Saturday, March 4, 2017

BSP प्रत्याशी के समर्थकों का कारनामा, बूथ के बाहर से पोलिंग एजेंट्स को उठाया

BSP प्रत्याशी के समर्थकों का कारनामा, बूथ के बाहर से पोलिंग एजेंट्स को उठाया
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
  लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान शनिवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया, इसी बीच गोरखपुर के सहजनवां क्षेत्र में एक बीएसपी प्रत्याशी की दबंगई की घटना सामने आई है. यहाँ पोलिंग बूथ से महज 100 मीटर की दूरी पर ही कुछ पोलिंग एजेंट्स का अपहरण कर लिया गया. बसपा प्रत्याशी के समर्थक ने बीजेपी और सपा के पोलिंग एजेंट्स को जबरन गाड़ी में बिठा ले गए. वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने घटना की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद फ़ौरन पुलिस ने जेंट्स की तलाश शुरू कर उनकी लोकेशन का पता लगा लिया और एजेंट्स को अपहरणकर्ताओं के चुंगुल से मुक्त कराया. सूत्रों के मुताबिक, सहजनवां एरिया के भोलाराम मस्करा इंटर कॉलेज में बने पोलिंग बूथ पर शनिवार को मतदान चल रहा था. इस दौरान बूथ के बाहर लगभग 100 मीटर की दूरी पर बीजेपी के पोलिंग एजेंट शिव गोविंद व हिमांशु सिंह और सपा के पोलिंग एजेंट नित्यन यादव खड़े थे. इसी बीच वहां बसपा प्रत्याशी के कुछ समर्थक चार पहिया वाहन से पहुंचे. उन लोगों ने उक्त पोलिंग एजेंट्स को जबरिया गाड़ी में बिठा लिया. आसपास के लोग जुटते, इसके पहले ही वे एजेंट्स को अगवा कर फरार हो गए. बता दें कि पीडि़तों ने पुलिस को बताया कि उन लोगों ने धमकी दी थी कि अगर शाम पांच बजे तक यहां दिखाई दिए तो हाथ पैर तोड़ दिए जाएंगे. वहीँ पीडि़तों की तहरीर पर सहजनवां पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है.


बनारस में बिना इजाजत ही हो गया पीएम का रोड शो

बिना इजाजत ही हो गया बनारस में पीएम का रोड शो
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
 लखनऊ. देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रशासन की अनुमति के बगैर आज वाराणसी में रोड शो का आयोजन किया जाना न सिर्फ भारतीय संविधान का अपमान है बल्कि लोकतंत्र को तार-तार करने का प्रयास है. इससे साबित होता है कि भारतीय जनता पार्टी का संविधान और लोकतंत्र पर विश्वास न कभी था और न है. बिना अनुमति के मोदी द्वारा वाराणसी में इतने लम्बे समय तक रोड शो किये जाने से उनकी हताशा साफ नजर आती है. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने कहा कि सबसे बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि देश की करोड़ों जनता ने जिस विश्वास और सम्मान के साथ मोदी को भारत के प्रधानमंत्री जैसे सर्वोच्च प्रतिष्ठित पद पर बैठाया था आज वह उस पद की गरिमा को धूल धूसरित कर रहे हैं. आज वाराणसी में मोदी के द्वारा बिना अनुमति के किये गये रोड से यह पूरी तरह साफ हो गया है कि उ.प्र. में कांग्रेस-सपा गठबन्धन बहुमत की ओर तेजी से अग्रसर है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने कहीं न कहीं यह मान लिया है कि उनकी रैलियों में भीड़ नहीं जुट पा रही है और भाजपा इस चुनाव में अंतिम पायदान के लिए संघर्ष कर रही है. श्री हैदर ने कहा कि बिना अनुमति के वाराणसी में प्रधानमंत्री द्वारा किया गया रोड शो लोकतंत्र की हत्या है. चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेते हुए कठोरतम कार्यवाही तुरन्त सुनिश्चित करते हुए कानून के अनुसार दोषियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराना चाहिए.


बुरे फंसे गायत्री, जारी हुआ गैर जमानती वारन्ट, कुर्क होगी सम्पत्ति

बुरे फंसे गायत्री प्रजापति, जारी हुआ गैर जमानती वारन्ट, कुर्क होगी सम्पत्ति
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
  लखनऊ. गैंगरेप और यौनशोषण के आरोप में फरार चल रहे परिवहन मंत्री व अमेठी से विधानसभा प्रत्याशी गायत्री प्रसाद प्रजापति और छह अन्य आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारन्ट जारी हो गया है. मामले में लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है. साथ ही चार जगहों पर छापेमारी भी की गई है. वहीं, गायत्री की देश छोड़कर भागने की आशंका को ध्यान में रखते हुए चार सप्ताह के लिए उसका पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया. एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि अगर गायत्री प्रजापति पकड़ में नहीं आते हैं तो उनकी सम्पत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए नियमानुसार कोर्ट से अनुमति भी ली जाएगी. बता  दें कि गायत्री के खिलाफ लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में गैंगरेप पीड़िता का बयान भी दर्ज किया गया था.


छठे चरण में 57.03 प्रतिशत हुआ मतदान

यूपी चुनाव: छठे चरण में 57.03 प्रतिशत हुआ मतदान
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
  लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान शनिवार को पूरा हो गया. इस चरण में सात जिलों की 49 सीटों पर वोटिंग हुई. मतदान लगभग 57.03 प्रतिशत रहा. गोरखपुर में 56 प्रतिशत, मऊ में 59 प्रतिशत, कुशीनगर में 59.3 प्रतिशत और आजमगढ़ में 56 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीँ बलिया में 57.16 प्रतिशत, देवरिया में 58 प्रतिशत और महाराजगंज में शाम पांच बजे तक 62 प्रतिशत मतदान हुआ. मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश ने बताया कि 2007 माइक्रो ऑब्जर्वर मतदान पर अपनी पैनी नजर रख रहे थे. चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण चुनाव के लिए 48 सामान्य ऑब्जर्वर तैनात किए गए थे. वहीँ मतदान की निगरानी के लिए 667 डिजिटल कैमरे व 1081 वीडियो कैमरे लगाए गए थे. बता दें कि इस चरण में 2146 मतदान केंद्रों को चुनाव आयोग द्वारा संवेदनशील घोषित किया गया था. यहां भारी संख्या में सीपीएमएफ लगाई गई. इन केंद्रों की वीडियोग्राफी भी कराई गई. उल्लेखनीय है कि छठे चरण में सबसे अधिक 23 प्रत्याशी गोरखपुर नगर सीट पर और सबसे कम सात-सात प्रत्याशी आजमगढ़ व मऊ की मुहम्मदाबाद गोहना सीट पर हैं. 


