Saturday, December 31, 2016

कंगना का चौंकाने वाला खुलासा, साल 2017 में करेंगीं ये काम

ब्रेक इंटरटेनमेंट ब्यूरोbollywood news, Kangna Ranaut, Hrithik Raushan, Marriage, Controversy, Arranged Marriage
मुंबई. कंगना रानौत ने अपने बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. यह पहली बार हुआ है कि उन्होंने अपने बारे में यह खुलासा किया है.
कंगना ने पहली बार खुलकर इस बात की ओर इशारा किया है कि वे नए साल 2017 में शादी कर सकती हैं. उनका कहना है कि वे अब अपनी गृहस्थी बसाने को लेकर बेहद गंभीर है और 2017 में वे इसे लेकर फैसला कर सकती हैं.
कंगना ने अपनी इमेज के उलट कहा है कि वे अरेंज मैरिज में विश्वास रखती हैं और परिवार की सहमति से ही अपने जीवनसाथी का चुनाव करेंगी.  बीत रहे साल 2016 में कंगना पूरे साल रितिक रोशन के साथ रिश्तों को लेकर विवाद में रहीं.


इन दिनों विशाल भारद्वाज की आने वाली फिल्म रंगून के हवाले से चर्चा हो रही है कि कंगना और शाहिद कपूर के रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही है और इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि शाहिद ने कंगना के साथ शूटिंग करने से मना कर दिया है. इस फिल्म को फरवरी में रिलीज होना है.

लखनऊ : कालिदास मार्ग, अखिलेश ने फिर दिखाई ताकत

80b87e98-968e-4bcb-92ac-a8c37376ecab
विवेक सिन्हा
लखनऊ. समाजवादी दंगल नाम की जिस फिल्म का ट्रेलर बीते 3 नवम्बर को देखा गया था 31 दिसंबर को उसकी पूरी फिल्म देखने को मिल गयी. समाजवादी दंगल में 3 नवम्बर को अखिलेश यादव ने जो दम दिखाया था उससे ज्यादा दम 31 दिसंबर को देखने को मिला. लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर मुलायम सिंह यादव द्वारा बुलाई गयी बैठक में जिस वक्त सिर्फ 22 विधायक पहुंचे थे उसी वक्त कालिदास मार्ग पर स्थित मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आवास पर लगभग 190 विधायक और 38 परिषद् सदस्य पहुंचे हुए थे. इन आंकड़ो ने एक बार फिर उस कहावत को सही साबित कर दिया कि “ लोग हमेशा उगते सूरज को सलाम करते हैं.”
इसके साथ ही यह भी स्थापित हो गया कि यूपी की समाजवादी राजनीति में तख्तापलट मुकम्मल हो चुका है और टीपू के सुल्तान बनाने की कवायद भी पूरी हो चुकी है. अब मसला सिर्फ यह बचा है कि समाजवादी पार्टी जैसा कोई नाम बचा रहता है या 25 साल की उम्र पूरी करते करते यह नाम भी इतिहास बन जायेगा.
लेकिन इस बात की संभावनाएं बहुत कम है, राजनीति के जानकार बताते हैं कि इस पूरे ड्रामे के बाद अखिलेश यादव ही समाजवादी पार्टी के मुखिया के तौर पर मान लिए जायेंगे और समाजवादी पार्टी भी कायम रहेगी.
लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बीच सबसे ज्यादा पराजित शिवपाल सिंह यादव हुए हैं. मुलायम सिंह के राजनितिक जीवन के एक अहम् धुरी बने रहे शिवपाल पहली बार अपनी महत्वाकांक्षा ले कर सामने आये मगर उसका अंत प्रतिकूल रहा. शिवपाल यादव के सामने अब एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
अब इस खेल में आजम खान अपनी भूमिका तलाशने में लगे हैं. ऐसे वक्त में हर पुराना नेता खुद को प्रासंगिक बनाये रखना चाहता है मगर अखिलेश के खिलाफ सिर्फ बेनी प्रसाद वर्मा ही बोले हैं. आजम खान शनिवार की सुबह मुलायम सिंह से मिलने 5 विक्रमादित्य मार्ग पर पहुंचे और दोनों के बीच 1 घंटे बातचीत हुयी. इसके बाद वे अखिलेश यादव से मिलने मुख्यमंत्री आवास पहुँच गए.  फिर अखिलेश को ले कर मुलायम सिंह से मिलने निकल गए. आजम ने पार्टी के मुस्लिम विधायको को दोपहर बाद अपने घर बुलाया है. यदि ये विधायक वहां पहुँचते हैं तो आजम खान एक भावनात्मक अपील करेंगे और पार्टी के इस हलचल को ख़त्म करने की शुरुआत हो जाएगी.
उधर 1 जनवरी को अखिलेश खेमे द्वारा बुलाई गयी  राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा का स्थल बदल दिया गया है. पहले लोहिया विश्वविद्यालय में होने वाली यह बैठक अब जनेश्वर मिश्र पार्क में सम्मलेन का रूप लेगी. इसका अर्थ यह है कि भारी भीड़ के साथ अखिलेश अपनी ताकत का मुजाहरा करेंगे.
उम्मीद है कि नए साल का पहला दिन इस पूरी कवायद को ख़त्म कर समाजवादी राजनीति में नए साल का आगाज भी करेंगा.

