Saturday, December 2, 2017

यूपी के गांवों में खुलेगी किसान पाठशाला

यूपी के गांवों में खुलेगी किसान पाठशाला, खेती का होगा कायाकल्प

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो 
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्व है। खेती के कायाकल्प का खाका तैयार हो चुका है। सबसे पहले किसानों को तकनीकी ज्ञान दिया जाएगा। इसके लिए हर पंचायत के दो दो राजस्व गांवों का चयन कर किसान पाठशालाएं खोली जाएगी। इसके तहत करीब 10 लाख किसानों को उन्नतशील खेती के लिए प्रशिक्षित करने की तैयारी है। सूबे के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने बताया कि सूबे के प्राइमरी स्कूलों में अब किसानों की पाठशाला लगेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ पांच दिसंबर को 75 जनपदों में इसका शुभारंभ करेंगे। इन पाठशालाओं में किसानों को कृषि विशेषज्ञ आधुनिक खेती-किसानी के टिप्स देंगे और प्रेक्टिकल करके भी दिखाया जाएगा। कृषि मंत्री शाही ने बताया कि शाम 04 बजे से 05 बजे के बीच बच्चों की छुट्टी के बाद किसानों की पाठशाला सरकारी प्राइमरी स्कूलों में ही लगेगी। उन्होंने कहा कि सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ किसानों की खुशहाली के लिए हमेशा संजीदा रहते हैं। विगत दिनों सीएम ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया था।

हार से गुस्साएं प्रत्याशी ने नवनिर्वाचित पार्षद को मारी गोली, हालत गंभीर


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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
झांसी. हार से गुस्साएं प्रत्याशी ने नवनिर्वाचित पार्षद पर जानलेवा हमला कर उसे घायल कर दिया. हारे प्रत्याशी ने नवनिर्वाचित पार्षद पर फायरिंग कर दी. गनीमत ये रही कि गोली पार्षद को छूकर निकल गई कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. मामला झांसी जिले का है. एकाएक गोली चलने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया. दरअसल वार्ड नं. 56(नरसिंह राव टोरिया) में नवनिर्वाचित पार्षद अनिल सोनी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में जीत हासिल की थी. बतादें कि निर्दलीय प्रत्याशी अनिल सोनी ने 1270 वोट पाकर 13 वोटों से जीत हासिल की थी. इन्होने बीजेपी के शशांक त्रिपाठी को हराया, जबकि तीसरे स्थान पर निर्दलीय मोहित पचौरी रहे.  जानकारी के मुताबिक मतगणना के बाद थाना कोतवाली इलाके में दतिया गेट की ओर जाने वाली मेन रोड पर अनिल और मोहित में तीखी नोकझोंक हो गई. इस दौरान आरोपी शख्स मोहित ने पार्षद पर फायर झोंक दी. वहीं गोली अनिल के सिर को छूती हुई निकल गई. घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. घायल अनिल को आनन-फानन महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में भर्ती करवाया गया. जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. घटना के बाद भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. 

प्रेमिका की कब्र पर महीनो तक सोता रहा प्रेमी , अचानक बाहर निकाल लिया उसका शव तो

प्रेमी महीनों सोया प्रेमिका की कब्र पर, अचानक बाहर निकाल लिया उसका शव तो चल गई गोली
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
हापुड़. उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से प्यार में दीवानगी का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक प्रेमी अपनी प्रेमिका की मौत के बाद उसी की कब्र पर जाकर सोने लगा. इस दौरान प्रेमी को शक हुआ कि उसकी प्रेमिका की हत्या हुई है जिसके बाद उसने चार महीने बाद कोर्ट का सहारा लिया और प्रेमिका के शव को कब्र से बाहर निकलवाकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. जिसके बाद लड़की के परिजनों ने प्रेमी के परिजनों पर फायरिंग कर दी. जिसमें कई लोग घायल भी हो गए. सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है.  चार महीने पहले हुई थी मौत मामला थाना सिम्भावली क्षेत्र के गांव मुरादपुर का है. यहां गांव के ही रहने वाले युवक युवती के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था. जब इस बात का पता युवती के घर वालों को लगा तो उन्होंने इस बात का विरोध किया. इस दौरान करीब सात महीने पहले लड़की की संदिग्ध परिस्तिथियों में मौत हो गई और लड़की के परिवार वाले उसके शव को पास में ही कब्र में दफना दिया.

कब्र पर सोता था प्रेमी 
जब अपनी प्रेमिका के मौत की खबर प्रेमी को हुई तो वो हर रात अपनी प्रेमिका की कब्र पर जाकर सोने लगा. कुछ दिनों बाद प्रेमी को जब इस बात का पता चला कि उसकी प्रेमिका की हत्या उसी के परिजनों ने की थी तो उसने कोर्ट से मदद मांगी. और इस दौरान उसने लड़की के परिजनों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया और कब्र से शव को बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम कराने के आदेश करा लिया. इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए कोर्ट ने सख्ती से जांच करने के आदेश दिए. जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और अधिकारियों ने 8 सितंबर 2017 को भारी पुलिसफोर्स के साथ गांव में पहुंचकर शव को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

 सामने आया ये सच 
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ कि लड़की की मौत कीटनाशक दवा खाने से हुई. जब अपनी लड़की को कब्र से बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम की बात परिजनों ने सुनी तो वो गुस्से से आग बबूला हो गए और उन्होंने लड़के के परिवार वालों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस फयरिंग में दो लोगों गंभीर रूप से घायल भी हो गए. जिसमें डॉक्टरों ने एक की हालत को गंभीर बताते हुए उसे इलाज के लिए मेरठ रेफर कर दिया. 

पुलिस कर रही लापरवाही 

घटना की सूचना पुलिस को मिलते ही पुलिस वाले अपनी टीम के साथ घटना स्थल पर पहुच गए. जहां पुलिसवालों ने घायलों ओ अस्पताल में भर्ती कराया और आरोपियों की तलाश में जुट गए. अब सवाल यह उठता है कि लड़की के परिजनों का नाम सामने आने के बाद भी पुलिस वाले आखिर किस बात का इंतज़ार का रहे हैं आखिर क्यों वो लड़की के आरोपी परिजनों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. लड़की वालों की तरफ से जो फायरिंग हुई उसमें पुलिस लड़के वालों को कोई सुरक्षा क्यों नहीं दे रही है.

ईवीएम पर फूटा अखिलेश और माया का गुस्सा

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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ बसपा सुप्रीमो मायावती ने निकाय चुनाव परिणामों के बाद बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि यदि बीजेपी ईमानदार है तो 2019 के चुनाव बैलट पेपर से कराये। मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने निकाय चुनाव में सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया वरना बसपा के कई और मेयर जीत हासिल करते। मायावती शनिवार सुबह बौद्ध भिक्षु प्रज्ञानंद को श्रद्धांजलि देने पहुंची थीं। 
मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी का लोकतंत्र में भरोसा है तो उसे 2019 के चुनाव में ईवीएम को हटाकर बैलट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। मैं दावा कर सकती हूं कि बैलट पेपर का इस्तेमाल किया गया तो बीजेपी सत्ता में नहीं आएगी।
समाजवादी पार्टी से गठबंधन पर मायावती कुछ भी सीधे बोलने से बचीं। उन्होंने कहा कि हम सभी को साथ लेकर चल रहे हैं। मुस्लिम, पिछड़े और दलित हमारे साथ ही है, इससे बड़ा गठबंधन और क्या हो सकता है।
वहीं अखिलेश यादव ने ट्वीट पर लिखा कि बीजेपी ने ईवीएम से हुए चुनाव में 46 प्रतिशत सीटें जीतीं जबकि बैलट पेपर से हुए चुनावी क्षेत्रों में मात्र 15 प्रतिशत। इस ट्वीट के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाया है। आजम खां ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि ईवीएम मे टेम्परिंग नहीं सेटिंग हुई है। जहां ईवीएम से मतदान हुआ वहां बीजेपी जीती और जहां बैलट पेपर से वहां सपा के प्रत्याशी जीते।
गौरतलब है कि शुक्रवार को निकाय चुनाव के नतीजे आए थे। 16 नगर निगमों में 14 सीटें बीजेपी के खाते में गई, जबकि दो सीटें बसपा ने जीतीं हैं।

