Sunday, November 12, 2017

पांच गोलियां मारकर लड़की की हत्या, परिवारीजन बोले-डिप्रेशन में आकर किया सुसाइड

A girl murdered in Lucknow family members said commited suicide.
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ के पीजीआई के एल्डिको निवासी स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राकेश बाबू गुप्ता की 28 वर्षीय बेटी मार्टिना की शनिवार सुबह घर पर ही पांच गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। परिवारीजन पुलिस को सूचना दिए बगैर उसे ट्रामा सेंटर ले गए और मामला रफा-दफा करने की कोशिश की। दोपहर करीब दो बजे पीजीआई पुलिस को वारदात का पता चला तो हड़कंप मच गया। एएसपी उत्तरी अनुराग वत्स, सीओ कैंट तनु उपाध्याय सहित पीजीआई पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की। परिवारीजनों ने मार्टिना के खुदकुशी करने की बात कही है।
एएसपी ने बताया कि मार्टिना को लगी गोलियां राकेश बाबू की लाइसेंसी पिस्टल से चली हैं। पिस्टल जब्त कर ली गई है। परिवारीजनों ने किसी भी तरह का आरोप नहीं लगाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, इलाकाई लोगों ने परिवारीजनों पर ही हत्या का आरोप लगाते हुए ऑनर किलिंग की आशंका जताई है।

एएसपी ने बताया कि राकेश बाबू गुप्ता के परिवार में पत्नी मालती के अलावा पांच बेटे और तीन बेटियां थीं। दो बेटियों की शादी हो चुकी है। मार्टिना सबसे छोटी थी। एमए करने के बाद उसने बीते वर्ष दिल्ली के एक निजी कॉलेज से एमबीए का कोर्स पूरा किया था। शनिवार सुबह घर पर सभी लोग मौजूद थे। करीब साढ़े आठ बजे मकान की पहली मंजिल पर स्थित मार्टिना के बेडरूम में गोली चलने की आवाज आई।

बकौल राकेश बाबू गुप्ता, वह भागते हुए ऊपर पहुंचे तो देखा मार्टिना ने उनकी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली है। खून से लथपथ मार्टिना को आनन-फानन ट्रामा सेंटर ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवारीजनों ने घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी।

गोलियां मारकर सुसाइड करने की बात मुश्किल

टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो लखनऊ 

दोपहर को पंचनामा के दौरान मेडिकल कॉलेज चौकी इंचार्ज ने सीओ कैंट तनु उपाध्याय को फोन कर सूचना दी। युवती के पांच गोलियां लगने की खबर सुनते ही पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए और उन्होंने घटनास्थल पहुंचकर छानबीन की। परिवारीजनों का कहना था कि मार्टिना ने खुदकुशी की है। हालांकि, उनकी यह बात किसी अधिकारी के गले से नहीं उतर रही है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मार्टिना के सिर पर दो और सीने पर तीन गोलियां लगने की पुष्टि की गई है। एएसपी का कहना है कि पांच गोलियां मारकर सुसाइड करने की बात पर यकीन करना मुश्किल है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। हालांकि, इलाकाई लोगों में चर्चा है कि मार्टिना की हत्या उसके परिवारीजनों ने ही की है। पुलिस ऑनर किलिंग सहित अन्य बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है।

दायीं कनपटी और दायीं आंख के नीचे एक-एक व सीने में तीन गोलियां लगीं
मार्टिना को पांच गोलियां अलग-अलग जगह पर लगी थी जिससे साफ है कि उसने खुदकुशी नहीं की। एक गोली उसकी दायीं कनपटी के पीछे लगी तो दूसरी दायीं आंख के नीचे। सीने के दायीं व बायीं तरफ एक-एक गोली लगी और पांचवीं गोली सीने के बीचो-बीच लगी थी। पोस्टमार्टम में सिर से दो गोलियां व सीने में एक गोली फंसी मिली है। सीने पर लगी दो गोलियां आर-पार हो गई थीं।

दो से पांच फुट की दूरी से मारी गई थीं चार गोलियां
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि मार्टिना को चार गोलियां दो से पांच फुट की दूरी से मारी गई थीं। सिर्फ दायीं कनपटी के पीछे लगी गोली पिस्टल सटाकर मारी गई थी। कनपटी के पास बारूद के निशान मिले हैं। बाकी किसी भी जगह पर बारूद के कण नहीं मिले। विशेषज्ञों का कहना है कि दो गोलियां मार्टिना के शरीर के आर-पार हो गईं थी। यानि यह गोलियां उसे तब मारी गईं जब वह खड़ी थी। संभवत: यह दोनों गोलियां ही सबसे पहले उसे लगी होंगी। इसके बाद बाकी गोलियां मारी गईं जो शरीर में फंसी रह गईं।राकेश बाबू गुप्ता की बेटी मार्टिना की मौत सुबह साढ़े आठ बजे ही हो गई थी लेकिन उसके परिवारीजनों ने दोपहर दो बजे पुलिस को खबर दी। आखिर साढ़े छह घंटे तक पुलिस से घटना को क्यों छिपाए रखा गया। इतनी देर तक पुलिस को घटनास्थल से दूर रखने के पीछे परिवारीजनों का मकसद क्या था?

कहीं ऐसा तो नहीं कि परिवारीजन मार्टिना के बेडरूम से साक्ष्य मिटाने में जुटे रहे हों। यह भी बताया जा रहा है कि राकेश बाबू गुप्ता और उनके बेटों के कई आला अधिकारियों से संपर्क हैं। मार्टिना की मौत के बाद घटना को मैनेज करने के लिए उन्होंने कई अधिकारियों को फोन किए।

क्राइम ब्रांच के दरोगा को धक्का देकर भगाया
युवती की गोलियां लगने से हुई मौत का पता चलने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंची तो परिवारीजनों ने भीतर जाने से रोक दिया। क्राइम ब्रांच के दरोगा बलवंत शाही से परिवारीजनों ने धक्का-मुक्की की। बाद में पीजीआई थाना के पुलिसकर्मियों ने परिवारीजनों को हटाया। दरअसल क्राइम ब्रांच की टीम सादे कपड़ों में थी इसलिए परिवारीजन पहचान नहीं सके और उन्हें भीतर जाने से रोक दिया। परिवारीजनों ने मुहल्ले के लोगों और अपने रिश्तेदारों व परिचितों के अलावा मीडियाकर्मियों तक को घर के भीतर नही जाने दिया।

इलाके में सबसे शानदार है रिटायर्ड चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का मकान
राकेश बाबू गुप्ता ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। एल्डिको कॉलोनी में उसने तीन मंजिल का शानदार मकान बनवाया है। उसने अपने मकान का नाम अमेरिका के प्रेसीडेंट के घर के नाम पर व्हाइट हाउस रखा है। इलाके में चर्चा है कि कोई आईएएस भी ऐसा मकान नहीं बनवा सकता जैसा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने बनवाया है।

परिवारीजनों ने दिया छीना-झपटी में गोलियां चलने का तर्क

मार्टिना                                                                 टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो लखनऊ 

शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पांच गोलियां मारकर खुदकुशी करने की बात पुलिस के गले से नहीं उतरी। एएसपी उत्तरी और सीओ ने परिवारीजनों से कई बार बात बदल-बदलकर जानकारी लेने की कोशिश की लेकिन वह अपनी बात पर अड़े रहे। परिवारीजनों का कहना था कि दरअसल मार्टिना ने खुद को पहली गोली मारी तो सभी भागकर उसके कमरे में पहुंच गए। इससे पहले कि वह खुद को और गोलियां मारती, परिवार के सदस्य उससे पिस्टल छीनने लगे। इसी छीना-झपटी में चार और गोलियां चल गईं। हालांकि, परिवारीजनों का यह तर्क भी किसी के गले से नहीं उतर रहा है।
डिप्रेशन में रहती थी मार्टिना, चल रही थी शादी की बात
मार्टिना के बड़े भाई अजीत ने बताया कि वह डिप्रेशन में रहती थी। माता-पिता उसकी शादी के लिए रिश्ता ढूंढ़ रहे थे लेकिन वह शादी नहीं करना चाहती थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हो सकता है मार्टिना किसी और से शादी करना चाहती हो जिसे लेकर परिवारीजन तैयार न हों और आपस में झगड़े के बाद उसे गोली मार दी गई हो।
तकिया से मुंह दबाने की भी चर्चा
पुलिस को मार्टिना के बेडरूम से एक तकिया मिला जिस पर खून लगा हुआ था। बेड पर भी खून फैला था। ऐसा लग रहा था कि मार्टिना का मुंह तकिया से दबाकर उसे गोलियां मारी गईं। पुलिस ने छानबीन के लिए तकिया जब्त कर लिया है।

मार्टिना को कहां से मिली पिता की पिस्टल
पुलिस का कहना है कि अगर मार्टिना को पिता की पिस्टल कहां से मिली? इसका जवाब परिवार का कोई भी सदस्य नहीं दे पा रहा है। पुलिस ने मौके पर ही यह जानने की कोशिश की लेकिन परिवारीजनों ने जानकारी से इनकार कर दिया। राकेश बाबू गुप्ता अपनी लाइसेंसी पिस्टल कहां रखते थे? मार्टिना के हाथों में पिस्टल कैसे पहुंची? इसका जवाब न मिलने से पुलिस का शक परिवारीजनों पर गहरा गया है।

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