ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
गोरखपुर, 21 जनवरी। हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित शोध छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के लिए मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी, श्रम राज्य मंत्री बंडारु दत्तात्रेय, हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव पिंडले को जिम्मेदार ठहराते हुए भाकपा माले, जन संस्कृति मंच, जनवादी लेखक संघ की अगुवाई में लेखकों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों ने आज प्रतिरोध मार्च निकाला और तीनों को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग की। आज डा. अम्बेडकर छात्र युवा चेतना समिति और आम आदमी पार्टी ने भी इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया।
प्रतिरोध मार्च दोपहर 12 बजे से बेतियाहाता स्थित प्रेमचन्द पार्क से शुरू हुआ। प्रशासन ने यहां पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात कर दिए थे जो जुलूस के साथ-साथ डीएम कार्यालय तक गए। यहां से जुलूस शहीद भगत सिंह तिराहे से होता हुआ कलेक्टेट पहुंचा जहां जिला प्रशासन को राष्टपति को सम्बोधित ज्ञापन दिया गया। प्रतिरोध मार्च में वरिष्ठ रंगकर्मी राजा राम चैधरी, कवि प्रमोद कुमार, भाकपा माले के जिला सचिव राजेश साहनी, गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षक डा. शुभी धुसिया, जन संस्कृति मंच के राष्टीय सचिव मनोज कुमार सिंह, जिला संयोजक एवं वरिष्ठ पत्रकार जगदीश लाल श्रीवास्तव, सचिव आनन्द पांडेय, पूजा, श्रवण कुमार, सोनू श्रीवास्तव, विनोद भारद्वाज, इमामुद्दीन, पवन कुमार, बैजनाथ मिश्र, राहुल कुमार, एपवा नेता मनोरमा चैहान, सुग्रीव निषाद, इंकलाबी नौजवान सभा के बजरंगी निषाद, नंदू प्रसाद, अरूण प्रकाश पाठक, जर्नादन, विनय यादव, नीरज विश्वकर्मा आदि शामिल थे।
इस मौके पर सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि शोध छात्र रोहित वेमुला आर एस एस निर्देशित हिंदुत्व की ताकतों और केंद्र सरकार की सरपरस्ती में जारी फासीवादी मुहिम के शिकार हुए हैं। रोहित समेत अम्बेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के पांच छात्रों का निष्कासन और इस प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर रोहित की आत्महत्या यह बताती है कि देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में आर एस एस और भाजपा अपना नियंत्रण कायम करने में लगी हुई है। कुछ महीने पहले आई आई टी चेन्नई में अम्बेडकर.पेरियार स्टडी सर्किल को गैर कानूनी बता कर बंद करने का फरमान सीधे पी एम् ओ से जारी हुआ था। उसी तरह हैदराबाद केंद्रीय वि वि में आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन को राष्ट्र विरोधी् बताते हुए श्रम राज्य मंत्री ने स्मृति ईरानी को पत्र लिखा। सितम्बर से लेकर जनवरी तक मानव संसाधन मंत्रालय से कुलपति को चार पत्र लिखे गए।इससे यह साफ है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की मामूली सी शिकायत पर पूरा मंत्रालय हरकत में आ गया और पांच दलित छात्रों को परिसर से बाहर निकाल दिया गया। जबकि यू जी सी मुख्यालय के बाहर छात्र अपनी फेलोशिप की मांग पर आन्दोलनरत हैं उनसे मिलने भर को मंत्री महोदया के पास समय नही होता।
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