ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो बरेली के फरीदपुर में पशु तस्करों की गोली से मारे गए दरोगा मनोज मिश्रा के परिजनों ने पुलिस सम्मान ठुकरा दिया है। मनोज के पिता श्याम मुरारी मिश्रा ने यह जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को पुलिस अधिकारी उनके परिवार को पुलिस सम्मान देने की बात कह रहे थे लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया। श्याम मुरारी यूपी सरकार से खफा हैं। सरकार ने दारोगा मनोज मिश्रा की हत्या की सीबीआई जांच की बात कही थी लेकिन एक माह बाद भी कुछ नहीं हुआ। इसलिए पुलिस सम्मान नहीं लिया।
पुलिस सम्मान कैसा जब बेटे को इंसाफ न मिला
बरेली के फरीदपुर थाने में तैनात दरोगा मनोज मिश्रा की सितम्बर 2015 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस का कहना था कि एक मुठभेड़ में गए मनोज को पशु तस्करों ने गोली से उड़ा दिया था। मनोज के पिता श्याम मुरारी मिश्रा और पत्नी शशि मिश्रा लगातार पुलिस की थ्योरी को झूठा बताकर सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। इस मामले को लेकर मनोज के परिजन राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलने भी गए थे। इस दौरान सीबीआई जांच की मांग को लेकर परिजन अपने गांव हरदासपुर में धरना भी दिया था। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद परिजनों ने धरना और अनशन समाप्त कर दिया था।
अब सरकार की ओर से मिलने वाला सम्मान कबूल नहीं
मंगलवार को मनोज के पिता श्याम मुरारी मिश्रा ने अपने गांव हरदासपुर में मीडिया को बताया कि 26 जनवरी पर सम्मानित करने के लिए पुलिस ने उनको बुलाया था लेकिन अब सरकार की ओर से मिलने वाला पुलिस सम्मान उनको कुबूल नहीं है। मिश्रा ने कहा-सरकार ने हमसे एक माह का वक्त लिया था। अल्टीमेटम पूरा हो चुका है, सीबीआई जांच का कुछ पता नहीं है। ऐसे में इस तरह के सम्मानों का कोई मतलब नहीं। उनके बेटे को इंसाफ चाहिए। उन्होंने बताया कि आईजी के आफिस से सम्मान के लिए चयनित होने की बात कही गई थी लेकिन जब बेटे को इंसाफ न मिला तो सम्मान कैसा। वह यूपी सरकार से बेहद खफा हैं। कहते हैं कि सरकार ने एक बीत जाने के बाद भी अपना वायदा पूरा नहीं किया।

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