Friday, February 19, 2016

लखनऊ : गैंगरेप, हत्या मामले में राजधानी की पुलिस मिलकर भी नहीं ढूंढ पा रही एक कतिल

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ सीएम और डीजीपी आवास के बीच गैंगरेप और हत्या मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कड़े निर्देश रखे हैं। डीजीपी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसके बावजूद राजधानी की हाईटेक पुलिस चार दिन में दरिंदों का सुराग लगाना तो दूर छात्रा की साइकिल और स्कूल बैग तक नहीं ढूंढ सकी है। गुरूवार को पुलिस ने नशेड़ियों की तलाश में चारबाग सहित अन्य अड्डों पर छापामारी करके 12 नशेबाजों को पूछताछ के लिए उठाया है। वहीं कहा यह भी जा रहा है कि सीएम आवास के आसपास का वीवीआईपी एरिया। जहां कुल 23 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसी रास्ते पर एक छात्रा को अगवा किया जाता हैं। उसका गैंगरेप करने के बाद हत्या कर दी जाती है, लेकिन ‘मॉडर्न’ पुलिस की तीसरी आंख अपराधियों का यह कारनामा नहीं देख पाई। दरअसल गोल्फ क्लब चौराहे से लेकर 1090 चौराहे के बीच लोहिया पथ पर कोई निगरानी है ही नहीं। फिलहाल पुलिस की मॉनिटरिंग पर यह सवालिया निशान है।
गैंगरेप और हत्या

गैंगरेप और हत्या मामाला सीसीटीवी कैमरे पर टिका

समता मूलक चौराहे से 1090 जाने वाले रास्ते में गोमती के ऊपर बने पुल पर आठ कैमरे लगे हैं। इसमें सात फिक्स और एक रोटेशनल सीसीटीवी कैमरा है। इसके बाद 1090 चौराहा, जहां केवल एक कैमरा है। वह भी खराब है। बुधवार दोपहर 12.22 पर 1090 चौराहे पर स्थापित पुलिस चौकी पर ताला पड़ा था। अब आगे चलने पर मुख्यमंत्री आवास गेट पर चार कैमरे हैं। वहीं गोल्फ क्लब चौराहे पर छह कैमरे लगे हैं। गोल्फ क्लब चौराहे से गोमती नगर की ओर बढ़ने पर सड़क किनारे जंगल है। हालांकि वहां साइकिल पथ होने के कारण लोहे की रेलिंग बनी है, जो बीच में दो जगहों से कटी हुई है। इससे नीचे जंगल में जाना आसान है। इसके बाद जब उसी रास्ते से बाईं ओर मुड़ते हैं तो डीजीपी ऑफिस को जाने वाले रास्ते पर भी एक ही कैमरा है, जो कि खराब है। यानी 1090 चौराहे से डीजीपी ऑफिस वाले मोड़ के बीच जो कुछ भी होगा उसकी जानकारी या फुटेज मॉडर्न कंट्रोल रूम तक नहीं पहुंच सकेगी। और शायद यही इस मामले में भी हुआ।

सभी कैमरे काम कर रहे हैं फिर भी नहीं हो पा रहा खुलासा

राजधानी में 70 चौराहों पर पीटीजेड (रोटेशनल सीसीटीवी कैमरे) लगे हैं। इसके अलावा 170 चौराहों पर फिक्स सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यह जिस डायरेक्शन में लगाए जाते हैं उसी दिशा में काम करते हैं, जबकि पीटीजेड कैमरे 360 डिग्री पर काम कर रहे हैं। वहीं 40 एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिक्गनिशन) सीसीटीवी कैमरों का फोकस गाड़ियों की नंबर प्लेट्स पर होता है। यह नंबर रिकग्नाइज करते हैं। एएसपी एमसीआर दुर्गेश कुमार का कहना है कि शहर में 280 कैमरे लगे हैं जो एमसीआर से कनेक्ट हैं। मौजूदा समय में सभी कैमरे काम कर रहे हैं।

वारदात के बाद से लापता नशेबाजों की तलाश

छात्रा के साथ हुई वारदात के बाद शिवलिंग वाले मंदिर और आसपास जुटने वाले नशेड़ियों में कौन-कौन गायब है? इस बारे में पुलिस छानबीन कर रही है। बृहस्पतिवार को पुलिस ने मंदिर के नए पुजारी को हिरासत में लेकर नशेड़ियों के बारे में जानकारी ली। पुजारी ने बताया कि मंदिर में बीते कई दिनों से एक युवक सुबह चला आता था। यह युवक दिनभर मंदिर के आसपास नशेड़ियों के साथ बैठकर चरस और गांजा पीता था। कई बार वह देर रात तक रुकता था। वारदात वाले दिन से संदिग्ध युवक मंदिर में नजर नहीं आया। इस संदिग्ध युवक की गंभीरता से तलाश की जा रही है। संदिग्ध के सामने आने पर पुलिस को केस खुलने की उम्मीद है।

रिमांड पर सुनवाई टली

सदगुरु और दीपक उर्फ दीपू की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए बृहस्पतिवार को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई। जानकीपुरम एसओ गोपाल सिंह यादव ने बताया कि आरोपियों की तरफ से कोई वकील नहीं था। इसलिए कोर्ट ने शुक्रवार तक सुनवाई टाल दी।

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