Thursday, December 29, 2016

गोंडा : नोटबंदी से हुआ मंदा प्रापर्टी का धंधा

Property business were down by Notbandi

रजिस्ट्री कार्यालय में पसरा सन्नाटाPC: ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो

नोटबंदी के प्रभाव से रियल स्टेट का कारोबार चौपट हो गया है। रियल एस्टेट के कारोबार में 70 फीसदी की गिरावट आई है। नोटबंदी की दहशत से प्रापर्टी का धंधा मंदा हो गया है। बीते 50 दिनों में निबंधन विभाग को 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।  
सुभाष सिंह ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो गोंडा: आठ नवबंर से पहले जिले की चार तहसीलों के रजिस्ट्री कार्यालयों में एक माह में औसतन डेढ़ हजार रजिस्ट्री हुआ करती थीं। इससे चारों तहसीलों में विभाग को 15 से 20 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलता था। मगर नोटबंदी के बाद से जांच की दहशत के कारण लोगों ने रजिस्ट्री ऑफिस की ओर रुख करना छोड़ दिया। इससे रजिस्ट्री में 70 फीसदी की गिरावट आ गई। इससे महकमे को 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

सब रजिस्ट्रार रेवेन्यू में आई गिरावट का कारण नोटबंदी के साथ ही बैंकों से रुपयों के निकासी की लिमिट को मानते हैं। कारण साफ है कि रुपये निकासी की लिमिट के कारण लोग जरूरत के स्टांप नहीं खरीद पा रहे हैं। 

फैक्ट फाइल      
तहसील-सदर      
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-1252      
स्टैंप ड्यूटी-32427673 रुपये      
रजिस्ट्री फीस-10436900 रुपये  

नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-440      
स्टैंप ड्यूटी-10712390 रुपये     
रजिस्ट्री फीस-3673430 रुपये   

  

तहसील-तरबगंज      
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-1329      
स्टैंप ड्यूटी-15011761 रुपये     
रजिस्ट्री फीस-4886190 रुपये

नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-848      
स्टैंप ड्यूटी-4888151     रुपये   
रजिस्ट्री फीस-2328510   रुपये     


तहसील-मनकापुर      
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-842      
स्टैंप ड्यूटी-9397840   रुपये     
रजिस्ट्री फीस-3827445   रुपये  
   
नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-371      
स्टैंप ड्यूटी-4083100    रुपये    
रजिस्ट्री फीस-1611060    रुपये  

  
तहसील-करनैलगंज      
नोटबंदी से पहले 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-1073      
स्टैंप ड्यूटी-12545575   रुपये     
रजिस्ट्री फीस-4930050      रुपये

नोटबंदी से 50 दिनों के आंकड़े      
कुल रजिस्ट्री-543      
स्टैंप ड्यूटी-947430    रुपये    
रजिस्ट्री फीस-1216070 रुपये  

नोटबंदी से पिछले 50 दिनों से लोगों को बैंक में कई-कई दिनों तक लाइन लगानी पड़ी। केन्द्र सरकार ने रुपयों के निकासी की लिमिट तय कर दी। इससे लोगों को जितने रुपये मिल रहे हैं उतने रुपयों में लोग किसी तरह से घरेलू खर्च चला रहे हैं। जब तक केन्द्र सरकार रुपये निकासी की लिमिट नहीं बढ़ाएगी, तब तक लोग न तो स्टांप खरीद पाएंगे और नहीं प्रापर्टी की खरीद हो सकेगी। पिछले 50 दिनों में रियल स्टेट के कारोबार में 80 फीसदी की गिरावट आई है।       
-सुधांशु त्रिपाठी, डायरेक्टर पारसनाथ रियल स्टेट प्राईवेट लिमिटेड 

नोटबंदी के बाद अधिकांश लोग तो दहशत में आ गए हैं। लोग सरकार का रुख देखने में लगे हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि रियल स्टेट का कारोबार थम गया है। बैंकों से रुपयों के निकासी की लिमिट निर्धारित होने से लोगों का 50 दिन पूरा होने के बाद खर्च तो चलने लगा है। मगर प्रापर्टी खरीदने के नाम पर हर कोई चुप्पी साधे है। पिछले 50 दिनों में रियल स्टेट के कारोबार में 70 फीसदी की गिरावट आई है।       
-रमेश कुमार, प्रोपराईटर, आरके प्रापटी

No comments:

All

SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौ...