Monday, February 22, 2016

भाजपा में तेज हुई लामबंदी, सोशल मीडिया बना हथियार

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
यूपी सूबे में नेतृत्व की तलाश में लगी भाजपा के भीतर नेताओं ने अपनी पतंग उड़ानी शुरू कर दी हैं. खुद के पक्ष में लाबिंग करने वाले इन नेताओं ने सोशल मीडिया का सहारा लिया है. पार्टी आलाकमान अपने नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश कर रही है तो वही दूसरी ओर यूपी बीजेपी में यूपी सत्ता पर काबिज होने के लिए संघर्ष शुरू हो गया है. रविवार से एक बार फिर से सोशल मीडिया पर बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के लिए योगी आदित्यनाथ की नियुक्ति का सन्देश फेसबुक और वहाट्स एप पर चलने लगा है. इस सन्देश में बताया गया है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने योगी आदित्य नाथ को अगले चुनावों में सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. . इससे पहले भी केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा और धर्मपाल सिंह का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए सोशल मीडिया पर चलता रहा है.
गोरखपुर से पांचवी बार सांसद रहे आदित्यनाथ की छवि एक कट्टर हिंदूवादी नेता की है . बीते दिनों उनके विवादित बयानों ने कई बार चर्चा बटोरी. सूत्रों की मानें तो, पार्टी के ही कई नेता योगी को इस पद के लिए योग्य नहीं मानते. उनका कहना है कि वे खुद एक सामानांतर हिंदूवादी संगठन चला रहे हैं. पार्टी उनपर कैसे भरोसा कर सकती है, वे एक बार भाजपा के अधिकृत उम्मेदवार शिवप्रताप शुक्ल के खिलाफ हिन्दू महासभा के टिकट पर डा. राधा मोहन दास अग्रवाल को गोरखपुर विधान सभा से उतर चुके हैं . इस चुनाव में अग्रवाल को योगी ने जितवा दिया था , तब से अब तक पार्टी उनपर भरोसा नहीं कर पा रही है . योगी अपने संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के जरिये भी पार्टी पर दबाव बनाते रहते हैं.
इसके पहले सोशल मीडिया पर आवला के विधायक धर्मपाल का नाम आने के बाद जब यह खबर आग की तरह फैली तो उनका नाम विवादों से घिर गया था. बीते 15 जनवरी को सोशल मीडिया पर बीजेपी की ओर से धर्मपाल सिंह का नाम खूब वायरल हुआ था. वायरल मैसेज में बताया जा रहा था कि धर्मपाल बीजेपी के यूपी अध्यक्ष हो सकते हैं. उसमें ये भी बताया गया था कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में पार्टी अध्यक्ष के रूप में बीजेपी किसी ओबीसी नेता को चुन सकती है. पार्टी के अन्दर हालत यहाँ तक पहुँच गए हैं की किसी नेता के समर्थक दुसरे का पत्ता काटने के लिए उसका नाम सोशल मीडिया पर चलवा दे रहे हैं.
बीते रविवार की शाम से योगी का मैसेज चलने के बाद जब बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से बात की गई तो उन्होंने ऐसे किसी भी मामले से साफ इनकार कर दिया. वहीं, सूत्रों की मानें तो विरोधी नेताओं द्वारा ऐसी हरकतों को अंजाम दिया जाता है. ऐसा करने से उक्त नाम स्वयं विवादों में आ जाता है.
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर मनोज सिन्हा को ले कर भी एक मैसेज वायरल हुआ था. इसमें कहा गया था कि बीजेपी आलाकमान ने वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा को यूपी बीजेपी अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी है. ऐसे में जब मनोज से बात की गई तो उन्होंने मामले को खारिज कर दिया और कहा कि ये विरोधियों की साजिश है.

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