ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
मध्यप्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर सरकारी कामकाज तक हिंदी माध्यम में होगा। यह फैसला राज्य सरकार ने लिया है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश भी जारी कर दिए हैं। जनसंपर्क विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के हवाले से रविवार को एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि किसी अधिकारी या कर्मचारी को अब इस आधार पर कोई परेशानी नहीं होगी कि उसे अंग्रेजी नहीं आती। हिंदी में काम करने वाले कर्मचारी या अधिकारी को प्रताड़ित या हतोत्साहित किए जाने पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाएगा।
राज्य शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी विभाग, संचालनालय, निगम, उपक्रम या अर्ध-शासकीय संस्थान में कोई भी कार्रवाई अंग्रेजी में होती पाई जाती है तो उसे शासन के आदेशों की गंभीर अवहेलना तथा कदाचरण माना जाएगा और संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राज्य शासन ने निर्देश दिए हैं कि सभी शासकीय कार्य तथा पत्र-व्यवहार अनिवार्य रूप से राजभाषा हिंदी में ही हो। यह निर्देश भी दिया गया है कि केंद्र शासन को भेजे जाने वाले पत्रों के साथ उनका अंग्रेजी अनुवाद भी संलग्न कर दिया जाए तथा अन्य राज्यों से पत्र-व्यवहार संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार ही किया जाए।
राज्य शासन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 12 सितंबर, 2015 को भोपाल में हुए 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन में दिए गए निर्देशों के अनुरूप यह निर्णय लिया है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त, जिलाधिकारी और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
रिपोर्ट : अमन तिवारी ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
No comments:
Post a Comment