Monday, February 15, 2016

महिला उत्पीड़न पर यूपी सरकार के दावे कितने सच

महिला उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए सदन से लेकर सार्वजनिक मंचों तक किए जा रहे सरकार के दावों को न सिर्फ अपराधी झूठला रहे है। बल्कि ऐसी घटनाओं को राजधानी के अतिविशिष्ट क्षेत्रों में अंजाम देकर चाक चौबंद पुलिस को धता बता रहे है। चार साल पूरे करने जा रही अखिलेश सरकार में महिला उत्पीड़न की इतनी जघन्य घटनाएं हुई उन्हे उंगलियों पर नहीं गिनाया जा सकता है। हद तो तब हो गई राजधानी के अतिविशिष्ट समझे जाने वाले क्षेत्र लोहिया पथ जहां से मुख्यमंत्री का आवास और डीजीपी मुख्यालय की दूरी चंद कदमों की है। वहां एक बारहवी कक्षा की सत्रह वर्षीय छात्रा के शव बरामद होने से सरकार के महिला उत्पीडऩ रोकने संबंधी सारे दावों की हवा निकल गई।

महिला उत्पीड़न

महिला उत्पीड़न की कोई पहली घटना नहीं

अखिलेश राज में महिला उत्पीडऩ की यह जघन्य घटना को कोई पहली नहीं है। इससे पहले भी कई संगीन घटनाओं को अंजाम दिया गया लेकिन बावजूद इसके महिला उत्पीड़न की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है। इस तरह की कई घटनाओं में कई पुलिसकर्मियों की भी संलप्तिता पाई गई। राजधानी में ही साल 2014 में 16 जुलाई को मोहनलालगंज के बलसिंह खेड़ा के प्राथमिक विद्यालय में 25 वर्षीया महिला की नग्न लाश बरामद हुई। इस घटना की गूूंज दिल्ली तक सुनाई दी। घटना की जांच महिला आईपीएस सुतापा सान्याल को सौंपी गई। पुलिस ने जो अपनी जांच रिपोर्ट पेश की उस पर भी सवाल हुए तो सुतापा सान्याल ने घटना की जांच से हटने का अनुरोध किया। पुलिस ने इस घटना में आरोपी के नाम पर एक अपार्टमेंट के चौकीदार को जेल भेज दिया गया।
सरकार बचाव में दलीले पेश करती रही लेकिन घटनाएं जारी रहीं
साल 2015 में दो फरवरी का गौरी श्रीवास्तव हत्या कर उसके शव को टुकड़े कर शहीदपथ पर फेंक दिया गया था। यूपी में महिला उत्पीड़न, रेप और फिर हत्या की इन घटनाओं को लेकर सरकार और उसके अधिकारी बचाव को लेकर तरह-तरह की दलीले पेश कर रहे थे कि 10 अ्गस्त 2014 को लखनऊ से सटे जिले सीतापुर की कोतवाली में जीनत नाम युवती की हत्या करके उसका शव शौचालय लटका दिया गया। कोहराम मचा तो कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इसके अलावा वर्ष 2015 में चार दिसंबर को दो महिलाओं के सिर सीतापुर में और धड़ राजधानी के मडिय़ाव थाना क्षेत्र में बरामद हुए।
बदायूं में दो बहनों की हत्या कर शव पेड़ पर लटका दिए गए
बदायूं के उसेहत थानान्र्तगत कटरा सादातगंज 22 मई 2014 को दो बहनों से बलात्कार के बाद उनकी हत्या कर शव पेड़ टांग दिए गए थे। विपक्ष के काफी दबाव के बाद सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार हुई। सीबीआई ने इस मामलें में 11 दिसंबर 2014 को क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। जिसे हाल ही में वहां की एक सीबीआई कोर्ट ने खारिज किया। इस मामलें सीबीआई ने आरोपी पप्पू यादव को गिरफ्तार किया है। और मामलें की पुन: जांच शुरू हो गई है। महिला उत्पीडऩ की ये प्रमुख घटनाएं है जिन्होंने सरकार के महिला सुरक्षा के दावों पर सवाल खड़े किए और विपक्ष को सदन से सड़क घेरने का हथियार भी दिया। हालांकि प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनी समाजवादी पार्टी की सरकार ने आते ही महिला सुरक्षा को लेकर 1090 के अलावा कई योजनाएं शुरू की लेकिन 

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