ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में असहिष्णुता पर अभिनेत्री काजोल ने कहा है कि आमिर खान और किरण राव को कैसा लगता है मुझे मतलब नहीं लेकिन मैं हमेशा मन की बात कहती हूं, और इसमें मुझे कभी डर नहीं लगा.
काजोल शनिवार को यहां मां तनुजा और पति अजय देवगन के साथ पहुंची थी. काजोल फेस्टिवल में अश्विन सांघी की किताब ‘द सियालकोट सागा’ पर आधारित एक सत्र में शामिल हुईं. इस सत्र में अश्विन सांघी के साथ उनसे सुधा सरदानंद ने संवाद किया.
कालोज की लाइब्रेरी में 600 से ज्यादा किताबें:
काजोल ने सत्र के दौरान बातचीत में कहा कि मुझे पढ़ने का शौक है और इन दिनों मैं लाइब्रेरी की किताबें फिर से पढ़ने का प्रयास कर रही हूं. उन्होंने बताया कि उनकी लाइब्रेरी में करीब 600 से 700 किताबें हैं.
अच्छी पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद हो:
काजोल ने कहा कि अच्छी पुस्तक में ईजी राइटिंग का होना जरुरी है. लेकिन कई लेखकों की पुस्तकें पाठकों के लिए टफ और बोरिंग होती हैं. मेरा मानना है कि अंग्रेजी की अच्छी पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद होना चाहिए. क्यों हर पाठक अंग्रेजी पढ़ने में समर्थ नहीं है. पाठकों की रुचि के अनुसार दूसरी भाषाओं में भी अनुवाद होना चाहिए.
तनुजा को बताया बुक लवर:
काजोल के इस सत्र में तनुजा भी मौजूद रही. अपनी बातचीत में काजोल ने मां का जिक्र करते हुए कहा कि मेरी मां को पुस्तकों से प्यार रहा है. काजोल ने यह भी कहा कि अजय देवगन को भी किताबें पढ़ने का शौक है. काजोल ने अपने सत्र के बाद बुक स्टोर में अपने लिए किताबें भी तलाशी.
सांधी ने कहा- मैं राइटर नहीं, स्टोरी टेलर:
सांघी ने काजोल के साथ बातचीत में कहा कि, मैं राइटर नहीं स्टोरी टेलर हूं. पाठकों की रुचि के अनुरुप पुस्तक लिखने का प्रयास करता हूं. सांघी ने कहा कि दूसरे देशों की संस्कृति और लोगों को भी हमने आत्मसात किया है. सांघी ने यह भी कहा कि विश्व की तुलना में भारत में सहिष्णुता ज्यादा है.
विभाजन पर आधारित है ‘द सियालकोट सागा’
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में असहिष्णुता पर अभिनेत्री काजोल ने कहा है कि आमिर खान और किरण राव को कैसा लगता है मुझे मतलब नहीं लेकिन मैं हमेशा मन की बात कहती हूं, और इसमें मुझे कभी डर नहीं लगा.
काजोल शनिवार को यहां मां तनुजा और पति अजय देवगन के साथ पहुंची थी. काजोल फेस्टिवल में अश्विन सांघी की किताब ‘द सियालकोट सागा’ पर आधारित एक सत्र में शामिल हुईं. इस सत्र में अश्विन सांघी के साथ उनसे सुधा सरदानंद ने संवाद किया.
कालोज की लाइब्रेरी में 600 से ज्यादा किताबें:
काजोल ने सत्र के दौरान बातचीत में कहा कि मुझे पढ़ने का शौक है और इन दिनों मैं लाइब्रेरी की किताबें फिर से पढ़ने का प्रयास कर रही हूं. उन्होंने बताया कि उनकी लाइब्रेरी में करीब 600 से 700 किताबें हैं.
अच्छी पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद हो:
काजोल ने कहा कि अच्छी पुस्तक में ईजी राइटिंग का होना जरुरी है. लेकिन कई लेखकों की पुस्तकें पाठकों के लिए टफ और बोरिंग होती हैं. मेरा मानना है कि अंग्रेजी की अच्छी पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद होना चाहिए. क्यों हर पाठक अंग्रेजी पढ़ने में समर्थ नहीं है. पाठकों की रुचि के अनुसार दूसरी भाषाओं में भी अनुवाद होना चाहिए.
तनुजा को बताया बुक लवर:
काजोल के इस सत्र में तनुजा भी मौजूद रही. अपनी बातचीत में काजोल ने मां का जिक्र करते हुए कहा कि मेरी मां को पुस्तकों से प्यार रहा है. काजोल ने यह भी कहा कि अजय देवगन को भी किताबें पढ़ने का शौक है. काजोल ने अपने सत्र के बाद बुक स्टोर में अपने लिए किताबें भी तलाशी.
सांधी ने कहा- मैं राइटर नहीं, स्टोरी टेलर:
सांघी ने काजोल के साथ बातचीत में कहा कि, मैं राइटर नहीं स्टोरी टेलर हूं. पाठकों की रुचि के अनुरुप पुस्तक लिखने का प्रयास करता हूं. सांघी ने कहा कि दूसरे देशों की संस्कृति और लोगों को भी हमने आत्मसात किया है. सांघी ने यह भी कहा कि विश्व की तुलना में भारत में सहिष्णुता ज्यादा है.
विभाजन पर आधारित है ‘द सियालकोट सागा’
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