बारावफात का जुलूस निकालने के दौरान दो समुदायों के बीच संघर्ष



टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
बहराइच. उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में बारावफात का जुलूस निकालने के दौरान दो समुदायों के बीच जमकर मारपीट हुई. बताया जा रहा है कि जिस जगह यह घटना हुई है वहां जुलूस निकलने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. मामला बहराइच के मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर एक इलाके का है. यहां जैसे ही एक समुदाय के लोगों ने इलाके के रास्ते से जुलूस निकाला तो दूसरे समुदाय के लोगों ने इस बात का विरोध किया जिसके बाद दोनों समुदायों में जमकर मारपीट हो गई. धीरे-धीरे इस मारपीट ने उग्र रूप धारण कर लिया और बवाल बढ़ता चला गया. जिसके बाद जुलूस में शामिल लोगों ने जमकर तोड़फोड़ की. इतना ही नही इन लोगों ने लूटपाट की घटना को अंजाम दिया. मिली जानकारी के मुताबिक करीब दस दुकानों और कई घरों में लूटपाट होने की सूचना मिली है. इसी के साथ रस्ते में खड़ी दो पहिया वाहन और चार पहिया वाहन में भी तोड़फोड़ की गई. जैसे इस इस घटना के बारें में पुलिस को सूचना मिली एसपी समते कई थानों की पुलिस अपनी लेकर घटना स्थल के लिए रवाना हो गई

Friday, December 1, 2017

दर्जनों बैलेट पेपरों मे निकले 10 रूपए के नोट, भाजपा प्रत्याशी बोला ये जनता का प्यार है

भाजपा की मोहर लगे दर्जनों बैलेट पेपरों मे निकले 10 रूपए के नोट, प्रत्याशी बोला ये जनता का प्यार है
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
मुरादाबाद. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में मतगणना के दौरान मतगणना केंद्र में बीजेपी की मोहर लगे दर्जनों बैलेट पेपरों मे 10 रूपए के नोट निकलने का मामला सामने आया है. जब या बात विपक्षियों के कणों तक पहुची तो उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजपाल कश्यप पर परिणाम को प्रभावित करने का आरोप लगाया. मामला मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा मंडी समिति मतगणना केंद्र का है. यहां पहले राउंड में बीजेपी पर मोहर लगे प्रत्येक बैलेट पेपर के बीचोबीच दस-दस के नोट लगे मिले. जब इस सम्बन्ध में भाजपा प्रत्याशी राजपाल कश्यप से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह महज उनके प्रति लोगों काप्यार और स्नेह है और कुछ नहीं. लेकिन दूसरी तरफ विरोधी पार्टी कांग्रेस प्रत्याशी जहांगीर कुरैशी और निर्दलीय उम्मीदवार इरफ़ान सैफी समेत कई लोगों ने इसे भाजपा की चाल बताया. विरोधी पार्टियों का कहना है कि ये एक खरीद-फरोख्त के लिए किया गया है. इस बीच रिटर्निंग ऑफिसर आशीष मिश्रा ने कहा की जिन बैलेट पेपर में दस के नोट मिले हैं उन्हें निरस्त किया जाएगा और प्रत्याशी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा. 

अयोध्या: सपा प्रत्याशी किन्नर गुलशन बिन्दू ने की आत्मदाह की कोशिश

अयोध्या: सपा प्रत्याशी किन्नर गुलशन बिन्दू ने की आत्मदाह की कोशिश
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
अयोध्या में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी किन्नर गुलशन बिन्दू ने पराजय के बाद आत्मदाह की कोशिश की है। पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस ने उन्हें बचा लिया। किन्नर गुलशन बिन्दू ने हार के बाद बीजेपी पर गंभीर आरोप लगया। उन्हें बीजेपी के ऋषिकेश उपाध्याय ने पराजित किया। सूत्रों के मुताबिक किन्नर गुलशन बिन्दू ने हार से दुखी होकर पहले बीच सड़क पर हंगामा किया और कुछ ही देर में खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या की कोशिश की है। पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस ने उन्हें बचा लिया। इस दौरान गुलशन बिन्दू ने सरेआम बीजेपी को खरी-खरी सुनाई। 

योगी की हुई अयोध्या, सपा प्रत्याशी किन्नर बिंदु ने दी कड़ी टक्कर

ayodhya ​nagar nikay chunav result will be in favor of cm yogi

सीएम योगी, किन्नर गुलशन बिंदु

टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 

पहली बार नगर निगम बने अयोध्या से बीजेपी के उम्मीदवार ऋषिकेश उपाध्याय ने आखिरकार जीत हासिल कर ली। उन्होंने सपा की किन्नर बिंदु को करीब तीन हजार वोटों से हरा दिया। सीएम योगी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी आयोध्या आखिर उनकी हो गई।
मतगणना के दौरान सपा उम्मीदवार किन्नर बिंदु लगातार कड़ी टक्कर देती रहीं। पहले चरण की मतगणना के बाद आए परिणामों में जहां ऋषिकेश उपाध्याय को 1110 मत मिले थे, वहीं सपा के 864 वोट मिले थे। बसपा इस सीट पर दोनों से काफी पीछे चल रही थी। बसपा प्रत्याशी गिरीश चंद्र वर्मा को मात्र 346 वोट मिले थे।
दूसरे चरण में बीजेपी को 4762 वोट मिले हैं और सपा की किन्नर बिंदु 3813 वोट मिले। वहीं तीसरे चरण के परिणाम आने में बीजेपी को 17581, सपा को 16576, बसपा को 2693, कांग्रेस को 1572, आप को 539 और भाकपा प्रत्याशी को 535 वोट मिले थे।
अंतिम चरण की मतगणना में बीजेपी के ऋषिकेश उपाध्याय ने 44628 मत पाए, वहीं सपा की किन्नर गुलशन बिंदु ने 41035 वोट हासिल किए। बसपा को 6031, कांग्रेस को 3600, आप को 1180 और भाकपा को 965 वोट हासिल हुए।

