लखनऊ. रोहित वेमुला मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बसपा सुप्रीमो मायावती बीच जुबानी जंग छिड़ गई। मीडिया में चल रहीं खबरों के मुताबिक, मायावती ने कहा कि स्मृति ने संसद की लॉबी में आकर अपने व्यवहार के लिए उनसे माफी मांगी। हमने तब उनको माफ भी कर दिया। क्योंकि मुझे लगा कि अभी वह परिपक्व नहीं हैं।
मायावती ने कहा कि जब संसद की लॉबी में केंद्रीय मंत्री ने उनसे माफी मांगी तो उन्होंने माफ तो कर दिया, पर हिदायद देते हुए कहा कि अपने व्यवहार में बदलाव लाओ, नहीं तो आप आगे नहीं बढ़ पाओगी।
मायावती ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि दुर्गा और महिषासुर के नाम पर केंद्र सरकार देश के दलितों और आदिवासियों को बदनाम कर रही है, जबकि सीता की रक्षा करने वाले दलित और आदिवासी के लोग थे। उन्होंने कहा कि महिषासुर मामला जानबूझकर उठाया गया, क्योंकि सरकार रोहित वेमुला का मामला दबाना चाहती है।
क्यों शुरू हुई जुबानी जंग
गुरुवार को राज्यसभा में रोहित वेमुला के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दमदार तरीके से सरकार का पक्ष रखा। डिबेट के दौरान स्मृति ईरानी ने कहा था कि अगर मायावती उनके बयान से संतुष्ट नहीं हुईं तो वे अपना सिर काटकर उनके चरणों में रख देंगी। वहीं, अगले दिन ईरानी के जवाब से संतुष्ट न होने का दावा करते हुए मायावती ने ईरानी से अपना वादा (सिर काटकर चढ़ाने का) पूरा करने को कहा है। इस दौरान ईरानी भी शांत नहीं रहीं। उन्होंने कहा कि अगर मायावती में हिम्मत है तो मेरा सिर ले जा सकती हैं।
गुरुवार को राज्यसभा में रोहित वेमुला के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दमदार तरीके से सरकार का पक्ष रखा। डिबेट के दौरान स्मृति ईरानी ने कहा था कि अगर मायावती उनके बयान से संतुष्ट नहीं हुईं तो वे अपना सिर काटकर उनके चरणों में रख देंगी। वहीं, अगले दिन ईरानी के जवाब से संतुष्ट न होने का दावा करते हुए मायावती ने ईरानी से अपना वादा (सिर काटकर चढ़ाने का) पूरा करने को कहा है। इस दौरान ईरानी भी शांत नहीं रहीं। उन्होंने कहा कि अगर मायावती में हिम्मत है तो मेरा सिर ले जा सकती हैं।
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