लखीमपुर खीरी में नफरत फैलाने वाले गिरफ्तार

लखीमपुर खीरी में नफरत फैलाने वाले गिरफ्तार
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
  लखनऊ. लखीमपुर खीरी जिले में व्हाट्सएप पर लड़कियों और औरतों के साथ देवी-देवताओं के प्रति अत्यधिक नफरत और अश्लीलता फैलाने वाले वीडियो बनाकर उसे वायरल करने और उसके ज़रिये शहर की फिज़ा को आग में झोंकने वाले युवकों को तलाशकर पुलिस ने जेल भेज दिया है. पहली मार्च को थाना कोतवाली पर शिवांगपुरी निवासी मोहल्ला शास्त्रीनगर ने इस सम्बन्ध में पुलिस को सूचना दी थी. पुलिस ने इस सम्बन्ध में मुक़दमा संख्या 343/17 धारा 66ए(2), 66डी(2), 66डी(4) आईटी एक्ट वर्ष 2008 व 295क/193क भादंवि पंजीकृत कराया. विवेचना से तथ्य के आधार पर धारा 67 व 66ए आईटी एक्ट वर्ष 2000 व 505(2) भादंवि को तरमीम किया गया. जिसमें नामित अभियुक्त माज़ अहमद व प्रकाश में आये उसके साथी फैजल खॉ थाना धौरहरा जनपद खीरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.  2 मार्च को प्रश्नगत प्रकरण में बाजार बन्द कराने के दौरान रेमण्ड शोरूम के पास रवि व सचिन को गोली लगी, जिसके संबंध में अमित कुमार मिश्र पुत्र अवधेश कुमार निवासी जानकीपुरम, लखनऊ की तहरीर पर मुक़दमा संख्या 347/17 धारा 147/148/149/307 /504 भादंवि बनाम नसीम रेमण्ड शोरूम का मालिक आदि 7-8 व्यक्ति नाम पता अज्ञात पंजीकृत किया गया. रवि पुत्र प्रियम विश्वकर्मा निवासी राजापुर थाना कोतवाली सदर को हाथ में एवं सचिन पुत्र राम सनेही निवासी बल्देवनगर, कोतवाली सदर को पेट में गोली लगी थी. जिसमें से सचिन को जिला अस्पताल, खीरी से प्राथमिक चिकित्सा के पश्चात् बेहतर उपचार हेतु लखनऊ रेफर किया गया. शान्ति व्यवस्था भंग होने की आशंका में विनोद गुप्पा, मनीष, सचिन, व नसीम को अन्तर्गत धारा 151 सीआरपीसी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. शान्ति व्यवस्था के दृष्टिगत जनपद खीरी के अतिरिक्त जनपद सीतापुर व लखनऊ से पुलिस बल एवं एक कम्पनी पीएसी लगायी गयी है तथा अफवाहों पर अंकुश लगाने हेतु जनपद में इण्टरनेट सेवायें अस्थायी रूप से प्रतिबन्धित की गयी. जनपदीय पुलिस/प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शान्ति समिति की बैठक की गयी. जिसमें दोनों पक्षों से शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु अपील की गयी


Friday, March 3, 2017

पीएम मोदी वाराणसी में कर रहे हैं रोड़ शो



ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी रोड शो के लिए शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे हैं। हेलीकॉप्टर से उतरकर वह गाड़ी से रोड शो के लिए आगे बढ़ चुके हैं। रोड शो के लिए वाराणसी में समर्थकों की भारी भीड़ है। रोड शो के बाद पीएम मोदी बाबा विश्‍वनाथ का आशीर्वाद लेंगे। इसके बाद जौनपुर में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे।  

Thursday, March 2, 2017

गायत्री प्रजापति की वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने की तैयारी

गायत्री प्रजापति की वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने की तैयारी
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर बलात्कार का इल्जाम लगाने वाली चित्रकूट की महिला की बेटी का बयान दर्ज किये जाने की तैयारी चल रही है. लखनऊ के गौतम पल्ली थाने पर दर्ज बलात्कार और यौन शोषण की एफआईआर की विवेचना कर रही आलमबाग की सीओ अमिता सिंह महिला की बेटी का बयान दर्ज करने के लिये दिल्ली रवाना हो गई हैं. गायत्री पर दबाव बनाने के लिये लखनऊ पुलिस ने उन्हें मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा को वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है. पुलिस गायत्री की तलाश में छापे मार रही है. कल दोपहर इस बात की अफवाह बड़ी तेज़ी से उड़ी थी कि उन्हें अमेठी स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया गया है.  लखनऊ की एसएसपी मंजिल सैनी ने एसपी अमेठी को पत्र लिखकर सुरक्षाकर्मियों से सम्बंधित जानकारियां मांगी हैं. एसएसपी ने बताया कि कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति पर बलात्कार का इल्जाम लगाने वाली महिला की बेटी बीमार है और दिल्ली के एम्स में उसका इलाज चल रहा है. सीओ आलमबाग को उसका मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कराने के लिये दिल्ली रवाना हो गई हैं. बयान दर्ज होने की कार्यवाही के बाद गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी होगी. पीड़ित महिला ने यह कहा है कि पुलिस जब खुद गायत्री की सुरक्षा कर रही है तो उसे गिरफ्तार कैसे करेगी? इस पर एसएसपी ने उनकी सुरक्षा हटाने की तैयारी शुरू कर दी है. गायत्री की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों की संख्या पूछने के लिए लखनऊ की एसएसपी ने अमेठी के एसपी को पत्र लिखा है. वहां से पूरा ब्यौरा मिलने के बाद उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी. एफआईआर की मानें तो किशोरी का यौन शोषण छह जुलाई 2016 को हुआ था. गायत्री प्रजापति और छह अन्य गायब लोगों की तलाश में पुलिस लगी है. गायत्री प्रजापति और उनके सहयोगियों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगालने का काम भी पुलिस कर रही है. पुलिस के अनुसार गायत्री की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों का भी कुछ पता नहीं लग रहा है. गायत्री के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगालने पर उनकी पीड़ित महिला से बातचीत, एसएमएस का आदान-प्रदान और वॉट्सएप पर चैटिंग के रिकॉर्ड मिले हैं.


शादी के बाद लडकियों का बहकता है मन, शादीशुदा लड़कियों का कॉलेज में एडमिशन' नहीं


ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो.
 नई दिल्ली. तेलंगाना सरकार ने विवाहित महिला कैंडिडेट को कॉलेजों में एडमिशन देने से माना कर दिया है. सरकार ने कहा कि अविवाहित महिला कैंडिडेट ही कॉलेजों में एडमिशन ले सकती हैं. एक नोटिफिकेशन के जरिए सरकार ने सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल वुमेन डिग्री कॉलेजों के अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए बोला है. इन कोर्स में बीए, बी कॉम, बीएससी शामिल है. सरकार का मानना है कि शादी के बाद लडकियों का मन पढाई में नहीं लगता उनका मन बहकता जाता है. उनका कहना है कि शादीशुदा महिला कॉलेजों में भटकाव पैदा करती हैं. टीओई की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अजीबोगरीब नियम पिछले एक साल से लागू है. 23 आवासीय कॉलेजों के करीब 4 हजार सीटों पर एडमिशन इस नियम से होता है. इन कॉलेजों में महिला कैंडिडेट को सभी चीजें मुफ्त दी जाती हैं. सोसायटी के कंटेंट मैनेजर बी वेंकट राजू ने मीडिया को बताया है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि शादीशुदा महिलाओं को एडमिशन देने पर उनके पति भी कॉलेज विजिट करते हैं. इससे बाकी महिलाओं का ध्यान भटक सकता है. जबकि सोसाइटी के सेक्रेटरी आरएस प्रवीन ने कहा कि आवासीय कॉलेजों का मकसद ये था कि बाल विवाह रुक सके. इसलिए हम शादीशुदा लड़कियों को प्रोत्साहित नहीं करते है. हालांकि, उन्होंने यह बात जोड़ी कि अगर कोई शादीशुदा महिला एडमिशन के लिए संपर्क करती हैं तो उन्हें मना नहीं किया जाएगा.

Wednesday, March 1, 2017

नोटबंदी के लिए किस गधे से ली प्रेरणा ,आजम खां का पीएम पर तंज

आजम खां

यूपी के चंदौली में समाजवादी पार्टी नेता आजम खां ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. आजम ने पीएम के गधे वाले बयान पर तंज कसा और कहा कि गधे से भी भला कोई प्रेरणा लेता है. आजम खां यहीं नहीं रुके. उन्होंने ये भी कहा कि मोदी जी बताओ नोटबंदी के लिए किस गधे से प्ररेणा ली थी.
'साक्षी महाराज ब्रश नहीं करता'
आजम खां ने अपने भाषण में बीजेपी सांसद साक्षी महाराज को भी आड़े हाथों लिया. आजम ने कहा कि साक्षी के मुंह में पायरिया है, वह कभी ब्रश नहीं करता. आजम ने कहा कि साक्षी महाराज से पांच मीटर दूर रहने पर भी ये पता चल जाता है.
'कब्रिस्तान पर होते थे झगड़े'
आजम खां ने यूपी में कब्रिस्तानों के निर्माण पर भी सफाई दी. उन्होंने कहा कि कब्रिस्तान को लेकर अक्सर झगड़े होते थे, इसलिए चारदीवारी कराई. आजम ने कहा- हमने श्मशान नहीं अंत्येष्टि स्थल बनाएं.
'बिजली का तार छू लें योगी'
आजम खां ने बिजली के मसले पर बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ को चुनौती दी. आजम ने कहा- सच्चे योगी हो तो बिजली का तार छूकर देख लीजिए. उन्होंने कहा कि योगी जी तार छूने पर अगर कोई असर नहीं हुआ तो हम नतमस्तक हो जाएंगे और मान लेंगे कि सच्चे योगी हो.

UP Polls 2017 : ये क्या सपा मंत्री की बहन ने कहा, सपा का बटन दबाने पर वोट बीजेपी को

UP Polls 2017 : सपा मंत्री की बहन ने कहा, सपा का बटन दबाने पर वोट बीजेपी को
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 

 लखनऊ. उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है और नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं. इसी बीच सपा के मंत्री यासर साह की बहन अलवीरा शाह ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद सियासी तूफ़ान खड़ा हो सकता है. अलवीरा का आरोप है कि सपा के बटन को दबाने पर बीजेपी को मशीन वोट दे रही है. उनके इस बयान के बाद लोगों में एकबार फिर संशय पैदा हो गया है कि कहीं ईवीएम मशीन में सच में कोई गड़बड़ी तो नहीं. हालाँकि चुनाव आयोग ने सपा मंत्री की बहन कि शिकायत पर जांच शुरू कर दी है. बता दें कि इससे पहले भी इस तरह की अफवाहे सामने आ चुकी है कि चाहे जो बटन दबाओं वोट सिर्फ कमल को पड़ेगा. वहीँ पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था जिसमें बताया गया था कि ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ करना कोई मुश्किल बात नहीं है.

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भाजपा से ब्‍याज सहित बदला लेने का समय आ गया है: मायावती

BJP से ब्‍याज सहित बदला लेने का समय आ गया है: मायावती
ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो
 सोनभद्र. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को सोनभद्र के रोबर्ट्सगंज में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा.  उन्होंने कहा कि अब बीजेपी से ब्याज सहित बदला लेने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को केंद्र में सरकार बनाए हुए पौने तीन साल से भी अधिक हो गए हैँ, लेकिन अभी तक पीएम मोदी ने जनता से किए वादे पूरे नहीं किए है. वहीं, नोटबंदी से करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए. उन्होंने कहा कि बिना किसी तैयारी के यह नोटबंदी सरकार ने की थी. नोटबंदी से कितना कालाधन धन देश में आया है, यह सरकार ने अभी तक नहीं बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी आरएसएस के एजेंडे पर काम कर रही है. बीजेपी शासित राज्यों में आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है. मायावती ने रैली में समाजवादी पार्टी की सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि कई योजनाएं सपा हमारी ही चला रही है. बस कुछ के नाम बदल दिए गए हैं.   जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने जनता से वादा किया कि बसपा की सारकार बनने पर गरीबों को सरकारी जमीनों के पट्टे दिए जाएंगे. साथ ही प्रदेश की जनता को कानून राज दिया जाएगा.


अब मुफ्त नहीं कैश जमा और निकासी, बैंक लेंगे फीस

 अब मुफ्त नहीं कैश जमा और निकासी, बैंक लेंगे फीस

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
१ मार्च से कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में देश को खींचने की कवायद को बड़ा झटका बैंकों ने दे दिया है. अब देश के निजी बैंक तय सीमा से अधिक बैंकिंग ट्रांजैक्शन या कैश विड्रॉवल करने पर ट्रांजैक्शन चार्ज लगाएंगे. ट्रांजैक्शन चार्ज का यह नया नियम 1 मार्च 2017 यानी आज से लागू हो गया है.

एचडीएफसी ने दिए 4 फ्री ट्रांजैक्शन, फिर लेगा 150 रुपये
देश के सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी के नए नियम के मुताबिक कोई भी ग्राहक अब एक महीने में चार बार कैश निकालने और कैश जमा करने के ट्रांजैक्शन को मुफ्त में कर सकेगा. पांचवें और उसके बाद के सभी ट्रांजैक्शन पर बैंक 150 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन चार्ज वसूलेगी. इतनी ही नहीं, एचडीएफसी बैंक के नियम के मुताबिक इस 150 रुपये के ट्रांजैक्शन चार्ज पर आपको अलग से टैक्स और सेस भी अदा करना होगा.

पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. अय्यूब को पुलिस ने भेजा नोटिस

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ डॉक्टर बनाने का झांसा देकर यौन उत्पीड़न और हत्या के मामले में आरोपी पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. अय्यूब को मड़ियांव पुलिस ने नोटिस भेजा है।मड़ियांव कोतवाली के इंस्पेक्टर नागेश मिश्रा ने बताया कि पूछताछ केलिए डॉ. अय्यूब से पहले फोन पर संपर्क कर थाने आने के लिए कहा गया था। संतकबीर नगर के मेंहदावल से मौजूदा विधायक और खलीलाबाद से विधानसभा चुनाव लड़ रहे डॉ. अय्यूब ने मतदान के बाद आने की बात कही थी।उनके क्षेत्र में चुनाव सोमवार को खत्म हो गया लेकिन मंगलवार को वह नहीं आए। इसलिए थाने से उनके खिलाफ नोटिस भेजा गया है। अगर वह तय समय पर नहीं आते हैं तो पुलिस टीम संतकबीरनगर रवाना हो जाएगी।इंस्पेक्टर नागेश ने बताया कि मंगलवार को रेप पीड़िता केभाई को बुलाया गया था। सुबह करीब 11 बजे वह कोतवाली पहुंचा। पुलिस टीम उसे लेकर उन स्थानों पर गई, जहां युवती रहती थी। वह ज्यादातर समय सेवा नर्सिंग कॉलेज के आसपास ही रही थी।


मंगलवार को तीन हॉस्टलों की तलाशी के साथ ही युवती के दोस्तों से भी पूछताछ की गई। इनमें उसके साथ नर्सिंग का कोर्स करने वाली छात्राएं भी शामिल हैं। हालांकि पूछताछ में कोई खास जानकारी नहीं मिली।

कुछ लोगों ने बताया कि युवती अक्सर कमरे में नहीं रहती थी। उसका ज्यादा समय कॉलेज या बाहर ही बीतता था। अभी यह पता नहीं लग पा रहा है कि डॉ. अय्यूब किस कमरे में उससे मिलने आते थे और कितनी देर रहते थे।

