टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. यूपी की तस्वीर और तकदीर बदलने की कोशिश में जुटे सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए यह बुरी खबर है. अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने की मुहिम में जुटी योगी सरकार का प्रदेश महिलाओं पर होने वाले जुर्म के मामले में नंबर एक है. देश भर में होने वाले अपराधों का रिकॉर्ड जुटाने वाले नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने वर्ष 2016 में हुए अपराधों का डेटा जारी किया है. इस क्राइम डेटा यह साबित करने के लिए काफी है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यूपी किसी मायने में बेहतर जगह नहीं है. देश के तमाम राज्यों में 2016 के दौरान हुए महिलाओं पर हुए अपराधों के मामले में वह सबसे आगे है. महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को लेकर अक्सर चौंकाने वाले मुंबई और दिल्ली भी उससे कहीं पीछे हैं. वर्ष 2016 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के रिकार्ड पर गौर करें तो इस दौरान यूपी में महिलाओं पर हुए अपराध के मामलों की कुल संख्या 49,262 है. यह आंकड़ा पूरे देश में महिलाओं पर हुए अपराध के मामले का 14 फीसदी है. महिलाओं के लिहाज से देखें तो यूपी के बाद पश्चिम बंगाल उनके लिए असुरक्षित राज्य है. यह राज्य महिलाओं पर अपराध के लिहाज से दूसरे नंबर पर है. इस राज्य में वर्ष 2016 में महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों की संख्या 32,513 दर्ज हुई. यह संख्या देश में हुए महिलाओं पर अपराध का 9.6 प्रतिशत है.क्राइम कैपिटल की बात करें तो देश की राजधानी दिल्ली का दर्जा इस मामले में भी कायम है. सभी तरह के अपराधों की संख्या के लिहाज से वह सबसे आगे है. यहां क्राइम का प्रतिशत 160.4 है जबकि देश का कुल अपराध 55.2 फीसदी है. गैंगरेप के मामले में केजरीवाल की दिल्ली सबसे आगे है तो महिलाओं के प्रति कुल अपराधों के मामले में योगी का यूपी. देखा जाए तो केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का जन्म भी देश को दहला देने वाले दिल्ली के निर्भया कांड की पृष्ठभूमि से जुड़ा रहा है. निर्भया कांड में जुटे युवकों ने ही अन्ना के आंदोलन को जबरदस्त सपोर्ट किया था. लोगों के अंदर उपजी बदलाव की यह लहर ही आप के काम आई. बदलाव की बात करें तो यूपी में भी योगी सरकार बनने में सूबे का आपराधिक माहौल अहम रहा. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव भी अपराध मुक्त यूपी का नारे के साथ लड़ा था. अब भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपराध को खत्म करने का दावा कर रहे हैं.
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