इमरजेंसी वार्ड में भर्ती एक मरीज की शुक्रवार सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। इस पर गुस्साए तीमारदारों ने स्टाफ नर्स की लात-घूंसों से पिटाई कर दी। इमरजेंसी ओपीडी व वार्ड में तैनात डॉक्टर व कर्मियों ने भागकर जान बचाई।
सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिलाकर मामला शांत कराया। तीमारदारों ने स्टाफ नर्स पर गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए प्रभारी सीएमएस को पत्र दिया है। इस घटना के बाद अस्पताल कर्मियों में आक्रोश है।
दरगाह मोहल्ला निवासी इसरार अहमद (55) को शुक्रवार सुबह 10:30 बजे जिला अस्पताल लाया गया। इमरजेंसी ओपीडी इंचार्ज डॉ. एपी मिश्रा ने इसरार की हालत देख उसे तत्काल भर्ती करते हुए उपचार शुरू कराया। इसरार को सीने में तेज दर्द था और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
डॉ. एपी मिश्रा ने वरिष्ठ चेस्ट रोग विशेषज्ञ व फिजीशियन डॉ. पारितोष मिश्रा को कॉल भेजकर उनसे भी सेहत का परीक्षण कराया। डॉ. पारितोष ने दवाएं लिखीं। वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स आर. जॉर्ज डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं इसरार को दे रही थीं।इस दौरान नर्स जॉर्ज ने जैसे ही सिफाटेक्सिन एंटीबॉयोटिक इंजेक्शन लगाया, इसरार अहमद को बेचैनी शुरू हो गई और कुछ ही पलों में उन्होंने दम तोड़ दिया। इससे तीमारदारों का गुस्सा भड़क उठा।
तीमारदारों ने नर्स जॉर्ज पर गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए लात-घूसों से उनकी पिटाई की। वार्ड से लेकर इमरजेंसी ओपीडी तक तीमारदारों ने खूब हंगामा किया।
अस्पताल प्रशासन की सूचना पर थोड़ी देर में नगर कोतवाल संजय सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। नगर मजिस्ट्रेट वीएन पांडेय व नगर क्षेत्राधिकारी अनूप कुमार भी पहुंचे। सभी ने दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर आक्रोशित भीड़ को शांत कराया।
सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिलाकर मामला शांत कराया। तीमारदारों ने स्टाफ नर्स पर गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए प्रभारी सीएमएस को पत्र दिया है। इस घटना के बाद अस्पताल कर्मियों में आक्रोश है।
दरगाह मोहल्ला निवासी इसरार अहमद (55) को शुक्रवार सुबह 10:30 बजे जिला अस्पताल लाया गया। इमरजेंसी ओपीडी इंचार्ज डॉ. एपी मिश्रा ने इसरार की हालत देख उसे तत्काल भर्ती करते हुए उपचार शुरू कराया। इसरार को सीने में तेज दर्द था और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
डॉ. एपी मिश्रा ने वरिष्ठ चेस्ट रोग विशेषज्ञ व फिजीशियन डॉ. पारितोष मिश्रा को कॉल भेजकर उनसे भी सेहत का परीक्षण कराया। डॉ. पारितोष ने दवाएं लिखीं। वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स आर. जॉर्ज डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं इसरार को दे रही थीं।इस दौरान नर्स जॉर्ज ने जैसे ही सिफाटेक्सिन एंटीबॉयोटिक इंजेक्शन लगाया, इसरार अहमद को बेचैनी शुरू हो गई और कुछ ही पलों में उन्होंने दम तोड़ दिया। इससे तीमारदारों का गुस्सा भड़क उठा।
तीमारदारों ने नर्स जॉर्ज पर गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए लात-घूसों से उनकी पिटाई की। वार्ड से लेकर इमरजेंसी ओपीडी तक तीमारदारों ने खूब हंगामा किया।
अस्पताल प्रशासन की सूचना पर थोड़ी देर में नगर कोतवाल संजय सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। नगर मजिस्ट्रेट वीएन पांडेय व नगर क्षेत्राधिकारी अनूप कुमार भी पहुंचे। सभी ने दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर आक्रोशित भीड़ को शांत कराया।

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