उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार पार्टी के भीतर सत्ता केन्द्रों के चहेतों को उपकृत करने की जुगत में लग गयी है. उत्तर प्रदेश की विधान परिषद् के लिए पार्टी ने 34 सीटों के लिए जिन 31 नामों का ऐलान किया है कम से कम उस से तो यही साबित होता है. विधान परिषद् प्रत्याशियों की सूची को देखने से साफ़ पता चलता है की सपा के सभी दमदार नेताओं ने अपने लोगों को फिट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
समाजवादी पार्टी के बेस वोट माने जाने वाले यादव बिरादरी के प्रत्याशियों की सूची में सबसे ज्यादा जगह मिली है. यादव बिरादरी के 16 लोगों को शामिल कर पार्टी ने इस जाति को अपने पाले में रखने की पूरी कोशिश की है वहीँ 4 टिकट मुसलमानों को देकर अपना एमवाई समीकरण बरकरार रखने की कोशिश की है. तो 5 राजपूतो को भी टिकट दिया गया है. इसके आजवा 2 कुर्मी, 1 जाट और एक गुज्जर को प्रतिनिधित्व दिया गया है. सूबे की प्रमुख राजनितिक जाति ब्राह्मण का प्रतिनिधित्व नगण्य ही रहा. 31 में से सिर्फ 1 ब्राह्मण को जगह मिली है.
हाल के दिनों में ठाकुरों को साधने में लगी सपा ने 5 टिकट इस बिरादरी को भी दिया है.जिसमे निर्दलीय विधायक और सपा सरकार के मंत्री रघुराज प्रताप सिंह “ राजा भैया” के करीबी अक्षय प्रताप सिंह का नाम भी शामिल है.
प्रत्याशियों की सूची में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नौजवान ब्रिगेड के लोगों के नाम तो शामिल हैं. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी सुनील सिंह साजन और आनंद भदौरिया को भी इस सूची में जगह मिली है. इन दोनों को कुछ दिन पहले सपा मुखिया मुलायम सिंह ने पंचायत चुनाव में कथित रूप से विह्रोहियों की मदद करने आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया था. इस बात से अखिलेश यादव काफी नाराज हुए और अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए सैफई महोत्सव के उदघाटन समारोह में भी नहीं गए थे. अखिलेश के इस दबाव के बाद सुनील सिंह साजन और आनंद भदौरिया का निलंबन यह कहते हुए वापस लिया गया था कि इन लोगों ने अपनी गलती मान ली है.
अखिलेश यादव के एक और करीबी उदयवीर सिंह को भी टिकट मिला है. उदयवीर सिंह सैनिक स्कूल के पृष्ठभूमि के हैं और नेपाल में राहत के लिए भेजे गए समाजवादी पार्टी के युवाओं के दल के मुखिया थे.
इस सूची में कुछ एक बहुत विवादित नाम भी है. कानपूर देहात से जिस कल्लू यादव को टिकट मिला है वह एआरटीओ पर फायरिंग कराने का आरोपी रहा है. कल्लू पर बालू ट्रकों से अवैध वसूली का सिंडीकेट का आरोप भी है. इसी तरह हिस्ट्रीशीटर अमीरचंद्र पटेल को भी वाराणसी से टिकट मिला है . अमीरचंद्र पटेल पर सपा का टिकट,गैंगस्टर, रेप समेत 28 मुकदमें दर्ज हैं ,प्रशासन ने अमीरचंद्र पटेल को भूमाफिया भी चिन्हित किया है. अमीर चन्द बीएसपी से 2004 में लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके है और करीब 2 साल जेल काट कर अमीरचंद्र फ़िलहाल जमानत पर बाहर है. विधान सभा के आसन्न चुनावो के लगभग एक साल पहले होने वाले यूपी विधान परिषद् के चुनाव समाजवादी पार्टी की वोटरों पर पकड़ बताएँगे. स्थानीय निकायों के MLC की 34 सीटो के लिए होने वाले चुनावों से सपा की जमीनी पकड़ का भी अंदाजा लगाया जायेगा. हाल ही हुए पंचायत चुनावो में सपा समर्थित उम्मीदवारों को बड़ी सफलता मिली थी जिसमे सत्ताधारी दल पर दबाव की राजनीति के आरोप भी लगे थे. इन 34 सीटों में से आज समाजवादी पार्टी ने 31 सीटों के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी.
पार्टी मुख्यालय से जारी होने वाली सूची में एक तरफ जातीय समीकरणों को ध्यान में रखा गया है तो वहीँ अखिलेश यादव के चहेते माने जाने वाले युवा नेताओं को भी जगह मिली है.
No comments:
Post a Comment