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इंजीनियरों के हत्याकांड में दरभंगा आइजी अमित कुमार जैन ने कहा कि कातिलों की गिरफ्तारी में हो रही देरी के बाद गैंगस्टर संतोष झा से पूछताछ जरूरी हो गई है। शीघ्र ही उसे रिमांड पर लिया जाएगा। 26 दिसंबर को बहेड़ी में इंजीनियरों की हत्या हुई थी। कांड में संतोष झा गैंग की भूमिका संदिग्ध है।सुरक्षा कारणों से संतोष झा को सेंट्रल जेल सेभागलपुर ट्रांसफर किया जा चुका है।हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआइटी में दरभंगा समेत मुजफ्फरपुर जोन के पुलिस अफसर लगाए गए हैं।राज्य सरकार द्वारा इस केस में स्पेशल तौर पर लगाए गए आइजी (ऑपरेशन) सुशील मान सिंह खोपड़े और एसटीएफ एसपी शिवदीप के रोल अब साफ हो चुके हैं।खोपड़े नेकहा कि जांचका जिम्मा पूर्णत:दरभंगा पुलिस यानी यहां केएसएसपी के हाथ में है।एसटीएफ उनके सहयोग में जरूर है।उन्होंने बताया कि एसटीएफ व पुलिस के बीच समन्वय के लिए रणनीति में कुछ बदलाव हुआ है,लेकिन इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है। मुजफ्फरपुर जोन के आइजी पारसनाथ ने भी कहा कि इंवेस्टिगेशन दरभंगा एसएसपी के हाथ में है।हमारे जोन में मुजफ्फरपुर,शिवहर,सीतामढ़ी,मोतिहारी,बेतिया आदि जिलों की पुलिस जो स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम में शामिल है,उन्हें रेड और छापेमारी के अलावा सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है।अब तक शिवहर से चार,सीतामढ़ी से एक,बेतिया से दो,दरभंगा से एक और दो दूसरी जगह से यानी कुल 10 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।केस को जल्द पूरा करने के लिए ही संतोष झा को रिमांड पर लेने की कार्रवाई की नौबत आई है।बता दें कि संतोष को रिमांड पर मांगने से पहले दरभंगा के संबंधित कोर्ट से इजाजत मांगनी होगी। दरभंगा पुलिस को कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट के लिए रिक्यूजिशन लगानी होगी। केस बहेड़ी का है,इस कारण यहां सब जज फोर की अदालत में प्रे करना होगा। पूछताछ एवं अनुसंधान के दृष्टिकोण से उसकी कस्टडी जरूरी है। इसके बाद प्रोडक्शन वारंट मिलेगा। भागलपुर जेल वारंट ले जाया जाएगा तब पुलिस को कस्टडी मिल पाएगी। इन सब में देरी है लिहाजा साफ है कि कातिलों की गिरफ्तारी में अभी वक्त लगेगा।
इंजीनियरों के हत्याकांड में दरभंगा आइजी अमित कुमार जैन ने कहा कि कातिलों की गिरफ्तारी में हो रही देरी के बाद गैंगस्टर संतोष झा से पूछताछ जरूरी हो गई है। शीघ्र ही उसे रिमांड पर लिया जाएगा। 26 दिसंबर को बहेड़ी में इंजीनियरों की हत्या हुई थी। कांड में संतोष झा गैंग की भूमिका संदिग्ध है।सुरक्षा कारणों से संतोष झा को सेंट्रल जेल सेभागलपुर ट्रांसफर किया जा चुका है।हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआइटी में दरभंगा समेत मुजफ्फरपुर जोन के पुलिस अफसर लगाए गए हैं।राज्य सरकार द्वारा इस केस में स्पेशल तौर पर लगाए गए आइजी (ऑपरेशन) सुशील मान सिंह खोपड़े और एसटीएफ एसपी शिवदीप के रोल अब साफ हो चुके हैं।खोपड़े नेकहा कि जांचका जिम्मा पूर्णत:दरभंगा पुलिस यानी यहां केएसएसपी के हाथ में है।एसटीएफ उनके सहयोग में जरूर है।उन्होंने बताया कि एसटीएफ व पुलिस के बीच समन्वय के लिए रणनीति में कुछ बदलाव हुआ है,लेकिन इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है। मुजफ्फरपुर जोन के आइजी पारसनाथ ने भी कहा कि इंवेस्टिगेशन दरभंगा एसएसपी के हाथ में है।हमारे जोन में मुजफ्फरपुर,शिवहर,सीतामढ़ी,मोतिहारी,बेतिया आदि जिलों की पुलिस जो स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम में शामिल है,उन्हें रेड और छापेमारी के अलावा सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है।अब तक शिवहर से चार,सीतामढ़ी से एक,बेतिया से दो,दरभंगा से एक और दो दूसरी जगह से यानी कुल 10 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।केस को जल्द पूरा करने के लिए ही संतोष झा को रिमांड पर लेने की कार्रवाई की नौबत आई है।बता दें कि संतोष को रिमांड पर मांगने से पहले दरभंगा के संबंधित कोर्ट से इजाजत मांगनी होगी। दरभंगा पुलिस को कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट के लिए रिक्यूजिशन लगानी होगी। केस बहेड़ी का है,इस कारण यहां सब जज फोर की अदालत में प्रे करना होगा। पूछताछ एवं अनुसंधान के दृष्टिकोण से उसकी कस्टडी जरूरी है। इसके बाद प्रोडक्शन वारंट मिलेगा। भागलपुर जेल वारंट ले जाया जाएगा तब पुलिस को कस्टडी मिल पाएगी। इन सब में देरी है लिहाजा साफ है कि कातिलों की गिरफ्तारी में अभी वक्त लगेगा।

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