Wednesday, January 6, 2016

राज्यपाल पर भड़के शि‍वपाल


यूपी सरकार और राज्यपाल राम नाइक के बीच एक बार फिर रस्साकशी की शुरुआत हो गई है. इस बार टकराव का मुद्दा गर्वनर राम नाइक की ओर से लोकायुक्त दफ्तर से यूपी सरकार के भ्रष्ट नेताओं और अफसरों का ब्योरा मांगा जाना है.
दरअसल, इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसीराज्यपाल ने लोकायुक्त से उसके पांच साल के कामकाज का ब्योरा मांगा है, जबकि समाजवादी पार्टी की सरकार को चुनाव से ठीक पहले भ्रष्टाचार की पोल खुलने का डर सता रहा है. राज्यपाल लोकायुक्त के जरिए उन सभी भ्रष्ट मंत्रियों और अफसरों की जानकारी चाहते हैं जिनके खिलाफ बीते पांच साल के दौरान कार्रवाई की गई है.
गौरतलब है‍ कि राज्यपाल राम नाइक सरकार से जुड़ी जानकारियों को बेबाकी से सार्वजनिक करने के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में सरकार को डर है कि कहीं इस बार भी राज्यपाल के कारण उनकी भद न पिट जाए. सरकार के कद्दावर मंत्री खुलकर राज्यपाल पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं.
'राजनीति करनी है तो राज्यपाल का पद छोड़ दें'
यूपी सरकार में मंत्री शिवपाल यादव कहते हैं, 'हमारी सलाह है. हम सिर्फ सलाह ही दे सकते हैं. गवर्नर हाउस को संवैधानिक दायित्वों का पालन करना चाहिए. हम केवल इतना ही कहेंगे. यदि राजनीति करनी है तो फिर राज्यपाल का पद छोड़ना पड़ेगा.'
यह मेरे कार्यक्षेत्र का हिस्सा: राज्यपाल
दूसरी ओर, राजनीति करने के आरोपों को दरकिनार करते हुए राम नाइक लोकायुक्त से जानकारी मांगने को अपने कार्यक्षेत्र का अहम हिस्सा बता रहे हैं. राम नाइक ने सरकार और सरकार में बैठे मंत्रियों को ये भी याद दिलाया कि राज्यपाल रहते हुए वो राज्य के प्रमुख की भूमिका में हैं और लोकायुक्त दरअसल उनके अफसर हैं, जिनसे जरूरत पड़ने पर जानकारी लेना उनका पूरा पूरा अधिकार है.
राम नाइक ने शिवपाल यादव के बयान पर चुटकी लेते हुए यहां तक कह दिया कि लगता है उनपर राजनीति करने का आरोप लगाने वालों को संविधान की पूरी जानकारी नहीं है.
जुटाई जा रही है जानकारी
हालांकि, लोकायुक्त की मानें तो बीते पांच वर्षों में भ्रष्टाचार के खिलाफ हुई कार्रवाई की एक मुश्त जानकारी दिए जाने का इससे पहले कोई इतिहास नहीं है. ऐसे में अब राज्यपाल की ओर से चिट्ठी भेजे जाने के बाद राज्य के भ्रष्ट अफसरों और नेताओं से जुड़ी सारी जानकारी लोकायुक्त दफ्तर में युद्धस्तर पर जुटाई जा रही है.
लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने कहा, 'ये जो सूचना इन्होंने मांगी थी, ये मैं हर साल कंपाइल करके अपना प्रतिवेदन भेजता हूं. नई चीज यह है कि वो जानना चाहते हैं कि कितने दोषी या निर्दोष हुए तो मेरे यहां ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं जाती है. मैंने उनको बताया कि यह मेरी वेबसाइट पर इसलिए नहीं है, क्योंकि यह सब गोपनीय होता है.'

No comments:

All

SC ने पब्लिक सर्वेंट की तत्काल अरेस्टिंग पर लगाई रोक, कहा-इस एक्ट का हो रहा है दुरुपयोग

टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. एक याचिका पर सुनवाई के दौ...