ब्रेक नेवज ब्यूरो
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जिले में कुंवारी लड़कियां मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं।गुजरात के मेहसाणा जिले के सूरज गांव में अगर किसी लड़की को मोबाइल के साथ पकड़ा गया तो उसको सजा देने के लिए पंचायत बैठती है। पंचायत का फैसला सभी को मानना होता है।

कुंवारी लड़कियां मुश्किल में
पितृसत्ता वाले इस गांव में नियम है कि अगर कुंवारी लड़कियां मोबाइल पर बात करते हुए पकड़ी गई तो उसे बतौर जुर्माना 2100 रुपए देने होंगे। यहां इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि लड़के मोबाइल पर किससे बात कर रही है।
किसी लड़की के मोबाइल पर बात करने की सूचना देने वाले को 200 रुपए बतौर इनाम दिया जाता है। यहां की पंचायत के फैसले बहुत कुछ खाप से मेल खाते दिखते हैं।
सूरज गांव की सरपंच देवशी कहती हैं, ‘कुंवारी लड़कियां आखिर मोबाइल क्यों रखे। उन्हें मोबाइल की क्या जरूरत। मीडिल क्लास के लोगों के लिए इंटरनेट समय और पैसे की बर्बादी है। लड़कियों को उनका वक्त पढ़ाई के लिए इस्तेमाल करना चाहिए न कि मोबाइल पर बात करने में।’
सूरज गांव में लड़कियों के लिए राहत बस इतनी है कि अगर किसी रिश्तेदार का फोन आए तो परिवार की रजामंदी से कुंवारी लड़कियां उनसे मोबाइल पर बात कर सकती हैं। देवशी बताती हैं कि उनके गांव में 2500 लोग रहते हैं। इनमें हर जाति-धर्म के लोग शामिल हैं और सभी इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं।
सूरज गांव में कुंवारी लड़कियों के मोबाइल इस्तेमाल करने पर वेलेंटाइन डे से पहले बैन लगा था। 12 फरवरी से बैन लगने के बाद यहां की लड़कियां मोबाइल पर बात करती हुई नहीं दिख रही हैं। जनवरी में गुजरात के ही बनासकांठा जिले में इस तरह का बैन लग चुका है। यहां के लोग शराब के साथ ही कुंवारी लड़कियों के मोबाइल इस्तेमाल करने के सख्त खिलाफ हैं।
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