ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ मानदेय की मांग को लेकर शुक्रवार को विधानभवन का घेराव करने जा रहे सैकड़ों वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों को पुलिस ने बैरिकेटिंग लगाकर त्रिलोकीनाथ रोड पर रोक लिया। जिससे नाराज शिक्षकों ने सड़क पर बैठकर जोरदार प्रदर्शन किया प्रदर्शनकारी सरकार पर वादा खिलाफी का अरोप लगा रहे थे। मांगों को लेकर अड़े शिक्षकों ने देर शाम मुख्यमंत्री से वार्ता कराने के आश्वासन पर अपना धरना शिक्षा निदेशालय स्थानांतरित कर लिया। माध्यमिक शिक्षक संघ के आवाहन पर शुक्रवार को प्रदेश भर से सैकड़ों वित्तविहीन शिक्षक दारुलशफा में एकत्र हुए थे। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षकों ने यहां से विधानभवन की ओर कूच किया। लोकदल पार्टी कार्यालय के सामने सड़क पर पहले से मौजूद पुलिस बल ने बैरिकेटिंग लगाकर उन्हें रोक लिया। इस दौरान शिक्षकों व पुलिस में काफी नोकझोंक भी हुई। शिक्षक मानदेय को बजट में शमिल में करने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान प्रशासन और शिक्षकों के बीच मानमनौवल का सिलसिला चलता रहा। आखिरकार देर शाम को एसीएम ने मुख्यमंत्री से एक दो दिन में वार्ता कराने का आश्वासन दिया लेकिन आज ही वार्ता कराए बगैर धरना खत्म न करने की जिद पर अड़े रहे। एसीएम ने मुख्यमंत्री के शहर मे न होने की बात बताई।
इसके बाद शिक्षक वार्ता होने तक अपना धरना शिक्षा निदेशालय में स्थानांतरित करने पर राजी हुए। संगठन के अध्यक्ष ने बताया वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र और संगठन के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के दौरान सरकार बनने पर छ माह के भीतर शिक्षकों को मानदेय देने का वादा किया था लेकिन उसे पूरा नही किया गया।
उन्होंने कहा कि अब 12 फरवरी को पेश होने वाले बजट से पहले कैबिनेट में शिक्षकों के मानदेय की पत्रावली का स्वीकृत न करना शासन की नीयत में खोट दर्शा रहा है। सरकार पर आंदोलन को दबाने के जिलों में पुलिस के जरिए शिक्षकों का उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से वार्ता होने तक धरना जारी रहेगा
लखनऊ मानदेय की मांग को लेकर शुक्रवार को विधानभवन का घेराव करने जा रहे सैकड़ों वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों को पुलिस ने बैरिकेटिंग लगाकर त्रिलोकीनाथ रोड पर रोक लिया। जिससे नाराज शिक्षकों ने सड़क पर बैठकर जोरदार प्रदर्शन किया प्रदर्शनकारी सरकार पर वादा खिलाफी का अरोप लगा रहे थे। मांगों को लेकर अड़े शिक्षकों ने देर शाम मुख्यमंत्री से वार्ता कराने के आश्वासन पर अपना धरना शिक्षा निदेशालय स्थानांतरित कर लिया। माध्यमिक शिक्षक संघ के आवाहन पर शुक्रवार को प्रदेश भर से सैकड़ों वित्तविहीन शिक्षक दारुलशफा में एकत्र हुए थे। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षकों ने यहां से विधानभवन की ओर कूच किया। लोकदल पार्टी कार्यालय के सामने सड़क पर पहले से मौजूद पुलिस बल ने बैरिकेटिंग लगाकर उन्हें रोक लिया। इस दौरान शिक्षकों व पुलिस में काफी नोकझोंक भी हुई। शिक्षक मानदेय को बजट में शमिल में करने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान प्रशासन और शिक्षकों के बीच मानमनौवल का सिलसिला चलता रहा। आखिरकार देर शाम को एसीएम ने मुख्यमंत्री से एक दो दिन में वार्ता कराने का आश्वासन दिया लेकिन आज ही वार्ता कराए बगैर धरना खत्म न करने की जिद पर अड़े रहे। एसीएम ने मुख्यमंत्री के शहर मे न होने की बात बताई।
इसके बाद शिक्षक वार्ता होने तक अपना धरना शिक्षा निदेशालय में स्थानांतरित करने पर राजी हुए। संगठन के अध्यक्ष ने बताया वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र और संगठन के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के दौरान सरकार बनने पर छ माह के भीतर शिक्षकों को मानदेय देने का वादा किया था लेकिन उसे पूरा नही किया गया।
उन्होंने कहा कि अब 12 फरवरी को पेश होने वाले बजट से पहले कैबिनेट में शिक्षकों के मानदेय की पत्रावली का स्वीकृत न करना शासन की नीयत में खोट दर्शा रहा है। सरकार पर आंदोलन को दबाने के जिलों में पुलिस के जरिए शिक्षकों का उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से वार्ता होने तक धरना जारी रहेगा
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