Friday, November 10, 2017

मेरठ : चंद्रशेखर पर कार्रवाई एकजुट हुई 'भीम आर्मी', जेल में भी खिलाफत की तैयारी

चंद्रशेखर पर कार्रवाई से एकजुट हुई भीम आर्मी, जेल में भी खिलाफत की तैयारी
टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो 
मेरठ. पिछले एक साल से शांत भीम आर्मी एक बार फिर सूबे के पश्चिमी इलाके में हुंकार भर रही है. रासुका की कार्रवाई से आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर 'रावण' को लेकर दलितों में उपजी सहानुभूति से वह पहले से ज्यादा तीखे तेवर में नजर आ रही है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चौक-चौराहों से लेकर सरकारी दफ्तरों ही नहीं जेल में भी प्रदेश सरकार की इस कार्रवाई की खिलाफत की आवाजें बुलंद हो रही हैं. सहारनपुर और आसपास के इलाकों के दलितों में अंदर ही अंदर नाराजगी की आग सुलग रही है. ठीक उसी तरह की जैसी की पिछले साल मई महीने के आसपास थी. उस दौरान उनका हीरो यानि भीम आर्मी चीफ उनके साथ था, अब वह जेल में है. पिछले साल हुई हिंसा के आरोप में 16 महीने से जेल में कैद चंद्रशेखर रावण को अदालत ने जमानत दी थी. लेकिन, सरकार ने उस पर रासुका लगाकर फिर जेल की सलाखों के पीछे रखने का बंदोबस्त कर दिया.भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर पर रासुका लगाने से शांत बैठे सहारनपुर और आसपास के दलितों के पैनिक बटन को सरकार ने दबा दिया. अभी तक कुछ खास दलित वर्ग के ही नेता के तौर पर पहचान बनाने वाला यह नेता अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों के दलितों का हीरो बन चुका है. उसके खिलाफ इस वर्ग में जागी सहानुभूति से एक बार फिर दलितों में एकजुटता की लहर उफनाने लगी है. नाराजगी का यह उबाल इस कदर है कि निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश भर में लागू आचार संहिता की तमाम हदों को वे लांघ रहा है गुरूवार को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के कुछ ही देर में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर पर रासुका की सिफारिश कर अगले ही दिन जेल में इसे तामील भी करा दिया गया. यानि उसके जेल से बाहर आने की राह में रासुका का रोड़ा अटका दिया गया. सरकार के इस खेल को लोग भी बखूबी समझ रहे हैं और इसकी खिलाफत भी वे करने की ठान चुके हैं. बीते तीन दिनों की बात करें तो एक दर्जन से अधिक जगह दलितों ने एकजुट होकर अपनी नाराजगी दर्ज करा चुके हैं. वहीं भीम आर्मी ने अपने अगुवा पर की गई रासुका की कार्रवाई को लेकर महापंचायत भी बुला डाली. इस ऐलान से सरकारी मशीनरी के हाथ-पांव फूले तो अधिकारियों ने किसी तरह भीम आर्मी के नेताओं को किसी तरह मनाया. अभी तक महज सहारनपुर के कुछ इलाकों में ही अपनी सशक्त मौजूदगी के लिए पहचानी जाने वाली यह आर्मी को लेकर समर्थन का दायरा ननोता, रामपुर, देवबंद, छुटमलपुर और पूरे सहारनपुर तक पांव पसार चुका है. इन जगहों पर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर भीम आर्मी ने चंद्रशेखर पर लगाई गई रासुका को लेकर नाराजगी जाहिर की है. भीम आर्मी की महापंचायत भले ही टल गई हो, पर उसने कमिश्नर का ऐलान कर यह जाहिर कर दिया है कि वह शांत बैठने वाली नहीं है. भीम आर्मी के चंद्रशेखर रावण पर की गई कार्रवाई की नाराजगी नया गांव मल्हीपुर की दलित महिलाओं में भी दिखी. यहां की महिलाओं ने रासुका लगाए जाने के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है. सरकार की कार्रवाई को लेकर गुस्से का सैलाब जेल में बंद दलित कैदियों के मन में भी उफना रहा है. भीम आर्मी ने दलित कैदियों के सहयोग से जेल में भी भूख हड़ताल करने की धमकी दी है. दूसरी ओर पेट में दर्द की शिकायत के बाद मेरठ हॉस्पिटल में इलाज करा रहे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर बड़ी ही बेबाकी से कहते नजर आते हैं कि जब रासुका से भगत सिंह नहीं डरे तो वो कैसे डरेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि जेल से बाहर आने के बाद इंडियन आर्मी में चमार रेजीमेंट बनाने की लड़ाई उनकी भीम आर्मी लड़ेगी. चंद्रशेखर रावण को जेल भेजने के बाद माना यह जा रहा था कि इससे उनकी भीम आर्मी खत्म हो जाएगी. मगर, जिस तरह से उनके खिलाफ की गर्इ् रासुका की कार्रवार्इ् का जगह-जगह विरोध हो रहा है, वह यह जा​हिर करता है कि यह आर्मी पहले से ज्यादा सक्रिय हो गई है. छुटमलपुर में रहने वाले एडवोकेट कृष्णपाल कहते हैं कि भीम आर्मी का दायरा अब पहले से ज्यादा बड़ा हो चुका है. चंद्रशेखर पर रासुका की कार्रवाई को लेकर प्रकाश जाटव प्रदेश के सीएम पर राजपूतों का सरंक्षक होने की तोहमत लगाते नजर आते हैं. वे कहते हैं कि जेल की सजा काट चुका शेर सिंह राणा सरेआम दलितों को धमका रहा है और उसके पोस्टर भी लग रहे हैं, जबकि दलितों की बहन-बेटियों के सम्मान का सवाल उठाने वाला इंसान जेल में डाला जा रहा है. वे यह बात कहते हुए सवाल भी करते हैं कि इसे राजधर्म कहते हैं क्या? चंद्रशेखर के वकील हरपाल सिंह भी रासुका की कार्रवार्इ् पर सवालिया निशाना लगाते हैं. उनका कहना है कि जमानत मंजूर होने के बाद जिस तरीके से रासुका लगाई गई, वह कोर्ट का भी अपमान है. वे कहते हैं कि सरकार ऐसा कर दलितों का दमन कर रही है. चंद्रशेखर पर लगाई गई रासुका को लेकर इलाके के दलितों में खासी नाराजगी है और यह कभी भी खुलकर सामने आ सकती है.


राष्ट्रगान न गा सकी, तो टीचर ने ढाया उसपर ऐसा जुल्म

वह बीमार थी, राष्ट्रगान न गा सकी, तो टीचर ने ढाया उसपर ऐसा जुल्म
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
मुरादाबाद. अध्यापकों द्वारा स्टूडेंस के साथ मारपीट के मामले थमते नजर नहीं आ रहे है. अब सवाल ये है कि क्या शिक्षा के मंदिर में टीचर्स का ऐसा रवैया ठीक है. जिसे देखकर अभिभावकों का टीचर्स के ऊपर से भरोसा उठता जा रहा है.नया मामला मुरादाबाद से सामने आया है. जहां डेंगू से पीड़ित छात्रा जब स्कूल पहुंची तो टीचर ने उसकी जमकर पिटाई कर दी. घटना मुरादाबाद के गांधी नगर पब्लिक स्कूल की है. यहां डेंगू से पीड़ित छात्रा जब एक महीने बाद स्कूल पहुंची तो इस बात से नाराज उसकी क्लास टीचर ने पहले छात्रा को अपशब्द कहे उसके बाद छात्रा को पीटना शुरू कर दिया. जिसके बाद छात्रा बेहोश हो गई. छात्रा को बेहोश होता देख स्कूल प्रशासन में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया और छात्रा को तुरंत पास के अस्पताल मियो भर्ती कराया गया.  इसके बाद छात्रा के परिजनों को घटना की सूचना दी गई. अस्पताल पहुचे परिजनों ने जब डॉक्टर से पुछा तो, डॉक्टर ने बताया कि जिस समय बच्ची यहां लाई गई थी उस समय उसकी हालत बेहद नाजुक थी. डॉक्टर ने बताया कि छात्रा के हालत इतनी नाजुक थी कि वो ठीक से सांस् भी नहीं ले प् रही थी. बता दें, छात्रा डेंगू से पीड़ित थी और उसी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था.मिली जानकारी के मुताबिक फीस न जमा करने पर छात्रा को इतनी बेरहमी से मारा गया था. पीड़िता ने बताया कि जब वो स्कूल पहुची तो सीढ़ी चढ़ते वक़्त उसे कमजोरी लगी जिसके बाद वो सीढ़ी पर ही बैठ गई. इस दौरान साथ की किसी अन्य छात्रा ने उसे पकड़ कर क्लास तक पहुचाया. जिसके बाद वो क्लास में ही बैठी रही और प्रेयर में नहीं गई. इसके बाद जब क्लास टीचर क्लास में पहुंची तो छात्रा से बोर्ड रजिस्ट्रेशन फीस मांगने लगी. जिसपर छात्रा ने कहा कि उसके पेरेंट्स जल्द ही जमा कर देंगे. लेकिन टीचर ने छात्रा की एक न सुनी और वो उसे पीटना शुरू कर दिया. इस बीच टीचर ने छात्रा को इतना मारा की उसके सीने में दर्द होने लगा और वो बेहोश हो गई. पीड़िता की मां का कहना है कि उनकी बेटी की तबियत ख़राब होने के बाद भी उसको इतनी बेरहमी से मारा पीटा गया है जिसके बाद उसकी तबियत और ख़राब हो गई. पीड़िता की मां का कहना है कि वो इस सम्बन्ध में पुलिस में शिकायत करेंगे और आरोपी टीचर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाएंगे.


वापस लौटा बसपाई जिन्न, चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस दिखेगी नीली पैंट और कैप में

प्रदेश में वापस लौटा बसपाई जिन्न, चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस दिखेगी नीली पैंट और कैप में

टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. प्रदेश की तमाम इमारतों पर भगवा रंग चढ़ाने वाली योगी सरकार में बसपाई रंग भी चटक होगा. प्रदेश के सभी चौक-चौराहों पर ट्रैफिक की कमान संभालने वाले यूपी पुलिसकर्मी नीली पैंट और नीली कैप में जल्द नजर आएंगे. सूबे के डीजीपी ने बकायदा इस बाबत आदेश भी जारी किया है. 

प्रदेश में बसपा सरकार बनते ही प्रदेश में सरकारी इमारतों आदि पर नीली कलई चढ़ाई गई थी. रोडवेज बसों से लेकर ट्रैफिक पुलिस की वर्दी तक नीले कलेवर में नजर आने लगी थी. नीली पैंट और नीली कैप के साथ प्रदेश की ट्रैफिक पुलिस बसपा के शासन में दिखी. मायावती की सत्ता पलटते ही अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार ने ट्रैफिक पुलिस की ड्रेस से नीली पैंट और कैप हटा दी. खाकी पैंट और कैप के साथ सफेद कमीज में ट्रैफिक पुलिस प्रदेश के यातायात को संभालती रही. प्रदेश से समाजवादी सरकार की विदाई हो चुकी है, इसलिए सत्ता के रीति-रिवाजों के मुताबिक पुलिस की वर्दी एक बार फिर बदलने की रस्म पूरी करने की तैयारी कर ली गई है. डीजीपी सुलखान सिंह ने एक दिसंबर से ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को उसी बसपाई रंग की पैंट और कैप पहनने का आदेश जारी किया है. डीजीपी ने वर्दी बदलने के इस आदेश के पीछे दलील दी है कि ये फैसला इसलिए लिया गया जिससे ट्रैफ़िक पुलिसवालों की अलग पहचान बने. उन्होंने यह भी कहा कि कमीज का रंग पहले की ही तरह सफेद ही रहेगा.इन दिनों योगी सरकार प्रदेश में भगवा रंग चटक करने की मुहिम में जुटी हुई है. इमारतों से लेकर सरकारी कार्यालयों में इस्तेमाल तौलिये, परदे, डायरी, कैलेंडर से लेकर वेबसाइट तक पर भगवा रंग चढ़ा हुआ है. 


आखिर क्यों किया विद्या बालन ने ट्रेजडी क्वीन का किरदार करने से मना

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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
न्यूज़ ब्यूरो मुंबई . बॉलीवुड की जानी मानी एक्ट्रेस विद्या बालन आज जो भी कुछ है अपनी दमदार एक्टिंग के चलते है. विद्या खुद को किरदार में पूरी तरह से उतार लेती है. यही वजह है उन्हें हर तरफ के किरदार को निभाने के लिए ऑफर मिलते है. हालही में विद्या बालन ने ट्रेजडी क्वीन मीना कुमारी का किरदार निभाने से मना कर दिया है.विद्या को मीना कुमारी की बायोपिक फिल्‍म ऑफर हुई थी.फिल्‍म को लेकर विद्या उत्‍साहित भी थीं लेकिन किन्‍हीं कारणों से उन्‍होंने इस फिल्‍म में काम करने से मना कर दिया है.अब यह फिल्‍म कंगना रनौत की झोली में आ गिरी है.तिग्‍मांशु धूलिया, मीना कुमारी की बायोपिक फिल्‍म बनाने जा रहे हैं. मीना कुमारी के लिए उन्‍होंने विद्या बालन को चुना था लेकिन उन्‍होंने इस फिल्‍म में काम करने से मना कर दिया. विद्या बालन ने कहा,"मुझे मीना कुमारी बेहद पसंद है, लेकिन मैं यह फिल्‍म नहीं कर रही हूं. मैं नहीं चाहती कि डायरेक्‍टर फिल्‍म को इस आधार पर बनाये कि 'सब तो देखेंगे ही'.' मैं उस बायोपिक फिल्‍म में काम करना चाहती हूँ. जिस किरदार से लोग जुड़ें और उस किरदार को प्‍यार करते हों./


इस प्रत्याशी ने प्रदूषण रोकने का अपनाया अनोखा तरीका, गधे पर बैठकर नामांकन कराने पहुंचा ये प्रत्याशी

प्रदूषण रोकने का अनोखा तरीका, गधे पर बैठकर नामांकन कराने पहुंचा ये प्रत्याशी
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
चंदौली. इन दिनों धुंध ने पूरे यूपी को घेर रखा है. जिससे आम जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसका एक बड़ा उदाहरण हाल ही में मुगलसराय से सामने आया है. जहां निकाय चुनाव में जिले की एक मात्र नगर पालिका मुगलसराय की सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया. जिसमें राष्ट्रीय लोक दल के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में सजीवन लाल गधे पर सवार हो कर नामांकन करने पहुंचा. जानकारी के मुताबिक गधे की सवारी करने वाले प्रत्याशी का कहना था कि इस समय जो बढ़ते प्रदूषण के चलते लोगों को इतनी सारी दिकत्तों का सामना करना पड़ रहा है इसी के चलते उन्होंने गधे की सवारी करने का निर्णय लिया है. उनका कहना है कि जिस समुदाय से वो जुड़े हैं उसमें लोग रोज गधे की सवारी करते हैं. उन्होंने कहा कि सभी प्रदूषण को कम करने के लिए आए दिन वादें करते रहते हैं लेकिन किसी ने इसकी पहल नहीं की थी. 
सजीवन लाल कहते है कि इस बिरादरी के होने के कारण होने वाले प्रदूषण को रोक कर इस समाज को प्रदूषण रहित रखने के लिए वाहन का प्रयोग किया था. जिसपर पुलिस ने उन्हें यह कह कर बीच रस्ते में ही रोक दिया कि परमिशन लेनी होती है. गधे पर सवार होकर नामांकन के लिए आए सजीवन लाल कहते हैं कि उन्हें रोककर उसी जगह नामांकन वाले क्ष्रेत्र पर प्रदूषण वाले सभी वाहन जाने कि इजाजत थी लेकिन गधे पर सवार होकर प्रदूषण को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने आए सजीवन को बीच रस्ते ही रोक दिया गया. 


बाराती बन शशिकला के रिश्तदारों के घरों पर जा धमकी आईटी टीम और की यह कार्रवाई

बाराती बन शशिकला के रिश्तदारों के घरों पर जा धमकी आईटी टीम और की यह कार्रवाई

 टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
चेन्नई. 
आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार हुई एआईएडीएमके की नेता वीके शशिकला और उनके रिश्तेदारों के 187 ठिकानों पर आयकर विभाग ने ताबड़तोड़ छापेमारी की.

बता दें कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने जिन टैक्सियों का इस्तेमाल शशिकला के ठिकानों तक पहुंचने के लिए किया था उन सब पर श्रीनि वेड्स माही की शादी का स्टीकर लगा हुआ था.
शशिकला और उनके रिश्तेदारों, उनकी कंपनियों पर पिछले कुछ सालों में भारी संपत्ति जमा करने के आरोप हैं.
एआईएडीएमके की नेता वी के शशिकला और उसके रिश्तेदारों के ठिकानों पर आयकर अधिकारियों ने ताबड़तोड़ छापेमारी की. गुरुवार की सुबह तीन राज्यों में फैले कुल 187 ठिकानों पर छापेमारी के लिए आयकर विभाग के 1800 अधिकारी पहुंचे थे.
जानकारी के मुताबिक आयकर अधिकारियों का यह अभियान गुरुवार की सुबह करीब 5.30 बजे शुरू हुआ था. पूरे चेन्नई शहर की सड़कों पर श्रीनि वेड्स माही का स्टीकर लगी गाड़ियां दौड़ती रहीं. आयकर विभाग के अधिकारियों ने जेल में बंद शशिकला और उसके रिश्तेदारों के कुल 187 ठिकानों पर छापेमारी की. ये ठिकाने तीन राज्यों- तमिलनाडु, पुडुच्चेरी और कर्नाटक में फैले हैं.
पुलिस की बैरिकेटिंग को पार करने और बंद दरवाज़ों को खुलवाने के लिए शादी के इन स्टिकरों ने 'आधिकारिक पास' का काम किया था.
आयकर अधिकारियों ने शशिकला के भतीजे और जया टीवी के प्रमुख विवेक जयरामन , भतीजी कृष्णप्रिया, शशिकला के भाई दिवाकरण, पति जयरामन और भतीजे टीटीवी दिनाकरण के ठिकानों पर भी छापेमारी की

Sunday, November 5, 2017

गोरखपुर : पुलिस लाइन में लुटेरों ने किया गर्भवती पर हमला

पुलिस लाइन में लुटेरों ने किया गर्भवती पर हमला!
टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो 
गोरखपुर. शहर की यह वजह जगह है, जहां रहने वालों के कंधों पर पूरे जिले की सुरक्षा का जिम्मा है. लेकिन, बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे पुलिस के गढ़ में जाकर वारदात अंजाम देने से जरा भी नहीं हिचक रहे हैं. जी हां, शनिवार रात ऐसे ही दुस्साहसी बदमाशों ने चेन लूट के इरादे से पुलिस लाइन में एक गर्भवती महिला पर हमला कर फरार हो गए. मामला कैंट थाना स्थित पुलिस लाइन का है. शनिवार रात को बदमाश यहां दाखिल हुए. बेखौफ बदमाश चोरी के इरादे से घात लगाकर घूम रहे थे. इसी दौरान मकान नंबर एन—117 में रहने वाले सिपाही की बहू रिया शौचालय जाने के लिए उठी. पास ही मौजूद बदमाशों ने इस गर्भवती महिला के गले से चेन लूटने के इरादे से अपना पैंतरा चला. चेन झपट रहे बदमाशों का रिया ने विरोध किया तो बदमाशों ने उसे धक्का देकर गिरा दिया. बहस के दौरान हुआ हंगामा रिया ने जब शोर मचाना शुरू किया तो बदमाश पकड़े जाने के डर से भाग खड़े हुए. पुलिस लाइन जैसी सुरक्षित जगह पर ऐसी वारदात से लोग काफी डर गए. हालांकि पुलिस लाइन में ऐसी वारदात हुई है, इसलिए कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. एक ओर पुलिस लाइन में हुई इस वारदात से पुलिसकर्मियों के परिवार दशहत में हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं.इसके बावजूद पुलिस लाइन में हुई इस दुस्साहसिक घटना के बाद यह तय हो गया है कि लोगों के घरों की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली पुलिस का अपना ही गढ़ सुरक्षित नहीं है. लोगों को बेहतर माहौल देने का दावा करने वाली पुलिस वालों के अपने ही परिवार दहशत में जी रहे हैं.


अपने किरदार को लेकर विद्या ने बोली ये बात

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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
मुंबई . बॉलीवुड में अपनी हॉटनेस से सभी का दिल जलने वाली उलाला एक्ट्रेस विद्या बालन के अभिनय की जितनी तारीफ की आए कम है. विद्या खुद को इस कदर किरदार में उतार लेती है कि लोगों की नजर उनसे हटती ही नही है. यही वजह है कि विद्या की ज्यादातर फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा देती है. विद्या का कहना है कि वह फिल्मों में अलग-अलग तरह का किरदार निभाना चाहती हैं और उन्हें ऐसा करने का अवसर मिला है.विद्या इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म 'तुम्हारी सुलू' के प्रमोशन में व्यस्त है.विद्या ने कहा, "मैं बहुत आभारी हूं कि मुझे प्रत्येक फिल्म में अलग-अलग भूमिकाएं निभाने का मौका मिला.मुझे लगता है कि कलाकार होने की यही सही परिभाषा है. " उन्होंने कहा, "मैं कलाकार के रूप में खुद को दोहराना नहीं चाहती और जब तक हमारे पास सुरेश त्रिवेणी जैसे लेखक हैं, तब मुझे लगता है कि मैं सही हूं क्योंकि अब तक किसी ने मुझे इस तरह के किरदार में देखने की कल्पना भी नहीं की होगी.सभी फिल्म निर्माताओं ने मुझे गंभीर किरदार दिए, लेकिन उन्होंने मुझे बिल्कुल अलग रूप में देखा विद्या ने कहा, "जिस तरह सुरेश त्रिवेणी (निर्देशक) ने फिल्म तुम्हरी सुलू लिखी है, मुझे लगता है कि हर कोई खुद को इससे जोड़ सकता है.मैं खुश हूं कि मैं फिल्म में एक मध्यम वर्गीय महिला की भूमिका में हूं क्योंकि दिल से मैं अब भी मध्यम वर्गीय हूं.मैं मध्यम वर्गीय परिवार से हूं.मुझे इस पर गर्व है और इसका मुझे कोई पछतावा नहीं है.'तुम्हारी सुलू' 17 नवंबर को रिलीज होगी


