Saturday, November 19, 2016

कांग्रेस ने घोषित की मीडिया कमेटी की सूची

Congress
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में होने वाले 2017 विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजबब्बर ने वर्तमान परिदृश्य में मीडिया की भूमिका को सशक्त बनाने के हेतु उत्तर प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी का गठन किया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
सूची इस प्रकार है:- 
 
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पत्रकार रही थीं ‘सेक्स सिंबल’ जीनत अमान

jinat
ऋचा त्रिपाठी
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
नई दिल्ली: अपने जमाने में हुस्न के जलवे बिखेरकर लाखों दिलों पर राज करने वाली अभिनेत्री जीनत अमान अभी बड़े पर्दे से भले ही दूर हैं, लेकिन आज भी उनके चाहने वालों की कमी नहीं है। वह 70 के दशक की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक रही हैं। वह मनोरंजन-जगत में पश्चिमी सभ्यता का अक्स कहलाने के साथ ‘सेक्स सिंबल’ की उपाधि भी पा चुकी हैं।
जीनत के साथ ‘हीरा पन्ना’, ‘इश्क इश्क इश्क’, ‘प्रेम शास्त्र’, ‘वारंट’, ‘डार्लिग डार्लिग’और ‘कलाबाज’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके देव आनंद उन्हें बेहद पसंद करते थे। दोनों की जोड़ी काफी लोकप्रिय भी रही। बरसों बाद देव आनंद ने स्वीकारा था कि वह जीनत अमान को चाहने लगे हैं।
मुंबई में 19 नवंबर, 1951 को जन्मीं जीनत अमान को बॉलीवुड की उस अभिनेत्री के रूप में याद किया जाता है, जिसने नायिकाओं की परिभाषा को बदलकर रख दिया। उनके पिता अमानुल्लाह खान लेखक थे। जीनत जब 13 साल की थीं, तभी उनके पिता का इंतकाल हो गया। उनकी मां सिदा ने कुछ समय बाद जर्मनी निवासी हेंज से शादी कर ली और उसके बाद जीनत जर्मनी चली गईं।
लॉस एंजेलिस में स्नातक (ग्रैजुएशन) की पढ़ाई अधूरी छोड़ वह भारत लौट आईं। अभिनेत्री ने जानी-मानी अंग्रेजी पत्रिका ‘फेमिना’ में एक पत्रकार के तौर पर काम शुरू किया और बाद में मॉडलिंग की ओर रुख किया और उन्होंने पत्रकारिता छोड़ ग्लैमर की दुनिया में कदम रखा।
जीनत ने मिस इंडिया प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया और सेकंड रनर-अप रहीं। वर्ष 1970 में वह मिस एशिया पैसिफिक चुनी गई थीं।
ओ.पी. रल्हन की ‘हलचल’ और ‘हंगामा’ (1971) के असफल होने के बाद निराशा से भरी जीनत उस वक्त जर्मनी वापस जाने के लिए तैयार थीं, लेकिन उसी बीच बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेता देव आनंद ने उन्हें एक फिल्म का प्रस्ताव दिया। सन् 1971 में आई ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ में जेनिस उर्फ जसबीर का किरदार और फिल्म का गाना ‘दम मारो दम’ ने जीनत को रातोंरात सुर्खियों में ला खड़ा किया।
इसके बाद जीनत को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन अवार्डस (बीएफजेए) से नवाजा गया।
वर्ष 1970 के दशक में जीनत को कई हिंदी पत्रिकाओं के कवर पेज पर देखा गया, लेकिन उनके लिए लोकप्रियता का यह सफर आसान नहीं रहा। ‘यादों की बारात’ (1973) की सफलता के बाद जीनत अमान स्टार बन गईं। इस फिल्म में ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को’ गीत जीनत पर फिल्माया गया और इसके बाद वह युवाओं के दिल की धड़कन बन गईं।
जीनत को 1978 में आई फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ में निभाए उनके किरदार के लिए आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा, लेकिन उनकी अदाकारी ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार दिलवाया।
सफलता के सबसे ऊंचे मुकाम पर पहुंचीं जीनत का चमकता नाम 1980 के दशक में धीरे-धीरे फीका पड़ने लगा। लोकप्रिय होने के बावजूद वह फिल्मों में केवल ‘सेक्स सिंबल’ बनकर रह गईं। उन्होंने 1999 में ‘भोपाल एक्सप्रेस’ में अतिथि भूमिका के जरिए वापसी की, लेकिन यह वापसी कुछ खास कमाल नहीं कर पाई।
उस दौर में देव आनंद, राज कपूर, बीआर चोपड़ा, फिरोज खान, प्रकाश मेहरा, मनोज कुमार, मनमोहन देसाई, राज खोसला जैसे फिल्म-निर्माताओं के साथ काम किया।
जीनत ने अमिताभ बच्चन, धर्मेद्र, जितेंद्र, देव आनंद, राजेश खन्ना के साथ फिल्में की। उन्होंने 1985 में अभिनेता मजहर खान से शादी की, लेकिन उनका वैवाहिक जीवन सुखद नहीं रहा। पति की बीमारी और दो बच्चों-जहान व अजान के पालन-पोषण के लिए उन्हें सिनेमा से दूरी बनानी पड़ी। सन 1988 में मजहर का बीमारी के कारण निधन हो गया।
पिछले साल जीनत ने एक बयान में फिर से घर बसाने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, “अब मेरे बच्चे बड़े हो गए हैं, उनकी अपनी जिंदगी है, तो मैं भी फिर से नई जिंदगी शुरू करने के बारे में सोच सकती हूं।”
इन दिनों जीनत अपने दोनों बेटों के साथ रहती हैं। वह आए दिन सामाजिक एवं फिल्म पुरस्कार समारोहों में शिरकत करती देखी जाती हैं।
जीनत की फिरोज खान, इमरान खान, कंवलजीत और संजय खान से भी नजदीकियों के चर्चे रहे। कहा जाता है कि संजय से भी उन्होंने विवाह रचाया था, जो कुछ दिनों तक ही टिक सका। दोनों के बीच मारपीट की बातें भी सामने आईं।
अपनी उम्र के 65 साल के पड़ाव में पहुंच चुकीं जीनत को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं!!!

