मुलायम की बहू अपर्णा यादव बीबीएयू के दीक्षांत समारोह में पहुंची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे बीबीएयू पहुंचकर अपर्णा यादव ने कहा, पीएम हम सबके हैं। उन्होंने कहा, यूनीवर्सिटी के बुलाने पर पीएम के कार्यक्रम में आई हूं, कुछ पॉलिटिकल नहीं बोलूंगी।मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव पहले भी पीएम मोदी की तारीफ करने को लेकर चर्चा में आ चुकी हैं। पीएम मोदी बीबीएयू के दीक्षांत समारोह में पहुंचे। अपने बीच पीएम की मौजूदगी को लेकर स्टूडेंट्स काफी उत्साहित नजर आए।हालांकि स्टूडेंट्स को पीएम के हाथ से मेडल न मिल पाने का मलाल है।पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को राजधानी के भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) के कॉन्वोकेशन प्रोग्राम में शामिल हुए। इस मौके पर पहुंचीं मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने कहा कि ये बहुत अच्छा प्रोग्राम है। इससे हमारे छात्रों का हौसला और बुलंद होगा। साथ ही समाज को भी संदेश जाएगा कि हमारे लिए पढ़ना कितना जरुरी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंबेडकर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने आए। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जो कठिनाई से डरें नहीं। असफलताओं से घबराएं नहीं। इस देश के सपने और संकल्प भी जवान हैं। इस देश के लिए मर मिटने वाले भी जवान हैं। यह युवा शक्ति हमारे लिए अनमोल है। लेकिन तब बड़ा कष्ट होता है जब इस देश के युवा रोहित केे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है। मां-बाप पर क्या बीती होगी। मां ने एक लाल खोया है। राजनीतिक कारण कुछ भी हों लेकिन इस दर्द को महसूस करने की जरूरत है। संकटों से जूझने वालों को बाबा साहब से प्रेरणा लेनी चाहिए। मैं अनुभव करता हूं कि 21वीं सदी हिन्दुस्तान की सदी है क्योंकि भारत नौजवानों का देश है।
शिक्षा के लिए जिए बाबा अंबेडकर
भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अंबेडकर यूनीवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मुझे आने का सौभाग्य मिला है। बाबा साहब अंबेडकर ने इस देश के बहुत कुछ दिया, लेकिन एक बात जो इस देश के भविष्य के लिए अनिवार्य है और जिसके लिए बाबा साहब समर्पित थे। एक प्रकार से जिसके लिए वह जिये। वह बात थी शिक्षा। वह हर किसी को यही बात बताते थे कि जिन्दगी में कठिनाइयों से मुक्ति का जो रास्ता है वह शिक्षा है। उनका मंत्र ïथा शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो। यह संघर्ष अपने आप से भी करना है। अपने लोगों से भी करना है। यह तब संभव होता है जब हम शिक्षित बनें। बाबा साहब ने अपने मंत्र की शुरुआत में ही कहा कि शिक्षित बनो।
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