टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
गोंडा। जिले के कुन्दुरखी स्थित बजाज चीनी मिल किसानों के गन्ना मूल्य का 14.62 करोड़ रुपये एक साल से दबाए बैठी है। भुगतान न मिलने से क्षेत्र के किसानों को साल भर पैसे की लाचारी के दंश झेलने पड़े हैं।
चीनी मिल के दबंगई का आलम यह रहा कि उसने सीएम के आदेश को भी ठेंगा दिखाते हुए आज तक किसानों के पिछले साल के गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया है।
पिछले पेराई सत्र में बजाज चीनी मिल ने किसानों से गन्ने की खरीद की थी लेकिन गन्ना मूल्य भुगतान करने में किसानों को रुला डाला।
हालात यह हैं कि मिल अब भी 14.62 करोड़ रुपये किसानों का दबाए है। यही नहीं, पुराना बकाया दिया नहीं उधर नये पेराई सत्र में शनिवार से गन्ने की खरीद भी शुरू कर दी। गन्ना सुरक्षण नियमों में बंधे किसानों को फिर मजबूरन इसी चीनी मिल को गन्ने की सप्लाई करनी है।
जबकि नवाबगंज समेत कई क्षेत्र के गन्ना किसानों ने गन्ना सुरक्षण की बैठकों के दौरान बजाज चीनी मिल को गन्ने की सप्लाई न देने का ऐलान कर सुरक्षण प्रक्रि या पर विरोध जताया था। इसी जिले में बलरामपुर चीनी मिल ग्रुप की दो चीनी मिलें हैं।
इसके अलावा जिले के बॉर्डर एरिया का गन्ना भी बीसीएम ग्रुप की मिलों को जाता है लेकिन पिछले सत्र में बीसीएम ग्रुप की सभी चीनी मिलों ने किसानों के गन्ना मूल्य का तय समय में भुगतान कर दिया। बजाज चीनी मिल ने किसानों के गन्ना मूल्य को रोके रखा।
किसानों के विरोध पर जिला प्रशासन ने मिल के शीरे, चीनी स्टॉक आदि को अधिग्रहीत कर लिया और कई बार चेतावनी दी लेकिन कोई असर नहीं हुआ। यही नहीं, नयी सरकार बनने के बाद सीएम आदित्यनाथ योगी ने चीनी मिलों को 15-15 दिन में भुगतान करने का दो बार समय दिया लेकिन बजाज मिल प्रबंधन पर उसका भी कोई असर नहीं पड़ा।
इनसेट
पेराई सत्र 2016-17 में मिल के गन्ना खरीद भुगतान की स्थिति
* कुल देय गन्ना मूल्य - 74 लाख क्विंटल
* कुल गन्ना मूल्य भुगतान - 221 करोड़ रुपये
* कुल गन्ना मूल्य बकाएदारी - 14.62 करोड़ रुपये ।
इनसेट
अर्ली कहकर दिये बीज को कर दिया रिजेक्ट
गोंडा। बजाज चीनी मिल के अधिकारियों ने किसानों का शोषण करना शुरू किया है। क्षेत्र के ग्राम पंचायत बौरिहा गांव के किसानों का आरोप है पिछले सीजन में चीनी मिल ने जो बीज अर्ली बताकर दिया है उसे अब वह रिजेक्ट बता रही है। चीनी मिल ने पहले अर्ली वैरायटी की पर्ची जारी की है इससे किसानों के खेत में लगा दूसरे प्रजाति का पेड़ी गन्ना लगा है खेत खाली न होने से उनके खेत में गेहूं की बोवाई नहीं हो पा रही है। बौंरिहा गांव के किसान राहुल सिंह, रोहित सिंह, राम प्रताप सिंह, राजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह, गुड्डू सिंह आदि ने समिति के गन्ना सचिव व उप गन्ना आयुक्त से शिकायत कर जांच कराने की मांग की है। किसानों का कहना है कि मिल ने किसानों को सीओएस-0239 अर्ली बताकर बीज दिया था इस साल सर्वे में उसे सामान्य कह रिजेक्ट कर दिया है। किसानों ने सर्वे कलेंडर संशोधित कराने की मांग की है। इस मामले में डीसीओ पीएन सिंह का कहना है कि ज्येष्ठ गन्ना निरीक्षक से जांच करायी जा रही है।
वर्जन :
किसानों के बकाए के भुगतान के लिए मिल प्रबंधन पर प्रशासन का लगातार दबाव है। मिल का चीनी आदि का स्टॉक प्रशासन के अधिग्रहण में है। चीनी बिक्री से प्राप्त धन के 85 फीसद रकम से किसानों के बकाए का भुगतान कराया जा रहा है। मिल प्रबंधन को कड़ी चेतावनी दी गई है कि वह जल्द बची रकम को चुकता करे। नये पेराई सत्र के लिए भी मिल की चीनी आदि प्रशासन की ओर से गठित टीम के अभिरक्षा में रहेगी। मिल की मनमानी नहीं चलेगी।
- पीएन सिंह, जिला गन्ना अधिकारी गोंडा
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