Friday, November 18, 2016

नोटबंदी के बीच RBI दे रहा है 28 साल तक वालों को यह तोहफा

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ब्रेक न्यूज वेब टीम
देश में चारो तरफ नोटबंदी की चर्चा है, कोई इसे देशहित में मान रहा है तो किसी को यह गरीबों को परेशान करने वाला कदम लग रहा है. इन सभी चर्चाओं के बीच आरबीआई ने युवाओं के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 28 साल की उम्र तक के युवाओं को एक बड़ा तोहफा दिया है।  इसके तहत आरबीआई ने असिस्टेंट कैडर की पोस्ट के लिए 610 पोस्ट्स नोटिफाई की हैं. इन 610 पोस्ट्स के लिए वह रिटेन एग्जाम और और इंटरव्यू आयोजित करेगा. अगर आप भी 28 वर्ष तक की आयु के है तो आपको इसके लिए 28 नवंबर 2016 तक अप्लाई करना होगा.

कौन कर सकता है आवेदन
– कम से कम 50 फीसदी अंक के साथ ग्रेजुएट .
– किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होना चाहिए.
– भूतपूर्व सैनिक भी इस पोस्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
– कम से कम मैट्रिक्स का सर्टिफिकेट हो और वह डिफेंस में 15 साल की सेवा दे चुके हों.
– जिस स्टेट के लिए अप्लाई कर रहे हैं, उन्हें वहां की भाषा की अच्छी जानकारी जरूरी है.

एज लिमिट
– कैंडिडेट की उम्र 20-28 साल के बीच होनी चाहिए.
– रिजर्व कैटेगरी के लिए नियमों के अनुसार उम्र सीमा में छूट दी जाएगी.
– भूतपूर्व सैनिक को उम्र में उसके द्वारा डिफेंस में दी गई सेवा से तीन साल अधिक तक की छूट मिलेगी.
– इसके लिए भी उम्र सीमा 50 साल रखी गई है.

