रजिस्ट्री कार्यालय में पसरा सन्नाटाPC: ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
नोटबंदी के प्रभाव से रियल स्टेट का कारोबार चौपट हो गया है। रियल एस्टेट के कारोबार में 70 फीसदी की गिरावट आई है। नोटबंदी की दहशत से प्रापर्टी का धंधा मंदा हो गया है। बीते 50 दिनों में निबंधन विभाग को 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सब रजिस्ट्रार रेवेन्यू में आई गिरावट का कारण नोटबंदी के साथ ही बैंकों से रुपयों के निकासी की लिमिट को मानते हैं। कारण साफ है कि रुपये निकासी की लिमिट के कारण लोग जरूरत के स्टांप नहीं खरीद पा रहे हैं।
फैक्ट फाइल
तहसील-सदर
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े
कुल रजिस्ट्री-1252
स्टैंप ड्यूटी-32427673 रुपये
रजिस्ट्री फीस-10436900 रुपये
नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े
कुल रजिस्ट्री-440
स्टैंप ड्यूटी-10712390 रुपये
रजिस्ट्री फीस-3673430 रुपये
तहसील-तरबगंज
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े
कुल रजिस्ट्री-1329
स्टैंप ड्यूटी-15011761 रुपये
रजिस्ट्री फीस-4886190 रुपये
नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े
कुल रजिस्ट्री-848
स्टैंप ड्यूटी-4888151 रुपये
रजिस्ट्री फीस-2328510 रुपये
तहसील-मनकापुर
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े
कुल रजिस्ट्री-842
स्टैंप ड्यूटी-9397840 रुपये
रजिस्ट्री फीस-3827445 रुपये
नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े
कुल रजिस्ट्री-371
स्टैंप ड्यूटी-4083100 रुपये
रजिस्ट्री फीस-1611060 रुपये
तहसील-करनैलगंज
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े
कुल रजिस्ट्री-1073
स्टैंप ड्यूटी-12545575 रुपये
रजिस्ट्री फीस-4930050 रुपये
नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े
कुल रजिस्ट्री-543
स्टैंप ड्यूटी-947430 रुपये
रजिस्ट्री फीस-1216070 रुपये
नोटबंदी से पिछले 50 दिनों से लोगों को बैंक में कई-कई दिनों तक लाइन लगानी पड़ी। केन्द्र सरकार ने रुपयों के निकासी की लिमिट तय कर दी। इससे लोगों को जितने रुपये मिल रहे हैं उतने रुपयों में लोग किसी तरह से घरेलू खर्च चला रहे हैं। जब तक केन्द्र सरकार रुपये निकासी की लिमिट नहीं बढ़ाएगी, तब तक लोग न तो स्टांप खरीद पाएंगे और नहीं प्रापर्टी की खरीद हो सकेगी। पिछले 50 दिनों में रियल स्टेट के कारोबार में 80 फीसदी की गिरावट आई है।
-सुधांशु त्रिपाठी, डायरेक्टर पारसनाथ रियल स्टेट प्राईवेट लिमिटेड
नोटबंदी के बाद अधिकांश लोग तो दहशत में आ गए हैं। लोग सरकार का रुख देखने में लगे हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि रियल स्टेट का कारोबार थम गया है। बैंकों से रुपयों के निकासी की लिमिट निर्धारित होने से लोगों का 50 दिन पूरा होने के बाद खर्च तो चलने लगा है। मगर प्रापर्टी खरीदने के नाम पर हर कोई चुप्पी साधे है। पिछले 50 दिनों में रियल स्टेट के कारोबार में 70 फीसदी की गिरावट आई है।
-रमेश कुमार, प्रोपराईटर, आरके प्रापटी
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