ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
मऊ तथ्यों को छिपाकर फर्जी तरीके से इंदिरा आवास लेने वालों पर प्रशासन का चाबुक चला। जांच में अपात्र पाए जाने के बाद बीडीओ ने इन्हें पहली किस्त के रूप में लिए गए धन को सरकारी खाते में जमा करने की नोटिस दी थी।
लेकिन अपात्र इस धन को जमा नहीं कर रहे थे। अंतत: प्रशासन ने सख्ती दिखाई और बीडीओ की तहरीर पर 73 अपात्रों के विरुद्घ संबंधित धाराओं में मधुबन थाने में मुकदमा दर्ज कराया। 73 लोगों के विरुद्घ मुकदमा दर्ज होने पर गांवों हड़कंप मचा है। विकास खंड के कई गांवों में दलालों के माध्यम से 15 से 20 हजार रुपया प्रति आवास की वसूली कर नियमों की अनदेखी करके आवास आवंटन कर दिया गया था।
विकास खंड फतेहपुर मंडाव में वर्ष 2014-15 में 300 से अधिक इंदिरा आवास आए थे। दर्जनों गांवों� में अपात्रों से पैसा लेकर पात्रों के स्थान पर आवास आवंटित कर दिया गया। इंदिरा आवास आवंटन में धांधली की शिकायत एक व्यक्ति शिकायत मंडलायुक्त से की। उनके निर्देश पर डीएम ने लोहिया गांव ग्रामसभा छपरा भँगी और पहाड़ीपुर की जांच कराई।
अपर जिलाधिकारी एमएल व्यास द्वारा की गई जांच में छपरा भंगी में दिए गए कुल 74� में से 58 लाभार्थी ऐसे पाए गए जो आवास की पात्रता नहीं रखते थे। यही हाल पहाड़ीपुर का था, जिसमें कुल 19 आवासों में 18 लोग अपात्र हैं। यह दोनों ग्रामसभा एक ही सेक्रेटरी के पास थी।
इसके बाद बीडीओ मनोज वर्मा ने भी जांच की तो छपरा भँगी में 58 में से 55 आवास अपात्र लोगों को आवंटित किया जाना पाया। इसके बाद बीडीओ ने परियोजना निदेशक को दोनों ग्राम सभाओं में कुल 73 अपात्रों� की सूची भेजी और साथ ही सभी लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए मिले 35 हजार रुपये अविलंब खाते में जमा करने का निर्देश दिया। लेकिन किसी ने रकम जमा नहीं की।
� अंतत: शुक्रवार को बीडीओ मनोज वर्मा ने छपरा भँगी के 55 तथा पहाड़ीपुर के 18 लोगों पर प्रशासन को गुमराह करने तथा फर्जी तरीके से लिए गए धन को निर्देश के बाद भी जमा नहीं करने पर स्थानीय थाने में सभी 73 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
इस बाबत बी डी ओ मनोज वर्मा ने बताया कि बार बार नोटिस देने के बावजूद खाते में आवास का पैसा नही जमा करने पर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। सूत्रों की मानें तो सुल्तानपुर बारहगाँवा ,कटघरा शंकर लोहिया गांव कुंडा शरीफपुर, काठतराव, दुबारी ,धर्मपुर, रामपुर सहित दर्जनों गाँवों में फर्जी तरीके से अपात्रों को आवास दिया गया है।
मऊ तथ्यों को छिपाकर फर्जी तरीके से इंदिरा आवास लेने वालों पर प्रशासन का चाबुक चला। जांच में अपात्र पाए जाने के बाद बीडीओ ने इन्हें पहली किस्त के रूप में लिए गए धन को सरकारी खाते में जमा करने की नोटिस दी थी।
लेकिन अपात्र इस धन को जमा नहीं कर रहे थे। अंतत: प्रशासन ने सख्ती दिखाई और बीडीओ की तहरीर पर 73 अपात्रों के विरुद्घ संबंधित धाराओं में मधुबन थाने में मुकदमा दर्ज कराया। 73 लोगों के विरुद्घ मुकदमा दर्ज होने पर गांवों हड़कंप मचा है। विकास खंड के कई गांवों में दलालों के माध्यम से 15 से 20 हजार रुपया प्रति आवास की वसूली कर नियमों की अनदेखी करके आवास आवंटन कर दिया गया था।
विकास खंड फतेहपुर मंडाव में वर्ष 2014-15 में 300 से अधिक इंदिरा आवास आए थे। दर्जनों गांवों� में अपात्रों से पैसा लेकर पात्रों के स्थान पर आवास आवंटित कर दिया गया। इंदिरा आवास आवंटन में धांधली की शिकायत एक व्यक्ति शिकायत मंडलायुक्त से की। उनके निर्देश पर डीएम ने लोहिया गांव ग्रामसभा छपरा भँगी और पहाड़ीपुर की जांच कराई।
अपर जिलाधिकारी एमएल व्यास द्वारा की गई जांच में छपरा भंगी में दिए गए कुल 74� में से 58 लाभार्थी ऐसे पाए गए जो आवास की पात्रता नहीं रखते थे। यही हाल पहाड़ीपुर का था, जिसमें कुल 19 आवासों में 18 लोग अपात्र हैं। यह दोनों ग्रामसभा एक ही सेक्रेटरी के पास थी।
इसके बाद बीडीओ मनोज वर्मा ने भी जांच की तो छपरा भँगी में 58 में से 55 आवास अपात्र लोगों को आवंटित किया जाना पाया। इसके बाद बीडीओ ने परियोजना निदेशक को दोनों ग्राम सभाओं में कुल 73 अपात्रों� की सूची भेजी और साथ ही सभी लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए मिले 35 हजार रुपये अविलंब खाते में जमा करने का निर्देश दिया। लेकिन किसी ने रकम जमा नहीं की।
� अंतत: शुक्रवार को बीडीओ मनोज वर्मा ने छपरा भँगी के 55 तथा पहाड़ीपुर के 18 लोगों पर प्रशासन को गुमराह करने तथा फर्जी तरीके से लिए गए धन को निर्देश के बाद भी जमा नहीं करने पर स्थानीय थाने में सभी 73 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
इस बाबत बी डी ओ मनोज वर्मा ने बताया कि बार बार नोटिस देने के बावजूद खाते में आवास का पैसा नही जमा करने पर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। सूत्रों की मानें तो सुल्तानपुर बारहगाँवा ,कटघरा शंकर लोहिया गांव कुंडा शरीफपुर, काठतराव, दुबारी ,धर्मपुर, रामपुर सहित दर्जनों गाँवों में फर्जी तरीके से अपात्रों को आवास दिया गया है।
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