ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
बाराबंकी :
लोनीकटरा थानाक्षेत्र के शाहपुर सिदवी गांव में शुक्रवार की सुबह जसकरन अपने सहन की भूमि पर दीवार का निर्माण करा रहे थे। ग्रामीणों की मानें तो इसी दौरान करीब दस बजे थाने के सिपाही सुरेंद्र यादव व एसआई रवींद्र वर्मा ने मौके पर पहुंच कर दीवार का निर्माण बंद करने को कहा।
जसकरन के पुत्र नीरज द्वारा विरोध करने पर सिपाही सुरेंद्र यादव व दारोगा रवींद्र वर्मा ने उसकी पिटाई कर दी। पुलिस की पिटाई से बचने के लिए नीरज भाग कर पड़ोस में स्थित अपने चाचा संतलाल के घर में घुस गया। यहां संतलाल के पुत्र राजू से भी पुलिस की झड़प हो गई।
दोनों को पकड़ने के लिए सिपाही सुरेंद्र घर के अंदर पहुंच गया तथा वहां पर जम कर तोड़फोड़ व अभद्रता की। इसी से क्षुब्ध महिलाओं ने कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और सिपाही को जमकर पीटा। बाहर मौजूद एसआई रवींद्र ने सिपाही को छुड़ाने के लिए ग्रामीणों को धमकाया और हाथापाई की।
जिससे ग्रामीणों ने दरोगा को भी धुन दिया। करीब आधे घंटे बाद लोनीकटरा थाने से एसआई इंतजार की अगुवाई में पहुंचे पुलिस बल ने कमरे का दरवाजा खुलवा कर सिपाही को बाहर निकाला तथा एसआई कोसाथ लेकर दोनों को सीएचसी पहुंचाया। जहां से सिपाही को गंभीर अवस्था में जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है।
पुलिस अब एक पक्ष को इस मामले में आरोपी बनाने की तैयारी में जुटी है। पीड़ित पक्ष की महिलाओं ने बताया कि सिपाही घर के अंदर घुस गया और महिलाओं के कपड़े फाड़े, अभद्रता कर मारपीट और तोड़फोड़ की। थानाध्यक्ष श्रीधर पाठक ने बताया कि विवादित भूमि पर दो पक्षों में समझौते के बाद शिकायत पर पुलिस मौके पर गई थी। उन्होंने क्षेत्र से बाहर होने की जानकारी देते हुए कहा थानस पर पहुंच कर मामले की जांच के बाद कार्रवाई होगी।
वीडियो क्लिपिंग बनाने से घबराए पुलिस वाले : बिना किसी लिखित शिकायत के दीवार ढहाने के दौरान जबरन कार्रवाई की वीडियो क्लिपिंग बनाए जाने से भड़की पुलिस के घर में घुसने से मामला बिगड़ा।
भूमि पर निर्मित दीवार को गिराने के लिए जसकरन के पुत्र नीरज को मारने-पीटने के दौरान इनका चचेरा भाई राजू मोबाइल फोन से वीडियो क्लिप बना रहा था। इस पर मोबाइल छीनने के लिए सिपाही उसके घर में पहुंच गया जहां महिलाओं से मारपीट होने पर उसका नेम प्लेट वहीं गिर गया। सिपाही को मुक्त करने के लिए पहुंची पुलिस को भी सिपाही के नेम प्लेट की याद नहीं आई।
पुलिस के साथ मारपीट की जानकारी मिली है। इसकी जांच कराई जाएगी। पुलिस वाले या ग्रामीण, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। - अब्दुल हमीद, पुलिस कप्तान
बाराबंकी :
लोनीकटरा थानाक्षेत्र के शाहपुर सिदवी गांव में शुक्रवार की सुबह जसकरन अपने सहन की भूमि पर दीवार का निर्माण करा रहे थे। ग्रामीणों की मानें तो इसी दौरान करीब दस बजे थाने के सिपाही सुरेंद्र यादव व एसआई रवींद्र वर्मा ने मौके पर पहुंच कर दीवार का निर्माण बंद करने को कहा।
जसकरन के पुत्र नीरज द्वारा विरोध करने पर सिपाही सुरेंद्र यादव व दारोगा रवींद्र वर्मा ने उसकी पिटाई कर दी। पुलिस की पिटाई से बचने के लिए नीरज भाग कर पड़ोस में स्थित अपने चाचा संतलाल के घर में घुस गया। यहां संतलाल के पुत्र राजू से भी पुलिस की झड़प हो गई।
दोनों को पकड़ने के लिए सिपाही सुरेंद्र घर के अंदर पहुंच गया तथा वहां पर जम कर तोड़फोड़ व अभद्रता की। इसी से क्षुब्ध महिलाओं ने कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और सिपाही को जमकर पीटा। बाहर मौजूद एसआई रवींद्र ने सिपाही को छुड़ाने के लिए ग्रामीणों को धमकाया और हाथापाई की।
जिससे ग्रामीणों ने दरोगा को भी धुन दिया। करीब आधे घंटे बाद लोनीकटरा थाने से एसआई इंतजार की अगुवाई में पहुंचे पुलिस बल ने कमरे का दरवाजा खुलवा कर सिपाही को बाहर निकाला तथा एसआई कोसाथ लेकर दोनों को सीएचसी पहुंचाया। जहां से सिपाही को गंभीर अवस्था में जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है।
पुलिस अब एक पक्ष को इस मामले में आरोपी बनाने की तैयारी में जुटी है। पीड़ित पक्ष की महिलाओं ने बताया कि सिपाही घर के अंदर घुस गया और महिलाओं के कपड़े फाड़े, अभद्रता कर मारपीट और तोड़फोड़ की। थानाध्यक्ष श्रीधर पाठक ने बताया कि विवादित भूमि पर दो पक्षों में समझौते के बाद शिकायत पर पुलिस मौके पर गई थी। उन्होंने क्षेत्र से बाहर होने की जानकारी देते हुए कहा थानस पर पहुंच कर मामले की जांच के बाद कार्रवाई होगी।
वीडियो क्लिपिंग बनाने से घबराए पुलिस वाले : बिना किसी लिखित शिकायत के दीवार ढहाने के दौरान जबरन कार्रवाई की वीडियो क्लिपिंग बनाए जाने से भड़की पुलिस के घर में घुसने से मामला बिगड़ा।
भूमि पर निर्मित दीवार को गिराने के लिए जसकरन के पुत्र नीरज को मारने-पीटने के दौरान इनका चचेरा भाई राजू मोबाइल फोन से वीडियो क्लिप बना रहा था। इस पर मोबाइल छीनने के लिए सिपाही उसके घर में पहुंच गया जहां महिलाओं से मारपीट होने पर उसका नेम प्लेट वहीं गिर गया। सिपाही को मुक्त करने के लिए पहुंची पुलिस को भी सिपाही के नेम प्लेट की याद नहीं आई।
पुलिस के साथ मारपीट की जानकारी मिली है। इसकी जांच कराई जाएगी। पुलिस वाले या ग्रामीण, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। - अब्दुल हमीद, पुलिस कप्तान

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