कैसे करें अप्लाई
-कैंडिडेट्स को आरबीआई की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई करना होगा.
– इस लिंक पर जाकर करें अप्लाईhttps://opportunities.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=3268
– अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पीडब्ल्यूडी/भूतपूर्व सैनिक कैटेगरी के उम्मीदवारों को 50 रुपए आवेदन फीस देनी होगी.
– जबकि पिछड़े वर्ग और सामान्य वर्ग के लोगों को 450 रुपए की एप्लीकेशन फीस देनी होगी.

कैसे होगा सेलेक्शन
– तीन फेजेज में सिलेक्शन होगा, प्राथमिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू.
– मुख्य परीक्षा देने के लिए उम्मीदवार को प्राथमिक परीक्षा में पास होना जरूरी होगा.
– नेगेटिव मार्किंग होगी, एग्जाम में में हर गलत जवाब के लिए 0.25 अंक काटे जाएंगे.
– किसी भी कैंडिडेट का सिलेक्शन ऑनलाइन मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू में मिले मार्क्स को मिलाकर बनी मेरिट के हिसाब से होगा।

इम्पोर्टेन्ट  डेट्स
– एप्लीकेशन फॉर्म जमा करने की कवायद 7 नवंबर 2016 से शुरू हो चुकी है.
– लास्ट डेट 28 नवंबर 2016 है.
– प्राथमिक परीक्षा की तारीख 23 और 24 दिसंबर 2016 के आसपास होगी
– मुख्य परीक्षा जनवरी 2017 में होगी.

रोहतक : नोटबंदी: काम के बोझ ने ली बैंक मैनेजर की जान

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ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
रोहतक. 500-1000 के नोटबंदी की वजह से हर कोई लंबी कतारों की वजह से लोगों को होने वाली परेशानी की बात कर रहा है. लेकिन साथ ही उन बैंककर्मियों का हाल भी लिया जाना चाहिए जो इन दिनों पूरे जी-जान से अपनी ड्यूटी को अंजाम देने में लगे हैं. बैंककर्मी भी आखिर इनसान हैं. बिना ब्रेक लगातार काम के तनाव का उन पर भी असर होता है.
रोहतक से एक दुखद खबर आई है कि वहां एक बैंक मैनेजर की ब्रांच में ही बुधवार को मौत हो गई. शुगर मिल कॉलोनी स्थित इस ब्रांच के मैनेजर राजेश कुमार काम की अधिकता की वजह से तीन दिन से घर नहीं गए थे. मूल रूप से हसनगढ़ निवासी 57 वर्षीय राजेश देर रात तक बैंक का काम निपटा कर ब्रांच में ही सो रहे थे.
लेकिन बुधवार सुबह वो उठ नहीं सके. ब्रांच को सुबह जल्दी खोलने के निर्देश हैं. इसलिए कंप्यूटर ऑपरेटर हितेष और चाय विक्रेता सुनील बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे ब्रांच पहुंचे.
उन्होंने मैनेजर राजेश का कमरा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस के आने के बाद जब दरवाजा तोड़ा गया तो राजेश को मृत पाया गया.
उनके शोक में पूरे दिन काम नहीं हुआ. ब्रांच के स्टाफ ने बताया कि राजेश दिल के मरीज थे और उसकी दवा लेते थे. उनका परिवार गुड़गांव में रहता है.
राजेश के दो बेटियां और एक बेटा है. पुलिस के मुताबिक राजेश की मौत हृदय गति रुकने से हुई.

यूपी के 31 हजार लेखपाल होंगे हाईटेक, अखिलेश सरकार देगी लैपटॉप

up_lekhpalब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. यूपी के 31 हजार लेखपाल अब हाईटेक होंगे। यूपी के तहसीलों में जमीनों का प्रबंधन करने वाले लेखपालों को हाईटेक करने के लिए सरकार उन्हें लैपटाप देगी। इसके लिए आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। अब राजस्व विभाग के लेखपालों को अपने कार्यों को और बेहतर ढंग से करने से आमलोग सरकारी योजनाओं का फायदा उठा सकेंगे।
मुख्य सचिव ने राजस्व विभाग को लेखपालों को हाईटेक किए जाने की पूरी कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा है। प्रदेश के लेखपालों के कार्यों को वर्तमान अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए लैपटॉप में हाईटेक सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जा रहा है।
आमतौर पर तहसीलों में लेखपालों को ढूंढना आसान नहीं होता है। लेखपालों के क्षेत्रों में रहने आम नागरिकों को समय पर सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती। वहीं, अब ऐसा नहीं हो सकेगा। लेखपालों को ऑनलाइन सर्च कर उनसे संबंधित राजस्व अभिलेख ऑनलाइन ही प्राप्त किए जा सकेंगे।
जनसुविधाओं को पाना होगा आसान
जनसुविधा केन्द्रों के माध्यम से प्राप्त आय, जाति, निवास के आवेदनों पर अपनी आख्या की रिपोर्ट लगवाने में काफी समय लगता था और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब गांवों के प्राप्त नक्शों व राजस्व अभिलेखों की जानकारी व नकल मिलनी आसान हो जाएगी।
काम का कम हो सकेगा दबाव, बचेगी भागदौड़
लेखपालों को लैपटॉप उपलब्ध कराए जाने से उनके कार्यों में और अधिक तेजी आएगी। वह शासकीय योजनाओं से पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित कराने में काम के दबाव को कम कर सकेंगे। क्योंकि, अधिकतर रिपोर्ट और अभिलेखों को लेखपाल अब अपना काम कहीं भी बैठे हुए ऑनलाइन निपटा सकेंगे।

यूपी 100: आप भी याद कर पाएंगे पुलिसकर्मी के नंबर, जाने क्या अनोखा तरीका

up-100ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. आप राजधानी में हों या फिर प्रदेश के किसी भी दूर दराज के इलाके में अब जल्द ही आपकी एक कॉल पर आपकी शिकायत सुनने के लिए पुलिस आपके दरवाजे पर होगी। 19 नवंबर को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यूपी 100 सर्विस का उद्घाटन करेंगे। इस प्रोजेक्ट के लांच होने के बाद ना सिर्फ पुलिस की एकाउंटिबिल्टी तय होगी बल्कि लोगों को बेहतर पुलिसिंग का एहसास भी होगा। इसके साथ ही यूपी 100 की गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन नंबर के चार अंक और गाड़ी में चलने वाले पुलिसकर्मी के सीयूजी मोबाइल फोन और मोबाइल डाटा टर्मिनल के नंबर के आखिरी चार अंक एक जैसे ही होंगे। ऐसा इसलिए ताकि आम जनता पुलिसकर्मी का नंबर आसानी से याद रख सके।
यूनिक सॉफ्टवेयर से पुलिसिंग
इस पूरे प्रोजेक्ट को अपनी देखरेख में पूरा करने वाले एडीजी ट्रैफिक अनिल अग्रवाल ने बताया कि इसे व‌र्ल्ड क्लास का बनाया गया है। इसमें ना सिर्फ यूनिक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है। जिससे ना सिर्फ एक एक गाड़ी पर निगाह रहेगी बल्कि एक क्लिक पर किसी भी शिकायत का स्टेटस जान सकेंगे। पूरा प्रदेश एक सेंट्रलाइजड सिस्टम से हैंडिल होगा। यानी जिस डेस्क पर बलिया से कॉल आयेगी उसी फोन पर नोएडा से भी कॉल आ सकती है।
कॉल टेकर के रूप में मौजूद ग‌र्ल्स हर काल को रिकॉर्ड करेंगी और डिस्क्रिप्शन के साथ काल डिस्पैचर को भेज दिया जाएगा। यदि कोई बड़ी घटना जैसे रेप, हत्या डकैती की कोई सूचना आती है तो उसे स्पेशल कॉल डिस्पैचर ऑफिसर के पास ट्रांसफर कर दी जाएगी। कॉल डिस्पैचर स्क्रीन पर नजर आ रही लोकेशन के हिसाब से सबसे नजदीक मौजूद पुलिस की गाड़ी को घटना स्थल के लिए रवाना किया जाएगा। हर कॉल रिकॉर्डेड होगी। साथ ही कम से कम समय में पुलिस को पहुंचना होगा और एकाउंटिबिल्टी ऑटोमेटिक तय हो जाएगी।
चार मॉनीटर और 600 कंप्यूटर
पूरे प्रदेश को मॉनीटर करने के लिए तीस तीस फुट की चौड़ाई और 15 फुट की ऊंचाई के बड़े- बड़े स्क्रीन मॉनीटर लगाये गये हैं। जो पूरे प्रदेश की गाडि़यों पर नजर रखेगी। इसके लिए 600 कंप्यूटर कॉल टेकर और कॉल डिस्पैच करने का काम करेंगे। इस पूरे सिस्टम को दो भागों में बांटा गया है। इन सबकी मानीटरिंग के लिए यूपी 100 में एक डीआईजी की भी पोस्टिंग की गयी है।
वीडियो और फोटो से भी शिकायत
अनिल कुमार अग्रवाल की मानें तो यहां सिर्फ 100 नंबर पर आने वाली शिकायत ही को नहीं बल्कि वेबसाइट पर आने वाली शिकायतों और विडियो और फोटो के साथ आने वाली शिकायतों को भी इंटरटेन किया जाएगा। यानी किसी घटना का कोई विडियो है तो उसे पुलिस की वेबसाइट पर जाकर अपलोड किया जाएगा। जो हर 24 घंटे में संबंधित थानों को भेजा जाएगा।
टेक्नालॉजी का पूरा इस्तेमाल
– ईंधन की बचत के लिए सभी गाडि़यों को फ्यूल कार्ड, लखनऊ से बैठे होगी निगरानी।
– इसके लिए इंडियन आयल और एचपी के दो कार्ड प्रत्येक गाड़ी को दिये गये हैं। जिसे क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की तरह स्वाइप किया जाएगा। इसका भुगतान भी सेंट्रलाइज किया जाएगा।
– सॉफ्टवेयर के जरिए एक एक गाड़ी का रिकॉर्ड होगा, जिस गाड़ी का एवरेज कम निकल रहा होगा उसे मॉनिटरिंग पर लगाया जाएगा।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर लैंड कर गए 8 फाइटर प्लेन

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ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो
लखनऊ: सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे लगभग तैयार है। शुक्रवार को इंडियन एयरफोर्स के आठ फाइटर प्लेन ने एक्सप्रेस वे पर लैंडिंग किया। इलाहाबाद से मिराज 2000 और सुखोई 30 ने उड़ान भरी और सफलतापूर्वक लैंड किया।
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सीएम अखिलेश यादव ने पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन (22 नवम्बर) से पहले इस एक्सप्रेस वे के लोकार्पण का ऐलान किया था। उनका यह ऐलान अब सच होने वाला है।
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बता दें कि आज फाइटर प्लेन की लैंडिंग करवाकर इस एक्सप्रेस वे का टेस्टिंग किया गया। आपातकाल या युद्ध की स्थिति में इस पर फाइटर प्लेन को उतरा जा सकता है। यह एक्सप्रेस वे युद्ध के समय एयरस्ट्रिप की तरह काम करेगा।

यूपी : प्रमुख सचिव नवनीत सहगल सड़क हादसे में हुए घायल, देखें तस्वीरें

Navneet Sehgal
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. प्रमुख सचिव नवनीत सहगल एयर शो से लौटते समय सडक हादसे में घायल हो गए है. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर उन्नाव के हसनगंज में यह हादसा हुआ . नवनीत सहगल को लखनऊ स्थित ट्रामा सेंटर लाया गया है और एयर एम्बुलेंस का इंतजाम किया जा रहा है. नवनीत सहगल के सर में चोट आई है वही  उनके ड्राईवर की एक टांग टूट गई है. सामने से आ रही गाडी ने नवनीत सहगल की गाडी को मारी टक्कर.
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दुर्घटना के बाद नवनीत सहगल के गाडी की स्थिति.
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के बाद नवनीत सहगल के गाडी की स्थिति.
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इसी गाडी के साथ नवनीत सहगल की गाडी की टक्कर हुई है.
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दुर्घटना के बाद की स्थिति. 
इससे पहले इंडियन एयरफोर्स के आठ फाइटर प्लेन ने एक्सप्रेस वे पर लैंडिंग किया. इलाहाबाद से मिराज 2000 और सुखोई 30 ने उड़ान भरी और सफलतापूर्वक लैंड किया.

