दीप्ति की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने मंगलवार को एक गनर दिया है। गनर उनके घर पर रहेगा और जहां दीप्ति या उनके परिजन जरूरत समझेंगे, उसे साथ लेकर जाएंगे।
एसपी सिटी सलमान ताज और एसएचओ अवनीश गौतम ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि परिवार और दीप्ति सहमी है, उन्हें सुरक्षित महसूस हो, इसलिए गनर दिया गया है। हालांकि परिवारवाले गनर मिलने से इनकार कर रहे हैं।
सिहानी गेट एसएचओ ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में अन्य लोगों पर भी शिकंजा कस दिया है, जल्द ही उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
तीन लोगों की भूमिका अभी भी संदिग्ध है, जिनकी जांच की जाएगी। वारदात के खुलासे के बाद पुलिस की एक टीम मौका मुआयना करने के लिए कामी गांव तक गई और वहां लोगों से पूछताछ की।
हरियाणा पुलिस ने भी की पूछताछ
सोमवार शाम हरियाणा पुलिस सिहानी गेट थाने पहुंची थी। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की थी। दरअसल, देवेंद्र हरियाणा का हिस्ट्रीशीटर है। वह जून 2015 में पुलिसवालों की आंखों में मिर्च झोंककर कस्टडी से भाग गया था।
एसएसपी ने की अपील..सच बताने को सामने आए लड़की
दीप्ति की किडनैपिंग के वक्त जिस लड़की को बदमाशों ने चाकू की नोक पर नीचे उतार दिया था, उसका अब तक पता नहीं चला है, एसएसपी ने अपील की थी कि उस लड़की को भी सामने आना चाहिए।
दीप्ति के बेस्ट फ्रेंड को देख देवेंद्र ने कहा था- इसी ने दी सुपारी
अपहरणकांड के पीछे की कहानी की परत दर परत उठ रही हैं। साइको लवर देवेंद्र उर्फ लीलू की अपना नाम राजीव बताकर सुनाई गई कहानी सुनकर न सिर्फ दीप्ति, बल्कि जांच में जुटे तीन आईपीएस अफसर, एक सीओ और दो एसएचओ भी भरोसा कर चुके थे।
दीप्ति के बेस्ट फ्रेंड को ही पुलिस भी मास्टर माइंड मान चुकी थी। देवेंद्र को पुलिस ने दीप्ति के बेस्ट फ्रेंड को दिखाया तो वह बोला कि हां, यही है जिसने अपहरण की सुपारी दी थी।
पुलिस हिरासत में देवेंद्र के दोस्त मोहित ने उसकी पोल खोल दी। उसने बताया कि इसका असली नाम देवेंद्र है और यह हरियाणा का हिस्ट्रीशीटर है। यह हत्या भी कर चुका है।
तब पुलिस का माथा ठनका, फिर इससे सख्ती से पूछताछ की गई तो खुलासा हुआ। पुलिस सूत्रों की मानें तो देवेंद्र ने कबूल कर लिया था कि दीप्ति का अपहरण उसने ही साथियों के साथ किया था, लेकिन इसके लिए दीप्ति के दोस्त ने सुपारी मोहित के जानकार ‘शीलू’ को दी थी।
डेढ़ लाख रुपये भी उसे दिए जा चुके हैं, जिनसे ऑटो खरीदे गए थे। शीलू दीप्ति को नुकसान पहुंचाना चाहता था, लेकिन उसे महिलाओं के खिलाफ अपराध पसंद नहीं है, इसलिए दीप्ति का बचाव किया।
गुंडा बनकर हुआ था फेल, बनना चाहता था ‘हीरो’
गाजियाबाद। देवेंद्र बचपन से ही सनकी मिजाज का था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, देवेंद्र ने पहली बार सातवीं क्लास में डर फिल्म देखी थी, तब वह करीब 12 साल का था।
इसके चार साल बाद वह एक दोस्त के साथ लूट की वारदात में वह जेल चला गया। 2014 में जेल में बंद होने के दौरान उसने महसूस किया था कि उसकी भी एक फैमिली होनी चाहिए, अब वह शादी का प्लान बनाया और पुलिस को चकमा देकर भाग निकला।
एसपी सिटी सलमान ताज और एसएचओ अवनीश गौतम ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि परिवार और दीप्ति सहमी है, उन्हें सुरक्षित महसूस हो, इसलिए गनर दिया गया है। हालांकि परिवारवाले गनर मिलने से इनकार कर रहे हैं।
सिहानी गेट एसएचओ ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में अन्य लोगों पर भी शिकंजा कस दिया है, जल्द ही उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
तीन लोगों की भूमिका अभी भी संदिग्ध है, जिनकी जांच की जाएगी। वारदात के खुलासे के बाद पुलिस की एक टीम मौका मुआयना करने के लिए कामी गांव तक गई और वहां लोगों से पूछताछ की।
हरियाणा पुलिस ने भी की पूछताछ
सोमवार शाम हरियाणा पुलिस सिहानी गेट थाने पहुंची थी। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की थी। दरअसल, देवेंद्र हरियाणा का हिस्ट्रीशीटर है। वह जून 2015 में पुलिसवालों की आंखों में मिर्च झोंककर कस्टडी से भाग गया था।
एसएसपी ने की अपील..सच बताने को सामने आए लड़की
दीप्ति की किडनैपिंग के वक्त जिस लड़की को बदमाशों ने चाकू की नोक पर नीचे उतार दिया था, उसका अब तक पता नहीं चला है, एसएसपी ने अपील की थी कि उस लड़की को भी सामने आना चाहिए।
दीप्ति के बेस्ट फ्रेंड को देख देवेंद्र ने कहा था- इसी ने दी सुपारी
अपहरणकांड के पीछे की कहानी की परत दर परत उठ रही हैं। साइको लवर देवेंद्र उर्फ लीलू की अपना नाम राजीव बताकर सुनाई गई कहानी सुनकर न सिर्फ दीप्ति, बल्कि जांच में जुटे तीन आईपीएस अफसर, एक सीओ और दो एसएचओ भी भरोसा कर चुके थे।
दीप्ति के बेस्ट फ्रेंड को ही पुलिस भी मास्टर माइंड मान चुकी थी। देवेंद्र को पुलिस ने दीप्ति के बेस्ट फ्रेंड को दिखाया तो वह बोला कि हां, यही है जिसने अपहरण की सुपारी दी थी।
पुलिस हिरासत में देवेंद्र के दोस्त मोहित ने उसकी पोल खोल दी। उसने बताया कि इसका असली नाम देवेंद्र है और यह हरियाणा का हिस्ट्रीशीटर है। यह हत्या भी कर चुका है।
तब पुलिस का माथा ठनका, फिर इससे सख्ती से पूछताछ की गई तो खुलासा हुआ। पुलिस सूत्रों की मानें तो देवेंद्र ने कबूल कर लिया था कि दीप्ति का अपहरण उसने ही साथियों के साथ किया था, लेकिन इसके लिए दीप्ति के दोस्त ने सुपारी मोहित के जानकार ‘शीलू’ को दी थी।
डेढ़ लाख रुपये भी उसे दिए जा चुके हैं, जिनसे ऑटो खरीदे गए थे। शीलू दीप्ति को नुकसान पहुंचाना चाहता था, लेकिन उसे महिलाओं के खिलाफ अपराध पसंद नहीं है, इसलिए दीप्ति का बचाव किया।
गुंडा बनकर हुआ था फेल, बनना चाहता था ‘हीरो’
गाजियाबाद। देवेंद्र बचपन से ही सनकी मिजाज का था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, देवेंद्र ने पहली बार सातवीं क्लास में डर फिल्म देखी थी, तब वह करीब 12 साल का था।
इसके चार साल बाद वह एक दोस्त के साथ लूट की वारदात में वह जेल चला गया। 2014 में जेल में बंद होने के दौरान उसने महसूस किया था कि उसकी भी एक फैमिली होनी चाहिए, अब वह शादी का प्लान बनाया और पुलिस को चकमा देकर भाग निकला।
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