ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो आगरा। भिखारी गिरोह बनाकर बच्चों से बड़े पैमाने पर भीख मंगवा रहे हैं। और ये बच्चे अपहरण कर या फुसला कर लाये जाते हैं। भीख न मांगने पर बच्चों को दिल दहला देने वाली यातनाएं दी जाती हैं। ऐसे ही एक बच्चे को मुक्त कराये जाने के बाद ये चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। गिरोह के चंगुल में फंसे अन्य बच्चों को मुक्त कराने के लिए पुलिस, मानव तस्करी निरोधक शाखा और बाल कल्याण समिति को पत्र दे दिया गया है। जल्दी ही अभियान चलाया जाएगा।

भिखारी गिरोह ऐसे चलता है चाल
आठ साल का एक मासूम स्टेशन पर अपनी मां से बिछड़ गया। रोते-बिलखते बच्चे को देख एक महिला अपने साथ ले गई। लेकिन बाद में जो हुआ वो दिल दहला देने वाला है। बच्चे को ममता दिखाकर अपने साथ ले जाने वाली महिला ने भीख मांगने पर मजबूर कर दिया और जब अपराधियों की मर्जी के मुताबिक भीख नहीं ला सका तो उन्होंने मासूम के हाथों में मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी।
चाइल्ड लाइन के मुताबिक रेलवे ग्वालियर स्टेशन पर मां से बिछड़ने पर पीड़ित बच्चे को एक महिला आगरा ले आई। इसके बाद उससे भीख मंगवाने लगी। भीख मांगने से मना करने पर उसे यातनाएं देने लगी। पीड़ित बच्चे ने आगरा कैंट स्टेशन पर चाइल्ड लाइन को बताया कि उसने भीख मांगने से मना किया तो हाथ जला दिए गए।
संस्था के सदस्यों ने जीआरपी के अधिकारियों को मामले से अवगत कराया। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर चाइल्ड लाइन सदस्य को 15 फरवरी को मासूम मिला था। उसने खुद को ग्वालियर का रहने वाला बताया। चाइल्ड लाइन कोआर्डिनेटर नरेंद्र परिहार ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान बच्चे ने बताया कि वह कुछ समय पूर्व अपनी मां के साथ यात्रा कर रहा था। रेलवे स्टेशन पर वह बिछड़ गया था। इस बीच उसे सीमा नाम की महिला मिली।
पीड़ित लड़के के मुताबिक वह महिला उसे अपने घर ले आई। उसके साथ पांच बच्चे और थे। बालक के अनुसार, वह खुद को मां कहकर बुलवाने लगी। इसके बाद उससे भीख मंगवाने लगी। अगर, वह ऐसा नहीं करता है तो उसको पीटा जाता था।
आरोपी महिला उससे प्रतिदिन 100 रुपये लाने के लिए कहती है। एक दिन उसने भीख मांगने से मना कर दिया। इस पर महिला ने हाथों पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। इससे वह बुरी तरह से झुलस गया।
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