युवती के साथ पढ़ने वाली छात्राओं ने पोस्टमार्टम हाउस पर कहा था कि डॉ. अय्यूब उसके कमरे पर आते थे। कुछ दोस्तों ने डॉ. अय्यूब से उसे सतर्क रहने को भी कहा था लेकिन वह अय्यूब पर ज्यादा भरोसा करती थी।

बसपा ने छठे चरण के चुनाव में दिया सबसे ज्यादा अपराधियों को टिकट

छठे चरण के चुनाव में बसपा ने दिया सबसे ज्यादा अपराधियों को टिकट
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो  
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों का अपराधियों और करोड़पतियों से प्रेम सर चढ़कर बोल रहा है. छठे चरण के चुनाव में पूर्वांचल के सात जिलों की 49 सीटों पर बड़ी तादाद में आपराधिक रिकार्ड रखने वाले प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है. छठे चरण में 20 फीसदी अपराधी तो 25 फीसदी करोड़पति चुनाव मैदान में हैं. अब तक हुए पांच चरणों के चुनावों को देखें तो यह औसत काफी अधिक है. अपराधियों को टिकट देने के मामले में इस चरण में बसपा 49 फीसदी के साथ सबसे आगे है. भाजपा 40 फीसदी के साथ दूसरे नम्बर पर है. समाजवादी पार्टी 38 फीसदी के साथ तीसरे और कांग्रेस 30 फीसदी के साथ चौथे नम्बर पर है. छठे चरण के चुनाव में 17 फीसदी प्रत्याशियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिला हिंसा जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं.  करोड़पति प्रत्याशियों की बात करें तो सबसे ज्यादा 73 फीसदी करोड़पति प्रत्याशी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. बसपा ने 71 फीसदी तो सपा ने 70 फीसदी करोड़पतियों को मैदान में उतारा है. छठे चरण के उम्मीदवारों की औसत सम्पत्ति 1.59 करोड़ रुपये है. महिला अधिकारों पर आन्दोलन चलाने वाले राजनीतिक दल महिलाओं के प्रति कितना गंभीर हैं इसका अंदाजा लगाना हो तो पता चलता है कि छठे चरण में महिला प्रत्याशियों की तादाद दहाई में भी नहीं पहुंची है. छठे चरण में महज 9 फीसदी महिला प्रत्याशी मैदान में हैं. छठे चरण में सात जिलों आजमगढ़, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज और मऊ की 49 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. उत्तर प्रदेश विधनासभा के छठे चरण के प्रत्याशियों के आपराधिक, आर्थिक व शैक्षणिक रिकार्ड की विस्तृत समीक्षा के बाद एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटक रिफार्म (एडीआर) और यूपी इलेक्शन वॉच ने जो रिपोर्ट जारी की है उसके मुताबिक बड़े पैमाने पर बाहुबली व धनबली चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. एडीआर ने छठे चरण में नामांकन करने वाले सभी 635 प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करते समय दिए गए शपथपत्रों के आकलन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है. एडीआर की रिपोर्ट जारी करते हुए प्रदेश कोर कमेटी के सदस्य डॉ अजय प्रकाश व समन्वयक अनिल शर्मा ने बताया कि गंभीर मामलों के अपराधियों को टिकट देने के मामले में बसपा सबसे आगे है. उसने 41 फीसदी अपराधियों को टिकट दिया है. करोड़पतियों को टिकट देने के मामले में यूँ तो भाजपा अव्वल है मगर इस मामले में बसपा और सपा भी उससे ज्यादा पीछे नही हैं. टॉप थ्री अमीरों की बात करें तो वह तीनों बसपा के प्रत्याशी हैं. छठे चरण के प्रत्याशियों में टाप तीन अमीर बसपा के टिकट पर ही लड़ रहे हैं. नामांकन के समय दिए गए शपथपत्र के मुताबिक छठे चरण के सभी प्रत्याशियों में सबसे अमीर आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर से बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली 118 करोड़ रुपये की सम्पत्ति के मालिक हैं. चिल्लूपार से बसपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ रहे विनयशंकर तिवारी के पास कुल 67 करोड़ की सम्पत्ति है. तीसरे सबसे अमीर प्रत्याशी नौतनवां, महराजगंज के बसपा प्रत्याशी एजाज अहमद हैं जिनकी कुल संपत्ती 52 करोड़ रुपये है. मऊ के बसपा प्रत्याशी मुख्तार अंसारी पर सबसे ज्यादा 6 करोड़ और मुबारकपुर के बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली पर 2 करोड़ का कर्ज है. छठे चरण में अपनी किस्मत आजमाने मैदान में उतरे 53 फीसदी प्रत्याशी स्नातक या इससे ऊपर की शिक्षा प्राप्त हैं. इस चरण में भी बड़ी तादाद में युवा प्रत्याशी मैदान में हैं. छठे चरण का चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों में 67 फीसदी की आयु 25 से 50 साल के बीच है.

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कब मर जाएं कोई भरोसा नहीं':और जाने क्या कहा मोदी ने महराजगंज से रामबहादुर की रिपोर्ट

अखिलेश सरकार की वेबसाइट कहती है
टीम ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो 
महाराजगंज. यूपी विधनसभा चुनाव के छठे चरण के चुनाव-प्रचार के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महाराजगंज में रैली को संबोधित किया। यहां लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सीएम अखिलेश यादव और अखिलेश सरकार की जमकर खिंचाई की। पीएम मोदी ने कहा 'जब मैं कुछ बोलता हूं तो अखिलेश यादव बुरा मान जाते हैं।' पीएम मोदी ने कहा कि मेरी बात का बुरा मानते हैं, ये तो ठीक है, लेकिन अपनी बात को तो अखिलेश मानेंगे, या फिर इससे भी बुरा मान जाएंगे।  अखिलेश सरकार की बेवसाइट बता रही है सच पीएम मोदी ने कहा कि अखिलेश सरकार की वेबसाइट www.gov.in बिल्‍कुल सच बोलती है। यूपी सरकार की इस आधिकारिक वेबसाइट में कहा गया है कि 'यूपी में जिंदगी छोटी है, कब मर जाएं कोई भरोसा नहीं है।' अगर सरकार ही ऐसी बात करेगी तो जनता कैसे खुश रहेगी। पीएम मोदी ने कहा कि अखिलेश मेरी बातों का बुरा मान रहे थे, लेकिन अब क्‍या करेंगे। मुझे पता है इन आंकड़ों को देने के बाद आज ही अखिलेश यादव कई अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।  यूपी की हालत अफ्रीका के सहारा जैसी है पीएम मोदी ने कहा यूपी सरकार की इस आधिकारिक वेबसाइट पर एक और चौंकाने वाली बात लिखी है। लिखा है 'उत्‍तर प्रदेश की हालत अफ्रीका के सहारा मरुस्‍थल जैसी है।' जो सरकार ऐसी बातें आधिकारिक वेबसाइट पर लिखी हो, वह जनता और प्रदेश का क्‍या विकास करेगी। पीएम मोदी ने कहा कि अखिलेश सरकार ने जनता को सिर्फ परेशानी दी है और अब 11 मार्च को हिसाब देना होगा। ये गठबंधन बर्बाद करने वाला है पीएम मोदी ने इशारों में कहा कि कांग्रेस ने देश को बर्बाद किया। सपा ने उत्‍तर प्रदेश को बर्बाद कर दिया। अब ये दोनों बर्बाद करने वाले मिल गए हैं। अब आप ही सोच लीजिए कि ये दोनों मिलकर यूपी का विकास करेंगे या फिर बर्बाद।


बीजेपी की महिला मोर्चा की महासचिव जूही चौधरी बच्चो की तस्करी में गिरफ्तार

भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव जूही चौधरी बच्चो की तस्करी में गिरफ्तार

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
कोलकाता. पश्चिम बंगाल पुलिस ने बच्चों की तस्करी के इलज़ाम में भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव जूही चौधरी को गिरफ्तार किया है. पश्चिम बंगाल की सीआईडी ने जूही चौधरी को भारत-नेपाल बॉर्डर से 28 फरवरी की रात को गिरफ्तार किया है. 



बच्चों की तस्करी में नाम आने के बाद जूही चौधरी फरार हो गई थीं. पुलिस ने सर्विलांस के ज़रिये उनके मोबाईल की लोकेशन ट्रेस की तो यह पाया कि वह उत्तरी बंगाल के बतासिया इलाके में भारत-नेपाल बार्डर के पास मौजूद हैं. लोकेशन ट्रेस होने के बाद जूही चौधरी को गिरफ्तार किया गया. उन्हें जलपाईगुड़ी जिले में लाया जा रहा है ताकि बुधवार को ही जिला न्यायालय में पेश किया जा सके.  बताया जाता है कि बच्चों की तस्करी मामले में जलपाईगुडी स्थित बच्चों को गोद लेने वाला केन्द्र बिमला शिशु गृहो भी संलिप्त है. वह पुलिस की जांच के घेरे मे आया तो पुलिस जूही चौधरी तक पहुँच गई. बच्चों की तस्करी के मामले में सीआईडी ने चांदना चक्रवर्ती को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया था. चांदना चक्रवर्ती उस एनजीओ की अध्यक्ष हैं जो बिमला शिशु गृहो जैसे केन्द्रों को संचालित करने का काम करता है. बिमला शिशु गृहो की अधिकारी सोनाली मंडल और चांदना के भाई मानस भौमिक को भी 17 बच्चों को बेचने के इलज़ाम में गिरफ्तार किया गया था. बिमला शिशु गृहो नाम के अनाथालय को चलाने वाली चांदना चक्रवर्ती जब पकड़ी गई तो पूछताछ में भाजपा नेत्री जूही चौधरी के क्रियाकलाप प्रकाश में आये. जूही इस अनाथालय को चलाने में मदद करती थी और बदले में जूही चौधरी बच्चों की तस्करी में चांदना चक्रवर्ती का इस्तेमाल करती थी. पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस मामले को राजनीतिक साज़िश बताया है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में जो लोग होते हैं उन्हें कई तरह के सामाजिक कार्यों का समर्थन करना होता है. इस मामले में एनजीओ की पृष्ठभूमि की जांच कराई जानी चाहिए. 


होली पर झटका, घरेलू सिलेंडर 86.50 रुपया महंगा

LPG cylinder price goes up.
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
होली के सीजन में तेल कंपनयों ने एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए हैं। 14.2 किग्रा वाले घरेलू सिलेंडर 86.50 रुपये, 19 किग्रा का कॉमर्शियल सिलेंडर 149.50 रुपये जबकि 5 किग्रा का नॉन सब्सिडी सिलेंडर 30.50 रुपये महंगा हो गया है।14 किग्रा वाला सिलेंडर 691 के बजाय 777 रुपये में, 19 किग्रा का सिलेंडर 1330 के बजाय 1479.50 रुपये और 5 किग्रा वाला सिलेंडर 252 के बजाय 282 रुपये में मिलेगा।

हालांकि, खाते में आने वाली सब्सिडी की रकम भी 254.20 से बढ़कर 340.57 रुपये हो जाएगी।

आखिर शिकंजे में आ ही गए मंत्री जी....अमेठी से गायत्री प्रजापति गिरफ्तार

अमेठी में गायत्री प्रजापति गिरफ्तार
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
  अमेठी. बलात्कार मामले में फंसे अखिलेश यादव सरकार में परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति अंतत: आज गिरफ्तार हो गये. पुलिस ने गायत्री प्रजापति को उनके अमेठी स्थित आवास से गिरफ्तार किया. मंगलवार को लखनऊ पुलिस ने गायत्री प्रजापति की तलाश में पुलिस उनके सरकारी आवास पर दबिश दी थी, लेकिन तब वह घर पर नहीं मिले. पुलिस उनके परिवार के लोगों से पूछताछ करने के बाद वापस लौट गई थी. गायत्री प्रजापति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी. लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में मामला दर्ज होने के बाद ही गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी तय हो गई थी. यूपी सरकार में परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला समाजवादी पार्टी की ही कार्यकर्ता है. आरोप लगाने वाली महिला का दावा है कि गायत्री प्रजापति ने 2014 से जुलाई 2016 तक 2 साल उसके साथ रेप किया. उसका आरोप है कि प्रजापति और उनके साथियों ने कुछ मौकों पर उसके साथ गैंगरेप भी किया. महिला का आरोप है कि जब गायत्री प्रजापति ने उसकी 14 साल की बेटी के साथ भी रेप की कोशिश की तब उसने पुलिस में शिकायत की. पीड़ित महिला ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि गायत्री प्रजापति के रसूख की वजह से पुलिस ने अक्टूबर 2016 में उनके खिलाफ रेप का मामला दर्ज नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर बलात्कार, मारपीट और धमकी देने की धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है. गायत्री प्रजापति अखिलेश यादव सरकार के इकलौते मंत्री हैं जिन्हें मुख्यमंत्री ने तीन बार अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया था. इनके खिलाफ खनन को लेकर तमाम इलज़ाम हैं. इस चुनाव में गायत्री समाजवादी पार्टी के टिकट पर अमेठी से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस अमेठी सीट अपने लिये चाहती थी लेकिन अखिलेश ने कांग्रेस की बात दरकिनार करते हुए गायत्री को टिकट दिया था. गायत्री प्रजापति का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें साजिशन फंसाया है.

Tuesday, February 28, 2017

मुलायम के गढ़ में अखिलेश की अग्निपरीक्षा, ताबड़तोड़ 7 रैलियां


मुलायम के गढ़ में अखिलेश यादव की अग्निपरीक्षा, करेंगे ताबड़तोड़ 7 रैलियां
ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो लखनऊ.
 पूर्वांचल के छठे चरण के चुनाव में सपा ने अपनी पूरी ताकत झोंकने का मन बना लिया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 28 फरवरी को मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ की सात चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। अखिलेश यादव आजमगढ़ में 11:00 बजे माहुल बाजार में जिला पंचायत की जमीन पर विधानसभा क्षेत्र फूलपुर पवई से प्रत्याशी श्याम बहादुर सिंह के लिए, 11:45 पर दीदारगंज बाजार का मैदान में जनसभा करेंगे। इसके अलावा दीदारगंज विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी आदिल शेख के लिए और 12:30 बजे कमरिया हाइडिल के पास का मैदान, थाना तिरवा के पास विधानसभा क्षेत्र मेहनगर एवं लालगंज की संयुक्त जनसभा मेहनगर से प्रत्याशी कल्पनाथ सरोज के लिए चुनावी सभा करेंगे। सीएम अखिलेश आजमगढ़ में ही 01:15 बजे छतवारा, विधानसभा क्षेत्र आजमगढ़ एवं मुबारकपुर की संयुक्त सभा आजमगढ़ से प्रत्याशी दुर्गा प्रसाद यादव और मुबारकपुर से प्रत्याशी अखिलेश यादव के लिए, 02:00 बजे ग्राम बैरमपुर कालेज का मैदान (तहबरपुर) में विधानसभा क्षेत्र निजामाबाद से प्रत्याशी आलम बदी के लिए वोट मांगेंगे। 02:45 बजे किसान बालिका इंटर कालेज का मैदान, अतरौलिया में अतरौलिया विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी संग्राम सिंह के लिए जन सभा करेंगे।  आजमगढ़ जनपद में ग्राम बघैला थाना बिलरियागंज राम नगीना यादव के खेत का मैदान में 03:30 बजे विधानसभा क्षेत्र गोपालपुर एवं सगड़ी की संयुक्त जनसभा को मुख्यमंत्री इस क्षेत्र के प्रत्याशियों  में नफीस अहमद और जयराम पटेल के लिए संबोधित करेंगे। 


Monday, February 27, 2017

मऊ में मोदी ने कहा- हार के डर से कांग्रेस की गोद में बैठ गई सपा

LIVE: मऊ में मोदी ने कहा- हार के डर से कांग्रेस की गोद में बैठ गई सपा
ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो 
मऊ: पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को पहली बार मऊ में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। जनसभा में आई भीड़ देखकर गदगद पीएम मोदी ने कहा कि अब सब लोगों ने मान लिया है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और उनकी सहयोगी पार्टी की सरकार बन जायेगी। पीएम ने कहा कि समाजवादी पार्टी चुनाव में अपनी हार के डर के कारण कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गयी।   पीएम मोदी ने कहा कि समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बसपा पार्टी जीतने के लिए प्रयास करें यह उनका हक है, लेकिन सपा और बसपा दोनों को तीसरे दौर के बाद पक्का पता लगा कि अब वह नहीं जीतेंगे, अब उन्होंने नई तरकीब निकाली है कि हम हारें तो हारें लेकिन किसी को बहुमत नहीं मिलना चाहिए. बसपा, सपा को कहना चाहता हूं कि बीजेपी को हराने के लिए कितना भी प्रयास कीजिये लेकिन यूपी को बर्बाद मत कीजिये।  चुनाव घोषित होने के बाद समाजवादी पार्टी कांग्रेस की गोद में जाकर बैठे, डूबती हुई नाव में बैठ गये। शुरू में अखबार में फोटो छपवाकर खुश हो रहे थे। जब गठबंधन करके निकले तो दो-तिहाई बहुमत की बाते करते थे, पहले दौर के मतदान के बाद कुछ लोगों ने प्रचार में आने से मना किया, दो-तिहाई के बाद सभी हाथ जोड़ कर कहने लगे कि एक बार और अवसर दीजिए। अपने इलाके में भी इनकी पिटाई हो गई। इस चुनाव में बुआ और भतीजा के मेल नहीं बैठ रहा है। 

VOTING LIVE : अमेठी में पोलिंग बूथ के पास बांटे गए पैसे

VOTING LIVE : अमेठी में पोलिंग बूथ के पास बांटे गए पैसे
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. सोमवार को यूपी में चल रहे मतदान के पांचवे चरण में कुछ छिटपुट घटनाए देखें को मिली. अमेठी के जामो में मतदान स्थल के पास कुछ लोग पैसा बांट रहे थे. पुलिस ने सूचना मिलते ही पैसा बाटने वाले लोग को पकड़ लिया. पकड़े गए लोगों में एक प्रत्याशी का भतीजा भी शामिल है. व अन्य को थाने लाया गया.  इससे पहले फैजाबाद में मंत्री तथा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद के वाहन पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया. इस मामले में इनायतनगर थाना क्षेत्र में भाजपा के नौ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है. अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं. आज के इस हमले में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गोरखनाथ के कार्यकर्ताओं पर मर पीट करने का आरोप है.  