लखनऊ : अब क्या होगा अखिलेश का अगला कदम ?

akhilesh-new
विवेक सिन्हा
लखनऊ. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी से बाहर का रास्ता तो मुलायम सिंह ने दिखा दिया मगर अब अखिलेश खेमा क्या करेगा इस पर सबकी निगाह लगी हुयी है सूत्रों का कहना है कि इस बात का न सिर्फ अखिलेश खेमें को पहले से था बल्कि यह उनके मनमाफिक फैसला भी है. अखिलेश यादव की हमेशा से यही कोशिश थी कि या तो पार्टी में उनकी चले या फिर उन्हें पार्टी से निकल दिया जाय. बीते तीन दिनों में एक के बाद एक इसी दिशा में कदम भी उठाये जा रहे थे. रामगोपाल द्वारा राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा की बैठक बुलाने का पत्र जब जारी किया गया मुलायम के सब्र का बाँध टूट गया और रामगोपाल के साथ साथ अखिलेश  के निष्कासन की घोषणा भी हो गयी.
हांलाकि मुलायम के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव ने कहा, ‘हम ही असली समाजवादी पार्टी हैं. नेताजी अभी भी हमारे नेता हैं. मेरे पिताजी के करीबी लोग अपने फायदे के लिए उन्हें दिग्भ्रमित कर रहे हैं. हम पिछले पांच सालों के दौरान किए गए अपने कार्यों के आधार पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. लोग हमारे किए गए कामों के लिए हमें वोट करेंगे. हमने अब तक किसी के साथ गठबंधन का फैसला नहीं किया है.’
सूत्र बताते हैं कि अखिलेश खेमें ने ऐसी स्थिति के लिए तैयारियाँ पहले ही कर रखी हैं. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर द्वारा गठीत जिस “समाजवादी जनता पार्टी” को 25 साल पहले मुलायम सिंह ने छोड़ कर समाजवादी पार्टी बनायीं थी, वही अब अखिलेश यादव का संबल बनेगी. सूत्र यह भी बताते हैं कि जब 2 महीने पहले पार्टी में संघर्ष की स्थिति बनी थी उसी वक्त समाजवादी जनता पार्टी के लिए कमल मोरारका से संपर्क भी किया जा चुका था. इस सिलसिले में चंद्रशेखर के सांसद बेटे नीरज शेखर का सहयोग भी अखिलेश खेमे को मिला था. ऐसे में अखिलेश को यदि नयी पार्टी बनाने की जरुरत पड़ती है तो उसके पास समाजवादी ब्रांड भी होगा और चुनाव आयोग द्वारा स्वीकृत “बरगद” चुनाव चिह्न भी मौजूद होगा.
अखिलेश के निष्कासन के बाद समाजवादी पार्टी से इस्तीफों का दौर भी शुरू हो गया है. इस बीच अखिलेश यादव ने राज्यपाल से मिलने का वक्त भी मांग लिया है और संभवतः वे विधानसभा भंग करने की सिफारिश भी कर सकते हैं.
विश्लेषकों के एक समूह का मानना है कि अखिलेश खेमें की अगली रणनीति यह भी होगी कि समाजवादी पार्टी के अधिकांश जिलाध्यक्षो और पार्टी संगठन के लोगों को साथ ले कर एक आम सभा बुलाई जाए और उसमे शिवपाल और मुलायम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास करा दिया जाए , ऐसे में अखिलेश ही पार्टी के नए अध्यक्ष घोषित हो जायेंगे. किसी भी विवाद की दशा में यह भी होगा कि पार्टी के सिम्बल पर दावा दोनों पक्षों का होने के विवाद के कारण साईकिल का सिम्बल भी सीज करा दिया जाए. फिर बरगद चुनाव चिह्न के साथ टीम अखिलेश मैदान में उतर जाए.
हालाकि मुलायम सिंह के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे समर्थको को अखिलेश ने कडा सन्देश दिया है कि वे मुलायम सिंह के खिलाफ कोई अभद्र  नारे नहीं लगायें .जाहिर है अखिलेश अपने पिता के बारे में कोई बुरी बात नहीं सुनना चाहते साथ ही कोई ऐसा संकेत भी नहीं देना चाहते जिसासे पुराने समर्थको की आस्था को चोट पहुंचे.
अखिलेश यादव से मिलने करीब 125 विधायक भी पहुँच चुके हैं और समर्थको की भरी भीड़ अखिलेश के घर के बाहर जमा है. उन्होंने सन्देश दिया है कि वे देर रात समर्थको से भी मिलेंगे.

Friday, December 30, 2016

लखनऊ : सपा दंगल LIVE: मुलायम ने विधायकों की बुलाई बैठक लेकिन 200 MLA CM आवास पहुंचेे

mulayam-singh-yadav2
ब्रेक न्‍यूज ब्‍यूरो
लखनऊ: 
यूपी में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के लिए आज का दिन काफी अहम है। सीएम अखिलेश यादव और पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाले जाने के बाद  पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने 176 विधायकों की बैठक बुलाई है। वहीं,  अब तक 200 विधायक पहुंंचे 5 केडी मुख्यमंत्री आवास पर पहुंच चुके हैं, जहां सीएम अखिलेश यादव बैठक करेंगे। 
बैठक में शिरकत करने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 5 केडी पहुंचे हैं। भारी संख्या में विधायक, मंत्री 5KD सीएम आवास पर मौजूद हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीएम आवास में सभी विधायकों से किसी पेपर पर हस्‍ताक्षर करवाया जा रहा है। बैठक से पहले सभी विधायकों और मंत्रियों के मोबाइल जमा कराए गए हैं। सीएम अखिलेश के करीबी एमएलसी सुनील साजन ने बताया कि 185 विधायक सीएम आवास के अंदर हैं। साथ ही सपा के पूर्व महासचिव डॉ रामगोपाल यादव भी बैठक में मौजूद हैं। 
साथ ही सभी विधायकों को शाम तक सीएम आवास न छोड़ने को कहा गया है। देर तक सीएम आवास में विधायक मीटिंग के बहाने रोके जाएंगे। इस बैठक में सपा के सभी एमएलए और एमएलसी को बुलाया गया है। सूत्रों केे अनुसार मिली जानकारी के अनुसार, इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश जिला, महानगर अध्यक्षों से मीटिंग करेंगे।
वहीं, सपा दफ्तर में सपा प्रदेश अध्‍यक्ष शिवपाल सिंह यादव उम्मीदवारों से बातचीत, कर रहे हैं। सभी को पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव का इंतजार है। 
– डा. ओपी सिंह, सुभाष त्रिपाठी, मधुकर जेटली एमएलसी पहुंचे सपा दफ्तर
–  राज किशोर और डिम्पल यादव ज़मीरुल्ला खान विधायकअलीगढ पहुंचे सपा दफ्तर
– अभय सिंह, कमाल अख्तर, पवन पांडे, दुर्गा यादव, जाहिद बेग, आनंद भदौरिया मुख्यमंत्री आवास पहुँचेे
– लखीमपुर में पूर्व लोहियावहिनी जिलाध्यक्ष रियाज़ुल्ला ने सपा की सदस्यता से दिया इस्तीफा, अखिलेश के समर्थन में दिया इस्तीफा
– बस्ती में लोहिया वहिनी के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य अयाज अहमद ने अपने पद से दिया इस्तीफा, अखिलेश के समर्थन में दिया इस्तीफा
– कौशाम्बी में सपा के जिला महासचिव गुलाम हुसैन ने दिया पद से इस्तीफा अखिलेश यादव को पार्टी से निकले जाने से नाराज
–  लखनऊ के जिला सचिव व मीडिया प्रभारी एस के सत्येन ने मुख्यमंत्री के समर्थन में समर्थकों समेत दिया इस्तीफा
– मंत्री शिवप्रताप यादव सी एम आवास पहुंचे कहा नेता जी ने ही अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने को सिखाया है तो अखिलेश जी के साथ हूँ
– मनोज सिंह, अभिलाष मिश्रा, जियाउर्रहमान बर्क़, शाहिद मंज़ूर, इकबाल महमूद, कुलदीप सेंगर समेत कई विधायक 5 केडी पर मौजूद
– सीएम को पार्टी से निकाले जाने से नाराज अखिलेश समर्थको ने मुग़लसराय में फुकां शिवपाल का पुतला 
– सपा के घोषित उम्मीदवारों के सपा दफ्तर पहुँचने का सिलसिला शुरू,लेकिन अभी तक नहीं पहुंचा कोई मौजूदा विधायक
– मुलायम के संसदीय क्षेत्र में अखिलेश के समर्थन में लगी इस्तीफों की झड़ी, हजारों कार्यकर्ता सीएम के समर्थन में
– अखिलेश यादव को हटाए जाने के बाद जिला उपाध्यक्ष पवन मावी ने दिया पद से इस्तीफ़ा, कहा नेताजी फैसले पर पुनर्विचार करें
– विधायक गजाला लारी को सीएम आवास में घुसने पर प्रतिबंध, वापस लौटाई गई
– अखिलेश की बैठक से रायबरेली के बछरावां विधायक राम लाल अकेला और सलोन विधायक आशा किशोर ने किया किनारा
वहीं, सपा के लखनऊ स्थित कार्यालय में होने वाली इस बैठक में मुलायम सिंह यादव विधायकों के सामने ये प्रस्ताव रख सकते हैं कि अखिलेश यादव की जगह किसी दूसरे नेता को विधायक दल का नेता चुनें। इस बैठक से ये भी साबित हो जाएगा कि कितने विधायक मुलायम सिंह यादव के साथ हैं और कितने मुख्यमंत्री अखिलेश खेमे में हैं।
लखनऊ के राजनीतिक गलियारे में ये भी चर्चा है कि अखिलेश यादव आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। साथ ही ये भी देखना दिलचस्प होगा कि उनके समर्थक विधायक और नेता पार्टी से इस्तीफा देते हैं या नही। हालांकि गुरुवार को पार्टी से निकाले जाने के बाद अखिलेश यादव ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा था कि समाजवादी पार्टी उनकी है।