बीजेपी के इन 14 प्रत्याशियों ने बांधा कामयाबी का सेहरा, जानें कौन कहां जीता

बीजेपी के सिर इन 14 प्रत्याशियों ने बांधा कामयाबी का सेहरा, जानें कौन कहां जीता...
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. निकाय चुनाव में बीजेपी ने अपना परचम लहरा सभी विपक्षी राजनीतिक दलों को चारों खाने चित कर दिया. सूबे के 16 नगर निगमों में से 14 पर बीजेपी के प्रत्याशी के सिर जीत का सेहरा बंधा. राजधानी से बीजेपी की संयुक्ता भाटिया ने यहां के नगर निगम पर अपनी पार्टी का कब्जा बरकरार रखा. पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भी बीजेपी ने मेयर के पद पर कब्जा किया. गोरखपुर, अयोध्या, कानपुर की कामयाबी का सिललिसा पूरे प्रदेश में चला. यूपी निकाय के चुनाव के नतीजे ने गैरबीजेपी दलों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. सत्ता से बेदखल होने के बाद निकाय चुनाव से बेहतर की आस लगाने वाले अखिलेश यादव की पार्टी एक भी नगर निगम पर जीत नहीं दर्ज कर सकी. विधानसभा चुनाव में उनके जोड़ीदार रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अपने गढ़ में ही पार्टी के प्रत्याशियों की हार का मलाल कचोट रहा होगा. महज बसपा के लिए कुछ संतोषजनक रहा कि अलीगढ़ और मेरठ में उसने बीजेपी को मात दे दो नगर निगम में जीत दर्ज की. वहीं पालिका चुनाव में भी वह बीजेपी को तो नहीं पछाड़ सकी, लेकिन सपा से वह आगे रही.नगर निगमों की बात करें तो मथुरा में बीजेपी ने जीत दर्ज की. बीजेपी प्रत्याशी मुकेश आर्य ने कांग्रेस को 22,125 वोटों से हराया. बीजेपी ने फिरोजाबाद नगर निगम में जीत हासिल की. यहां से बीजेपी की नूतन राठौर ने एआईएमआईएम कैंडिडेट मशरूम फातिमा को 42,392 वोटों से मात दी. बीजेपी की नूतन राठौर को 98,928 वोट मिले. यहां सपा की सावित्री देवी गुप्ता के हिस्से महज 45,917 और बसपा की पायल राठौर को 41,524 मत मिले. कांग्रेस की शाहजहां परवीन को 13,936 वोट से संतोष करना पड़ा. पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीजेपी की मृदुला जायसवाल ने सपा की साधना गुप्ता को हराकर जीत दर्ज की. रामलला की नगरी अयोध्या में बीजेपी ने कब्जा जमकाया. बीजेपी प्रत्याशी ऋषिकेश उपाध्याय ने भारी वोटों से यहां जीत का सेहरा अपने सिर बांधा. मुरादाबाद मेयर चुनाव का नतीजा भी बीजेपी की झोली में गया. यहां बीजेपी के विनोद अग्रवाल ने बाजी मारी. आगरा में भी बीजेपी ने मेयर पद पर अपना कब्जा बरकरार रखा. यहां बीजेपी कैंडिडेट नवीन जैन ने जीत दर्ज की. इलाहाबाद में मेयर पद पर भी बीजेपी ने तमाम दलों को पछाड़कर यह अहम पद अपने नाम किया. बीजेपी प्रत्याशी अभिलाषा गुप्ता नंदी ने यहां जीत हासिल की. सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर के मेयर पद पर भी बीजेपी ने अपना परचम लहराया. यहां बीजेपी के सीताराम जायसवाल विजयी रहे. मथुरा में बीजेपी प्रत्याशी मुकेश आर्य ने मेयर पद का चुनाव जीत लिया. सूबे की राजधानी लखनऊ में बीजेपी ने मेयर पद पर अपना कब्जा बरकरार रखा. यहां से संयुक्ता भाटिया ने सपा की मीरावर्धन को पीछे छोड़ जीत हासिल की. कानपुर में भी कमल का फूल खिला. यहां से बीजेपी की प्रमिला पांडे ने पार्टी की कामयाबी का रंग दूना कर दिया. गाजियाबाद में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की.

निकाय चुनाव में भाजपा की जीत ‌विरोधियों के लिए आंखें खोलने वाली: योगी

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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
यूपी निकाय चुनाव में मिले प्रचंड समर्थन पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये चुनाव परिणाम उन लोगों के लिए आंखें खोलने वाला है जो गुजरात चुनाव को लेकर नकारात्मक टिप्पणी कर रहे थे। इस जीत से हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उन्होंने जीत के लिए जनता को धन्यवाद दिया और कार्यकर्ताओं को जीत का श्रेय दिया।
योगी भाजपा कार्यालय में मीडिया को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद निकाय चुनाव को योगी की बड़ी परीक्षा माना जा रहा था। योगी ने कहा कि इन चुनाव में जीत के बाद भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जीत हासिल करने के लिए तेजी से अग्रसर हो रही है।
उन्होंने जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का आभार जताया। योगी ने कहा कि इन चुनाव परिणाम से गुजरात विधानसभा में आने वाले रिजल्ट का अंदाजा लगाया जा सकता है। गुजरात में आगामी 9 व 12 दिसंबर को मतदान होगा और 18 दिसंबर को चुनाव परिणामों की घोषणा की जाएगी।
इसके पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि भाजपा को लगातार बेहतर फैसले लेने के कारण इन चुनाव में जीत मिली है। प्रदेश में भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2014 से लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है तो इसका श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं को जाता है।उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश के 16 में से 14 नगर निगमों में हम जीत हासिल कर चुके हैं। एक में आगे चल रहे हैं।

निकाय चुनाव... जीत से गद-गद हुए योगी, कहा-मोदी के विकास के विजन की हुई जीत

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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में कामयाबी पर सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद गदगद हैं. सात महीने के दौरान अपने कामकाज पर जनता की ओर से मुहर लगाने की खुशी उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी. बीजेपी की इस कामयाबी को ऐतिहासिक बताते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे पीएम मोदी के विकास के विजन की जीत करार दिया. यूपी नगर निकाय चुनाव नतीजों को केंद्र की मोदी और सूबे की योगी सरकार की नीतियों पर जनता की मुहर मानी जा रही है. नगर-नगर में बीजेपी की लहर दिखी. अयोध्या, मथुरा, काशी, प्रयाग, इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ आदि के नगर निगम में बीेजेपी ने अपना परचम लहराया. निकाय चुनाव की इस कामयाबी के बाद शुक्रवार दोपहर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निकाय चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत है. उन्होंने इसके लिए प्रदेश के करोड़ों मतदाताओं का आभार जाहिर किया सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस जीत का क्रेडिट भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की कुशल राजनीतिक क्षमता और पीएम मोदी के विकास के विजन को दिया. उन्होंने कहा कि लोगों ने पीएम मोदी के विजन पर मुहर लगाई है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि अमेठी में वह अपना खाता भी नहीं खोल सकी. जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का यह संसदीय क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर के चुनाव नतीजे सबकी आंखें खोलने वाला है.इससे पहले चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि देश में वर्ष 2014 के बाद से बीजेपी की लहर कायम है. उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा है कि विपक्षी पार्टियां एक साथ मिलकर भी बीजेपी का मुकाबला नहीं कर पाई. योगी सरकार ने प्रदेश में दिन रात काम किया है. इसी का नतीजा है कि नगर निगम चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिलने जा रही है. यूपी नगर निकाय चुनाव में बीजेपी की कामयाबी पर यूपी बीजेपी अध्यक्ष और सासंद महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि कांग्रेस और अन्य दल अंदर से एक-दूसरे को समर्थन दे रहे हैं. इसके बावजूद बीजेपी को अच्छी बढ़त हासिल हुई है. राज्यसभा सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी ने कहा है कि निकाय चुनाव में राम मंदिर की लहर रही है. वर्ष 2019 में आने वाले तूफान का इंतजार कीजिए.

