ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ के साढे तीन सौ पत्रकारों के जीवन बीमा के लिए प्रदेश सरकार 25 लाख रुपए सालाना खर्च करती है. वे कौन जर्नलिस्ट है? सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए सवाल का जवाब वर्षों से नही मिल सका हैं. अन्य पत्रकारों को भी जीवन बीमा का लाभ देने के लिए प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव आदेश दे चुके हैं लेकिन बीमा का बजट सूचना विभाग में नहीं बढाया जा रहा है.
विकास दीप में आयोजित खिचडी भोज के आयोजन में लगभग दर्जन भर पत्रकार संगठनों के सौ से अधिक पत्रकार प्रतिनिधियों ने उपरोक्त सवालों पर मंथन किया. कई संगठनों की इस साझा बैठक में महागठबंधन की घोषणा कर पत्रकार नेताओं ने प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल से बीमा सम्बंधित मसले पर वार्ता का निर्णय किया. पारंपरिक खिचडी भोज से पूर्व गहन चर्चा में पत्रकारों के बीमा, आवास, चिकित्सा सुविधा आदि पर भी सार्थक निर्णय कराए जाने का संकल्प लिया गया.
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के कई महत्वपूर्ण पत्रकारों के संगठन उपिस्थत थे. अरुण त्रिपाठी, रुपेश सोनकर, नावेद शिकोह, अमिताभ त्रिवेदी, भारत सिंह, अनिल त्रिपाठी, अब्दुल वहीद, जुबैर, एस. के. शुक्ला, मो. वसीम, डा. रमेश चन्द्रा, भारत सिंह, एस. एम. पारी , शशी नाथ दुबे ने बीमा मुद्दे पर शासन से बातचीत का निर्णय लिया. आज के इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार डी. पी शुक्ला, आदित्य शुक्ला बंजारा, मो. कामरान, अमरेन्द्र सिंह, राजेश मिश्रा, अनूप, शाश्वत तिवारी, सचीन शर्मा, दानिश जमील, खालिद गौरी, जुहैब तुराबी, मनोज मिश्रा, महेन्द्र सिंह, अजय वर्मा और गौरव सोनकर आदि शामिल हुए.


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