Thursday, December 29, 2016

बस्ती : संग्रह अमीनों का डीएम कार्यालय पर धरना

Collection of amino encompass DM office

राजस्व संग्रह अमीन संघ ने डीएम कार्यालय पर दिया धरना।

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
बस्ती : प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर राजस्व संग्रह अमीन संघ ने बृहस्पतिवार को डीएम कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष संतोष कुमार शुक्ल ने किया। प्रमुख सचिव राजस्व को संबोधित सात सूत्रीय मांग पत्र डीएम को दिया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष मस्तराम वर्मा ने कहा कि कर्मचारियों के समक्ष तमाम चुनौतियां है। मांगों को लेकर शासन व प्रशासन से मुखर होना पड़ता है। उपाध्यक्ष राम आधार पाल व मंत्री तौलू प्रसाद ने कहा कि सरकार का खजाना भरने वाला प्रदेश का राजस्व संग्रह अमीन आंदोलित हैं।
सरकार वेतन विसंगतियों का निस्तारण शीघ्र करे। प्रमुख मांगो में खंडित सेवा से जोड़ा जाना, ग्रेड पे 2000 से बढ़ाकर 2800 करना, संवर्ग की योग्यता स्नातक होना, राजस्व संग्रह अधिकारी नाम से जाना जाए और प्रमोशन पूर्व की भांति नायब तहसीलदार के पद पर किए जाने सहित अन्य मांगें शामिल हैं। संचालन अरविंद कुमार उपाध्याय ने किया। राम प्रकाश चौधरी, सुभाष चन्द्र चौबे, प्रताप नरायन शुक्ल, ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने संबोधित किया। इस मौके पर विनोद कुमार शुक्ल, छोटेलाल, राकेश कुमार शुक्ल, राम नरायन सिंह, राजेश गुप्ता, तिलक राम, बेचन राम, हरि प्रकाश सिंह, दिनेश आदि रहे। 

महराजगंज : मानदेय तीस हजार करने की मांग

Updated Fri, 30 Dec 2016 12:29 AM IST
Thirty thousand demanding honorarium

प्रदर्शन कियाPC: ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो

 तीस हजार मानदेय करने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को तीसरे दिन भी समायोजन से वंचित शिक्षा शिक्षामित्रों ने मुख्यालय पर अनिश्चित कालीन धरना तीसरे दिन जारी रहा। 
आर्दश शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष हरिकेश चन्द्र पाठक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मंशा के अनुरूप समान कार्य समान वेतन को ध्यान में रखते हुए सूबे की सरकार को अविलंब असमायोजित शिक्षामित्रों का मानदेय वृद्धि करते हुए तीस हजार प्रतिमाह कर दिया जाए। सरकार अगर समय रहते इस प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 
   शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता ने कहा कि शिक्षा मित्र संगठन अपने एकता के दम पर पूरे सूबे ही नहीं, बल्कि पूरे देश को अपनी ताकत का एहसास कराया है। ऐसे में सरकार जल्द ही असमायोजित शिक्षा मित्रों की मांग पर विचार नहीं करती है तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। राजेश प्रजापति ने कहा कि समायोजित शिक्षा मित्र किसी भी दिशा में असमायोजित मित्रों के साथ है। रुद्र प्रताप शर्मा ने कहा कि सरकार कोर्ट का हवाला देकर समायोजन से किनारा बना रही है। लेकिन मानदेय वृद्धि में कोर्ट का कोई दबाव नहीं है। 
   इस दौरान रविन्द्र यादव, महेन्द्र वर्मा, चन्द्रशेखर, टुनटुन मिश्रा, सविता सिंह, महेश सिंह, दिनेश कुमार ओझा, जितेन्द्र मिश्र के अलावा तमाम शिक्षा मित्र उपस्थित रहे।

बाराबंकी : अखिलेश की सूची में गोप व रामगोपाल को टिकट

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
बाराबंकी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार देर शाम जारी प्रत्याशियों की सूची में कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप और विधायक रामगोपाल रावत को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है। बुधवार को सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की तरफ से जारी सूची में रामनगर से गोप के स्थान पर बेनीप्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को प्रत्याशी बनाया गया था। जैदपुर से रामगोपाल के स्थान पर बसपा से आए राम नरायण रावत का नाम था। 
कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप और जैदपुर विधायक रामगोपाल रावत का नाम बुधवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव द्वारा जारी की गई प्रत्याशियों की सूची में नहीं था। बृहस्पतिवार को सीएम अखिलेश ने अपने प्रत्याशियों की जो सूची जारी की है, उसमें अरविंद सिंह गोप व विधायक रामगोपाल रावत को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अधिकृत किया गया है।

सीएम की सूची जारी होने के बाद जिले में एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। सपा समर्थक भी इस असमंजस में पड़ गए हैं कि आखिर किसके पाले में हाजिरी दर्ज कराई जाए।

चाचा-भतीजे की लड़ाई के बाद से गोप सीएम अखिलेश यादव के  काफी करीब होते गए। इसी का नतीजा था कि लखनऊ में जब सीएम ने रथ यात्रा निकाली थी तो उसका संचालन भी गोप ने किया था। नोटबंदी के बाद जब बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लखनऊ में प्रदर्शन किया तो वहां भी गोप अखिलेश के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद थे।

इसीलिए गोप का टिकट कटना मुख्यमंत्री के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था। बेनीप्रसाद वर्मा से अपनी दोस्ती निभाते हुए मुलायम ने गोप के स्थान पर उनके बेटे राकेश वर्मा को रामनगर से प्रत्याशी घोषित किया है।

अब जिले में अखिलेश व मुलायम के घोषित प्रत्याशियोें में कौन बाजी मारेगा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन जिले के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। इस मामले में सपा के जिला अध्यक्ष कुलदीप सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। 

गोंडा : नोटबंदी से हुआ मंदा प्रापर्टी का धंधा

Property business were down by Notbandi

रजिस्ट्री कार्यालय में पसरा सन्नाटाPC: ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो

नोटबंदी के प्रभाव से रियल स्टेट का कारोबार चौपट हो गया है। रियल एस्टेट के कारोबार में 70 फीसदी की गिरावट आई है। नोटबंदी की दहशत से प्रापर्टी का धंधा मंदा हो गया है। बीते 50 दिनों में निबंधन विभाग को 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।  
सुभाष सिंह ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो गोंडा: आठ नवबंर से पहले जिले की चार तहसीलों के रजिस्ट्री कार्यालयों में एक माह में औसतन डेढ़ हजार रजिस्ट्री हुआ करती थीं। इससे चारों तहसीलों में विभाग को 15 से 20 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलता था। मगर नोटबंदी के बाद से जांच की दहशत के कारण लोगों ने रजिस्ट्री ऑफिस की ओर रुख करना छोड़ दिया। इससे रजिस्ट्री में 70 फीसदी की गिरावट आ गई। इससे महकमे को 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

सब रजिस्ट्रार रेवेन्यू में आई गिरावट का कारण नोटबंदी के साथ ही बैंकों से रुपयों के निकासी की लिमिट को मानते हैं। कारण साफ है कि रुपये निकासी की लिमिट के कारण लोग जरूरत के स्टांप नहीं खरीद पा रहे हैं। 

फैक्ट फाइल      
तहसील-सदर      
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-1252      
स्टैंप ड्यूटी-32427673 रुपये      
रजिस्ट्री फीस-10436900 रुपये  

नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-440      
स्टैंप ड्यूटी-10712390 रुपये     
रजिस्ट्री फीस-3673430 रुपये   

  

तहसील-तरबगंज      
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-1329      
स्टैंप ड्यूटी-15011761 रुपये     
रजिस्ट्री फीस-4886190 रुपये

नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-848      
स्टैंप ड्यूटी-4888151     रुपये   
रजिस्ट्री फीस-2328510   रुपये     


तहसील-मनकापुर      
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-842      
स्टैंप ड्यूटी-9397840   रुपये     
रजिस्ट्री फीस-3827445   रुपये  
   
नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-371      
स्टैंप ड्यूटी-4083100    रुपये    
रजिस्ट्री फीस-1611060    रुपये  

  
तहसील-करनैलगंज      
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-1073      
स्टैंप ड्यूटी-12545575   रुपये     
रजिस्ट्री फीस-4930050      रुपये

नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-543      
स्टैंप ड्यूटी-947430    रुपये    
रजिस्ट्री फीस-1216070 रुपये  

नोटबंदी से पिछले 50 दिनों से लोगों को बैंक में कई-कई दिनों तक लाइन लगानी पड़ी। केन्द्र सरकार ने रुपयों के निकासी की लिमिट तय कर दी। इससे लोगों को जितने रुपये मिल रहे हैं उतने रुपयों में लोग किसी तरह से घरेलू खर्च चला रहे हैं। जब तक केन्द्र सरकार रुपये निकासी की लिमिट नहीं बढ़ाएगी, तब तक लोग न तो स्टांप खरीद पाएंगे और नहीं प्रापर्टी की खरीद हो सकेगी। पिछले 50 दिनों में रियल स्टेट के कारोबार में 80 फीसदी की गिरावट आई है।       
-सुधांशु त्रिपाठी, डायरेक्टर पारसनाथ रियल स्टेट प्राईवेट लिमिटेड 

नोटबंदी के बाद अधिकांश लोग तो दहशत में आ गए हैं। लोग सरकार का रुख देखने में लगे हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि रियल स्टेट का कारोबार थम गया है। बैंकों से रुपयों के निकासी की लिमिट निर्धारित होने से लोगों का 50 दिन पूरा होने के बाद खर्च तो चलने लगा है। मगर प्रापर्टी खरीदने के नाम पर हर कोई चुप्पी साधे है। पिछले 50 दिनों में रियल स्टेट के कारोबार में 70 फीसदी की गिरावट आई है।       
-रमेश कुमार, प्रोपराईटर, आरके प्रापटी

गोंडा : फेसबुक पर पोस्ट की प्रधानमंत्री की आपत्तिजनक फोटो

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
गोंडा 
सोशल साइट फेसबुक पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया का आपत्तिजनक फोटो पोस्ट करना एक युवक को मंहगा पड़ गया। तरबगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति ने इस संबंध में पोस्ट करने वाले युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 
तरबगंज थाना क्षेत्र के रामापुर गांव निवासी घनश्याम जायसवाल ने बताया कि उसने सोशल साइट फेसबुक पर गुरुवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया की आपत्तिजनक फोटो देखी।

घनश्याम ने बताया कि फेसबुक पर सुरेंद्र पाल हम बसपाई के नाम से अकाउंट चलाने वाले एक युवक ने 27 दिसंबर को जो फोटो पोस्ट की है, उसमें प्रधानमंत्री व विहिप नेता की आपत्तिजनक फोटो है। इसके साथ ही भाइयों कितने दिन बचे हैं का हैशटैग दिया गया है। घनश्याम का कहना है कि फेसबुक पर इस प्रकार की फोटो अपलोड करना प्रधानमंत्री के साथ-साथ देश का भी अपमान है और इससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है।

इस मामले में आरोपी सुरेंद्र पाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तरबगंज थाने में तहरीर दी है। साथ ही घनश्याम ने इस फोटो की स्कैन कॉपी भी पुलिस को सौंपी है। थानाध्यक्ष तरबगंज अशोक सिंह का कहना है कि मामला साइबर क्राइम से जुड़ा हुआ है। पूरी पड़ताल के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। मामले की जांच उपनिरीक्षक चंद्रपाल सिंह से कराई जा रही है।

लखनऊ : अखिलेश ने जारी की अपनी लिस्ट, सपा में बगावत जारी

akhilesh
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. टिकट बंटवारे को लेकर समाजवादी परिवार में घमासान जारी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने 167 उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए यह साफ़ कर दिया है कि वह उत्तर प्रदेश के चुनाव में जनता के बीच अपने साथियों और विकास को लेकर जाएँगे.
मंगलवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के 325 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी जिसमें अखिलेश के करीबियों के नाम गायब थे. इस सूची के जारी करने के बाद से ही एक बार फिर समाजवादी कुल-कलह शुरू हो गई थी.
आज अखिलेश यादव, शिवपाल यादव और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के बीच मीटिंग भी हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला. इसके बाद अखिलेश यादव ने अपने करीबी विधायकों के साथ बैठक की और गहन मंथन किया. मीटिंग से बहार निकलने के बाद मलीहाबाद के विधायक इंदल सिंह ने सूचना दी कि सीएम यादव जल्द ही अपनी लिस्ट जारी करंगे और सभी प्रत्याशी अलग-अलग सिम्बल पर चुनाव लड़ेंगे. इस मीटिंग के बाद मंत्री पवन पांडे ने कहा कि अयोध्या से लड़ेंगे चुनाव, जीतकर आएंगे, सीएम ने क्षेत्र में जाकर तैयारी करने के निर्देश दिए है.

Wednesday, December 28, 2016

यूपी चुनाव: मुलायम ने घोषित किए 325 उम्मीदवार, अखिलेश के करीबियों का टिकट कटा

mulayamब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर यूपी विधानसभा चुनाव के लिए 325 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इस दौरान मुलायम ने कहा कि इनमें से 176 ऐसी सीटें हैं, जहां वर्तमान में सपा के विधायक हैं। मुलायम ने यह भी कहा कि बची हुई 78 सीटों पर बाद में उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे। इसी क्रम में मुुलायम ने एक अहम घोषणा करते हुए कहा कि यूपी चुनाव को लेकर सपा किसी भी राजनीतिक पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी।    
यूपी चुनाव से पहले टिकट बंटवारे को लेकर सपा में जो विवाद छिड़ा है, उसको लेकर भी मुलायम सिंह यादव ने बयान दिया है। मुलायम ने कहा कि हमारी पार्टी में सभी नेता अनुशासित हैं। टिकट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है। पार्टी में कोई झगड़ा नहीं है। बता दें कि, अभी एक दिन पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने चेतावनी देते हुए कहा था कि पार्टी के सीाी नेता अनुशासित रहें, अन्यथा उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। 
मुलायम ने काटा अखिलेश से करीबियों का टिकटमुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के कई करीबियों का टिकट काट दिया हैै। नाम काटे जाने वालों में सबसे ऊपर अरविंद सिंह गोप और पवन पांडेय हैं। बताया जा रहा है कि मंत्री बनने के बाद दोनों नेताओं के खिलाफ पार्टी अनुशासनहीनता का आरोप है। 
नए नोट का कागज रद्दी है
– मुलायम ने यहां नोटबंदी को लेकर बीजेपी पर हमला किया- नोटबंदी से किसान, मजदूर, व्यापारी को नुकसान हुआ। नए नोट का कागज रद्दी है।
– हमारी सरकार ने पढ़ाई, सिंचाई, मुफ्त करके दिखाया। किसानों का कर्जा भी हमने माफ किया।
– किसान की जमीन कभी नीलाम नहीं हो सकती है, चाहे जितना कर्ज हो किसान पर।
अखिलेश जहां से चाहेंगे मिलेगा टिकट
– मुलायम सिंह ने अखिलेश के बुंदेलखंड से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि अखिलेश जहां से चाहेंगे चुनाव लड़ेंगे।
– उनके टिकट मांगने की बात मुझे नहीं पता।
यहां देखिए घोषित किए गए 325 उम्‍मीदवारों की सूची….
a1

a7

a6

a5

a2

a3
a4

All

SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौ...