पुलिस ने यहां 25 वर्ष उम्र के एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो एटीएम बूथ पर धन निकालने में मदद करने के बहाने 100 से अधिक लोगों के खातों से धनराशि निकाल चुका है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। आरोपी की पहचान इमरान के रूप में हुई है। वह हरियाणा के पलवल का निवासी है। उसने साथी ग्रामीणों के साथ मिलकर एक गिरोह बनाया था।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) रविंद्र यादव ने बताया कि यह गिरोह परिस्थिति के अनुसार, अलग-अलग ढंग से काम करता था, और ऐसे एटीएम को अपना निशाना बनाते था, जहां कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं होता था।
अधिकारी ने बताया कि इमरान और उसके साथियों ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में विभिन्न एटीएम से सौ से अधिक लोगों के साथ ठगी की।
इमरान पहले दूध बेचता था। मुखबिर से मिली जानकारी के आधार पर उसे शनिवार को दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर से गिरफ्तार किया गया।
गिरोह के अन्य सदस्यों वारिस, इरशाद, खालिद, मुर्सलिन, मोबिन, मुबारक, वसीम, सलीम, शाहिद, मुस्तकिम, शहाबुद्दीन, हामिद, ईशा, कल्लू, जमशेद और आसिफ की तलाश जारी है।
अधिकारी ने कहा कि इमरान और आसिफ को हाल ही में हरियाणा पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में गिरफ्तार किया था। उसने धोखाधड़ी के 100 से अधिक मामले में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया, “गिरोह का एक सदस्य ग्राहक को धनराशि निकालने में मदद करने के बहाने एटीएम बूथ में घुसता। वह एटीएम के करीब खड़े रहता। जैसे ही एटीएम उपभोक्ता निकाली जाने वाली धनराशि दर्ज करता, आरोपी उसका ध्यान भटकाता और ‘क्लीयर’ बटन दबा देता। इसके कारण धनराशि बाहर नहीं निकल पाती थी।”
उन्होंने कहा, “इस बीच गिरोह का दूसरा सदस्य एटीएम बूथ में आता और कहता कि एटीएम मशीन खराब है। उनपर विश्वास कर ग्राहक अपने ट्रांजक्शन को रद्द किए बगैर वहां से चला जाता और इसके बाद गिरोह के सदस्य उस खाते से धनराशि निकाल लेते थे।
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