टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
चर्चित फिल्म पद्मावती की रिलीज पर प्रदेश में फिलहाल संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकार ने केंद्र को चिट्ठी लिखकर कहा है कि एक दिसंबर को फिल्म रिलीज होने से शांति व्यवस्था को खतरा पैदा हो सकता है। उसी दिन प्रदेश में निकाय चुनाव की मतगणना और बारावफात का त्यौहार है।
प्रमुख सचिव गृह ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह पद्मावती फिल्म की कथावस्तु एवं ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किए जाने से व्याप्त जनाक्रोश एवं जनभावनाओं से सेंसर बोर्ड को अवगत कराएं।
पद्मावती का ट्रेलर 9 नवंबर को रिलीज किए जाने के बाद से प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में इसका विरोध हो रहा है। फिल्म का एक दिसंबर को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज होना प्रस्तावित है।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बुधवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव एनके सिन्हा को पत्र लिखकर कहा है कि फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों एवं समाज के लोग बैठक, प्रदर्शन, पुतला दहन, नारेबाजी और ज्ञापन के माध्यम से तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं।
वे सिनेमाघरों के मालिकों से फिल्म न दिखाने की अपील कर रहे हैं। फिल्म का प्रदर्शन किए जाने पर तोड़फोड़, आगजनी व आंदोलन की चेतावनी दी जा रही है। यूपी के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र व दिल्ली में भी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग को लेकर आंदोलन किए जा रहे हैं।
पद्मावती का ट्रेलर 9 नवंबर को रिलीज किए जाने के बाद से प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में इसका विरोध हो रहा है। फिल्म का एक दिसंबर को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज होना प्रस्तावित है।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बुधवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव एनके सिन्हा को पत्र लिखकर कहा है कि फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों एवं समाज के लोग बैठक, प्रदर्शन, पुतला दहन, नारेबाजी और ज्ञापन के माध्यम से तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं।
वे सिनेमाघरों के मालिकों से फिल्म न दिखाने की अपील कर रहे हैं। फिल्म का प्रदर्शन किए जाने पर तोड़फोड़, आगजनी व आंदोलन की चेतावनी दी जा रही है। यूपी के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र व दिल्ली में भी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग को लेकर आंदोलन किए जा रहे हैं।
बकौल प्रमुख सचिव गृह, विभिन्न संगठनों का कहना है कि फिल्म में पद्मावती द्वारा घूमर नृत्य एवं अलाउद्दीन खिलजी के साथ प्रेम प्रसंग को दिखाया गया है। इसका उल्लेख किसी ऐतिहासिक पुस्तक में नहीं है। वे रानी पद्मावती के चरित्र को गलत ढंग से प्रदर्शित करने वाले दृश्य को फिल्म से हटाने की मांग कर रहे हैं।
प्रमुख सचिव गृह ने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव की मतगणना और बारावफात के मद्देनजर शासन, प्रशासन की व्यस्तताओं के चलते एक दिसंबर को फिल्म का रिलीज होना शांति व्यवस्था के हित में नहीं होगा। यदि फिल्म को ट्रेलर के समय के मूल रूप में प्रदर्शित किया जाता है तो प्रदेश में व्यापक पैमाने पर अशांति और कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
प्रमुख सचिव गृह ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव से अनुरोध किया है कि वह सेंसर बोर्ड को अवगत कराएं कि फिल्म की कथावस्तु एवं ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करने से जनाक्रोश है। इसके प्रदर्शन से शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। ताकि फिल्म को प्रदर्शन के लिए प्रमाणपत्र देने से पहले सेंसर बोर्ड के सदस्य जनभावनाओं से अवगत हो सके और विधिसम्मत निर्णय ले सकें।


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