Monday, February 22, 2016

बाराबंकी : लोनीकटरा एस ओ की मिलीभगत से हो रहा अवैध बालू खनन

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
पूरे छेत्र  में प्राकृतिक दोहन बेलगाम
भ्रष्टाचार के चलते पुलिस-प्रशासन की मूक सहमति के चलते लागू कानून बेअसर!
शिकायत करने पर एस ओ लोनीकटरा करते है उच्चधिकारियो को गुमराह
पर्यावरण को नुकसान के साथ ही करोड़ों के राजस्व पर भी चूना
बाराबंकी : प्राकृतिक दोहन में प्रदेश भले नंबर वन न हो लेकिन प्रथम पांच में कोई संदेह नहीं|  पर्यावरण की जो हानि इतने नियम-कानून-मानकों के बाद भी जारी है उसके लिए जिम्मेदार वेतनभोगियों की जिम्मेदारी आज तक क्यूं तय नहीं हो पाई ताकि जवाबदेही सुनिश्चित होने पर कम-से-कम पर्यावरण संरक्षण में तो भ्रष्टाचार ना हो, और आने वाली पीढ़ियों को साफ आबोहवा, पानी आदि प्राकृतिक ईश्वरीय वरदान उपलब्ध मिलता रहे| वही एक तरफ़ पुलिस कप्तान अब्दुल हमीद जिले की पुलिसिग व्यवस्था बेहतर किये हुए है तो दूसरी ओर लोनोकटरा एस ओ इसकी धज्जिया उड़ा रहे है।लेकिन भविष्य से बेखबर नौकरशाहों के आंखों पर चढ़े भ्रष्टाचार के चश्में में में बदसूरत होता कल पैसों की चमक में दिखाई नहीं दे रहा है| जिसकी बानगी बाराबंकी जिले के लोनीकटरा थानाक्षेत्र में दिखाई भी पड़ रही है|
बाराबंकी जनपद के थाना लोनीकटरा क्षेत्र में मौलाबाद व धौरेहराघाट पर बड़े-बड़े फाकलैंड जेसीबी मशीनों से जारी खनन से ग्रामीण व आमजन तक परेशान है| वरिष्ठ कोर्टों द्वारा रोक के बावजूद अवैध खनन कर रहे लोगों के माथे पर शिकन तक नहीं है ना ही किसी नियम-कानून पुलिस का भय| सूत्रों की माने तो रुपए दो हजार से पांच हजार रुपए प्रति सप्ताह प्रति ट्राली या डंपर के खनन पर व हजार-दो हजार की घूस लेकर जिम्मेदार खनन की तरफ से आंख फेरे रहते हैं और जिम्मेदार जरायमपेशा इमानदारी से दोहन कर धन बनाते और पहुंचाते रहते हैं और बालू ट्राली 15-25 सौ प्रति ट्राली तक की बेची-खरीदी चालू है| जो ट्रक के जरिए दूसरे शहरो तक भेजी जाती है|  नाम न छापने की शर्त पर एक खनन करने वाले ने बताया कि हमे 5 हज़ार रुपये हर सप्ताह लोनीकटरा मे देना पड़ता है तब जाके हम अपना काम कर पाते है ।
   जिसको लेकर कई प्रतिष्ठित अखबारों ने भी विस्तार से खबर प्रकाशित कर पूरे मामले को जिला स्तर के अधिकारियों के आगे बेनकाब किया लेकिन खनन माफियाओं पर कोई असर पड़ता नहीं दिखा| जिससे सत्ता में माफियाओं की पकड़ साफ-साफ आमजन तक को महसूस हो गईं सिवाए जिम्मेदारों के|
वहीं इतना ही नहीं बेअंदाजी का आलम ये है कि मिट्टी खनन में नहर की पटरी तक खोदने की बात लोनीकटरा थानाक्षेत्र से सामने आई थी जिसमें नहर तक कट जाने से कई गांव तक डूबने का खतरा चार-पांच माह पूर्व सामने आया था| जिसमें ग्रामीणों ने प्रयास कर रातों-रात पटरी की मरम्मत कर खतरे को किसी तरह टाला| लेकिन बावजूद इसके कोई कार्रवाई मुकम्मल आरोपियों पर आजतक नहीं हो पाई|
सूत्रों की माने तो लोनीकटरा थाना पुलिस सहित अन्य तमाम स्थानों पर वर्षों से जमा स्टॉफ अपनी इसी आंख जिम्मेदारियों की तरफ से बंद करने के इनाम के कारण ही सत्ताधांरियों की आंखों का तारा बना टिका हुआ है|

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