चुनावी रण में हाशिये पर चला गया "विकास" आचार संहिता की टूट रही सांसे

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विवेक सिन्हा 
 हर बार की तरह इस बार भी चुनावो के पहले होने वाली विकास की बात चुनावो के दौरान किस तरह हाशिये पर पड़ा हुआ है यह चुनावो के आखिरी दौर के आते आते सबको दिखाई देने लगा है. विकास के दावे करने वाली पार्टियाँ उन्मादी विषयों और जानवरों की आड़ में प्रहार करने लगी हैं. कहां गया विकास ? कहां गयी नोटबंदी ? बेरोजगारी की किसको फिकर ? और गुंडाराज की कौन बात कर रहा है?  जैसे-जैसे यूपी चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे ही सारी पार्टियां अपने पुराने घिसे-पिटे फॉर्मूले पर आ गयी है.इस पूरी कवायद में हर वो नेता शामिल हो गया है जो खुद के सत्ता में आने पर विकास की गंगा बहाने की बात कर रहा है मगर आखिरी दौर तक आते आते वोटरों के जातीय और सांप्रदायिक विभाजन पर सबकी निगाहें लग गयी है.   उत्तर प्रदेश के बडे़ हिस्से में चुनाव खत्म हो चुका है. बाकी में प्रक्रिया जारी है. तकरीबन सभी पार्टियों ने अपने-अपने घोषणा पत्र में जनता को आकर्षित करने के लिए लुभावने वादे किए. सत्ता में आने पर विकास के साथ सभी वर्गो के उत्थान की बात कही, पर जैसे-जैसे चुनावी घमासान शुरू हुआ पूरी तस्वीर बदल गई. लेकिन जनता जागरूक हो चुकी है. नतीजे चौंकाने वाले हो सकते हैं. चुनाव नजदीक आने के साथ मुद्दे पीछे छूट गए हैं. विकास, देश व प्रदेश के हित की बातें भी धुंधली पड़ने लगी हैं. आखिरी दौर में आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो चुका है.  अपने पांच साल के विकास के नाम पर चुनावी दंगल में उतरे अखिलेश यादव भी तीसरे चरण तक आते आते इस जाल में फंस गए और "गधो" को ले कर एक बयांन दे डाला. 
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने तो शुरू से जातीय गंठजोड़ का कार्ड खुलेआम खेला था और पूरे चुनावो के दौरान वे इसी पर टिकी भी रही. भारतीय जनता पार्टी ने पहले चरण में ही पश्चिमी यूपी में जब उग्र हिंदूवादी नेता योगी आदित्यनाथ को मैदान में उतारा तब ही स्पष्ट हो गया था उसका पूरा जोर मतों के धार्मिक आधार पर विभाजन का है.  मायावती ने भी टिकट वितरण में 99 मुस्लिम उम्म्मेद्वारो को टिकट दे कर योगी जैसे विवादित नेता का महत्त्व भी बढ़ा दिया. दंगो की आग में ३ साल पहले झुलसे पश्चिमी यूपी में मायावती महज सांप्रदायिक आधार पर मतों के विभाजन करवाने की नियत से जब 45 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे तब ही योगी सरीखे नेताओं का इस्तेमाल करने की भाजपा की रणनीति भी बन गयी. योगी ने अपने किसी भाषण में विकास की बातों का जिक्र ही नहीं किया. दरअसल योगी कभी भी विकास के चेहरे रहे ही नहीं. बीते 20 सालों में योगी ने सिर्फ हिंदूवादी राजनीती ही की है और लव जिहाद और घर वापसी जैसे मुद्दे ही उनके राजनितिक संजीवनी रहे हैं.  भाजपा भी नरेन्द्र मोदी के विकास के नारे से दूर होती जा रही है. दरअसल लोकसभा में चुने गए उसके 73 सांसदों की निष्क्रियता ने ही भाजपा को इस रणनीति पर जाने के लिए मजबूर किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील के बाद भी अपने गोद लिए गाँव में ये संसद कुछ नहीं कर पाए और गरीब महिलाओं के लिए काफी सफल रही उज्ज्वला गैस योजना के अलावा बताने के लिए इनके पास कुछ है भी नहीं. केंद्र की योजनाये यूपी में जमीन पर अभी तक उतर भी नहीं सकी थी और नोत्बंदी के बाद बंद हुए कारोबार की नाराजगी भी बढ़ी हुयी थी. इससे निजात पाने के लिए जरुरी था कि वोटरों को दुसरे आधार पर ध्रुवीकरण किया जाए.  मायावती ने शुरू से ही अपना एजेंडा और रणनीति साफ़ कर दी थी. दलित मुस्लिम गंठजोड़ बना कर वे एक बड़े मत प्रतिशत पर कब्ज़ा करने में लगी थी. इसके लिए अब्दुल्ला बुखारी से ले कर कल्वे जवाद तक मुस्लिम उलमा से मायावती ने अपीले जारी करवाई. मगर जैसे जैसे मायावती इस राजनीती को बढ़ने लगी वैसे वैसे हिन्दू मतदाता भाजपा की तरफ इकठ्ठा होने लगा. नरेन्द्र मोदी ने भी इसे भांपा और फतेहपुर की अपनी सभा में शमशान बनाम कब्रिस्तान और रमजान बनाम दिवाली का जुमला छोड़ दिया.   समाजवादी पार्टी और  कांग्रेस के गठबंधन की मुख्य बुनियाद भी मुस्लिम वोटो को एकमुश्त हथियाने की थी. समाजवादी पार्टी में गलत समय पर छोड़े घमासान के कारण अखिलेश यादव के पास भी इस बात का समय ही नहीं बचा की वे पुरे सूबे में घूम कर अपनी विकास परियोजनाओं के बारे में एक जनमत तैयार कर सके नतीजतन वे भी वोटो के समीकरण साधने में लग गए.      लेकिन क्या यूपी की 20 करोड़ की जनता की कोई और मुश्किलें नही हैं. क्या बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था से लोगों का ध्यान हटाया जा रहा है. क्या राजनीती में अपराधीकरण मुद्दा नहीं है? क्या सडके, बिजली, गरीबो के कल्यांण  की योजना मुद्दा नहीं है? क्या भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं है ?     इस बार यूपी के चुनावो में जो एक चीज सामने आ रही है वो ये कि मुद्दों से कहीं ज्‍यादा बात हो रही है शख्‍स‍ियतों पर. अगर आप बात करते हैं नोटबंदी की तो बात घूम-फिरकर पीएम नरेंद्र मोदी पर आ जाती है. अगर बात समाजवादी पार्टी की हो तो बात घूमकर आपसी कलह से बाहर निकले अखिलेश यादव की शख्सियत पर आ जाती है. नरेन्द्र मोदी को जादूगर और झूठा बताया जा रहा है और अखिलेश यादव को अपने पिता को धोखा देने वाला. विकास के मुद्दों पर  भी कई बार बात करते करते झूठे आंकड़े भी पेश कर दिए जा रहे हैं. दरअसल ये वो बदलाव है जो चुनाव को जनता के मुद्दों से हटा कर पर्सनालिटी मैनेजमेंट की तरफ लेता जा रहा है. सोशल मीडिया पर रोज नए हैश टैग आ रहे हैं जिसमे कई बार अपमानित करने वाले शब्द भी होते हैं.    चुनावी मैदान में पहली बार अकेले उतरे अखिलेश यादव शुरू में तो संयत रहे मगर तीसरा चरण आते आते उनकी भी जुबान फिसल गयी और अमिताभ बच्चन को दी गयी नसीहत के जरिये उन्होंने अमित शाह और नरेन्द्र मोदी को "गधा" की संज्ञा दे दी. हलाकि अखिलेश उसके बाद सम्हले और फिर वे नरेन्द्र मोदी को विकास के अजेंडे पर बहस करने की चुनौती देने लगे और इसके लिए "नोट बंदी" के बीच बैंक में जन्मे बच्चे "खजांची" के गाँव और गंगा के तट का स्थान भी पेश कर दिया मगर तब तक बहस की धारा बदल चुकी थी.   चुनावी सीजन आते ही नेताओं की गंदी बात शुरू हो गई. चाल चरित्र और चेहरा की बात करने वाली पार्टी बीजेपी के नेता विनय कटियार ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधा .प्रियंका के यूपी की राजनीति में उतरने के सवाल के जवाब में कटियार का कहना है कि प्रियंका से भी ज्यादा सुंदर स्टार प्रचारक हैंऔर उनके प्रचार में उतरने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. प्रियंका के आने से क्या होगा प्रियंका से ज़्यादा और भी सुंदर महिलाए रही हैं जो स्टार कैंपेनर हैं, हिरोइन हैं और भी सुंदर महिलाएं हैं. इसके बाद सांप्रदायिक टिप्पणिया भी शुरू हो गयी.  यूपी के थाना भवन सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सुरेश राणा ने एक चुनावी रैली के दौरान कहा कि अगर वह जीत गए तो कैराना, देवबंद और मुरादाबाद में कर्फ़्यू लगा देंगे. बता दें कि कैराना, देवबंद और मुरादाबाद मुस्लिम बहुल इलाके हैं. और सुरेश राणा मुजफ्फर नगर दंगो के समय सुर्ख़ियों में आये थे. इसके बाद संजीव बालियाँ मैदान में कूदे और मुलायम सिंह यादव पर टिपण्णी कर दी. बालियान ने कहा, " मुलायम ने हमेशा सांप्रदायिकता की राजनीति की. मैं उनसे कहना चाहूंगा अब तो मरने का समय आ गया, जीने का समय रहा नहीं." नेताओं के नीचे गिरने का सिलसिला यही नहीं थमा. भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने सोनिया गांधी और बीएसपी प्रमुख मायावती के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया. बिधुड़ी ने कहा, एक बच्चे के जन्म के लिए 9-10 महीने तक इंतेज़ार किया जाता है. पांच सात महीने में बहु के साथ बच्चा आ जाए तो कैसा लगेगा? अब ये संस्कार तो कांग्रेस और मायावती के खानदान में होते होंगे. भारतीय संस्कृति में तो ये संस्कार नहीं. हालाकि सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए चुनाव के दौरान जाति, धर्म और भाषा के नाम पर वोट मागने को गलत बताया है. इस फैसले के अनुसार मतदाता को धर्म और जाति के नाम का प्रलोभन देकर कोई नेता वोट नहीं ले सकता है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बावजूद भी नेताओं की जुबान पर लगाम नहीं लग सकी है. विशेषज्ञों का मानना है कि नेताओं के लिए धर्म के नाम पर वोट मांगने के लिए शब्दों की आवश्यकता नहीं है. इसके लिए उसका नाम और इशारा ही काफी है. और इस बार ये इशारे साफ़ दिखाई दे रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट का फैसला भले ही अब आया हो मगर चुनाव आयोग की इस तरह की गाइड लाइन पहले से मौजूद है. जिसमें उल्लेख किया गया है कि कोई भी दल मतदाता को प्रभावित करने के लिए जाति का इस्तेमाल नहीं करेगा। बावजूद इसके चुनाव के समय वोटरों को रिझाने के लिए बड़े-बड़े दल और उनके नेता धर्म और जाति के नाम पर ही वोट मांगते हैं. चुनाव के समय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को सख्ती से लागू करवाना चुनाव आयोग के लिये बड़ी चुनौती है इसके लिए न सिर्फ कड़े दंड का प्राविधान होना आवश्यक है, बल्कि मजबूत सुरक्षा तंत्र की भी जरूरत है. ज्यादातर राजनेता अपने भाषणों में धर्म-जाति को बढ़ावा देने की बात करते हैं. इसे साबित करने के लिए सबूत और गवाह की आवश्यकता होती है. जब मीडिया इसको सामने लाती है तो वे तोड़मरोड़ कर बयान पेश करने की बात कहते हैं.  बीते लोकसभा चुनावो में थोड़ी सख्ती आयोग ने जरूर दिखाई थी और समाज में कटुता फैलाने एवं उन्मादी भाषणों पर भाजपा नेता अमित शाह और समाजवादी नेता आजम खान की रैलियों पर रोक लगा दी थी. मगर इस बार ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है.  जाहिर सी बात है की मतदान के पहले ये बिगड़े बोल न सिर्फ आचार संहिता का मखौल उठाते हैं बल्कि विकास के सवाल पर बहस करने का भी हर रास्ता बंद कर देते हैं और इस बार भी यही हो रहा है. 


यूपी चुनाव: दोपहर 1 बजे तक 51 सीटों पर 39 फीसदी वोटिंग, मतदान जारी

ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो
  लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में 11 जिलों की 51 विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू हो चुका है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह सात बजे से वोटिंग जारी है। दोपहर 1 बजे तक 39 फीसद वोटिंग हुई है।  सुबह नौ बजे तक11 फीसद वोटिंग हुई बता दें कि इस चरण में बलरामपुर, गोण्डा, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीरनगर, अमेठी और सुल्तानपुर जिले की विधानसभा सीटें शामिल हैं।  अंबेडकरनगर के आलापुर में सपा प्रत्याशी चंद्रशेखर कनौजिया के निधन के कारण चुनाव आयोग ने यहां मतदान की तारीख 9 मार्च निर्धारित की है।

 वहीं, आलापुर जोड़कर कुल 52 सीटों में से 37 सीटें पिछली बार (2012) सपा ने जीती थीं। बीजेपी और कांग्रेस को पांच-पांच सीटें मिली थीं। जबकि बसपा को तीन और पीस पार्टी को दो सीटें हासिल हुई थीं। श्रावस्ती, बलरामपुर, सुल्तानपुर और अंबेडकरनगर में सपा प्रत्याशियों ने हर सीट पर जीत दर्ज की थी। पांचवे चरण में 608 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। अमेठी में सबसे अधिक 24 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। सबसे कम छह उम्मीदवार सिद्धार्थनगर की कपिलवस्तु सीट पर हैं।  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के तहत 51 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार शनिवार शाम खत्म हो गया था। इस चरण के प्रचार में राजनीतिक दलों की ओर से 'गधा, कसाब और कबूतर' जैसे शब्द का जमकर इस्तेमाल किया गया।

गोंडा : तोड़ी गई EVM मशीन, आधे घंटे तक वोटिंग रही ठप

VOTING LIVE : गोंडा में तोड़ी गई EVM मशीन, आधे घंटे तक वोटिंग रही ठप
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. सोमवार को यूपी में हो रहे पांचवें चरण के मतदान के दिन शुरुवात में छिटपुट हिंसा देखें को मिली. गोंडा में वोट डालने गए एक व्यक्ति ने ईवीएम को तोड़ा दिया. पुलिस ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया. इस घटना के कारण गोंडा के कर्नलगंज विधानसभा क्षेत्र के अभईपुर में लगभग आधा घंटा मतदान बाधित रहा. जिसके बाद नई मशीन लगाकर मतदान चालू कराया गया. ईवीएम तोडऩे वाले व्यक्ति का नाम रत्नेश मिश्रा है. और वह नशे में मतदान करने आया था

Sunday, February 26, 2017

मुहं दिखाई के रूप में वोट दीजिएगा : डिम्पल यादव

  
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
जौनपुर. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी और कन्नौज सांसद डिंपल यादव ने सपा के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए पूरी ताकत से झोक दी है. इसी क्रम में उन्होंने रविवार को जौनपुर के बदलापुर विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने यहाँ लोगों से सपा के पक्ष में वोट करने की अपील करते हुए कहा कि मैं बदलापुर विधानसभा में पहली बार आयी हूँ, आप लोग मुहं दिखाई के रूप में वोट दीजिएगा. उन्होंने कहा कि यूपी में गठबंधन को 300 से ज्यादा सीटें मिलेगी.

वहीँ इससे पहले डिंपल यादव ने जौनपुर के शाहगंज में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बसपा सुप्रीमो मायावती पर जमकर निशाना साधा. डिंपल यावद ने पीएम मोदी के बिजली वाले बयान पर पलटवार करते हुए उन पर बिजली को हिंदू-मुसलमान बनाने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि जो गठबंधन पर सवाल उठा रहे हैं वो रक्षाबंधन की बात न भूलें. डिंपल ने कहा कि बुआ जी एक बार फिर राखी लेकर खड़ी हैं. डिंपल ने कहा कि कांग्रेस से गठबंधन क्या हो गया इन्हें दर्द होने लगा.

अखिलेश सरकार को आयोग ने दिया झटका, एम्बुलेंस से हटेगा 'समाजवादी' शब्द


ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो 
लखनऊ: यूपी चुनाव के लिए प्रचार अभियान में जोर-शोर से जुटे अखिलेश यादव को चुनाव आयोग ने झटका दिया है। आयोग ने सीएम अखिलेश की समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के तहत चलाई गई एम्बुलेंस पर लिखे समाजवादी शब्द को ढंकने का आदेश दिया है। आयोग के निर्देश पर लखनऊ समेत सभी जिलों में 108 समाजवादी एंबुलेंस से समाजवादी शब्द को ढका जा रहा है।  बता दें कि इस संबंध में कार्रवाई बीजेपी नेता जेपीएस राठौर की शिकायत पर गई है। इस शिकायत की जांच के बाद राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी टी वेंकटेश ने मुख्य सचिव को इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करने के लिए कहा है। मुख्य चुनाव अधि‍कारी ने कहा है कि समाजवादी एंबुलेंस सेवा जहां भी प्रिंट किया गया है, उस पर एक्शन लिया जाए। इसके तहत एंबुलेंस से समाजवादी शब्द पर स्टीकर लगाए जाएं। साथ ही चुनाव आयोग के इस आदेश के बाद अब अखिलेश इन एम्बुलेंस पर समाजवादी शब्द का उपयोग नहीं कर पाएंगे। चुनाव आयोग ने यूपी सरकार से आदेश पर तत्काल तामील कर रिपोर्ट भेजने को कहा है। दरअसल चुनाव आयोग को इस बारे में कई शिकायतें मिली थीं कि इन एम्बुलेंस के जरिये समाजवादी पार्टी का प्रचार हो रहा है। आयोग का यह आदेश ऐसे समय आया है, जब उत्तर प्रदेश के 7 चरणों में से चार चरणों का मतदान पूरा हो चुका है। उत्‍तर प्रदेश में 108 सेवा वाली 1488 और 102 सेवा वाली 782 समाजवादी एंबुलेंस कार्य कर रही हैं। बता दें, समाजवादी 108 एम्बुलेंस 14 सितम्बर 2012 को और समाजवादी 102 एम्बुलेंस 17 जनवरी 2014 को शुरू की गयी थी। बताते चले कि इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में शिकायत मिलने पर चुनाव आयोग ने लखनऊ में लगे पत्थर के तमाम हाथियों को ढंकने का आदेश दिया था। इन हाथियों को बहुजन समाज पार्टी सरकार के समय मायावती ने बनवाया था। इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव के समय भी ये समाजवादी एम्बुलेंस चर्चा में आई थी, लेकिन तब आयोग ने ऐसा आदेश नहीं दिया था।

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