Wednesday, November 16, 2016

लखनऊ : वीरांगना ऊदा देवी पर दो बूँद स्याही भी न खर्च कर सके इतिहासकार

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ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. वीरांगना ऊदा देवी पासी के शहीद दिवस को बीएस-4 के कार्यकर्ताओं ने आज ‘स्वाभिमान दिवस’ के रूप में मनाया. लक्ष्मण मेला पार्क, लखनऊ में एक श्रृद्धांजलि सभा के साथ बीएस-4 के कार्यकर्ताओं ने विशाल धरना-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कारियों का नेतृत्व बीएस-4 के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उ.प्र. सरकार के पूर्व मंत्री आर.के. चौधरी ने किया.
लक्ष्मण मेला पार्क में अपने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए आर.के. चौधरी ने कहा कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अपना जान न्योछावर करने वाले दलित और पिछड़े वर्ग के शहीदों को सरकारों और भारतीय इतिहासकारों ने नजरअंदाज कर दिया. बीएस-4 ऐसे शहीदों को सम्मान दिलाने की लड़ाई लड़ेगा.
आर.के. चौधरी ने कहा कि वीरांगना ऊदा देवी और उनके पति मक्का पासी 1857 के स्वतत्रंता संग्राम में अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हो गये थे. ऊदा देवी बेगम हजरत महल की सेना में महिला फौजियों की कमाण्डर थीं. उन्होंने ‘कालिन कैम्पवेल’ की सेना से लोहा लिया था और 36 अंग्रेजी सैनिकों को अकेले मौत के घाट उतारा था. सिकन्दरबाग लखनऊ में लड़ते हुए 16 नवम्बर, 1857 को ‘‘सार्जेण्ट क्विकर वालेस’’ की गोली से वे शहीद हो गईं.
सिकन्दरबाग की रणभूमि में कुल 2000 से अधिक सैनिक शहीद हुए थे. लड़ाई शांत होने पर ऊदा देवी की लाश देख कर ‘सार्जेण्ट क्विकर वालेस’ की आंख में आंसू आ गये. उसने लाश को सैल्यूट किया और कहा कि यदि मुझे मालूम होता कि जिसे मैं अपनी गोली का निशाना बनाने जा रहा हूँ वह कोई मर्द नहीं बल्कि अपने देश के लिए लड़ने वाली एक बहादुर औरत है तो चाहे मैं युद्ध के मैदान में खुद मर जाता परन्तु ऐसी बहादुर औरत को न मारता.
‘‘टेमिनी सेन्सेस आफ द ग्रेट म्यूनिटी’’ तथा ‘‘सर विलियम रसेल’’, ‘‘फेडरिक एंगेल्स’’ जैसे दर्जनों अंग्रेजों ने वीरांगना ऊदा देवी की बहादुरी और देश प्रेम की प्रशंसा को लिखा है. परन्तु भारतीय इतिहास कारों और लेखकों ने ऐसी बहादुर वीरांगना के बारे में अपनी कलम की 2 बूंद स्याही खर्च करना उचित नहीं समझा.
ऊदा देवी पासी, झलकारी बाई कोरी, रानी अवन्ती बाई लोधी, राजा जयलाल सिंह, गुलाब सिंह लोधी, चेतराम जाटव, नत्थू धोबी, मक्का पासी, कन्हैया लाल बाल्मीकि और दुक्खन मांझी जैसे दलित और पिछड़े समाज के वीरों वीरांगनाओं के खून को खून नहीं पानी समझा. ऐसे देशभक्त, वीरों-वीरांगनाओं के सम्मान के लिए बीएस-4 ने निर्णायक संघर्ष शुरू किया है. इसी कड़ी में आज लक्ष्मण मेला पार्क लखनऊ में श्रृद्धांजलि सभा सहित बीएस-4 के कार्यकर्ताओं द्वारा विशाल धरना-प्रदर्शनकारियों की ओर से राज्यपाल को सम्बोधित एक ज्ञापन दिया गया.
ज्ञापन में मांग की गई है कि वीरांगना ऊदा देवी का नाम 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की सूची में शामिल किया जाय. राजधानी लखनऊ में उनकी एक भव्य प्रतिमा स्थापित हो और उनके नाम पर एक विशाल पार्क बनाया जाय. हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की शिक्षण संस्थाओं में वीरांगना ऊदा देवी के बलिदान को पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाय.

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SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौ...