Friday, August 17, 2018

देवरिया : बालिका कांड में 122 पुलिस कर्मियों की लिस्ट तैयार, सभी के निलंबन की तैयारी



टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
देवरिया के बालगृह बालिका कांड में पुलिस अधीक्षक, सीओ, इंस्पेक्टर व चौकी प्रभारी पर कार्रवाई के बाद महकमे में खलबली मची हुई है। इसके अलावा 122 पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। 23 जून 2017 को संस्था पर प्रतिबंध के बाद सभी पुलिस कर्मियों ने गिरिजा त्रिपाठी की संस्था में लड़कियों को भेजा था। जांच पड़ताल के बाद थानेदार, विवेचक उप निरीक्षक, महिला पुलिसकर्मी की लापरवाही उजागर हुई है। निलंबन के अलावा इन सभी पर विभागीय कारवाई भी होगी, जिसकी रिपोर्ट शासन में भेजी जाएगी।सूत्रों का कहना है कि 20 अगस्त तक कार्रवाई होने की उम्मीद है, सूची तैयार होने के बाद पुलिस कर्मी परेशान हैं। उच्चाधिकारियों पर गाज गिराने के बाद डीजीपी कार्यालय ने उन सभी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की बात कही है, जिन्होंने प्रतिबंध के बाद संस्था में लड़कियों को सौंपा था। शासन ने इसे घोर लापरवाही माना है। ऐसे पुलिस कर्मियों की सूची तैयार कर ली गई है जिसमें संस्था में लड़कियों के दाखिले से लेकर विवेचक के पीएनओ नंबर, उनका पता समेत अन्य बिंदुओं को जुटाया गया।सूत्रों का कहना है कि कुछ थानेदारों को छोड़ दिया जाए तो करीब आधे से अधिक थानेदार, तीन दर्जन से अधिक उपनिरीक्षक विवेचक और महिला पुलिसकर्मी जांच के घेरे में आ गए। 122 लापरवाह पुलिसकर्मियों की लिस्ट बनकर तैयार है। पुलिस अधीक्षक की ओर से जारी पत्र का हवाला शासन में भेजा गया। जिसका मतलब साफ था कि मातहतों ने एसपी के निर्देशों को नजरअंदाज किया।सूत्रों का कहना है कि एसपी, सीओ, इंस्पेक्टर पर हुई कार्रवाई पर अगर शासन संतुष्ट हो जाता है तो महकमे में फेरबदल ही होगा, नहीं तो बड़ी कार्रवाई संभव है। मुखबिर फेल, नाकाम रही एलआइयू पर्दाफाश के बाद सवालों के घेरे में आई पुलिस का मुखबिर तंत्र फेल हो गया। संस्था में लड़कियों से काम कराए जाने की शिकायत पहले से थी, लेकिन पुलिस की ओर से जानकारी होने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। पूरे घटना में एलआइयू की भूमिका पर अब सवाल उठने लगे हैं।
एडीजी क्राइम ने मातहतों के साथ की मीटिंग इस बीच मामले की जांच कर रही एसआइटी में शामिल एडीजी क्राइम संजय सिंघल गुरुवार की शाम पांच बजे देवरिया पहुंचे। पुलिस लाइन में उन्होंने टीम के अन्य सदस्यों के साथ मी¨टग की और केस के संबंध में एसटीएफ से जानकारी जुटाई। देर रात तक पुलिस लाइन में विवेचना के संबंध में जानकारी जुटाते रहे। उन्होंने टीम को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया।विवेचना प्रगति को लेकर एसआइटी को बीस अगस्त को हाईकोर्ट में पेश होना है। फटकार के बाद एसआइटी ने जांच तेज कर दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर छह अगस्त एडीजी क्राइम संजय सिंघल ने मामले की जांच शुरू की। उनके साथ एसपी पूनम, भारती सिंह भी जांच टीम में शामिल है। प्रारंभिक पड़ताल के बाद 11 अगस्त को संजय सिंह लखनऊ से होते हुए इलाहाबाद पहुंचे।विवेचना की निगरानी टीम में शामिल एसपी पूनम, भारती ¨सह कर रही थी। करीब छह दिन की जांच पड़ताल में एसआइटी लग्जरी कार, वीआइपी और पीड़ित लड़कियों के बारे में जानकारी नहीं जुटा पाई। विवेचना से असंतुष्ट कोर्ट ने एसआइटी को फटकार लगा चुकी है। अनसुलझे पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कोर्ट ने एसआइटी को तत्काल उन्हें विवेचना में उजागर करने को कहा।

Monday, August 13, 2018

धोखे से महिला की हड़पी जमीन,न्याय ना मिलने पर महिला ने दी आत्मदाह की धमकी


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
बाराबंकी : कोतवाली हैदरगढ़ के बेलवा मजरे बहुता निवासी बेवा महिला छेदना पत्नी जगन्नाथ सहित महिला के पुत्रगण हेमराज और रामकेश ने सीओ हैदरगढ़ को तहरीर देकर धोखे से तीन साल पहले करीब 2 बीघे जमीन लिखा लेने को लेकर आत्मदाह की धमकी दी।


तहरीर के अनुसार महिला ने आरोप लगाया है की विपक्षीगण को 19 नवंबर 2015 को गाटा संख्या 558, 443, 591, 422 की करीब 7 बिस्वा जमीन का और 595 गाटा संख्या का बैनामा 22 नवंबर 2015 को किया था। आरोप लगाया की विपक्षी जन ने अनपढ़ होने का फायदा उठाकर हेराफेरी करके बिना पैसा दिया सभी भाग का बैनामा राजकुमारी पत्नी रामानंद निवासी बेलवा ने करा लिया और स्वयं रामानंद सहित संत प्रसाद निवासी दरियाव सिंह पुरवा धोखा देंने के लिए गवाह भी बन गए। महिला का कहना है की वह भूमिहीन और बेवा है ऐसे में उसके पास कोई भी जीवनयापन का साधन नही है 3साल से न्याय की आस में भटक रही है और कप्तान पुलिस सहित कई कार्यालयों के चक्कर काट चुकी है। महिला ने कहा कि वो भुखमरी के कगार पर है अगर इंसाफ न मिला तो पुलिस अधीक्षक कार्यलय के सामने सपरिवार आत्मदाह करने की चेतावनी दी है।

शौच के लिए गई दलित युवती का बाग में फांसी पर लटकता मिला शव, मचा हड़कंप




 टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
प्रतापगढ़ः सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद प्रदेश में महिलाएं आए दिन अपराधिक घटनाओं का शिकार हो रही हैं। ताजा मामला प्रतापगढ़ का है। यहां शौच के लिए गई दलित छात्रा का शव एक बाग में फांसी के फंदे पर झूलता मिला। युवती का शव देखते ही इलाके में हड़कंप मच गया।

घटना महेशगज कोतवाली के रामनगर चेरई लालमन पुरवा की है। यहां की रहने वाली दलित युवती हाई स्कूल की छात्रा बताई जा रही है। वह शौच के लिए घर से निकली थी। इसके बाद युवती का शव एक बाग में पेड़ से लटका हुआ मिला। जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने युवती के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही इस घटना का खुलासा होगा।

सूबे के मुखिया की आधा दर्जन यात्रा फिर भी नही सुधर सकी रामनगरी की तस्वीर



टीम ब्रेक न्यूज़ वेब डेस्क 
अयोध्या : सुनने में शायद अजीब लगे लेकिन यह धरातली हकीकत है कि प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनपद में छटवीं बार आगमन पर भी रामनगरी की सूरत नहीं बदल सकी। बात चाहे शहर के विकास की हो या फिर परिवेश के विकास की लेकिन सबकुछ पहले जैसा ही है। इस हकीकत पर पर्दा डालने के लिए अगर बदलाव की कुछ कोशिश हुई भी है तो वह महज धार्मिक आयोजनों तक सीमित है। ऐसे में सूबे के मुखिया से जनता को सरकार के कार्यकाल में विकास के नाम पर क्या मिल पायेगा यह बड़ा सवाल है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रामनगरी से प्रेम कोई छुपा नही है। बल्कि सार्वजनिक सत्य है। मुख्यमंत्री बनने से पहले भी बतौर गोरखपुर के सांसद रहते हुए वे विभिन्न मौकों पर रामनगरी के प्रति अपनी आस्था और प्रेम निवेदित करते रहे है।


रामनगरी को उस वक्त भी उनका उतना ही समय मिलता था जितना कि वे आज अपने व्यस्ततम कार्य में से देते है। जो उनकी अनुराग भावना को प्रर्दशित करता है।मुख्यमंत्री बनने के बाद से अबतक योगी आदित्यनाथ करीब 5 बार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या आ चुकें, जिनमें से कुछ बार उनका रात्रि प्रवास भी हुआ। बतौर मुख्यमंत्री उनके प्रथम आगमन पर अयोध्या वासियों को विकास की काफी अपेक्षाएं थी। और यह अपेक्षाएं तब परवान चढ़ गयी जब उनके प्रथम आगमन के बाद से सूबे की सरकार के कई नुमाइंदों ने अपनी अपनी यात्रा के दौरान विकास संबंधित तमाम घोषणाएं कर डाली इनमें से कई घोषणाओं के अमली जामा की नाम जोख भी शुरू हुई। लेकिन वजह चाहे जो भी हो यह जामा पहनाने की नौबत तक नही पहुंच सका। और हालात जस के तस है। जिसकी बानगी राम की पैड़ी कराह कराह कर बया कर रही है। जिसका अब तक शासन के करीब दर्जन भर नुमाइंदों ने नजदीक जाकर हाल पूछा लेकिन कोई उसके दर्द को दूर न कर सका। केवल यह कहते हुए कि एक बड़े धर्मनगरी के पैटर्न पर इसका विकास होगा। खाका तैयार है,काम चल रहा है।
दूसरी तरह सरकार का सबसे अहम दावा गड्ढा मुक्त सड़क यहां पूरा न हो सका। बात चाहे राष्ट्रीय राजमार्ग की हो यह फिर राजमार्ग की दोनों रास्तों पर ही हल्की बरसात से विकराल होते गड्ढे अपने गहरे जख्म पर शासन के औपचारिक मरहम की गवाही दे रहे हैं।जो कारगर साबित नही हो सका। मजबूरन बड़े राजमार्ग तो दूर गलि और कूचें भी इसकी चपेट में है। और सड़कों की पहचान गड्ढे मुक्त की बजाय गड्ढा युक्त के रूप में होने लगी है।
सरकार बनते ही जिले को सरकार का सबसे बड़ा तोहफा नगर निगम के रूप में मिला करीब 6 महीने बीत गए नगर निगम जब अपना कार्यालय नही बनवा सका तो रामनगरी वासियों को क्या देगा ये सवाल आम लोगों की जुबान पर सामान्य हो गये है। कागजी तौर पर सीवर प्लान लगभग तैयार खुदाई भी पूरी हो गयी और पाइपें भी बिछ गयी लेकिन जलभराव पहले जैसा है। जिसकी परिभाषा बिड़ला धर्मशाला, श्रृंगार हाल, सब्जी मंडी, जानकी महल और शहर के कई इलाकें चिल्ला चिल्ला के देते है। इस शहर के जलवान पुरा का सुर सबसे ऊपर है, मोहल्ले का मालिक भगवान ही है। जो न तो शासन के समझ में आ रहा न ही प्रशासन के। वस्तुतः स्थानीय जनों को हल्की बारिश में भी विकास समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है। स्नान घाटों पर आरती नित्य होती है। जनप्रतिनिधि सूबे के मुखिया तक अपनी आस्था का संदेश पहुंचाने के मकसद से अक्सर जुटते है। और पूरी श्रद्धा से पावन सलिला मां सरयू की आरती करते है। लेकिन ऋणमोचन घाट से संत तुलसी दास घाट तक फैली गन्दगी को दूर करने का साहस किसी भी जनप्रतिनिधि में मुखर नही हो सका। और तो और ऋणमोचन घाट पर नालों का पानी सरयू में गिरते तो कोई देखना ही नही चाहता अलबत्ता इसकी चर्चा होने पर प्रोजेक्ट बनने की सफाई दी जाती है। लगभग चार साल से अधिक केंद्र की मोदी सरकार और लगभग एक साल से अधिक सूबे की योगी सरकार का बीत जाने के बाद भी रामनगरी के लोगों को बसें पहले की तरह दौड़कर पकड़नी पड़ती है। दोनों सरकारों ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के नामों का प्रयोग राजनैतिक लाभ के लिए कई बार लिया लेकिन रामनगरी की उपेक्षा उससे भी तेजी से किया। सरकार की इतनी भी दहशत विभागीय लोगों में नही है कि जिस नगरी का विकास सूबे के मुखिया का ड्रीम प्रोजेक्ट है।उसकी मूलभूत जरुरतों को सकारात्मक रुप दिला कर मुहैया करा दी जाये। ऐसे में आम लोगों की यह धारणा सामान्य हो चुकी है कि सरकार के अबतक के कार्य पूर्व के अखिलेश सरकार द्धारा शुरु किये गये है,जिनकों योगी सरकार अपना नाम थोपने का कार्य कर रही है। अगर उन्हीं कार्य को बेहतर ढंग से पूरा करा दिया जाये तो भी रामनगरी का कुछ कल्याण हो सकता है। इस सब के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर सूबे के मुखिया मंगलवार को रामनगरी में आ रहे है। उनकी इस यात्रा से अयोध्या को क्या मिलेगा यह देखने की बात होगी।

Sunday, August 12, 2018

बलिया में BSP विधायक उमाशंकर सिंह को दाउद के नाम पर धमकी, माँगा एक करोड़ की रंगदारी


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
बलिया जिले की रसड़ा विधानसभा से लगातार दूसरी बार बहुजन समाज पार्टी से विधायक उमाशंकर सिंह को माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम के नाम पर धमकी मिली है। विधायक से एक करोड़ रुपया रंगदारी मांगी गई है। धमकी फोन के साथ ईमेल पर दी गई है। इस बाबत विधायक ने लखनऊ के गोमतीनगर थाना में मुकदमा दर्ज कराया है।बलिया जिला की रसड़ा विधानसभा सीट से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह को फोन पर धमकी दी गई। इसके बाद ईमेल व फोन से ही एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई। रंगदारी मांगने वाले ने खुद को दाऊद इब्राहिम बताया। जिस ईमेल से धमकी मिली है, उसमें दाउद इब्राहिम का फोटो भी लगा है। धमकी मिलने के बाद विधायक ने गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है।

विधायक उमाशंकर से तहरीर में लिखा है कि छह अगस्त को पहले उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया। जिसमें उन्हें ई-मेल चेक करने को कहा गया। इस मैसेज पर उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। दोबारा आठ अगस्त को फिर मैसेज आया। इसमें एक करोड़ रुपये न देने पर जान से मारने की धमकी दी गई।

बस्ती : नेशनल हाई-वे पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर का स्लैब गिरने की उच्चस्तरीय जांच के आदेश



टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
वाराणसी में फ्लाईओवर की बीम गिरने का मामला अभी पुराना भी नहीं हुआ था कि आज बस्ती में नेशनल हाई-वे पर बन रहे फ्लाईओवर का डेक स्लैब गिर पड़ा। जिससे चार मजदूर घायल हैं। फ्लाईओवर का 60 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। ओवर ब्रिज गिरने की घटना को लेकर जिलाधिकारी राजशेखर ने दोपहर में मुख्यमंत्री कार्यालय, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और राजमार्ग प्राधिकरण को पत्र से घटना की जानकारी दी। शाम तक केंद्रीय सड़क राज्य परिवहन मंत्रालय ने इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए। बस्ती में लखनऊ को गोरखपुर से जोडऩे वाले नेशनल हाई-वे-28 पर बने रहे फ्लाईओवर का एक डेक स्लैब आज गिर पड़ा। इस हादसे में चार लोग घायल हैं। घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। अभी भी मलवे में दो लोग फंसे हैं। जिनको बाहर निकालने के साथ ही राहत व बचाव कार्य जारी है।मौके पर बस्ती के डीएम राजशेखर और एसपी दिलीप कुमार समेत एनएचएआई के अधिकारी मौजूद हैं।बस्ती-लखनऊ फोरलेन पर बन रहे फुट एरिया के पास निर्माणाधीन ओवरब्रिज का एक डेक स्लैब आज सुबह अचानक गिर गया। इसमें चार मजदूर घायल हो गए हैं। इसके मलवे के नीचे और मजदूर दबे होने की आशंका है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए राहत बचाव कार्य जारी है। फ्लाईओवर के किनारे लोहे का क्लैंप लगाकर शटरिंग पर कंक्रीट की ढलाई का काम चल रहा था। इसी दौरान फ्लाईओवर का एक डेक स्लैब गिर गया। घायल मजदूरों में धर्मेंद्र सिंह और सुरेश राय के रूप में पहचान हुई है। इन दोनों को जिला अस्पताल भेजा गया है। ओवर ब्रिज और पिलर के बीच फंसे मजदूर बाबू साह को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास बीते 18 मई को एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिरने से करीब 18 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस हादसे में सेतु निगम के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। योगी सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 7 इंजीनियर और एक ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्‍हें गिरफ्तार भी करने का आदेश दिया था।
बस्ती जिले के फुटहिया राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत आनेवाले निर्माणाधीन फ्लाइओवर की डेक स्लैब गिरने की सूचना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थानीय प्रशासन को तत्काल राहत कार्य शुरू करने के साथ ही वहां पर यातायात सुचारू कराने का निर्देश दिया है। इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए है। सीएम ने स्थानीय प्रशासन को तत्काल राहत कार्य शुरू करने और यातायात सुचारू कराने के निर्देश दिए है। पुल का निर्माण एनएचएआई करा रही थी।लखनऊ को जाने वाले सभी भारी वाहनों को डायवर्ट कर मूड़घाट से गनेशपुर होते हुए निकाला गया। लखनऊ से आने वाले वाहनों को कप्तानगंज से डायवर्ट कर गनेशपुर व वाल्टरगंज होते हुए बस्ती हाईवे पर निकाला गया। इस दौरान राहगीरों और बस यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। सड़क पर वाहनों के खड़े होने से जाम जैसे हालत रहे। सुबह के समय लोग घरों से निकल कर गंतव्य के लिए सवारी व खुद के वाहनों से रवाना हो रहे थे। सर्विस रोड का आवागमन प्रशासन ने रोक दिया। ट्रक व बसों को डायवर्ट कर निकाला गया। सुबह 7.55 बजे से गोरखपुर से आने वाले वाहनों को खलीलाबाद व बस्ती के मध्य रोक दिया गया। टोल प्लाजा के पहले से वाहनों को डायवर्ट कर वाल्टरगंज होते हुए कप्तानगंज व हर्रैया निकाला गया, तो मूड़घाट से गनेशपुर होते हुए दुबौला कप्तानगंज भेजा गया।
फैजाबाद की ओर से आने वाले वाहनों को कप्तानगंज से दुबौला होते हुए गनेशपुर व टिनिच के रास्ते वाल्टरगंज होते हुए बस्ती बड़ेवन निकाला गया। इस दौरान लोड वाहनों को खड़ा कर दिया गया, चूंकि फंसने का अंदेशा था। परिवहन निगम की बसें, कार, अनलोड ट्रक समेत डीसीएम, जीप, टैंपो को डायवर्ट किया गया था। सिर्फ दो पहिया वाहनों को आने-जाने दिया जा रहा था। पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार के निर्देश पर बस्ती-फैजाबाद मार्ग का एक लेन दो घंटे बाद सुबह 9.55 बजे बहाल कर दिया गया। फैजाबाद-बस्ती की ओर से आने वाले वाहनों का डायवर्जन जारी रहा। परिवहन निगम के यातायात निरीक्षक कन्हैया पाठक, रोडवेज कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कन्हैया सिंह जानकारी लेने मूड़घाट पहुंचे।
उन्होंने चालकों को बसों को वैकल्पिक रास्तों से निकालने का निर्देश दिया। वरिष्ठ केंद्र प्रभारी राजेश्वर सिंह ने बताया कि 60 से अधिक बसें प्रभावित हुई। डायवर्ट के चलते दूरी कई किलो मीटर में बढ़ गई। निगम ने यात्रियों पर भार नहीं डाला, खुद वहन करने का फैसला लिया। क्षेत्राधिकारी व यातायात प्रभारी आलोक सिंह ने बताया कि मलबा हटने के बाद वाहनों के लिए रास्ता खोल दिया गया। वहीं क्षेत्राधिकारी कलवारी अरविंद वर्मा ने बताया कि 11 बजे फैजाबाद-बस्ती का डायवर्ट लेन को भी शुरू कर दिया गया। यातायात सुचारू रूप से संचालित करा दिया गया है। फिलहाल अब कोई डायवर्ट नहीं है, जरूरत पड़ी तो इसकी सूचना दी जाएगी।
घटना की जांच को बनी उच्चस्तरीय कमेटी
ओवर ब्रिज गिरने की घटना को लेकर जिलाधिकारी राजशेखर ने दोपहर में मुख्यमंत्री कार्यालय, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और राजमार्ग प्राधिकरण को पत्र से घटना की जानकारी दी। शाम तक केंद्रीय सड़क राज्य परिवहन मंत्रालय ने इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए। जांच टीम में डायरेक्टर जनरल आरडी एनके सिन्हा, चीफ इंजीनियर बीके सिन्हा,सीनियर प्रिसिपल साइंटिस्ट इंजीनियरिंग एवं स्ट्रक्चर्स डिवीजन जीके साहू,चीफ इंजीनियर एनएच डिवीजन आर आर सिंह शामिल किए गए हैं। इस टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद मंत्रालय आगे की कार्रवाई करेगा। हादसे के बाद शाम को कार्यस्थल पर जांच को नोडल अधिकारी केंद्रीय राज्य सड़क परिवहन मंत्रालय (एमओआरटी) एवं मुख्य अभियंता दिग्विजय मिश्र और अधिशासी अभियंता आशीष शुक्ल घटना स्थल पर पहुंचे। निरीक्षण करने के बाद यह दोनों अधिकारी जिलाधिकारी डा. राजशेखर से मिले और पुल से जुड़े पहलुओं की जानकारी देंगे। डीएम ने मुख्य अभियंता को घटना की जांच के लिए लिखे गए पत्र की प्रति सौंपी और इसे गंभीर प्रकरण बता जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को कहा। मुख्य अभियंता से बताया इसकी जांच के लिए हाई लेबल कमेटी गठित कर दी गई है। 

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SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौ...