा छोड़कर भाजपा में हुए थे शामिल। कुशीनगर की पडरौना सीट से विधायक चुने गए हैं।
3. अनिल सिंह राजभर: राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की शपथ ली। वह पश्चिमी यूपी से आते हैं। सीपीआई और बसपा से होते हुए भाजपा पहुंचे थे।
4. धर्म सिंह सैनी: राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की शपथ ली। वह बसपा छोड़कर भाजपा में आए। ये चौथी बार विधायक बने हैं। ये सहारनपुर की नकुड़ सीट से विधायक हैं। इन्होंने इमरान मसूद को हराया है। यूपी के पहले भी मंत्री रह चुके हैं।
5. लक्ष्मी नारायण चौधरी: मथुरा की छाता विधानसभा सीट से विधायक हैं। पहले भी मंत्री रह चुके हैं। बसपा छोड़कर भाजपा में आए हैं।
6. दारा सिंह चौहान: मऊ की मधुबन सीट से चुने गए हैं विधायक। पूर्व सांसद हैं। 2015 में बसपा छोड़कर सपा में आ गए और अब भाजपा में शामिल हैं।
यूपी ही नहीं भाजपा ने उत्तराखंड में भी कांग्रेस के कई नेताओं को चुनाव से पहले अपनी तरफ किया था। सतपाल महाराज जो कि पहले कांग्रेस में थे उनको अब उत्तराखंड सरकार में मंत्री बनाया गया है। सतपाल महाराज साल 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। केंद्र में मंत्री रह चुके हैं और धार्मिक गुरु भी हैं।
योगी के मंच पर मुलायम संग मोदी, गर्मजोशी से मिले PM
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
योगी आदित्यनाथ ने यूपी के नए मुख्यमंत्री के तौर पर रविवार को शपथ ले ली. शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, अमित शाह सहित बीजेपी के ज्यादातर सीनियर नेता मौजूद थे. बीजेपी नेताओं के अलावे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव भी मंच पर दिखे.
नए मुख्यमंत्री और मंत्रियों के शपथ ग्रहण करने के बाद सभी नेता एक-दूसरे से मिले. हाथ मिलाया. बीजेपी के नेता एक दूसरे को गले लगा रहे थे. वहीं पीएम मोदी मंच पर मौजूद बाकी नेताओं से मिलने-जुलने के बाद सपा के पूर्व मुखिया और समाजवादी नेता मुलायम सिंह की तरफ मुखातिब हुए. दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया. गले मिले और फिर मुलायम सिंह यादव ने पीएम मोदी के कान में कुछ कहा. मुलायम सिंह पीएम मोदी को कुछ कह रहे थे और मोदी सहमति में अपना सर हिला रहे थे.
मुलायम से पहले पीएम मोदी अखिलेश यादव से भी मिले. दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया. अखिलेश यादव पीएम मोदी से हाथ मिलाते हुए मुस्कुरा रहे थे और हाथ मिलाते वक्त पीएम मोदी अखिलेश का पीठ थपथपा रहे थे.
मिलने-जुलने के बाद एक-एक कर बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेता मंच पर आगे आ गए. अखिलेश संग उनके पिता मिलायम सिंह यादव मंच पर पीछे छूटते गए और धीरे-धीर कैमरे की नजर से ओझल हो गए
योगी बने सीएम तो लगे जय श्रीराम के नारे, दो समुदायों में पथराव, कई लोग घायल
ब्रेक न्यूज ब्यूरो
संभल. योगी आदित्यनाथ के यूपी का सीएम बनते ही दो समुदायों में झड़प का मामला सामने आया है। दरअसल योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने की खुशी में लोग ढोल नगाड़ो की थाप पर जुलूस निकाल रहे थे। इसी दौरान दूसरे पक्ष के लोगों ने जुलूस पर पथराव कर दिया। इस पथराव में कई लोग घायल हो गए हैं। घटना कस्बा संभल के कोटगर्वी मोहल्ले की है। जहां से योगी समर्थक ढोल नगाड़ों की थाप पर नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाल रहे थे। इस दौरान समर्थक जय श्री राम के नारे लगा रहे थे। तभी दूसरे पक्ष के लोगों ने जुलूस पर पथराव कर दिया। पथराव से जुलूस में अफरा-तफरी मच गई। वहीं पथराव की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। फिलहाल मौके पर पुलिस तैनात कर दी गई है। वहीं पथराव में घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कारवाई शुरु कर दी है और आरोपी लोगों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
पहली कैबिनेट में ये 5 बड़े फैसले ले सकते हैं योगी
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने रविवार को होने वाली कैबिनेट बैठक को टाल दिया है. हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि पहली कैबिनेट की बैठक कब होगी. लेकिन सीएम के रूप में आदित्यनाथ की पहली कैबिनेट में इन फैसलों पर सभी की नजर रहेगी.
