ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
इलाहाबाद के एक संत आचार्य कुश महाराज ने वाहन पास बनवाने के लिए शहर के एसपी क्राइम रमाकांत प्रसाद से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान एसपी ने साधु-संतों को जमकर खरी-खोटी सुनाई और अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया। एसपी ने यह भी कहा कि गंगा तो विलुप्त्ा हो चुकी है। अब साधु-संत और अन्य लोग सिर्फ नाले में नहाने का नाटक करते हैं। इस बात से नाराज होकर आचार्य कुश ने मेला अधिकारी को चिट्ठी लिखकर एसपी सहित तमाम ऐसे पुलिस अफसरों को हटाने का निवेदन किया है।
एसपी ने किया अभद्र भाषा का प्रयोग
एसपी रमाकांत प्रसाद ने आचार्य कुश महाराज से कहा कि साधु-संतों को पास की क्या जरूरत है, वह तो अपराधी हैं। इस बात पर जब एसपी से पूछा गया कि कौन साधु अपराधी है तो उन्होंने सीधे मां-बहन की गालियां देना शुरू कर दी। एसपी ने कहा कि डीएम तो नामर्द है। हम लोगों से कहते हैं कि साधु-संतों से शरीफ से पेश आओ। ये लोग दो टके के भिखारी हैं। इनसे क्या अदब से पेश आना।
एसपी रमाकांत प्रसाद ने आचार्य कुश महाराज से कहा कि साधु-संतों को पास की क्या जरूरत है, वह तो अपराधी हैं। इस बात पर जब एसपी से पूछा गया कि कौन साधु अपराधी है तो उन्होंने सीधे मां-बहन की गालियां देना शुरू कर दी। एसपी ने कहा कि डीएम तो नामर्द है। हम लोगों से कहते हैं कि साधु-संतों से शरीफ से पेश आओ। ये लोग दो टके के भिखारी हैं। इनसे क्या अदब से पेश आना।
मुझे हिंदू आडंबर से चिढ़ है: एसपी क्राइम
रमाकांत प्रसाद ने कहा कि उन्हें हिंदू आडंबर से चिढ़ हैं। वे हिंदू धर्म से अच्छा इस्लाम को मानते हैं। इस्लाम में हर मुसलमान बराबर है। इस्लाम में आडंबर के नाम पर कोई दिखावा नहीं करता है। इस्लाम में शांति और सादगी है
रमाकांत प्रसाद ने कहा कि उन्हें हिंदू आडंबर से चिढ़ हैं। वे हिंदू धर्म से अच्छा इस्लाम को मानते हैं। इस्लाम में हर मुसलमान बराबर है। इस्लाम में आडंबर के नाम पर कोई दिखावा नहीं करता है। इस्लाम में शांति और सादगी है

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