चले थे गुजरात जीतने अपना गढ़ भी नहीं बचा पाए

टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
अमेठी कांग्रेस के गढ़ में शुमार जिले की दो नगर पालिका परिषद और दो नगर पंचायतों में कांग्रेस की लाज भी नहीं बची। पहले लोकसभा में जीत का अंतर कम हुआ, फिर विधानसभा में करारी शिकस्त के बाद निकाय चुनाव में हुई दुर्गति से संगठन से लेकर गांधी-नेहरू फैमिली की छवि तक सवालों के घेरे में है।
निकाय चुनाव में कांग्रेस ने अमेठी और मुसाफिरखाना नगर पंचायत से अपना प्रत्याशी ही नहीं उतारा था। पहली बार नगर पालिका परिषद बनी गौरीगंज में गीता सरोज उसकी प्रत्याशी थीं। गीता सरोज पूर्व में सुल्तानपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। 
प्रतिष्ठापरक चुनाव में गीता सरोज चार नंबर पर पहुंच गईं। जायस नगर पालिका परिषद से कांग्रेस से इसरत हुसैन मैदान में थे। उन्हें भी पराजय का मुंह देखना पड़ा। पहले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की जीत का अंतर कम हुआ। उसके बाद विधानसभा और अब निकाय चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली है।

गांधी-नेहरू परिवार की छवि पर उठे सवाल

लगातार अमेठी में मिल रही शिकस्त से संगठन से लेकर गांधी-नेहरू फैमिली की छवि तक सवालों के घेरे में है। दरअसल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के जाने के बाद से ही अमेठी के स्थानीय चुनावों में कांग्रेस कभी भी बेहतर परफार्मेंस नहीं दे सकी है।

इसकी वजह भी साफ है कि गांधी-नेहरू फैमिली की उम्मीदवारी को यहां के लोग अपनी पहचान से जोड़ते हैं जबकि विधानसभा और उसके नीचे के चुनावों में उनकी स्थानीय जरूरतें मुद्दा होती हैं। राहुल गांधी की राष्ट्रीय छवि होने के कारण वे छोटे चुनावों में अमेठी को वक्त भी कम दे पाते हैं। कभी-कभार विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा प्रचार के लिए आते भी हैं तो ऐन मौके पर।

हार की यह भी एक वजह

सोनिया गांधी और प्रियंका वाड्रा

तब तक चुनाव में अपने प्रत्याशी को स्थापित करने का वक्त ही नहीं बचता। राहुल गांधी का कद बड़ा होने के कारण जरूरत के वक्त भी स्थानीय लोग उनसे नहीं मिल पाते। अमेठी में प्रतिनिधित्व का जरिया कभी किशोरीलाल शर्मा बनते हैं तो कभी चंद्रकांत दुबे। 


अमेठी में राहुल गांधी के कम वक्त दे पाने का एक नतीजा यह भी हुआ है कि पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता या किनारे कर दिए गए हैं या फिर निष्क्रिय होकर घर बैठ गए हैं। जाहिर तौर पर स्थानीय चुनावों में इन बातों का असर पड़ना स्वाभाविक है।

लखनऊ की पहली महिला मेयर बनी संयुक्ता भाटिया

संयुक्ता भाटिया बनी लखनऊ की पहली महिला मेयर
टीम ब्रेक  न्यूज ब्यूरो
लखनऊ को पहली महिला मेयर मिल गई है। ये उपलब्धि बीजेपी की संयुक्ता भाटिया ने हासिल की है। लखनऊ नगर निगम के सौ वर्षों के इतिहास में कोई महिला मेयर नहीं बनी थी। इस बार लखनऊ मेयर की सीट महिला के लिए आरक्षित थी। ये सीट बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती रही है। लेकिन इस बार यहां पर मुकाबला दिलचस्प था।जानकारी के मुताबिक लखनऊ नगर निगम के 1320 बूथों पर पड़े लगभग पांच लाख 80 हजार 64 मतों में से बीजेपी की संयुक्ता भाटिया को 02 लाख 43 हजार 169 वोट हासिल हुए। सपा की मीरावर्धन दूसरे स्थान पर रहीं। उन्हें एक लाख 58 हजार 974 वोट मिले। कांग्रेस की प्रेमा अवस्थी 70 हजार 753 मत के साथ तीसरे स्थन पर रहीं। बीएसपी की बुलबुल गोदियाल 53 हजार 258 वोट के साथ चैथे स्थान पर रहीं।

Thursday, November 30, 2017

कानपुर : पत्रकार की हत्या, पांच गोलियां मारकर आराम से भाग निकले बदमाश


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
कानपुर। उत्तर प्रदेश में बदमाशों ने कानून व्यवस्था को खुली चुनौत दी है। गुरुवार को कानपुर में बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाते हुए एक दैनिक अखबार के पत्रकार की हत्या कर दी है। सरेबाजार पत्रकार को पांच गोलियां मारी है। पत्रकार की हत्या से अफरातफरा का माहौल है। पुलिस के आलाधिकारी घटना स्थल पर पहुंच कर जांच कर रहे हैं। घटना कानपुर के बिल्हौर कोतवाली के नगर पालिका के पास की बतायी जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश आसानी से फरार हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस ने कानपुर की सभी सीमाओं पर चौकसी के निर्देश दिए।
हिंदुस्तान अखबार के बिल्हौर तहसील संवाददाता नवीन किसी काम से निकले थे तभी अज्ञात बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी। आस पास के लोगों ने घायल नवीन को अस्पताल ले गए जहां रास्ते में उनकी मौत हो गयी है। साथी की मौत पर आईरा संगठन ने दुख जताया

यूपी के सिर पर यह स्याह ताज, इस मामले में वह है सबसे आगे

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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
नई दिल्ली. यूपी की तस्वीर और तकदीर बदलने की कोशिश में जुटे सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए यह बुरी खबर है. अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने की मुहिम में जुटी योगी सरकार का प्रदेश महिलाओं पर होने वाले जुर्म के मामले में नंबर एक है. देश भर में होने वाले अपराधों का रिकॉर्ड जुटाने वाले नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने वर्ष 2016 में हुए अपराधों का डेटा जारी किया है. इस क्राइम डेटा यह साबित करने के लिए काफी है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यूपी किसी मायने में बेहतर जगह नहीं है. देश के तमाम राज्यों में 2016 के दौरान हुए महिलाओं पर हुए अपराधों के मामले में वह सबसे आगे है. महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को लेकर अक्सर चौंकाने वाले मुंबई और दिल्ली भी उससे कहीं पीछे हैं. वर्ष 2016 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के रिकार्ड पर गौर करें तो इस दौरान यूपी में महिलाओं पर हुए अपराध के मामलों की कुल संख्या 49,262 है. यह आंकड़ा पूरे देश में महिलाओं पर हुए अपराध के मामले का 14 फीसदी है. महिलाओं के लिहाज से देखें तो यूपी के बाद पश्चिम बंगाल उनके लिए असुरक्षित राज्य है. यह राज्य महिलाओं पर अपराध के लिहाज से दूसरे नंबर पर है. इस राज्य में वर्ष 2016 में महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों की संख्या 32,513 दर्ज हुई. यह संख्या देश में हुए महिलाओं पर अपराध का 9.6 प्रतिशत है.क्राइम कैपिटल की बात करें तो देश की राजधानी दिल्ली का दर्जा इस मामले में भी कायम है. सभी तरह के अपराधों की संख्या के लिहाज से वह सबसे आगे है. यहां क्राइम का प्रतिशत 160.4 है ज​बकि देश का कुल अपराध 55.2 फीसदी है. गैंगरेप के मामले में केजरीवाल की दिल्ली सबसे आगे है तो महिलाओं के प्रति कुल अपराधों के मामले में योगी का यूपी. देखा जाए तो केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का जन्म भी देश को दहला देने वाले दिल्ली के निर्भया कांड की पृष्ठभूमि से जुड़ा रहा है. निर्भया कांड में जुटे युवकों ने ही अन्ना के आंदोलन को जबरदस्त सपोर्ट किया था. लोगों के अंदर उपजी बदलाव की यह लहर ही आप के काम आई. बदलाव की बात करें तो यूपी में भी योगी सरकार बनने में सूबे का आपराधिक माहौल अहम रहा. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव भी अपराध मुक्त यूपी का नारे के साथ लड़ा था. अब भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपराध को खत्म करने का दावा कर रहे हैं.

गुजरात चुनाव: हार के डर से बीजेपी ने उतारी फौज

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टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो 
गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी फौज उतार दी है। किसी राज्य विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए इतने केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री इससे पहले कभी नहीं आए थे। बीजेपी की मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस ने कहा है कि गुजरात में बीजेपी को पराजय का बोध हो चुका है, इसलिए पूरी मोदी सरकार गुजरात में धमाचैकड़ी कर रही है। गुजरात में बीजेपी विगत 22 वर्षों से सत्तारूढ़ है। ऐसे में इतनी बड़ी तादाद में केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों की फौज उतारने से इस बात की तस्दीक होती है कि गुजरात में उसे हार का भय सता रहा है। बीजेपी का तर्क है कि जो केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री गुजरात में प्रचार के लिए जा रहे हैं, वो पार्टी के कार्यकर्ता भी हैं। किसी भी राज्य में चुनाव होता है तो चुनाव प्रचार के लिए केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री जाते ही हैं। राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए इतने केंद्रीय मंत्री इससे पहले कभी नहीं आए थे। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चुनाव प्रचार के लिए गुजरात आए थे, तब बीजेपी ने ही कांग्रेस का मजाक उड़ाया था। लेकिन इस बार पीएम मोदी गुजरात में सघन चुनाव प्रचार कर रहे हैं। पीएम मोदी के अलावा गृहमंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, उमा भारती, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चैहान और छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह भी लगातार गुजरात में चुनावी सभाएं कर रहे हैं। इसी तरह रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की मुख्य समन्वयक हैं। उल्लेखनीय है कि गुजरात में अरसे बाद कांग्रेस गुजरात विधानसभा चुनाव में गेन करती नजर आ रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी लगातार जनसभाएं कर पीएम मोदी पर हमले कर रहे हैं। इसके अलावा राज्य के पाटीदार समुदाय और ओबीसी समुदाय भी कांग्रेस के पक्ष में है। अरसे बाद कांग्रेस गुजरात में बीजेपी का विकल्प बनती नजर आ रही है। ऐसे में बीजेपी की चिंता स्वाभाविक है। 

चंडीगढ़ गैंगरेप: BJP सांसद का विवादित बयान,पीड़िता को ही दे डाली नसीहत

चंडीगढ़ गैंगरेप: बीजेपी सांसद का विवादित बयान,पीड़िता को दे रही हैं ये नसीहत
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
मोहाली. चंडीगढ़ रेप मामले में बीजेपी सांसद ने एक विवादित बयान दिया है. बीजेपी सांसद ने रेप पीड़िता को नसीहत दी है. वहीं बीजेपी सांसद के इस बयान के बाद राजनीति पूरी तरह से गर्मा गई है. चंड़ीगढ़ रेप मामले में बीजेपी सांसद और बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस किरण खेर ने विवादित बयान दिया है. किरण खेर ने रेप पीड़िता को ही नसीहत देते हुए कहा है कि जब ऑटो में तीन लोग पहले से बैठे हुए थे तो उसे बैठना ही नहीं चाहिए था.  वहीं खेर के इस बयान के बाद राजनीति गर्मा गई. जिसपर तुरंत ही बीजेपी सांसद ने सफाई देते हुए कहा कि इस वक्त देश के हालात कुछ ठीक नहीं हैं. इस लिए लड़कियों को सोच समझ कर कदम उठाना चाहिए. वहीं बीजेपी सांसद के इस बयान के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने बयान की निंदा करते हुए कहा कि हैरानी की बात ये है कि किरण खेर बीजेपी की वरिष्ठ नेता है और उनके द्वारा दिया बयान कहीं ना कहीं बीजेपी सरकार पर सवालिया निशान खड़ा करता हैइस दौरान बीजेपी सांसद ने विपक्ष पर हमला बोला. उन्होने कहा कि विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है. यह था मामला बता दें कि चंडीगढ़ के मोहाली में 22 वर्षीय लड़की के साथ एक ऑटो चालक और उसके दो साथियों ने बलात्कार किया था. वहीं इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि जैसी ही रेप के आरोपी ऑटो ड्राइवर मोहम्मद इरफान गिरफ्तार कर लिया है. जहां आरोपी ने अपनी जान देने की कोशिश की.

यूपी में दरोगा भर्ती की 15 जिलों में होगी ऑनलाइन परीक्षा


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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 

यूपी में दरोगा भर्ती 2016 की ऑनलाइन परीक्षा 15 जिलों में 141 केंद्रों पर होगी। लखनऊ, कानपुर नगर, इलाहाबाद, वाराणसी, मेरठ, आगरा, गोरखपुर, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर समेत कुल 15 जिलों में सेंटर बनाए जा रहे हैं। ऑनलाइन परीक्षा तीन पालियों में कराए जाने की तैयारी है। पिछली बार ऑनलाइन परीक्षा के लिए 22 जिलों में महज 97 सेंटर बनाए गए थे।  दरोगा के 3307 पदों पर होने वाली इस परीक्षा में 6 लाख 30 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। सूत्रों का कहना है कि 12 से 21 दिसंबर तक सभी 15 जिलों में पुरुष अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। जबकि 22 दिसंबर को महिलाओं की परीक्षा होगी। उत्तर प्रदेश दरोगा भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने आतंरिक सुरक्षा, बायोमेट्रिक व साइबर सिक्योरिटी की जिम्मेदारी संबंधित एजेंसी को पुख्ता करने के लिए कहा है।एसटीएफ को विशेष रूप से सजग रहने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि परीक्षा के दौरान बाहरी सुरक्षा व कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला पुलिस की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारियों की होगी। अपर पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया जा रहा है। वहीं इस बार हर परीक्षा केंद्र पर पुलिस उपाधीक्षक या इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी को पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया जाएगा।परीक्षा के दौरान किसी तरह की चूक से बचने के लिए भर्ती बोर्ड की ओर से कड़े बंदोबस्त किए जा रहे हैं। परीक्षा केंद्रों पर सख्ती के साथ ही वहां ड्यूटी करने वाले टीचरों की भी मानीटरिंग की जाएगी। यही नहीं, हर सेंटर की खुफिया रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है। बता दें, इसी वर्ष 17 से 31 जुलाई के बीच हुई दरोगा की सीधी भर्ती 2016 की ऑनलाइन परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था। अब नए सिरे से दोबारा परीक्षा कराई जा रही है। 

Tuesday, November 28, 2017

अमन मणि व निरहुआ सहित 25 लोगों पर केस दर्ज-महराजगंज से रामबहादुर की रिपोर्ट

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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
महराजगंज। निकाय चुनाव में नौतनवां नगर पालिका से अध्यक्ष पद के निर्दल प्रत्याशी गुड्डू खान के समर्थन में निकले भोजपुरी गायक दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ के रोड शो के दौरान अस्पताल चौराहे के समीप भाजपा प्रत्याशी के वाहन में हुए तोड़फोड़ के मामले में रविवार की देर रात विधायक अमन मणि त्रिपाठी, निरहुआ सहित 25 नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में पूर्व ब्लॉक प्रमुख रामअधार दूबे और बृजेश मणि त्रिपाठी शामिल हैं।भोजपुरी गायक निरहुआ रविवार की शाम नौतनवां इंटर कॉलेज के मैदान में गुड्डू खान के समर्थन में सभा के बाद रोड शो किया गया था। रोड शो जब अस्पताल चौराहे से आगे पहुंचा, उसी बीच किसी ने भाजपा प्रत्याशी की गाड़ी की पीछे का सीसा तोड़ दिया। इसके बाद भाजपा समर्थक आक्रोशित हो गए। भाजपा प्रत्याशी जगदीश गुप्ता ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि रविवार की रात करीब 7.45 बजे वह पार्टी कार्यालय से अपनी गाड़ी पर बैठकर निकल रहे थे। तभी सामने से विधायक अमन मणि त्रिपाठी, गुड्डू खान, दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ सहित सैकड़ों लोग जुलूस लेकर आ गए और उन्हें देखते ही हमलावर हो गए। यह आरोप भी लगाया कि गाड़ी को घेरकर उनके ऊपर जानलेवा हमला कर गाड़ी का शीशा तोड़ने के साथ ही जानमाल की धमकी भी दी। वह किसी तरह से जान बचाकर कार्यालय आए। इस संबंध में एसओ प्रहलाद पांडेय का कहना है कि जगदीश गुप्ता की तहरीर पर विधायक अमन मणि त्रिपाठी, दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ, गुड्डू खान सहित 25 नामजद एवं सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ बलवा, तोड़फोड़ एवं जान से मारने की धमकी का केस दर्ज किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो आरोपियों को गिरफ्तार कर अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

नजरंदाज किए जाने से खफा हैं वरूण, मिला सकते हैं राहुल गांधी से हाथ

बीजेपी में नजरंदाज किए जाने से खफा हैं वरूण, मिला सकते हैं राहुल गांधी से हाथ!
टीम ब्रेक न्यूज 
ब्यूरो नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम फेस के मजबूत दावेदार और बीजेपी सांसद वरूण गांधी पार्टी की ओर से नजरंदाज किए जाने से खफा हैं. बीते दिनों कई मुद्दों पर अपनी ही पार्टी को वे कठघरे में खड़ा कर चुके हैं. यूपी विधानसभा के बाद निकाय चुनाव में भी पार्टी की ओर से अलग-थलग किए जाने से अब उनके अपने भाई राहुल गांधी से हाथ मिलाने की अटकलें लगने लगी हैं. देश की सियासत में संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी के बाद उनके बेटे वरूण गांधी कांग्रेस के खिलाफ ट्रंप कार्ड की तरह से इस्तेमाल किए जाते रहे. कांग्रेस विरोधी राजनीति में मेनका गांधी खासी सक्रिय भी रहीं. इसकी वजह गांधी परिवार में पड़ी दरार रही. कभी संजय गांधी विचार मंच खड़ा कर कांग्रेस को चुनौती देने वाली मेनका गांधी देश के बदले सियासी हालात में तीसरे मोर्चे का भी हिस्सा रहीं. लेकिन, अयोध्या मामले के बाद बीजेपी देश में कांग्रेस का विकल्प के तौर पर आगे बढ़ने लगी तो वे बीजेपी की हो गईं.  अटल बिहारी बाजपेई के बाद वे नरेंद्र मोदी की भी मंत्रिमंडल सहयोगी बनीं. उनके ही नक्शे कदम पर चलते हुए वरूण गांधी भी भगवा ब्रिगेड के साथी बन गए. बीजेपी में मोदी युग शुरू होने के बाद से ही वरूण को नजरंदाज करने का सिलसिला भी शुरू हो गया. इसकी आहट उस समय सुनाई दी, जब लोकसभा चुनाव के बाद आत्मविश्वास से भरी बीजेपी ने यूपी की सियासी बिसात बिछाई. पार्टी में यूथ फेस के तौर पर देखे जाने वाले वरूण गांधी को ही मोदी ब्रिगेड ने दरकिनार कर दिया.प्रदेश में अपनी पार्टी के समर्थकों के बीच लोकप्रिय वरूण गांधी को ही नहीं उनके सपोर्टरों को भी हाशिए पर डालने का ताना-बाना बुना जाने लगा. विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा और प्रदेश की सत्ता पर काबिज अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मिलकर बीजेपी को चुनौती दी. इन दोनों युवाओं की बीजेपी को चुनौती देने का ऐलान किया तो बीजेपी के अंदर भी किसी युवा फेस को सीएम के तौर पर पेश करने का दबाव बढ़ने लगा. पार्टी में उभर रही इस आवाज को देखते हुए सभी की निगाहें वरूण गांधी पर टिक गईं. क्योंकि एक तो वे युवा थे तो दूसरी ओर उनका जनाधार पूरे प्रदेश में था. इस उम्मीद के बीच बीजेपी सांसद वरूण गांधी के समर्थकों में भी जोश भर गया. लेकिन, सीएम फेस न डिक्लेयर कर बीजेपी ने वरूण गांधी और उनके समर्थकों की नाराजगी से बचने का रास्ता ढूंढ निकाला. मगर, उसने इस नेता के समर्थकों में से कईयों के टिकट ही काट दिए. सियासी पंडितों की मानें तो पार्टी नेताओं के मन में कांग्रेस या यूं कहें कि गांधी परिवार को लेकर जो दुराव सालों से रहा, उसी का नतीजा रहा कि वरूण गांधी को साइड लाइन करने की तैयारी कर ली गई थी. राजनीति के घाघ इस ओर भी इशारा करते हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मिशन में जुटे गुजरात और राजस्थान लॉबी के पार्टी नेताओं को गांधी परिवार के किसी शख्स के हाथ में कमान जाने नहीं देना चाहते थे. सियासी जानकार यह भी कहते हैं कि बीेेजेपी में यह पहले भी भावना रही है, लेकिन अटल बिहारी बाजपेई के रहते यह भावना खुलकर सामने नहीं आई. अब चूंकि बीजेपी नेतृत्व पूरी तरह बदल चुका है, लिहाजा अब गांधी परिवार के प्रति यह भावना सबके सामने है. बीजेपी की राजनीति को करीब से जानने वालों का यह भी कहना है कि आरएसएस की भी इसमें अहम भूमिका है. इससे पहले अटल बिहारी बाजपेई के सामने वह भी चुप थी. पर, अब गांधी परिवार के खिलाफ दबी भावनाएं अपने एजेंडे में तब्दील हो रही हैं. बीजेपी नेता वरूण गांधी भी पार्टी के अंदर अपने हैसियत को लेकर खासे अनमने से हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची तक में शामिल नहीं किया. जबकि प्रदेश बीजेपी में उन्हें सीएम कैंडिडेट के तौर पर देखा जा रहा था. यूपी के विधानसभा चुनाव ही क्यों, निकाय चुनाव में भी उनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया गया. जबकि प्रदेश के कई मंत्री और नेता गुजरात तक जाकर पार्टी की सभाएं कर रहे हैं. वहीं वरूण गांधी को अपने ही प्रदेश में पार्टी की ओर से कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है. पार्टी में नजरंदाज किए जाने से वरूण गांधी भी खासे खफा हैं. नाराजगी इस कदर की सालों से जिस परिवार व पार्टी को वे कोसते रहें, उसे भी स्वीकार करने के मूड बनाने को मजबूर हैं. एक न्यूज वेबसाइट पर बकायदा उनके कांग्रेस से हाथ मिलाने की बात कही जा रही है. वहीं कांग्रेसी दिग्गज भी गांधी परिवार के एक होने की बात कह रहे हैं. कांग्रेसी राजनीति को करीब से जानने वाले प्रह्लाद मिश्र का कहना है कि गांधी परिवार में एकता की पहल प्रियंका गांधी के जरिए मुमकिन हो सकती है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अब कांग्रेस की कमान संभालने जा रहे हैं और वे भी इसकी पहल कर सकते हैं. उनका कहना है कि यह मुमकिन है कि राहुल और वरूण के बीच बातचीत की मध्यस्थता का जिम्मा प्रियंका संभाल सकती हैं.

प्यारी Maggi ने फिर से दिया धोखा, नहीं रही इस लायक

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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
शाहजहांपुर. एक बार फिर मल्टी नेशनल कंपनी के लोकप्रिय प्रोडक्ट 'मैगी' पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. एक बार फिर जांच में मैगी के नमूने फेल होते नज़र आए. जिसके बाद जिला प्रशासन ने मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले पर 35 लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया है. पहले भी इनके उत्पाद हुए थे सील जानकारी के लिए बता दें कि 2015 मे 29 व 30 मई और आठ व 12 जून को जिले मे विभिन्न स्थानों से नेस्ले के वितरकों और विक्रेताओं से मैगी छोटू, मैगी टू मिनट्स नूडल, मैगी मसाला, मैग वेज आटा नूडल्स, मैगी मीट्रिलिटियस, मैगी पास्ता आदि उत्पादों को सील किया गया था.न्याय निर्णायक अधिकारी /एडीएम प्रशासन जितेन्द्र कुमार शर्मा का कहना है कि सील किए गए नमूने जांच के लिए लखनऊ स्थित राजकीय जन विश्लेषक प्रयोगशाला में भेजे गए थे. जिसमें यह सामने आया कि मैगी में एश कंटेट (धातु भस्म) की मात्रा सबसे ज्यादा थी. जिसके बाद मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा दर्ज कराए मुकदमों की सुनवाई करते हुए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा 51 के तहत नेस्ले कंपनी पर 35 लाख रुपये और उसकी इकाईयों के संचालकों को पांच-पांच लाख रुपये जुर्माने देने की घोषणा कर दी. इतना ही नहीं एडीएम प्रशासन ने विक्रेताओं और वितरकों पर भी 17 लाख का जुर्माना ठोका है.

Monday, November 27, 2017

बाराबंकी :चुनाव से दो दिन पहले जागा प्रशासन, प्रत्याशियों के कार्यालयों पर छापेमारी

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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
बाराबंकी हैदरगढ़,नगरीय चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही चुनाव आयोग के हाथों में कमान आते ही अधिकारियों ने लगातार मीटिंग करके आचार संहिता का पालन करने और कराने के लिए कड़े निर्देश दिए थे । बकायदे डी एम सहित कप्तान ने हैदरगढ़ और सुबेहा में मीटिंग करके लोगो को जागरूक किया था और आचार संहिता का पालन करने के निर्देश भी दिए थे लेकिन लगातार जानकारी मिलती रही और कस्बे में भी देखा गया आचार संहिता का जम कर उल्लंघन प्रशासन की नाक के नीचे होता रहा। कस्बे में जहाँ पोस्टर अभी दीवारों पर सजे हुए जिसके लिए कई बार खबरे भी प्रकाशित की गई लेकिन प्रशासन को अपनी ताकत का गुमान है जिससे वो किसी की सुनना नही चाहता है। अचानक प्रचार बंद होने के एक दिन पहले जागे प्रशासन ने आचार संहिता का जायजा लेने की ठानी जो की प्रशासन की सरपरस्ती में लगातार तार तार जारी की जा रही थी। जानकारी के अनुसार जागे प्रशासन ने उपजिलाधिकारी पंकज कुमार व सी ओ समर  बहादुर की अगुवाई में हैदरगढ़ में प्रत्याशियों के कार्यालयों का जायजा लिया जिसमे कई खामियां पाई गई । प्रत्याशियों के कार्यालय को भारी पुलिस बल के साथ मौके पर देखने पहुँचे तो निर्दलीय उम्मीदवार समर जहाँ के कार्यालय में पोस्टर पाए गए तो सपा प्रत्याशी किरन साहू के कार्यालय में जहाँ पोस्टर तो मिले ही साथ मे काफी लोगो को भीड़ भी मौजूद थी साथ मे करीब 500 लंच पैकेट जो बटने के लिए तैयार किये गए थे मौके पर पाए गए। भाजपा प्रत्याशी पूजा दीक्षित कार्यालय पर कोई अवैध सामग्री बरामद नही हुई है केवल समर्थकों का जमावड़ा लगा हुआ था। सपा प्रत्याशी के यहाँ लंच पैकेटों का लगा होना इस ओर इशारा कर रहा था की आचार संहिता का उल्लघंन करते हुए पैकेट को बांटे जाने की तैयारी थी जो की वोटरों को प्रभावित करने के दायरे में आता है।प्रशासन की इस कार्यवाही से लोगो को आश्चर्य हुआ की आज ये क्या हो रहा है

Sunday, November 26, 2017

धर्म संसद में एक और स्वामी का विवादित बयान, कहा- मोबाइल नहीं हथियार उठाएं हिंदू

धर्म संसद में एक और स्वामी का विवादित बयान, कहा- मोबाइल नहीं हथियार उठाएं हिंदू
टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो 
उडुपी. कर्नाटक के उडुपी में आयोजित धर्म संसद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और स्वामी गोविंद देव के बयान पर बहस अभी थमी भी नहीं कि रविवार को स्वामी नरेंद्र नाथ के बयान ने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है. धर्म संसद के अंतिम दिन उन्होंने हिंदुओं को मोबाइल की जगह हथियार उठाने की बात कही. उन्होंने एक दिन पहले गोविंद देव के बयान से इत्तेफाक रखते हुए कहा कि यदि मुस्लिम 20 बच्चे पैदा करते हैं तो हिंदुओं को भी इतने ही बच्चे करने चाहिए. Read This - राम मंदिर पर वीएचपी का बड़ा ऐलान, इस तारीख को शुरू होगा राम मंदिर निर्माण और ये करेंगे अगुवाई पिछले तीन दिनों से कर्नाटक के उडुपी में विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित धर्म संसद में हिंदू धर्म से जुड़े संगठनों के अगुवा लोगों ने हिंदुओं की स्थिति पर अपने विचार रखे. इस संसद के पहले दिन जहां आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राम जन्मभूमि और राम मंदिर पर बयान देकर सभी को चौंका दिया. वहीं भारत माता मंदिर के स्वामी गोविंद देव ने अगले ही दिन समान नागरिक संहिता लागू होने तक हिंदुओं को चार बच्चे पैदा करने की बात कही.उडुपी धर्म संसद के अंतिम दिन एक और चौंकाने वाला बयान मंच से गूंजा. इस बार स्वामी नरेंद्र नाथ ने हिंदुओं को मोबाइल की बजाए हथियार उठाने की अपील कर सभी को हैरत में डाल दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें लाखों रुपये के मोबाइल रखने की क्या जरूरत है? हर हिंदू के पास मोबाइल की जगह हथियार होने चाहिए. हालांकि अगले वाक्य में उन्होंने इसे हिंदुओं की आत्मरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि जिस वक्त हिंदू मंदिरोंपर हमले हो रहे हों और पूजा स्थलों को नष्ट किया जा रहा हो. उन्होंने कहा कि यहां तक संसद को भी निशाना बनाया जा रहा है तो इन हालातों में हर किसी को आत्मरक्षा के लिए हथियार रखना चाहिए. इस दौरान स्वामी नरेंद्र नाथ ने एक दिन पहले ही स्वामी गोविंद देव के बयान की वकालत करते हुए कहा कि केवल हिंदू ही क्यों दो बच्चों की नीति पर अमल करें. उन्होंने कहा कि मुस्लिम और ईसाई 20 बच्चे करते हैं तो हिंदुओं को भी इतने ही बच्चे करने चाहिए.

एक एक साल से किसानों का 14.62 करोड़ रुपये दबाए बैठी है बजाज चीनी मिल

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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
गोंडा। जिले के कुन्दुरखी स्थित बजाज चीनी मिल किसानों के गन्ना मूल्य का 14.62 करोड़ रुपये एक साल से दबाए बैठी है। भुगतान न मिलने से क्षेत्र के किसानों को साल भर पैसे की लाचारी के दंश झेलने पड़े हैं। 
चीनी मिल के दबंगई का आलम यह रहा कि उसने सीएम के आदेश को भी ठेंगा दिखाते हुए आज तक किसानों के पिछले साल के गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया है। 
पिछले पेराई सत्र में बजाज चीनी मिल ने किसानों से गन्ने की खरीद की थी लेकिन गन्ना मूल्य भुगतान करने में किसानों को रुला डाला। 
हालात यह हैं कि मिल अब भी 14.62 करोड़ रुपये किसानों का दबाए है। यही नहीं, पुराना बकाया दिया नहीं उधर नये पेराई सत्र में शनिवार से गन्ने की खरीद भी शुरू कर दी। गन्ना सुरक्षण नियमों में बंधे किसानों को फिर मजबूरन इसी चीनी मिल को गन्ने की सप्लाई करनी है। 
जबकि नवाबगंज समेत कई क्षेत्र के गन्ना किसानों ने गन्ना सुरक्षण की बैठकों के दौरान बजाज चीनी मिल को गन्ने की सप्लाई न देने का ऐलान कर सुरक्षण प्रक्रि या पर विरोध जताया था। इसी जिले में बलरामपुर चीनी मिल ग्रुप की दो चीनी मिलें हैं।
इसके अलावा जिले के बॉर्डर एरिया का गन्ना भी बीसीएम ग्रुप की मिलों को जाता है लेकिन पिछले सत्र में बीसीएम ग्रुप की सभी चीनी मिलों ने किसानों के गन्ना मूल्य का तय समय में भुगतान कर दिया। बजाज चीनी मिल ने किसानों के गन्ना मूल्य को रोके रखा।
किसानों के विरोध पर जिला प्रशासन ने मिल के शीरे, चीनी स्टॉक आदि को अधिग्रहीत कर लिया और कई बार चेतावनी दी लेकिन कोई असर नहीं हुआ। यही नहीं, नयी सरकार बनने के बाद सीएम आदित्यनाथ योगी ने चीनी मिलों को 15-15 दिन में भुगतान करने का दो बार समय दिया लेकिन बजाज मिल प्रबंधन पर उसका भी कोई असर नहीं पड़ा। 

इनसेट 
पेराई सत्र 2016-17 में मिल के गन्ना खरीद भुगतान की स्थिति
* कुल देय गन्ना मूल्य - 74 लाख क्विंटल
* कुल गन्ना मूल्य भुगतान - 221 करोड़ रुपये 
* कुल गन्ना मूल्य बकाएदारी - 14.62 करोड़ रुपये । 

इनसेट 
अर्ली कहकर दिये बीज को कर दिया रिजेक्ट
गोंडा। बजाज चीनी मिल के अधिकारियों ने किसानों का शोषण करना शुरू किया है। क्षेत्र के ग्राम पंचायत बौरिहा गांव के किसानों का आरोप है पिछले सीजन में चीनी मिल ने जो बीज अर्ली बताकर दिया है उसे अब वह रिजेक्ट बता रही है। चीनी मिल ने पहले अर्ली वैरायटी की पर्ची जारी की है इससे किसानों के खेत में लगा दूसरे प्रजाति का पेड़ी गन्ना लगा है खेत खाली न होने से उनके खेत में गेहूं की बोवाई नहीं हो पा रही है। बौंरिहा गांव के किसान राहुल सिंह, रोहित सिंह, राम प्रताप सिंह, राजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह, गुड्डू सिंह आदि ने समिति के गन्ना सचिव व उप गन्ना आयुक्त से शिकायत कर जांच कराने की मांग की है। किसानों का कहना है कि मिल ने किसानों को सीओएस-0239 अर्ली बताकर बीज दिया था इस साल सर्वे में उसे सामान्य कह रिजेक्ट कर दिया है। किसानों ने सर्वे कलेंडर संशोधित कराने की मांग की है। इस मामले में डीसीओ पीएन सिंह का कहना है कि ज्येष्ठ गन्ना निरीक्षक से जांच करायी जा रही है। 
वर्जन :
किसानों के बकाए के भुगतान के लिए मिल प्रबंधन पर प्रशासन का लगातार दबाव है। मिल का चीनी आदि का स्टॉक प्रशासन के अधिग्रहण में है। चीनी बिक्री से प्राप्त धन के 85 फीसद रकम से किसानों के बकाए का भुगतान कराया जा रहा है। मिल प्रबंधन को कड़ी चेतावनी दी गई है कि वह जल्द बची रकम को चुकता करे। नये पेराई सत्र के लिए भी मिल की चीनी आदि प्रशासन की ओर से गठित टीम के अभिरक्षा में रहेगी। मिल की मनमानी नहीं चलेगी।
- पीएन सिंह, जिला गन्ना अधिकारी गोंडा

एलडी की लापरवाही: डीजीपी समेत सैकड़ों लोग मतदान से वंचित

निकाय चुनाव: फर्जी वोटिंग के आरोप में आठ महिलाएं गिरफ्तार
टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो 
यूपी नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को लखनऊ सहित 25 जिलों में मतदान जारी है। लोकतंत्र के इस पर्व पर राजधानी के तमाम लोग मायूस हैं। एलडी की लापरवाही के चलते डीजीपी सुलखान सिंह समेत सैकड़ों लोग मतदान से वंचित रह गए। इसी तरह गोमतीनगर विस्तार के तहत आने वाले रिवर व्यू अपार्टमेंट में रहने वाले अन्य लोग भी मतदान नहीं कर सके। जनकारी के मुताबिक एलडीए ने रिवर व्यू अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के नाम की सूची नगर निगम को नहीं प्रेषित की थी, जिसके चलते इस क्षेत्र के लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हुआ। उल्लेखनीय है कि रिवर व्यू अपार्टमेंट में सूबे की पुलिस के मुखिया सुलखान सिंह का परिवार रहता है। एलडीए की इस चूक से डीजीपी सुलखान सिंह समेत सैकड़ो परिवार के लोग मतदान से वंचित रहेंगे। 

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