पहली कैबिनेट में इन फैसलों पर लग सकती है मुहर -
1. किसानों का कर्ज माफ
बीजेपी के घोषणा पत्र में सबसे बड़े वादों में से एक किसानों की कर्ज माफी पर पहली कैबिनेट में मुहर लग सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार के समय लगभग हर रैली में इसका जिक्र किया है कि उनकी सरकार बनते ही पहली मीटिंग में उनकी पार्टी इस वादे को पूरा करेगी. इस वादे के अनुसार सभी छोटे किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा, वहीं उन्हें ब्याज मुक्त कर दिया जाएगा. वहीं गन्ना किसानों को फसल बेचने के 14 दिनों के अदंर उनका भुगतान करने का वादा बीजेपी ने किया है.
बीजेपी के घोषणा पत्र में सबसे बड़े वादों में से एक किसानों की कर्ज माफी पर पहली कैबिनेट में मुहर लग सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार के समय लगभग हर रैली में इसका जिक्र किया है कि उनकी सरकार बनते ही पहली मीटिंग में उनकी पार्टी इस वादे को पूरा करेगी. इस वादे के अनुसार सभी छोटे किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा, वहीं उन्हें ब्याज मुक्त कर दिया जाएगा. वहीं गन्ना किसानों को फसल बेचने के 14 दिनों के अदंर उनका भुगतान करने का वादा बीजेपी ने किया है.
2. बंद होंगे बूचड़खाने
चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि उनकी सरकार आते ही वह अध्यादेश लाकर सभी बूचड़खाने को बंद करवा देंगे. योगी आदित्यनाथ अपनी पहली मीटिंग में इस फैसले पर भी मुहर लगा सकते हैं, सभी की नजरे इस पर टिकी हैं.
चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि उनकी सरकार आते ही वह अध्यादेश लाकर सभी बूचड़खाने को बंद करवा देंगे. योगी आदित्यनाथ अपनी पहली मीटिंग में इस फैसले पर भी मुहर लगा सकते हैं, सभी की नजरे इस पर टिकी हैं.
3. राम मंदिर, तीन तलाक और एंटी रोमियो दल
राम मंदिर, तीन तलाक और एंटी रोमियो दल बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे के ही अलग-अलग हिस्से हैं. बीजेपी काफी समय से कहती आई है कि यूपी में पूर्ण बहुमत आने पर राम मंदिर बनाया जाएगा, हालांकि वह कहती है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही यह बनाया जाएगा. वहीं बीजेपी ने घोषणा पत्र में कहा था कि तीन तलाक के मुद्दे पर वह मुस्लिम महिलाओं से चर्चा कर इस पर फैसला लेगी, देखना होगा कि वह इस मुद्दे पर किस तरह आगे बढ़ती है. वहीं महिलाओं के प्रति छेड़खानी के मुद्दे को लेकर किये गए एंटी रोमियो दल का वादा भी पहली कैबिनेट में पूरा हो सकता है, योगी खुद चुनाव प्रचार के समय इसका समर्थन करते आए हैं.
राम मंदिर, तीन तलाक और एंटी रोमियो दल बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे के ही अलग-अलग हिस्से हैं. बीजेपी काफी समय से कहती आई है कि यूपी में पूर्ण बहुमत आने पर राम मंदिर बनाया जाएगा, हालांकि वह कहती है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही यह बनाया जाएगा. वहीं बीजेपी ने घोषणा पत्र में कहा था कि तीन तलाक के मुद्दे पर वह मुस्लिम महिलाओं से चर्चा कर इस पर फैसला लेगी, देखना होगा कि वह इस मुद्दे पर किस तरह आगे बढ़ती है. वहीं महिलाओं के प्रति छेड़खानी के मुद्दे को लेकर किये गए एंटी रोमियो दल का वादा भी पहली कैबिनेट में पूरा हो सकता है, योगी खुद चुनाव प्रचार के समय इसका समर्थन करते आए हैं.
4. 24 घंटे बिजली, 15 मिनट में पुलिस
अखिलेश यादव ने प्रचार के दौरान यूपी 100 का काफी प्रचार किया था, जिसके जवाब में बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में इस सुविधा को बेहतर करने को कहा था. घोषणापत्र के मुताबिक फोन करने के 15 मिनट के अंदर पुलिस मौका-ए-वारदात पर मौजूद होगी.
अखिलेश यादव ने प्रचार के दौरान यूपी 100 का काफी प्रचार किया था, जिसके जवाब में बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में इस सुविधा को बेहतर करने को कहा था. घोषणापत्र के मुताबिक फोन करने के 15 मिनट के अंदर पुलिस मौका-ए-वारदात पर मौजूद होगी.
5. मिलेगा फ्री वाई-फाई
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर बीजेपी ने भी इस बार यूपी में फ्री वाई-फाई का वादा किया था, इसके साथ ही बीजेपी ने फ्री लैपटॉप के साथ 1 जीबी देने का भी वादा किया था. युवाओं की नजर इस फैसले पर ही होगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर बीजेपी ने भी इस बार यूपी में फ्री वाई-फाई का वादा किया था, इसके साथ ही बीजेपी ने फ्री लैपटॉप के साथ 1 जीबी देने का भी वादा किया था. युवाओं की नजर इस फैसले पर ही होगी.
क्या पहले योगी से अलग दिखेंगे UP CM योगी ?
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. 18 मार्च का दिन गोरखपुर जिले के लिए जितना ख़ास रखा उससे ज्यादा ख़ास उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के लिए रहा. इस जिले के दो लोग एक दिन दो राज्यों के मुख्यमंत्री बन गए. शनिवार को उत्तराखंड में त्रिदेव सिंह रावत ने मुख्यमंत्री की शपथ ली। इसी दिन उत्तर प्रदेश के लिए उसी उत्तराखंड के सपूत योगी आदित्यनाथ के नाम की घोषणा मुख्यमंत्री पद के लिए की गयी। यह भी संयोग ही कहा जाएगा कि ये दोनों नेता एक ही बिरादरी से आते हैं योगी आदित्यनाथ का मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है। इसे संयोग ही कहा जाएगा की उत्तर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दोनों घोषित नाम विधान सभा के सदस्य नहीं हैं। आज के आदित्यनाथ वही हैं जिनका जन्म पौड़ी जिले के पंचुरी गांव में नंद सिंह बिष्ट के घर पांच जून 1972 को हुआ था। अजय सिंहबिष्ट कालेज का चुनाव हारने और अपने कमरे में हुयी चोरी से दुखी हो कर जब अपने मामा और गोरखनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ के पास पहुंचे तब उन्हें योगी आदित्यनाथ के नाम से जाना जाने लगा. नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध मठ श्री गोरक्षनाथ मंदिर गोरखपुर के पावन परिसर में शिव गोरक्ष महायोगी गोरखनाथ जी के परिसर में 15 फरवरी सन् 1994 को तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ ने अपने उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ का दीक्षाभिषेक सम्पन्न किया और जब 14 सितंबर 2015 महंत अवेद्यनाथ ब्रह्मलीन हुए तो फिर आदित्यनाथ योगी से महंत बन गए.1998 में अवैद्यनाथ जी ने योगी को अपनी राजनितिक विरासत सौंप दीठी और तब से अब तक योगी लोकसभा का चुनाव लगातार जीतते रहे. योगी के जीवन यात्रा की कहानी किसी फ़िल्मी कथानक से कम नहीं है। एक गाव से निकल कर पहले योगी फिर सांसद और अंत में यूपी के सीएम तक की कुर्सी तक पहुँच गए. योगी की कर्मभूमि उत्तर प्रदेश का सबसे पूर्वी हिस्सा है, जिसमे गोरखपुर मंडल के देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर,महाराजगंज, बस्ती मंडल के बस्ती,संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर और आज़मगढ़ मंडल के आज़मगढ़, बलिया,मऊ जिले शामिल हैं. महंत दिग्विजय नाथ के समय से कई दशको से मठ आधारित ये राजनीति अपने शुरुवाती दिनों के सोफ्ट हिंदुत्व से उग्र हिन्दुत्ववादी हो चुकी है तो इसका श्रेय योगी आदित्य नाथ के आक्रामक स्वाभाव को ही जाता है. बतौर सांसद योगी ने जापानी इंसेफलाइटिस से बचाव और उसके उपचार के लिए उलेखनीय प्रयास किये, उसके अलावा गोरखपुर में सफाई व्यवस्था व् राप्ती नदी पर बांध बनवाने, गोरखपुर में एम्स जैसे कई विकास के कार्य कराए. सदियों से श्रद्धा का केंद्र रहने वाले गोरखनाथ पीठ के महंत होने की वजह से वे कभी भी मतदाता के सामने हाथ नहीं जोड़ते, उल्टे मतदाता उनके पैर छूकर आर्शीवाद मांगते हैं. सांसद होने के नाते कोई समस्या बयान करता तो वे सरकारी प्रक्रिया का इंतज़ार किये बिना तुरंत संबंधित अधिकारी से बात कर समस्या का अपने स्तर पर निपटारा कर देते है. कुछ वर्ष पहले एक माफिया डॉन के द्वारा उनके एक मतदाता के मकान पर कब्जे से क्षुब्द, योगी ने सीधे ही उस मकान पर पहुँच अपने समर्थको के द्वारा उसे कब्जे से मुक्त करवा दिया ऐसे कई और मामलें है जो उनकी धार्मिक रहनुमाई से रोबिनहुड तक के सफ़र की कथा बयान करती है। राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली, उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और गोरखपुर में रहना है तो योगी योगी कहना है के नारे लगाने वाले योगी सेवक शहर में आम दिखने लगे. कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए। योगी विवादों में बने रहे, लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई। 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा। योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए। योगी आदित्यनाथ की हैसियत ऐसी बन गई कि जहां वो खड़े होते, सभा शुरू हो जाती, वो जो बोल देते हैं, उनके समर्थकों के लिए वो कानून हो जाता है. आदित्यनाथ को गोरखपुर दंगों के दौरान तब गिरफ्तार किए गए जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गई थी। डीएम ने बताया की वह बुरी तरह जख्मी है, तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया, लेकिन आदित्यनाथ उस जगह पर जाने के लिए अड़ गए। तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की। अगले दिन उन्होंने शहर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने की घोषणा की, लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया। आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ्तारी दी। उनपर कार्यवाही का असर हुआ और मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा। यह दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में भी फैल गए। उनकी गिरफ्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी और पुलिस का तबादला हो गया। हालाकि इस मामले में जेल जाने के बाद जब योगी संसद में अपनी जान के खतरे को बयान करते हुए रोये तब भी यह बड़ी खबर बनी थी. 7 सितंबर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे, यह हमला इतना बड़ा था कि सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया। योगी के विवादित बयान 1- दादरी हत्याकांड पर योगी ने कहा यूपी कैबिनेट के मंत्री (आजम खान) ने जिस तरह यूएन जाने की बात कही है, उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। आज ही मैंने पढ़ा कि अखलाख पाकिस्तान गया था और उसके बाद से उनकी गतिविधियां बदल गई थीं। क्या सरकार ने ये जानने की कभी कोशिश की कि ये व्यक्ति पाकिस्तान क्यों गया था। आज उसे महिमामंडित किया जा रहा है। 2- अगस्त 2014 में लव जेहाद' को लेकर योगी का एक वीडियो सामने आया था, जिसे लेकर काफी हल्ला मचा था। 3- फरवरी 2015 में योगी आदित्यनाथ ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि अगर उन्हें अनुमति मिले तो वो देश के सभी मस्जिदों के अंदर गौरी-गणेश की मूर्ति स्थापित करवा देंगे। उन्होंने कहा था कि आर्यावर्त ने आर्य बनाए, हिंदुस्तान में हम हिंदू बना देंगे। पूरी दुनिया में भगवा झंडा फहरा देंगे। मक्का में गैर मुस्लिम नहीं जा सकता है, वेटिकन सिटी में गैर ईसाई नहीं जा सकता है। हमारे यहां हर कोई आ सकता है। 4- योग के ऊपर भी विवादित बयान देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जो लोग योग का विरोध कर रहे हैं उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए। उन्होंने ने यहां तक कहा कि लोग सूर्य नमस्कार को नहीं मानते उन्हें समुद्र में डूब जाना चाहिए। 5- अगस्त 2015 में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मुस्लिमों के बीच 'उच्च' प्रजनन दर से जनसंख्या असंतुलन हो सकता है। 6- अप्रैल 2015 में योगी ने हरिद्वार में विश्वप्रसिद्ध तीर्थस्थल 'हर की पौड़ी' पर गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, जिसके बाद काफी बवाल मचा था। अब यही योगी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और संविधान की शपथ से बंधे हुए भी. योगी अब कितना बदलते हैं यह भविष्य बताएगा. विपक्ष के नेता रहते हुए आक्रामकता सत्ता सम्हालने के बाद विनम्रता में कितनी बदलती है यह भी देखने लायक बात होगी. योगी का अतीत भी उनके पीछे होगा और उन बयानों को समर्थन देने वाले समर्थको का दबाव भी. योगी अपने पूर्व के बयानों से यदि अलग हो जाते हैं तो कट्टर समर्थक निराश होंगे और यदि योगी वे सारी बाते जो वे बोलते रहे हैं उसे ही हकीकत बनाने में लगेंगे तो यूपी का माहौल बिगड़ेगा. अब यह संतुलन योगी को बनाना है और इसके साथ ही उन्हें अपने स्वभावतः उग्र सेना को भी नियंत्रित करना होगा तभी सूबे में कानून व्यवस्था बनाने की उनकी प्राथमिकता पूरी हो सकेगी.
योगी की कैबिनेट में राजनाथ के बेटे पंकज को नहीं मिली जगह ,एक मुस्लिम चेहरा
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
यूपी में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में बीजेपी सरकार बन गई है. रविवार को 46 मंत्रियों के साथ योगी ने शपथ ली. कैबिनेट में बीजेपी ने कई ऐसे विधायकों को जगह दी जो पहली बार चुन कर आए हैं, वहीं राजनाथ सिंह के बेटे और नोएडा से विधायक पंकज सिंह को जगह नहीं दी गई है. बीजेपी ने बतौर मुस्लिम चेहरा मोहसीन रजा को कैबिनेट में जगह दी है.
स्वाति सिंह को जगह पर पंकज को नहीं मिली अहमियत
बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी और लखनऊ सेंट्रल से विधायक स्वाति सिंह को मंत्री पद दिया गया है. हालांकि, राजनाथ के बेटे पंकज सिंह को जगह नहीं दी गई है.
बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी और लखनऊ सेंट्रल से विधायक स्वाति सिंह को मंत्री पद दिया गया है. हालांकि, राजनाथ के बेटे पंकज सिंह को जगह नहीं दी गई है.
ये है योगी की कैबिनेट
- सरकार में कुल 46 मंत्री
- सरकार में कुल 46 मंत्री
- 2 डिप्टी सीएम
- 22 कैबिनेट मंत्री
- 9 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
-13 राज्य मंत्री
- 22 कैबिनेट मंत्री
- 9 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
-13 राज्य मंत्री
किसी मुस्लिम को नहीं दिया टिकट पर बनाया मंत्री
बीजेपी ने विधानसभा की 403 सीटों में एक भी टिकट किसी मुस्लिम शख्स को नहीं दिया. पर योगी की कैबिनेट में बीजेपी ने एक मुस्लिम चेहरा शामिल किया है. भाजपा प्रवक्ता मोहसीन रजा को मिनिस्टर बनाया गया है.
बीजेपी ने विधानसभा की 403 सीटों में एक भी टिकट किसी मुस्लिम शख्स को नहीं दिया. पर योगी की कैबिनेट में बीजेपी ने एक मुस्लिम चेहरा शामिल किया है. भाजपा प्रवक्ता मोहसीन रजा को मिनिस्टर बनाया गया है.
बनारस को भी अहमियत
योगी की कैबिनेट में मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को भी अहमियत दी गई है. बनारस दक्षिणी से पहली बार विधायक बने नीलकंठ तिवारी को कैबिनेट में जगह दी गई है.
योगी की कैबिनेट में मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को भी अहमियत दी गई है. बनारस दक्षिणी से पहली बार विधायक बने नीलकंठ तिवारी को कैबिनेट में जगह दी गई है.
इन 5 बड़े चेहरे को मिली जगह
1. चेतन चौहान को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया है.
2. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आईं रीता बहुगुणा जोशी को कैबिनेट में जगह दी गई है. उन्होंने मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा को लखनऊ कैंट में हराया था.
3. पूर्व बीएसपी सांसद ब्रजेश पाठक और स्वामी प्रसाद मौर्य को भी बीजेपी ने यूपी सरकार में जगह दी है.
4. इलाहाबाद से जीतने वाले सिद्धार्थ नाथ सिंह को कैबिनेट में जगह दी गई है. वे पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रभारी रह चुके हैं और पार्टी के प्रवक्ता हैं.
5. सुरेश राणा को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिया गया है.
1. चेतन चौहान को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया है.
2. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आईं रीता बहुगुणा जोशी को कैबिनेट में जगह दी गई है. उन्होंने मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा को लखनऊ कैंट में हराया था.
3. पूर्व बीएसपी सांसद ब्रजेश पाठक और स्वामी प्रसाद मौर्य को भी बीजेपी ने यूपी सरकार में जगह दी है.
4. इलाहाबाद से जीतने वाले सिद्धार्थ नाथ सिंह को कैबिनेट में जगह दी गई है. वे पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रभारी रह चुके हैं और पार्टी के प्रवक्ता हैं.
5. सुरेश राणा को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिया गया है.
योगी आदित्यनाथ के सामने होंगी ये 4 बड़ी चुनौतिया
ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की सोच के तहत योगी आदित्यनाथ को यूपी की सत्ता सौंपी गई है। एक संत को सिंघासन पर बिठाने के पीछे मोदी और शाह की रणनीति को अभी तक कोई सही ढंग से समझ नहीं पाया है। लेकिन योगी आदित्यनाथ के कंधों पर जिम्मेदारियां बहुत होंगी और चुनौतियों का पहाड़ सामने होगा। 325 विधायकों के जनसमर्थन को साथ लेकर चलना भी योगी के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है।
कट्टर हिंदू की छवि वाले योगी आदित्यनाथ के सामने कौन-कौन सी महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं...
हिंदूवादी नेता की छवि सबसे बड़े प्रदेश में उनके सामने चुनौतियां भी पहाड़ों जैसी है। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती खुद की छवि से लड़ने की है। प्रखर हिंदू नेता कि छवि को वह किस तरह मोदी के तरह विकासपुरुष की छवि में ढालेंगे ये सबसे बड़ी चुनौती है। एक भगवा वस्त्रधारी किस तरह देश के सबसे बड़े राज्य का शासन चलाएगा, इस पर सबकी नजरें होंगी। योगी अब तक अपने दबंग तेवर और तल्ख बयानों के लिए जाने ताजे रहे हैं। अतीत में उनके बयान बीजेपी को ही मुश्किल में डाल चुके हैं। ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती खुद की छवि को तोड़ने की होगी। उन्हें दिखाना होगा कि वह मठ-मंदिर ही नहीं राजनीतिक सत्ता भी बखूबी चला सकते हैं। कानून-व्यवस्था यूपी की कानून-व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है। आए दिन होने वाले अपराध और इसमें अफसरों-नेताओं की मिलीभगत ने हालात गंभीर कर दिए हैं। चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा इस पर कानून-व्यवस्था ही रहा था। बीजेपी ने इसे जमकर अपने पक्ष में भुनाया भी। सिर्फ नेताओं ही नहीं यूपी पुलिस के कारनामे भी आए दिन मीडिया की सुर्खियां बटोरते रहे हैं। खासकर, सत्ताधारी नेताओं ने जिस तरह का तांडव मचाया वो दृश्य भी लोगों के जेहन में हैं। मुजफ्फरनगर दंगा ने सरकार और अखिलेश की काबिलियत पर सवाल खड़े किए। हालांकि योगी ने सीएम मनोनीत होने के बाद सबसे पहले डीजीपी को तलब कर कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश देकर अपने तेवर जाहिर कर दिए। लेकिन अगले पांच साल तक यही उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होने जा रहा है। हिंदू-मुस्लिम तीखे बयानों के लिए मशहूर योगी ने अपने बयानों से अकसर ही हलचल मचाई है। खास तौर पर हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर उनके बयानों ने कई बार आग में घी का काम किया है। यूपी में लव जेहाद का मु्ददा योगी की ही देन है। इस मुद्दे को उन्होंने बड़े जोर-शोर से उठाया था। लेकिन 2014 के यूपी उपचुनाव में उन्होंने इसका नेगेटिव असर भी देखा। 11 सीटों के लिए हुए उपचुनाव की कमान उन्हें सौंपी गई थी, लेकिन बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी। उसने 8 सीटें सपा के हाथों गंवा दी। बीजेपी को महज तीन ही सीटें नसीब हुईं। तब कहा गया था कि योगी को जनता ने नकार दिया है। अब जब वह खुद सीएम हैं तो देखना होगा कि वह लव जेहाद के मुद्दे पर क्या बोलते है? क्या वह पहले की ही तरह बेलाग बयान जारी रखेंगे। विरोधियों ने तो अभी से उनके चयन को सेकुलरिज्म के लिए खतरा बता दिया है। यूपी की जनता को उम्मीदें यूपी की जनता ने भारी उम्मीदों के साथ बीजेपी को प्रचंड बहुमत दिया है। बीजेपी ने योगी को कमान देकर सबसे बड़ा दांव खेला है। अगर योगी इसमें कामयाब रहते हैं तो 2019 में मोदी का सफऱ आसान हो जाएगा। इसके उलट वह नाकाम रहते हैं, विवाद का केंद्र बनते हैं तो मोदी की हसरतों को झटका लगेगा। योगी के गर्म तेवर मोदी के लिए मुसीबत का सबब तो नहीं बनेंगे, इसका अंदाजा कुछ ही दिनों में हो जाएगा। बहरहाल, जनता की उम्मीदें मोदी से हैं और मोदी की उम्मीदें योगी से।
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