Thursday, March 9, 2017

यूपी चुनाव रिजल्‍ट: सुबह 8 बजे से शुरू होगी वोटों की गिनती, ऐसी रहेगी सिक्‍योरिटी


ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो
 लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव के मतगणना के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं। मतगणना 11 मार्च को सुबह 8 बजे से होगी। यूपी में 78 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। मतगणना के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 72 जिलों में एक-एक केंद्रों पर मतगणना होगी। मतगणना केंद्रों में तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था रहेगी, जबकि बाकी बचे तीन जिले आजमगढ़, कुशीनगर, अमेठी में दो-दो केंद्रों पर मतगणना होगी। 187 कंपनी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को लगाया गया है। पीएसी यूपी पुलिस और होमगॉर्ड के जवान भी तैनात रहेंगे। 403 विधानसभा क्षेत्रों में आयोग ने प्रेक्षक तैनात किए हैं। सभी मतगणना स्थलों पर वीडियोग्रॉफी करवाई जाएगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट पेपर की गिनती होगी। बैलेट पेपर के बाद ईवीएम की काउंटिंग का क्रम शुरू होगा। मतगणना केंद्रों में तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। पहले स्तर में लोकल पुलिस। दूसरे में स्टेज ऑर्मड पुलिस। तीसरे स्तर में सीएपीएफ की तैनाती रहेगी। मतगणना हॉल में कोई मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।

महराजगंज : डीएम को हाईकोर्ट ने दिया नोटिस,डीएम को नहीं जानकारी

highcourt issued notice

टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो महराजगंज

महराजगंज। सोहगी बरवां वन्य जीव प्रभाग के वाइल्ड लाइफ सेंचुरी सीमा के 10 किमी दायरे में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट की अनदेखी कर शस्त्र लाइसेंस जारी करने के मामले में जिलाधिकारी द्वारा जारी किए गए थे।
कानून वन विभाग से एनओसी लेकर ही सेन्चुरी क्षेत्र के 10 किमी दायरे में आने वाले क्षेत्र के लोगो को शस्त्र लाइसेंस दिए जाए। मगर इस नियम को दरकिनार कर शस्त्र लाइसेंस दे दिया गया। इस मसले को लेकर हाई कोर्ट ने डीएम को अवमानना नोटिस जारी करते हुए डेढ़ महीने के अंदर सभी दस्तावेजों के साथ तलब किया है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल कुमार गुप्ता की टीम ने इस मुद्दे को लेकर जनसूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। जनसूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी में यह तथ्य सामने आया कि सेंचुरी क्षेत्र में ज्यादा शस्त्र लाइसेंस जारी हुए है। पांच वन सेंचुरी क्षेत्रों में 100 से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस जारी होने की बात सामने आई है।

 महराजगंज में तैनात रहे डीएफओ एके कश्यप ने भी डीएम को भेजे गए पत्र में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 34 में प्रक्रिया का पालन न होने से वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन होना बताया है। डीएफओ के पत्र का जवाब भी जिलाधिकारी की ओर से नहीं भेजा गया। इस मामले को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल कुमार गुप्ता की टीम ने हाईकोर्ट में कंटेमंट दाखिल किया। जिस पर हाई कोर्ट ने डीएम को अवमानना नोटिस जारी करते हुए डेढ़ माह के अंदर सभी दस्तावेजों समेत तलब किया है। इस संबंध में डीएम वीके सिंह ने कहा कि उन्हें नोटिस की जानकारी नहीं है।

अमनमणि त्रिपाठी को मिली सशर्त जमानत


टीम ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो 
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट से हत्या आरोपी अमनमणि त्रिपाठी को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को अमनमणि की जमानत सशर्त मंजूर कर दी। बता दें कि अमनमणि पत्नी सारा सिंह की हत्या के आरोप में जेल में बन्द थे। हाईकोर्ट के जस्टिस विपिन सिन्हा की एकलपीठ ने अमनमणि की जमानत मंजूर की।

Wednesday, March 8, 2017

महिला लिपिक ने प्रधानाचार्य पर लगाया छेड़खानी का आरोप


गोंडा जिले एक इंटर कॉलेज की महिला लिपिक ने प्रबंधक, जिला गन्ना अधिकारी और पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि प्रधानाचार्य व सहायक लिपिक मोबाइल से अश्लील फिल्म दिखाकर छेड़खानी करने की कोशिश की है।

महिला लिपिक का आरोप है कि प्रधानाचार्य व लिपिक कई दिनों से अभद्रता करने के लिए आमादा है। कॉलेज के एकांत कार्यालय में कार्य करने का जबरन निर्देश दिया गया है जबकि कॉलेज के अन्य स्टाफ को उस बिंग में कार्य करने के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया है। अकेले होने का प्रधानाचार्य व लिपिक फायदा उठाना चाहते हैं। नौकरी से निकलवाने की धमकी भी दे रहे हैं।

महिला लिपिक ने पुलिस व प्रबंधक से सुरक्षा की गुहार लगाई है। थानाध्यक्ष तुलसीपुर इंद्रजीत यादव ने बताया कि कॉलेज की महिला लिपिक ने तहरीर दी है। चौकी इंचार्ज कस्बा को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। उधर कॉलेज प्रबंधक व जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि शिकायत मिली है। दो सदस्यीय टीम गठित कर मामले की जांच कराई जा रही है।

विधानसभा चुनाव : इन दो सीटों पर आज हो रहा है मतदान


ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो
 लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अम्बेडकर जिले की आलापुर विधानसभा सीट पर कडी सुरक्षा के बीच आज सुबह सात बजे मतदान शुरु हो गया। इस सीट पर कुल 10 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल एक लाख 76 हजार से अधिक पुरुष मतदाता हैं, जबकि एक लाख 48 हजार से ज्यादा महिला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगी।  साथ ही उत्तराखंड के चमोली के एक विधानसभा सीट पर मतदान हो रहा है।  बताते चले कि अम्बेडकरनगर जिले में पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान होना था लेकिन आलापुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी चन्द्र शेखर कनौजिया का चुनाव प्रचार के दौरान 12 फरवरी को दिल का दौरा पडने से निधन होने के बाद इस सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया था। मतदान शाम पांच बजे तक होगा। कनौजिया के निधन के बाद सपा ने उनकी पत्नी संगीता चौधरी को उम्मीदवार बनाया है।  वहीं, चमोली जिले की कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर भी आज वोट डाले जा रहे हैं। इस सीट पर बसपा प्रत्याशी की मौत के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया था। बहुजन समाज पार्टी ने ज्योति कनवासी को मैदान में उतारा है। कांग्रेस प्रत्याशी और मौजूदा विधायक डा अनुसूईया प्रसाद मैखुरी, बीजेपी के सुरेंद्र नेगी, भाकपा के इंद्रेश मैखुरी समेत अन्य सभी पूर्ववत चुनावी मैदान में हैं।

यूपी चुनाव परिणाम पर सितारे दे रहे हैं चौंकाने वाले संकेत



ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
 लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव का अंतिम चरण का मतदान बुधवार को समाप्त हो गया. अब 11 मार्च को चुनाव नतीजों की घोषणा होगी. इसी के साथ मीडिया से लेकर ज्योतिष तक तक सभी अनुमान लगाने में जुट गए हैं कि यूपी की सत्ता में कौन काबिज होगा. अब जब बात ज्योतिष कि हो तो जाहिर सी बात है कि काशी नगरी का नाम अपने आप ही आगे आ जाता है.  पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम अखिलेश यादव, बीएसपी सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कुंडली एवं ग्रहों की चाल क्या कहती है, इसकी गणना ज्योतिषियों ने कर ली है तो आइए जानते हैं कि आखिर इस चुनावी समर में किस नेता का सितारा चमकेगा. नहीं बनेगी त्रिशंकु सारकार  यूपी चुनाव 2017 में ज्यादातर राजनीतिक विशेषज्ञों का अभी तक यही मानना है कि इस बार कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत से नहीं आ रही है, सूबे में जो भी सरकार बनेगी वो गठबंधन की सरकार होगी. खुद पीएम मोदी भी अपने चुनावी भाषण में प्रदेश में त्रिशंकु सरकार बनने की ओर इशारा कर चुके हैं. बता दें कि ज्योतिषी विमल जैन भी ऐसा ही कुछ बताते हैं कि नवग्रहों में शनि ग्रह प्रमुख माने गए हैं. शनि का राशि परिवर्तन राजनीतिक उथल पुथल और हलचल कराएगा. आर्श्यजनक एवं चौंकानेवाले चुनाव परिणाम से सर्वे धरे के धरे रह जाएंगे. यूपी में त्रिशंकु सरकार की संभावना के बीच सरकार बनाने के लिए कदम बढ़ाने वाली पार्टी को तात्कालिक अवरोध या विरोध का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में मिली जुली सरकार भी आसानी से नहीं बन पाएगी. सपा होगी यूपी में सबसे बड़ी पार्टी  ज्योतिषाचार्य सोनाली दीक्षित कहती हैं कि पीएम मोदी, मायावती और अखिलेश का जन्मांग चक्र देखें तो चूंकि मायावती और अखिलेश दोनों की बुद्ध की महादशा चल रही है. मायावती के बुद्ध की महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा है और अखिलेश के बुद्ध की महादशा है वो लग्नेश भी है, तो लग्न की दशा शुभ मानी जाती है, लिहाजा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में अखिलेश की पार्टी आएगी. यूपी की जनता की होगी जीत  ज्योतिषों की मानें तो इन ग्रहों की चाल बता रही है कि मतगणना ऐसा परिणाम लाएगी कि पार्टियों के दिग्गज नेता दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर होंगे. अखिल भारतीय विद्वत परिषद के महामंत्री डॉ. कामेश्वर उपाध्याय ने बताया कि चुनाव परिणाम चौंकाने वाला लेकिन लोकतंत्र के लिए बेहतर होगा. कुर्सी पाने और कुर्सी से बेदखल होने में शनि-राहु ग्रहों की प्रमुख भूमिका होती है. धनु राशि के शनि और चंद्रमा का प्रभाव किसी सूबे में किसी दल के लिए लाभकारी, वहीं दूसरी जगह चोट पहुंचाने वाला साबित हो सकता है. बेहतर प्रदर्शन से एक-दो दलों का आने वाले समय में सियासी कद बढ़ सकता है. कुल मिलाकर जनता जनार्दन एक बार फिर लोकतंत्र का सिकंदर साबित होगी, इसमे दो राय नहीं है.

Tuesday, March 7, 2017

विधानसभा चुनावों में बढ़ गए गंभीर अपराधों के आरोपी और करोड़पति




ब्रेक न्यूज ब्यूरो 
 लखनऊ. चुनाव सुधार और राजनैतिक शुचिता के तमाम दावों, वादों के इतर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों की हकीकत कुछ और ही कह रही है।  उत्तर प्रदेश में इस बार के विधानसभा चुनावों में हालाकि जहां मैदान में उतरे कुल उम्मीदवारों में बीते चुनाव के मुकाबले अपराधियों की तादाद में एक फीसदी की मामूली गिरावट देखी जा रही है वहीं दूसरी ओर गंभीर आपराधिक मामलों के आरोपियों और धनबलियों की तादाद में खासा इजाफा हुआ है ।  अपराधियों और करोड़पतियों को अपना उम्मीदवार बनाने में कोई दल किसी से पीछे नही रहा है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रटिक रिफार्म (एडीआर), यूपी इलेक्शन वॉच की ओर से जारी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के सभी चरणों के प्रत्याशियों के शैक्षिक, अपराधिक व आर्थिक रिकार्ड की समेकित समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे कुल 15 फीसदी यानी कि 704  प्रत्याशियों पर हत्या, बलात्कार, हत्या के प्रयास, अपहरण व सांप्रदायिक दंगे भड़काने, चुनावी व महिला हिंसा के मामले दर्ज हैं। वही 2012 के विधानसभा चुनावों में यह तादाद 557  यानी केवल 8 फीसदी ही थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में 62  हत्यारोपी, 10  बलात्कार के आरोपी और 22  दंगे भड़काने के आरोपी चुनाव लड़ रहे हैं। एडीआर के मुख्य समन्वयक संजय सिंह ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि अपराधियों को टिकट देने के मामले में भी मानों राजनैतिक दलों में होड़ सी लगी है। बहुजन समाज पार्टी ने 38 फीसदी तो समाजवादी पार्टी ने 37  फीसदी, भारतीय जनता पार्टी ने 36  फीसदी तो कांग्रेस ने 32  फीसदी अपराधियों को टिकट दिया है। गंभीर अपराधियों को टिकट देने के मामले में भी यही क्रम बरकरार रहा है। बसपा ने सबसे ज्यादा 31  फीसदी तो सपा ने 29  फीसदी और भाजपा ने 26 फीसदी गंभीर आपराधिक मामलों के आरोपियों को टिकट दिया है।   इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले करोड़पतियों की तादाद में भी खासी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। साल 2012  के विधानसभा चुनावों में जहां 20 फीसदी करोड़पति मैदान में थे वहीं इस बार 30 फीसदी धनबली अपनी किस्मत अजमाने चुनाव मैदान में उतरे हैं। अपराधियों की ही तर्ज पर धनबलियों को टिकट देने में राजनैतिक दलों में होड़ रही है। बसपा ने सबसे ज्यादा 84  फीसदी तो सपा और भाजपा ने 79-79  फीसदी करोड़पतियों को टिकट दिया है। कांग्रेस के 66 फीसदी प्रत्याशी तो लोकदल के 30 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं। टाप तीन धनबलियों में आगरा दक्षिणी के कांग्रेस प्रत्याशी नजीर अहमद 211  करोड़ रुपये की संपत्ति तो दूसरे नंबर पर आजमगढ़ के मुबारकपुर से बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली 118  करोड़ रुपये की संपत्ति और मथुरा के मांट से भाजपा के सतीश शर्मा 114  करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ काबिज हैं। कर्जदारों की सूची में भाजपा के इलाहाबाद के प्रत्याशी नंदगोपाल गुप्ता नंदी 26  करोड़ रुपये की देनदारी के साथ पहले स्थान पर हैं। इस बार महिला प्रत्याशियों को टिकट देने के मामले में भी मामूली इजाफा ही हुआ है। पिछले विधानसभा चुनावों में जहां 8 फीसदी महिलाएं उम्मीदवार थी वहीं इस बार यह बढ़कर 9 फीसदी हो गयी है।

आतंकी सैफुल्लाह के पास से भारत का नक्‍शा, बम बनाने के सामान


ब्रेक
न्‍यूज ब्‍यूरो
लखनऊ. यूपी की राजधानी लखनऊ में यूपी पुलिस की एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाएड) ने आईएस के आतंकी को मार गिराया है। लखनऊ में करीब ग्यारह घंटे के ऑपरेशन के बाद सैफुल्लाह नाम का एक आतंकी देर रात ढेर कर दिया गया। उसके पास से काफी मात्रा में संदिग्ध सामान बरामद हुआ है। आइए हम आपको तस्‍वीरों के माध्यम से बताते हैं कि मारा गया आतंकी सैफुल्‍लाह कितना खतरनाक था आतंकी के पास से भारी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार मिले हैं। इसके साथ ही उनके पास नक्शे और भारतीय नकदी भी मिली है। उनके दो साथियों की तलाश की जा रही है।

पुलिस ने बंदूक के साथ ही अन्य तरीकों को अपना कर आतंकी को मार गिराया। यह तस्वीर बता रही है कि आतंकी ने अपने बचाव के लिए क्या-क्या तैयारी कर रखी थी।
आतंकी को मार गिराने के बाद उसका शव ले जाते हुए

कॉलेज का फरमान: कपड़े बदलते वक्‍त कमरा न बंद करें लड़कियां


ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो
 कोल्‍लम. केरल के कोल्‍लम जिले में उपासना कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने स्‍टूडेंट्स के लिए अजीबोगरीब फरमान सुनाया है। हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं को आदेश दिया गया है कि वे कपड़े बदलने के दौरान कमरे का दरवाजा लॉक न करें। अब इसी आदेश के खिलाफ छात्राएं कॉलेज प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठी हैं। उनका आरोप है कि कॉलेज प्रशासन के बेहूदा नियमों और भारी जुर्माने के चलते वह घुटनभरे माहौल में जीने को मजबूर हैं। इस मामले में छात्राओं का कहना है कि अजीबोगरीब नियम और छोटी जातियों से ताल्लुक रखने वाले छात्रों का शोषण पिछले कुछ महीनों से हो रहा है, लेकिन छात्राओं के लिए जारी किए गए विचित्र निर्देश ने उनके सब्र को चुनौती दी, नतीजतन वह प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्राओं ने कॉलेज प्रिसिंपल एमपी जैसीकुट्टी के इस्तीफे की मांग की है। छात्राओं को यह भी आरोप है कि प्रिंसिपल अजीबोगरीब तर्क देकर उनसे पैसे भी ऐंठती हैं। कई छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल उनकी पर्सनल डायरी लेकर पूरी क्लास के सामने पढ़कर सुनाती हैं। एक अन्य छात्रा के मुताबिक, लाइब्रेरी में मिलने वाली इंटरनेट की सुविधा को भी प्रिंसिपल ने यहकर ब्लॉक करा दिया है कि छात्र इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ पॉर्न देखने के लिए करते हैं।

आखिर क्या है साधना का सियासी सपना?



ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पत्‍नी साधना ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया है। साधना ने कहा कि मुलायम की वजह से मेरा बेटा प्रतीक यादव राजनीति में नहीं आ सका। मुलायम सिंह यादव ने जान-बूझकर प्रतीक को राजनीति में नहीं आने दिया। साधना ने कहा 'अब मैं प्रतीक को राजनीति में लाना चाहती हूं।' 

मैं समाजसेवा करना चाहती हूं
मुलायम की पत्‍नी साधना ने कहा 'मैं समाजसेवा करना चाहती हूं।' मैं समाज के गरीब लोगों की मदद करना चाहती हूं। मेरे परिवार ने समाज के लिए बहुत कुछ किया है। 

परिवार में जो हुआ, उसका अफसोस है
साधना ने कहा कि बीते दिनों परिवार में जो कुछ हुआ, उसका मुझे बेहद अफसोस है। मैंने परिवार में कोई झगड़ा नहीं कराया है। मीडिया ने मेरे ऊपर काफी आरोप लगाए, लेकिन वे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। साधना ने बताया कि मुलायम सिंह यादव और प्रोफेसर रामगोपाल वर्मा एक-दूसरे को बहुत मानते थे। साधना का यह भी कहना है कि वो नेताजी को सलाह भी देती रहती हैं। 

Sunday, March 5, 2017

लखनऊ स्थित सहारागंज मॉल में आग लगने से मचा हडकंप

  

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी के हजरतगंज क्षेत्र में स्थित शहर के सबसे व्यस्त और चर्चित शॉपिंग मॉल में रविवार को आग लगने से हडकंप मच गया. हालाँकि किसी भी प्रकार की जन हानि की सूचना नहीं है,वहीँ आग लगने से होने वाले नुकसान का अनुमान अभी नहीं लगाया जा सका है.  बता दें कि आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल की गाड़ियाँ मौके पर पहुँच गई. दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू भी पा लिया है. मॉल प्रशासन के अधिकारीयों के मुताबिक, सहारागंज मॉल के एसी प्लांट में आग लगी थी.

अखिलेश अभिमन्यु हैं या अर्जुन? तय करेगा चक्रव्यूह का सातवां द्वार



 टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश का चुनावी चक्रव्यूह भी महाभारत के चक्रव्यूह की तरह बना हुआ है. वहां भी सात द्वार थे और यहाँ भी सात चरण.  यूपी की सियासत में 2 महीने पहले अपनो से लड़ कर सुलतान बने "टीपू" यानी अखिलेश यादव भी उसी प्रकार इस चक्रव्यूह के दरवाजे तोड़ने में लगे हैं जैसे महाभारत में अभिमन्यु लगा था. तब अभिमन्यु सातवां दरवाजा नहीं तोड़ सका था और कौरव महारथियों के हांथो मारा गया. उस दरवाजे को तोड़ने की कला सिर्फ अर्जुन को ही पता थी. यूपी के रण में अखिलेश के निशाने पर भी सातवां दरवाजा है. अब अगर वे इसे तोड़ पाते हैं तो अर्जुन होंगे और नहीं तोड़ पाए तो अभिमन्यु.  यूपी के चुनावो में 7 वा चरण इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण हो गया है क्यूंकि यही पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी है तो मुलायम का आजमगढ़ भी. इसके अलावा गाजीपुर और जौनपुर जैसे सपा के गढ़ भी इसी चरण में अपना फैसला सुनायेंगे.भाजपा की सबसे नजदीकी सहयोगी बनी अनुप्रिया पटेल के रसूख का फैसला भी इसी चरण में होना है.   अभिमन्यु की तरह ही अखिलेश को भी सियासी युद्ध ज्ञान विरासत में ही मिला है. पिता मुलायम सिंह यादव की विरासत में वे कितना युद्ध ज्ञान सीख पाए इसकी भी परीक्षा अखिलेश 2017 में दे रहे हैं. 2012 में पिता और सहोदरों की छत्रछाया में अखिलेश विजयी हुए थे उसके बाद वे अब तक अपनो से ही लड़ रहे हैं. इस बार अखिलेश यादव पूरे चुनावी समर में अकेले हैं. पत्नी डिम्पल यादव को छोड़ कर कोई भी दिग्गज स्टार प्रचारक उनके साथ नहीं दिखाई दे रहा. टीम अखिलेश भी नयी है जिसमे उत्साह तो भरपूर है मगर चुनावी युद्ध कौशल कितना इसका फैसला 11 मार्च को ही होगा.  अखिलेश यादव के नए सखा राहुल गाँधी है. राहुल की राजनितिक समझ और नेतृत्व की स्वीकार्यता होना अभी भी बाकी है. यूपी के चुनावो में हुए सपा कांग्रेस गठबंधन के बाद भी राहुल गाँधी यूपी में टिक कर नहीं रहे. अखिलेश के साथ उन्होंने कुछ रोड शो जरुर किये मगर जिस तरह से अखिलेश ने अकेले लगभग 200 चुनावी सभाए की राहुल की सभाएं उससे बहुत ही कम रही है. दूसरी तरफ नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के बाद भाजपा जिस तरह संगठित और आक्रामक है उसकी तारीफ करनी होगी. पार्टी के लगभग सभी बड़े नेता, 2 दर्जन केंद्रीय मंत्री और कई प्रदेशो के पार्टी संगठन के लोगों के साथ आरएसएस के कार्यकर्त्ता भी इस बार सूबे में भाजपा सरकार बनाने के लिए जी जान से जुटें हैं. सूबे के वोटरों का मिजाज भी इस बार कुछ जुदा है. छ चरणों के बीत जाने के बाद भी सियासी फिजा किस और बह रही है इसके सबके अपने अपने दावे हैं. सभी के पास वोटरों के अपने समीकरण है और हर दल दूसरे के बोत बैंक के टूटने की बात कर रहा है. समाजवादी पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक का भरोसा मुलायम सिंह से अलग अखिलेश यादव के  साथ किस हद तक कायम है वह भी 11 मार्च को ही पता चलेगा.  समाजवादी पार्टी के लिए प्रचलित तमाम मान्यताओं को अखिलेश यादव ने इस बार किनारे झटक दिया है . मुलायम सिंह यादव ने भले ही बीते महीनो में कई बार बाबरी मस्जिद की याद दिलाई हो मगर अखिलेश ने हमेशा अपने भाषणों में विकास की ही बात की है. नरेन्द्र मोदी द्वारा शमशान और कब्रिस्तान का मामला उठाने के बाद भी अखिलेश ने इसे मजाक से ज्यादा तवज्जो नहीं दी. उग्र हिंदुत्व के ब्रांड एम्बेसेडर योगी आदित्यनाथ के लगातार भाषणों के बाद भी अखिलेश ने उसका जवाब नहीं दिया. योगी पर तंज भी किया तो बिजली के मामले में. यहाँ तक अखिलेश सम्हाले रहे . पूरे अभियान में उन्होंने बस एक बार आप खोया और अमिताभ बच्चन के बहाने गधे वाला बयांन दे दिया, लेकिन इसके फ़ौरन बाद वे सम्हाल गए और फिर से विकास की बातो तक खुद को सिमित कर लिया. अखिलेश यादव के इस रणनीति का ही नतीजा था की यह चुनाव खुल कर वोटो के सांप्रदायिक आधार पर विभाजन से अब तक बचा हुआ है. हालाकि इस मामले में मायावती का खुल कर मुस्लिमो का नाम लेना और 100 मुस्लिमो को टिकट देना योगी सरीखो को मुफीद कर रहा था मगर अखिलेश इससे बचे रहे.  पहले अतीक अहमद और फिर मुख्तार अंसारी सरीखे माफिया छवि वालो को भी अखिलेश ने खुद से दूर रखा. इस सख्ती की वजह से सीटों के संभावित नुकसानों का भी उन्होंने ख्याल नहीं किया मगर पहले भ्रष्टाचार के लिए अखिलेश सरकार के दाग बने और बाद में रेप काण्ड में बुरी तरह फंसे मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की गिरफ्तारी न होना और मंत्रिमंडल से बर्खास्त न करना अखिलेश यादव के आलोचकों को एक बड़ा मुद्दा दे गया. यहाँ पर अखिलेश का खुद से दागियों को दूर रखने का प्रयास की इमेज पर भी बड़ा सवालिया निशान लगा दिया.  वहीँ दूसरी तरफ भाजपा ने इन चुनावो को ले कर कहीं कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, केशव मौर्या , योगी , अनुप्रिया पटेल सहित तमाम बड़े नेताओं के हेलीकाप्टर लगातार चक्कर लगाते रहे और बिहार भाजपा का पूरा संगठन यूपी में ही पड़ा रहा. आखिरी दौर आते आते तक वाराणसी में केंद्रीय मंत्रिमंडल के दो दर्जन मंत्रियों ने डेरा डाल दिया. बड़े नातों के रोड शो से लेकर मतदान केन्द्रों तक कार्यकर्त्ता तक का प्रबंधन था. हर रैली के पहले सामग्री का पहुँचाना भी स्वचालित तरीके से ही हो रहा था. हालाकि कई जगह भाजपा के बड़े नेताओं पर आचार सहित की धज्जियाँ उड़ने का भी आरोप लगा. भाजपा के झंडे वाले प्रिंट की साड़िया और टी शर्ट भी खूब बंटे और बनारस में तो बिना अनुमति रोड शो करने का आरोप सीधे सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ही लग गया.  चुनावो में मतदाता ने किस के हक़ में फैसला सुनाया है यह तो आने वाली 11 मार्च की दोपहर को साफ़ हो जायेगा और इसी के साथ यह भी साफ़ हो जायेगा की अखिलेश यादव अर्जुन बने या फिर महारथियों के रचे चक्रव्यूह में अभिमन्यु की तरह खेत रहे.  

All

SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौ...