
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ राज्य के विकास की बात हो या बॉलीवुड स्टार्स के लटके झटकों से जनता का मनोरंजन करने वाली समाजवादी पार्टी को उसी के अंदाज में टक्कर देने के लिए भाजपा की योगी सरकार ने शुरू किया है गोरखपुर महोत्सव। सपा से सीएम चाहे मुलायम रहे हों या अखिलेश यादव साल 1997 से लेकर 2016 तक हर साल दिसंबर में यादव परिवार इटावा जिले में सैफई महोत्सव का आयोजन कराता था। ठीक उसी तरह सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ मशहूर कलाकारों को गोरखपुर में बुलाकर महोत्सव को जरिया बनाकर जनता का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
जानिए सैफई महोत्सव और गोरखपुर महोत्सव के बीच अंतर क्या है.
सैफई महोत्सव का का बजट आमतौर पर 5-7 करोड़ रुपए होता था जबकि गोरखपुर महोत्सव के बजट का दावा 33 लाख रुपए किया गया है।
सैफई महोत्सव में बॉलीवुड के टॉप स्टार्स अपनी लाइफ पर्फार्मेंस पब्लिक के बीच देते थे। सुपरस्टार सलमान खान, ऋतिक रोशन, माधुरी दीक्षित और कैटरीना कैफ जैसे बड़े सितारे सैफई में ठुमके लगा चुके हैं। सदी के महानायाक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन अपनी पत्नी जया और बहू ऐश्वर्या के साथ सैफई महोत्सव में शिरकत करते नजर आए।
जबकि गोरखपुर महोत्सव में स्टार सेलिब्रिटी नहीं दिखाई दे रही। गोरखपुर महोत्सव में शंकर महादेवन, रवि किशन, मालिनी अवस्थी, अनूप जलोटा, अनुराधा पौड़वाल, शान और ललित पंडित जैसी हस्तियां भाग ले रही हैं।
सैफई महोत्सव में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा कार बाजार, ज्वैलरी बाजार भी लगता था जिसमें देश-दूनिया के महंगे से महंगे उत्पाद लोगों को बेचने के लिए रखे जाते थे।
गोरखपुर महोत्सव में खेल-कूद, प्रदर्शनी और शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम रखे गए हैं। गोरखपुर महोत्सव में इंटर स्कूल चैम्पियनशिप भी आयोजित की गई है जिसमें16 प्रकार के कार्यक्रम होंगे। इनमें पेंटिंग, चेस, क्यूब्स, स्पेलिंग, लोकगीत, संस्कृत श्लोक, डांस, फैंसी ड्रेस, बैनर डिजाइनिंग आदि शामिल हैं
।गोरखपुर महोत्सव को आम जनता के लिए बताया जा रहा है, जबकि सैफई महोत्सव को राज्य सरकार की ओर से सपा की शीर्ष यादव फैमिली का निजी कार्यक्रम करार दिया जाता था।



