Sunday, January 31, 2016

बिफरे आदित्यनाथ भगवान राम, लक्ष्मण पर मुकदमा का मामला

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और गोरखपुर से सांसद महंत आदित्यनाथ ने बिहार के सीतामढ़ी में भगवान राम और लक्ष्मण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि ऐसे लोग सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह के काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यह न्यायालय के कार्य को बाधित करके आम जन को न्याय से वंचित करने की कुत्सित चेष्टा भी है। इस तरह के लोगों पर भारी जुर्माना लगाने के साथ ही उन पर कड़ी कर्रवाई होनी चाहिए।
आदित्यानाथ ने कहा कि “जो लोग शास्त्रों का वास्तविक मर्म नहीं समझते हैं, वे इस प्रकार की अनावश्यक बातों पर समय बर्बाद करते हैं। न्यायालय आमजन को न्याय देने के लिए बना है। इस प्राकार की फिजूल की बातों के लिए नहीं।”
गौरतलब है कि बिहार के सीतामढ़ी में डुमरी कला गांव निवासी अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने शनिवार को सीजेएम अदालत में भगवान राम और लक्ष्मण के खिलाफ परिवाद दायर किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि त्रेता युग में भगवान लक्ष्मण ने एक धोबी की बातों में आकर अपनी पत्नी सीता (मां जानकी) का परित्याग कर दिया था।
याचिका में कहा गया है कि कोई पुरुष अपनी पत्नी के खिलाफ इतना निष्ठुर कैसे हो सकता है, वह भी तब जब वह सभी सुखों का त्याग कर उनके साथ वनवास पर रही। चंदन सिंह के अनुसार, मुकदमा दर्ज कराने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं, मां सीता को न्याय दिलाना है।
परिवाद पत्र में चंदन ने लिखा है, “सीता जी मिथिला की बेटी थीं और सौभाग्य से वह भी मिथिला की धरती पर पैदा हुए हैं। उन्हें लगता है कि भगवान राम ने मिथिला की बेटी के साथ न्याय नहीं किया, इसलिए वह उन्हें न्याय दिलाना चाहते हैं।”Image result for yogi adityanath image

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