ब्रेक नर्वस ब्यूरो
हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में राज्यसभा में बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती के बीच तीखी बहस हुई। मायावती ने वेमुला की आत्महत्या का मुद्दा उठाया और इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया। उन्होंने सवाल किया कि इस मामले की जांच करने वाली समिति में क्या कोई दलित सदस्य है?

दलित मुद्दे पर बहस
बसपा नेता ने इस मुद्दे पर अलग से चर्चा की मांग की। बसपा सदस्य राज्यसभा के सभापति की आसंदी के समक्ष नारेबाजी कर रहे थे, जिसके कारण भोजनावकाश से पहले सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। जब सदन की कार्यवाही जब दोपहर दो बजे शुरू हुई, तो स्मृति ने कहा कि वह बसपा नेता के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
आक्रोशित दिख रहीं स्मृति ने पहले बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा को चुनौती दी। उन्होंने कहा, “आमने-सामने आकर बात कीजिए सतीश जी, मैं जवाब देने के लिए तैयार हूं।” मंत्री ने कहा, “मायावती जी आप वरिष्ठ सदस्य हैं और आप जवाब चाहती हैं। मैं जवाब देने के लिए तैयार हूं। अगर आप मेरे जवाब से संतुष्ट नहीं होंगी, तो मैं अपना सिर काटकर आपके कदमों में रख दूंगी।”
इसके बाद भी मायावती जब न्यायिक समिति में दलित सदस्य के होने की बात उठाती रहीं तो स्मृति ने कहा, “एक दलित प्रोफेसर हैं, जिनका निर्णय आपको स्वीकार नहीं..आप यह कहना चाहती हैं मायावती जी कि एक दलित तभी दलित हो सकता है, जब आप उन्हें प्रमाण पत्र दे दें।” स्मृति के ऐसा कहने पर एक बार फिर सदन में हंगामा शुरू हो गया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही फिर बाधित हुई और 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
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