हिमाचल में चुनावी घमासान, कल तीन रैलियों को संबोधित करेंगे राहुल

हिमाचल प्रदेश में चुनावी घमासान, कल तीन रैलियों को संबोधित करेंगे राहुल
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
हिमाचल प्रदेश में चुनावी घमासान चरम पर पहुंच चुका है। पीएम मोदी यहां पर लगातार रैलियां कर रहे हैं। आज वह तीन रैलियों को संबोधित करेंगे। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को हिमाचल प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। राहुल हिमाचल प्रदेश में तीन रैलियों को संबोधित करेंगे। गौरतलब है कि पीएम मोदी कांग्रेस का मजाक उड़ाते हुए कह रहे हैं कि हिमांचल में कांग्रेस मैदान छोड चुकी है। कांग्रेस का कोई वरिष्ठ नेता राज्य में प्रचार के लिए नहीं आया। मोदी ने आज भी हिमाचल की एक रैली में यह बात दोहराते हुए कहा कि कांग्रेस का कोई वरिष्ठ नेता यहां प्रचार के लिए नहीं आया। उन्होंने सबकुछ भाग्य भरोसे छोड़कर मैदान को पहले ही छोड़ दिया है।  ऐसे में राहुल गांधी के हिमाचंल दौरे की घोषणा कर कांग्रेस ने पीएम मोदी को जवाब दिया है। सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष हिमाचल प्रदेश में तीन रैलियों को संबोधित करेंगे। ये रैलियां सिरमौर, चंबा और कांगड़ा में होंगी। हिमाचल प्रदेश में मतदान नौ नवंबर को होना है।


तो ये है तुनजा चंद्रा के डर की वजह ...

तो ये है तुनजा चंद्रा के डर की वजह ...

टीम ब्रेक ब्यूरो 

मुंबई . बॉलीवुड की जानी मानी निर्देशक तुनजा चंद्रा इन दिनों काफी डरी हुई है वैसे तो तुनजा चंद्रा ने बॉलीवुड को बहुत सी हिट फ़िल्में दी है लेकिन इसके बावजूद वो इन दिनों वो अपनी आने वाली फिल्म को सहज महसूस कर रही है. तुनजा चंद्रा आने वाली फिल्म करीब-करीब सिंगल को नर्वस है.



तनुजा चंद्रा ने इरफान खान और दक्षिण भारतीय अभिनेत्री पार्वती को लेकर फिल्म 'करीब-करीब सिंगल' फिल्म बनायी है.इरफान जहां फिल्म को लेकर उत्साहित हैं वही तनुजा चंद्रा काफी नर्वस महसूस कर रहीं हैं.तनुजा चंद्रा ने कहा, "जब सह-लेखक गजल और मैं फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम कर रहे थे तब मुझे नहीं लगा था कि हम प्रॉडक्शन के स्तर तक भी पहुंच पाएंगे.

राजस्थान और गंगटोक में शूटिंग करते समय मैंने सोचा, 'क्या हम कभी इसे एडिट करेंगे?'एडिटिंग के दौरान मुझे लगा कि यह फिल्म कभी दिन की रोशनी नहीं देख सकती है लेकिन अब यह 10 नवंबर को रिलीज होने के लिए तैयार है और मुझे काफी बेचैनी हो रही है.

तो, कोई फिल्म क्यों बनाता है, आप पूछते हैं? तो उसका जवाब है इसी पागलपन और अप्रत्याशित रोलर-कोस्टर की सवारी के लिए,गौरतलब है कि पार्वती इस फिल्म के माध्यम से बॉलीवुड में डेब्यू कर रही है.'करीब करीब सिंगल' माडर्न कपल की समकालीन प्रेम कहानी है, जो ऑनलाइन डेटिंग के माध्यम से मिलते हैं.

छत्तीसगढ़: आखिर 9 दिनों बाद सामने आया सेक्स CD कांड का सूत्रधार

सीडी कांड का सूत्रधार प्रकाश बजाज
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
छत्तीसगढ़ सीडी कांड का सूत्रधार प्रकाश बजाज रविवार को सामने आया. उसको बीजेपी नेता धरम लाल कौशिक का नजदीकी माना जाता है. नौ दिनों बाद सामने आए बजाज ने पुलिस के सवालों का गोलमोल जवाब दिया. इसने मामले की पेंचीदगी और बढ़ा दी है. उनके बयान से ऐसा लग रहा है कि उनके पास जो फोन आए थे, वे किसी नेता विशेष को लेकर नहीं थे.प्रकाश बजाज ने कहा, 'मुझे नहीं मालूम कि ब्लैकमेलर किस आका के बारे में बोल रहे थे. ब्लैकमेलर ने मुझे फोन कर कहा था तुम्हारे आका बदनाम हो जाएंगे. मैं पुलिस को सब बता चुका हूं, और अब जो कहूंगा अदालत के सामने कहूंगा.' बीजेपी नेता धरम लाल कौशिक का करीबी होने के कारण बजाज के गायब होने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी थीं.पिछले दो दिनों से राजनीतिक हलकों में एक और सीडी के जारी होने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. इस कारण बजाज से यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि वास्तव में सीडी को लेकर क्या-क्या चल रहा है. दरअसल, रायपुर पुलिस ने बजाज की रपट को ही आधार बनाकर पत्रकार विनोद वर्मा को उनके गाजियाबाद स्थित निवास से गिरफ्तार किया है.प्रकाश ने पुलिस को बताया, 'तीन दिन रिश्तेदार के यहां रहा, सुबह ही निकल जाता था. 10-12 दिनों पहले मेरे लैंडलाइन पर फोन आया. कॉल करने वाले ने मेरा नाम पूछा. मैंने जैसे ही बताया उसने कहा कि उसके पास मेरे आका की सेक्स सीडी है. यदि उसको बचाना चाहते हो तो पैसे लेकर दिल्ली आ जाओ. इतना बोलकर उसने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया.'
उन्होंने कहा, 'मुझे लगा किसी ने मजाक किया है. मैं दूसरे कामों में व्यस्त हो गया. 26 अक्टूबर को फिर फोन आया. उसने कहा, 'आका को बचाना चाहते हो तो दिल्ली आकर मिलो और पैसे दो. इतना कहने के बाद फिर कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया. लेकिन इस बार आए फोन ने मुझे बेचैन कर दिया. मैं सीधा थाने गया और रिपोर्ट दर्ज करा दी.प्रकाश ने बताया, 'अगले दिन सुबह जब मैं सो रहा था, अचानक फोन की घंटी बजी. मेरी नींद उसी से खुली. मोबाइल पर भी लगातार कॉल आ रहे थे. मैंने फोन रिसीव किया, तब पता चला कि दिल्ली में पुलिस ने किसी पत्रकार को गिरफ्तार किया है. पहले तो मुझे कुछ समझ नहीं आया. कुछ साथियों से फोन पर बताया कि मेरी ही रिपोर्ट पर गिरफ्तारी हुई है.'मुझे इतने फोन आ रहे थे कि मैं घबरा गया. दोपहर तक स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मेरे घर वाले भी दहशत में आ गए. उनकी हालत देखकर मैंने अपना मोबाइल बंद किया. रिश्तेदार के घर चला गया. तीन दिन वहां रहने के बाद घर तो आ गया था, लेकिन सुबह ही बाहर चला जाता था. रात होने पर ही घर लौटता था. अंदेशा नहीं था कि मामला इतना बढ़ेगा

चौक की गलियों में जब अटल जी ने मांगे सभासदी के वोट

Story of Atal Bihari vajpai in the Lucknow local body election
टीम ब्रेक न्यूज़ 
लखनऊ  कम लोगों को ही पता होगा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने राजधानी में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन को सभासदी का चुनाव जिताने के लिए चौक में घर-घर वोट मांगे थे। यह काम उन्होंने लखनऊ के तीसरे महापौर और मशहूर डॉक्टर पीडी कपूर (पुरुषोत्तम दास कपूर) के आग्रह पर किया था। डॉ. कपूर, लालजी टंडन को लखनऊ के चौक वार्ड से सभासदी का चुनाव लड़ा रहे थे।
राजधानी के प्रसिद्ध नेत्र सर्जन और डॉ. पीडी कपूर के पुत्र राम कपूर बताते हैं कि भले ही आज महापौर के लिए उम्मीदवार बनने के लिए दावेदारों की भीड़ हो। आवेदन लिए जा रहे हों। पर, 60-70 के दशक तक इस पद के लिए बड़े नेताओं को लोगों की तलाश करनी पड़ती थी।लोग मुश्किल से तैयार होते थे। क्योंकि नेता जिसे इस पद की गरिमा के लायक मानते थे वह कोई बड़ा डॉक्टर, उद्योगपति, वकील, शिक्षाविद् या समाजसेवी हुआ करता था, जिसे इस पद पर बैठने में अपना मूल काम में बाधा पड़ती दिखती थी।
यह वह दौर था जब ड्राइवर मेयर की पत्नी और बच्चों को गाड़ी से ले जाने से इन्कार कर सकता था। यकीनन आज की पीढ़ी जो मौजूदा राजनीति के नेताओं को देखती है, उसे इस पर यकीन नहीं होगा। पर, हुआ ऐसा ही करता था।डॉ. राम कपूर बताते हैं कि अटल जी पिताजी के काफी करीबी मित्र हुआ करते थे। अटल जी की पहचान एक अंतरराष्ट्रीय नेता के रूप में हो चुकी थी। प्रदेश में निकाय के चुनाव चल रहे थे। पिताजी ने अपनी जगह चौक वार्ड से लालजी टंडन को जनसंघ से चुनाव लड़ाने का फैसला किया।पार्टी में सहमति बनाई और लालजी टंडन का नामांकन कराया। समीकरण कुछ जटिल लग रहे थे। पिताजी ने अटल जी को लखनऊ बुलाया और कहा, ‘यह नौजवान लालजी हैं। इन्हीं को मैं चुनाव लड़ा रहा हूं। इनके लिए आपको मेरे साथ चौक में चलकर वोट मांगने हैं।’अटल जी स्वभाव के अनुसार, ठहाका लगाकर हंसे। बोले, ‘डॉक्टर साहब! आपका भी जवाब नहीं। अब मुझे चौक की गलियां घुमाओगे।’ बहरहाल अटल जी पिताजी के साथ चौक वार्ड में घर-घर गए और लालजी टंडन को वोट देने की अपील की। लोगों से कहा कि आप, लालजी टंडन को नहीं मुझे और डॉक्टर साहब को वोट देंगे। लालजी टंडन चुनाव जीते।उस समय मेयर को सिर्फ एक गाड़ी और एक ड्राइवर मिला करता था। एक दिन माताजी सावित्री देवी कपूर को अमीनाबाद स्थित रिश्तेदार के घर जाना था। मां के कहने पर मैं बाहर आया तो देखा कि ड्राइवर और कार खड़ी है। मैने मां को बताया। वे भी बाहर आ गईं और ड्राइवर से चलने का कहा। ड्राइवर ने कहा कि मेयर साहब कहां हैं? मां ने उत्तर दिया कि वह नहीं जाएंगे। सिर्फ हम जाएंगे।ड्राइवर बोला, ‘हम आप लोगों को नहीं ले जाएंगे। यह गाड़ी मेयर के लिए है। मैं किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि मेयर का ड्राइवर हूं।’ बहुत खराब लगा लेकिन मैं छोटा था। मां की तरफ देखा तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और आगे बढ़ गई। फिर हम लोग अपने साधन से अमीनाबाद गए।शाम को माता जी और पिताजी का आमना-सामना हुआ तो यह प्रसंग छिड़ गया। मां नाराज, उनकी पिताजी से कहा-सुनी होने लगी। मैंने आवाज सुनी तो अंदर गया। देखा पिताजी कह रहे थे कि ड्राइवर ने बिल्कुल ठीक किया।गाड़ी मेयर को जनहित की जिम्मेदारी निभाने में मदद के लिए दी गई है। परिवार को घुमाने के लिए नहीं। जनता के पैसे की गाड़ी है और उसमें तेल भी जनता के पैसे से ही भरा जाता है। जनता के भरोसे को धोखा नहीं दिया जा सकता।

बोले मोदी- मैदान छोड़कर भागी कांग्रेस, प्रचार में नहीं आ रहा मजा

हिमाचल में बीजेपी का चुनाव प्रचार
 टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
हिमाचल के पालमपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली कर बीजेपी के लिए वोट मांगे. पीएम ने यहां चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल में बीजेपी के मुख्यमंत्रियों को पानी वाले मुख्यमंत्री, पर्यटन वाले मुख्यमंत्री के नाम से जाना जाता है जबकि कांग्रेस के मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार वाले मुख्यमंत्री के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार मध्यम वर्ग की उसका हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और हमारी योजनाओं के जरिए मध्यम वर्ग को लाभ हो रहा है.
कांग्रेस सिर्फ शोक मना सकती है
नोटबंदी की पहली बरसी पर कांग्रेस के कालाधन दिवस पर पीएम मोदी ने निशाना साधा कि कांग्रेस मेरा पुतला जला रही है क्योंकि जिन लोगों ने बेईमानी से पैसा बनाया है उन्हें सजा तो भुगतनी होगी. मोदी ने कहा की जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें पाई-पाई का हिसाब देना होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास अब शोक मनाने के अलावा कुछ भी नहीं बचा है. 
ऊना में की चुनावी रैली
हिमाचल के ऊना में रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि 20 साल से एक भी चुनाव ऐसा नहीं हुआ जब हिमाचल न आया हूं, लेकिन 20 साल में मैंने इस बार की तरह चुनाव नहीं देखा. उन्होंने कहा कि इस बार हिमाचल में बीजेपी की आंधी चल रही है. पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है.प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार हिमाचल का चुनाव कोई पार्टी या नेता नहीं बल्कि हिमाचल की जनता लड़ रही है. कांग्रेस सल्तनत को सबक सिखाने का फैसला जनता ने कर लिया है. उन्होंने कहा कि ऐसा एकतरफा चुनाव कभी नहीं हुआ और प्रचार में भी मजा नहीं आ रहा है.  
राजीव के बहाने कांग्रेस पर निशाना
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बहाने कांग्रेस पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनके हर बयान पर उस वक्त के कांग्रेस चाटुकार नेता ताली बजाते थे. राजीव गांधी के 15 पैसे वाले बयान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि एक रूपया अगर ऊपर से भेजा जाता था तो वह कौन सा पंजा था जो उसे 15 पैसे कर देता था, 85 पैसे कहां चले जाते थे. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने आजादी के बाद सबसे लंबे वक्त तक देश चलाया है. केंद्र की योजनाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 57 हजार करोड़ रुपए मोदी आकर बिचौलियों से छीन लिए और वह पैसा जनता की भलाई के लिए काम आया. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता हर समस्या के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराते हैं उसका कारण है कि ये 57 हजार करोड़ रुपए जिनकी जेब में जाते थे, अब वो बंद हो गया. इसी वजह से वह मोदी को घेरने में लगे रहते हैं.

श्रीदेवी की फिल्म के सीक्वल में नजर आ सकती है बेटी जान्हवी

श्रीदेवी की फिल्म के सीक्वल में नजर आ सकती है बेटी जान्हवी
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
मुंबई .बॉलीवुड में साल 1987 में आई फिल्म मिस्टर इंडिया ने बॉक्स ऑफर पर धमाल मचा दिया था, आजभी लोगों के जहन से ये फिल्म नही उतरती है. यही वजह है कि अब बोनी कपूर इस फिल्म के सीक्वल बनाने की सोच रहे है. ख़बरों की माने तो बोनी कपूर और अभिनेत्री श्रीदेवी की बेटी जान्हवी कपूर फिल्म मिस्टर इंडिया के सीक्वल से डेब्यू कर सकती है.चर्चा है कि श्रीदेवी मिस्टर इंडिया 2 की तैयारी में जुट गई हैं और जल्द ही बोनी कपूर फिल्म के सीक्वल की घोषणा कर देंगे. पहले ये चर्चा थी कि जान्हवी अपना डेब्यू, करण जौहर की सैराट रीमेक से करेंगी.फिल्म में उनके साथ, शाहिद कपूर के भाई इशान खट्टर भी डेब्यू करने वाले थे लेकिन बात बनती नही दिख रही है. कहा जा रहा है कि श्रीदेवी भी इसका हिस्सा होंगी.गौरतलब है कि वर्ष 1987 में प्रदर्शित बोनी कपूर निर्मित और शेखर कपूर निर्देशित मिस्टर इंडिया में अनिल कपूर ,श्रीदेवी और अमरीश पुरी ने मुख्य भूमिका निभायी थी.

ड्यूटी से लौट रही नर्स से असलहे के बल पर लूटे 50 हजार-गोंडा से सुभाष सिंह की रिपोर्ट

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टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
गोंडा। करनैलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से अपनी ड्यूटी पूरी कर लौट रही एक स्टाफ नर्स से बदमाशों ने शनिवार को दिन दहाड़े असलहे के बल पर 50 हजार रुपये लूट लिए और भाग निकले। ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोतवाली में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कोतवाली नगर क्षेत्र की रहने वाली रीता सिंह करनैलगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्टाफ नर्स के पद पर तैनात है। शनिवार को वह अपनी ड्यूटी पर गई थी। रीता के मुताबिक डयूटी खत्म होने के बाद वह बाजार में खरीददारी करने के लिए जा रही थी। 
रीता ने बताया कि वह मौर्य नगर चौराहे पर चित्रगुुप्त स्कूल के सामने पहुंची ही थी कि स्कूल के सामने एक वाहन की आड़ में खड़े दो बदमाशों ने उसे रोक लिया। जब तक वह कुछ समझ पाती तब तक दोनों ने उसपर असलहा तान दिया जिससे वह घबरा गई।
इसी बीच दोनो बदमाशों ने उसके हाथ से बैग छीन लिया और भाग निकले। रीता के मुताबिक बैग में 50 हजार रुपये थे जो वह जेवर खरीदने के लिए लेकर आई थी। रीता ने इसकी सूचना कोतवाली करनैलगंज पुलिस को दी तो पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन मेले के कारण बदमाशों का सुराग नही लग सका।
रीता ने दो अज्ञात बदमाशों के खिलाफ तहरीर दी है। कोतवाल सदानन्द सिंह ने बताया कि घटना संदिग्ध लग रही है क्योंकि जिस स्थान की घटना बताई जा रही है वहां काफी भीड़ रहती है। फिर भी मामले की छानबीन की जा रही है। लुटेरों के सुराग के लिए आसपास के दुकानों व स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगाला जा रहा है।

खोये जनाधार को हासिल करने की जद्दोजहद में बीएसपी

यूपी नगर निकाय चुनाव: खोये जनाधार को हासिल करने की जद्दोजहद में बीएसपी
 टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
उत्तर प्रदेश में चार बार सत्ता में रह चुकी बहुजन समाज पार्टी पहली बार अपने चुनाव चिन्ह हाथी पर नगर निकाय चुनाव में किस्मत अजमा रही है। बीएसपी सुप्रीमों मायावती नगर निकाय चुनाव को बेहद गम्भीरता से ले रही हैं। अपने खोये जनाधार को हासिल करने की जद्दोजहद कर रही बीएसपी के लिये इस चुनाव को गंभीरता से लेना वक्त का तकाजा माना जा रहा है।
गौरतलब है कि वर्ष 2012 में यूपी की सत्ता से बेदखल होने के बाद बीएसपी लगातार पराभव की ओर बढ रही है। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में यूपी में उसका खाता भी नहीं खुला। यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में भी उसकी करारी हार हो चुकी है। विधानसभा की 403 सीटों में उसे महज 19 सीटें ही हासिल हुई थीं।
इन हालातों में प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव बीएसपी के लिये अपने खोये जनाधार को दोबारा हासिल करने का मौका होने के साथ-साथ चुनौती भी हैं। इस चुनाव में मिली जीत जहां उसे सूबे में उम्मीद की किरण मुहैया करायेगी, वहीं एक और नाकामी बीएसपी समर्थकों के मनोबल को तोड भी सकती है।
बीएसपी का जनाधार यूपी के दलित तबके में है। शहरों में उसका खास जनाधार नहीं है। इसके बावजूद खुद पार्टी मुखिया मायावती नगरीय निकाय चुनाव को बेहद गम्भीरता से ले रही हैं। वह मण्डलीय पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रही हैं। प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ज्यादातर टिकट मायावती ही तय करेंगी। पहली सूची जल्द ही जारी हो सकती है।
बीएसपी के वरिष्ठ नेता लालजी वर्मा, राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ, पूर्व मंत्री नकुल दुबे, प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर, पूर्व मंत्री अनन्त मिश्रा तथा शमसुद्दीन राइन को पार्टी प्रत्याशियों के लिये प्रचार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बीएसपी सुप्रीमों मायावती प्रचार मैदान में उतरेंगी या नहीं, यह अभी तय नहीं है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और आरके चैधरी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। विधानसभा चुनाव में बीएसपी को इसका नुकसान उठाना पड़ा था। चुनाव के बाद बीएसपी का मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निकाल दिया गया था। इस हालातों में पार्टी की ताकत का अंदाजा निकाय चुनाव के नतीजों के बाद ही लगाया जा सकेगा।

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SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौ...